"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।

गुरुवार, अप्रैल 04, 2024

नारायणपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि; एक महीने के भीतर खुली तीसरी पुलिस कैम्प इरकभट्ठी में


नारायणपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि; एक महीने के भीतर खुली तीसरी पुलिस कैम्प इरकभट्ठी में
Big achievement of Narayanpur Police; Third police camp opened in Irakbhatti within a month

घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र इरकभट्ठी में नारायणपुर पुलिस ने खोली कैम्प; एसपी श्री प्रभात कुमार अपने टीम के साथ स्वयं रहे मौजूद
Narayanpur police opened camp in Irakbhatti, a heavily Naxal affected area; SP Shri Prabhat Kumar himself was present with his team.

कैम्प इरकभट्ठी थाना कोहकामेटा (अबुझमाड़) क्षेत्र अन्तर्गत स्थित है।
Camp Irakbhatti is situated under Kohkametta (Abujhmad) police station area.

नारायणपुर जिले में पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार(भा.पु.से.) के नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में दिनांक 31 मार्च 2024 को नारायणपुर पुलिस एवं बीएसएफ 135वीं वाहिनी के द्वारा नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र के ग्राम इरकभट्ठी में नवीन कैम्प खोला गया है। ग्राम इरकभट्ठी ओरछा ब्लाक एवं कोहकामेटा तहसील तथा थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। इरकभट्ठी में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। 


इरकभट्ठी में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार एवं नक्सल उन्मूलन अभियान में तेजी आयेगी। सरकार की ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना के अन्तर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार के सभी योजनाओं को प्राथमिकता में आस-पास के पांच गांव तक पहुंचाया जाएगा। 

ज्ञात हो कि इरकभट्ठी कैम्प खुलने के साथ ही इस समय माड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों की सघन नक्सल विरोधी अभियान जारी है। कुछ दिन पहले नारायणपुर डीआरजी और बस्तर फॉईटर ने कोरोनार में 48 घंटे का नक्सल विरोधी अभियान चालाया गया था। पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर कैम्प खोला गया है। नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं बीएसएफ 135वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

मीडिया कवरेज 



शनिवार, मार्च 30, 2024

Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 23

    

Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 23

छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षक (जीडी) के लगभग 6000 से अधिक पदों पर वर्ष 2023-24 में भर्ती हेतु लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसे टारगेट करते हुए जिला प्रशासन एवं नारायणपुर पुलिस की संयुक्त तत्वाधान में आयोजित परीयना प्रशिक्षण के अभ्यर्थी सहित प्रदेश के युवाओं के मार्गदर्शन हेतु श्री हुलेश्वर जोशी (मोबाईल नंबर 9826164156) द्वारा तैयार "Chhattisgarh Police Constable (GD) Recruitment Exam Test Series 23" हमें उम्मीद है कि यह टेस्ट सीरीज उक्त परीक्षा सहित छत्तीसगढ़ राज्य की अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी समान् रूप से सहयोगी होगी।

दिशा निर्देश
(01) लिंक को क्लिक करके अपना नाम, मोबाइल नंबर एवम जिला का नाम दर्ज करने के बाद Next पर क्लिक करें।
(02) Next क्लिक करने पर ऑनलाइन टेस्ट शुरू हो जाएगी, जिसमें दिए गए सभी प्रश्नों के उचित विकल्प का चयन करें; फिर Submit करें।
(03) Submit करने पर Screen Blank हो जाएगी, तब पेज को रिफ्रेश नहीं करना है बल्कि पेज को "ड्रैग" करते हुए ऊपर की ओर जायेंगे जहां View Score का ऑप्शन आएगा, जिसमें क्लिक करें।
(04) View Score में क्लिक करने पर आपकी प्राप्तांक और सभी प्रश्नों के सही उत्तर का पता चल जायेगा। यदि आप अपना स्कोर नहीं देख पाते हैं तो आपको
(05) पेज के नीचे जाकर See Result (Data Sheet) पर क्लिक करना होगा। जिससे गूगल शीट में सभी अभ्यर्थियों की रिजल्ट देख सकेंगे। किंतु ख्याल रखेंगे इसमें कुछ लिमिटेड रिजल्ट ही डिस्प्ले होंगे, यदि आपका रिजल्ट नही दिखता है तो आपको प्ले स्टोर से Google Sheet इंस्ट्राल करना होगा। 

  
  

मंगलवार, मार्च 26, 2024

स्वर्ग का अधिपति; 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' की कथा


स्वर्ग का अधिपति; 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' की कथा
Lord of Heaven; Story of 'Huleshwaranand Paponashak Maharaj'

सुबह मैं टहलते हुए घर लौट रहा था, मगर शायद होली की इतनी चढ़ गई थी कि मैं सुनसान और अनजान रास्ते में भटक गया था। शायद भूलन खुंद लिया था। घंटो चलता रहा तब जाकर एक जगह मुझे सूर्य के सुनहरे धूप से रौशन घर दिखाई दिया। मैं इससे पहले नारायणपुर में ऐसा घर कहीं नहीं देखा था, विश्वास था अबूझमाड़ सहित समूचे बस्तर में ऐसा घर कहीं नहीं है। फिर भी विश्वास का मुझे कौन सा मुरब्बा बनाना है, मुझे तो मुरियापारा वापस लौटने का रास्ता जानना था सो मैं घर के निकट जाने का निर्णय लिया।

घर के किनारे से जाती हुई बेहद पवित्र जल वाली एक नरवा गुजर रही है। मैंने मारे थकान और प्यास के चुल्लू भर पानी पीने का निर्णय लिया, किनारे उतरकर पानी को स्पर्श किया, बिल्कुल कंछ शीतल जल। हाथ धोकर चुल्लू भर पानी पीया, आहा! अति उत्तम! ऐसा स्वादिष्ट पानी मानो नारियल पानी हो। पीते हुए गले तक भर लिया तब समझ में आया कि बहुत पी लिया हूं। अब नहीं पीना घर जाने का रास्ता खोजना है। आज पहली बार ऐसा हुआ है कि मैं घर में मोबाइल फोन भूलकर आया हूं अन्यथा दुर्गम्या और तत्वम जोशी के कहां हो पापा? कब आओगे पापा? इतनी देर से क्या कर रहे हैं पापा? का जवाब नहीं दे सकता।

पानी पीकर आगे बढ़ा, नरवा के पार से लगा हुआ ये सैकड़ों एकड़ के प्लाट में रंग बिरंगे अनोखे फूलों की बगिया। सबमें एक विशेष प्रकार की सुगंध। मानो परमानंद की प्राप्ति हो गई। वो वाला परमानंद नहीं, हां परमानंद घिरी नहीं जो मेरे बचपन के मित्र हैं। हालांकि परमानंद घिरी प्राथमिक स्कूल, मनकी में ऐसे मित्र रहे हैं जो बहुत आनंददायक थे। अपने नाम की भांति बेहतरीन इंसान। परमानंद की अनुभूति से बाहर निकलने का प्रयास भी नहीं कर पाया था कि फूलों की बगिया में फूलों से खेलते हुए, तोड़ मरोड़ करते हुए, फूलों को चुनते चुनते कब सुबह भाई साहब दोपहर और शाम से गुजरते हुए रात में तब्दील हो गई पता ही नहीं चला। चंद्रमा की शीतल रोशनी और कनकमई फूलों की चमक के वजह से रात होने का भी आभाष नहीं हो रही थी। मैं कौन हूं? कहां हूं? ये क्या कर रहा हूं? सबकुछ भूल गया था, बिल्कुल बच्चा हो गया था। बुद्धू बालक। अंतहीन आनंद में सराबोर चंचल बालक। बच्चों को खेल से अलग केवल भूख और प्यास ही कर सकता है, ठीक मुझे भी भूख लगी। चेतना जगी। चूंकि "चेतना बचपन का दुश्मन..!" "Consciousness is the enemy of childhood..!" मैं पुनः बचपन और परमानंद से बाहर भूख के आगोस में। वो सामने स्थित घर अब तक सुनहरी नहीं बल्कि दूधिया रोशनी में बेहद खूबसूरत लग रही है। अब मैं पूर्ण चेतना में हूं किंतु मेरा ध्यान मात्र भोजन और भूख पर केंद्रित है। भूख से तड़पता हुआ अब मैं उस घर के आंगन में हूं। बेहतरीन नक्कासियों से बनी दुर्लभ प्रकार का दरवाजा। बहुत हाईटेक शायद ऐसा हाई टेक्नोलॉजी की खोज करने भी हमें लाखों हजार साल लगेंगे।

"भीतर कोई हैं..?" मैंने आवाज दी। भीतर से 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' की जय के नारे सुनाई देने लगी। मैं थोड़ा डर किंतु गौरव के साथ गृह प्रवेश किया। दुर्लभ और सुगंधित फूलों की बरसात के साथ मेरा स्वागत हुआ। एक दिव्य पुरुष रुसे फुल के मालों का हार लेकर मेरे समीप आया। मान्यवर प्रणाम... स्वर्ग की इस अद्भुत महल में आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। मान्यवर 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' आप अपने पुण्यप्रताप और कर्मों के फल से स्वर्ग के अधिपति हैं। Respected 'Huleshwaranand Paponashk Maharaj', you are the ruler of heaven due to the fruits of your virtues and deeds. इसके बावजूद आपने मोक्ष की स्वीकृति देने में बड़ी देर लगा दी। कई लाखों सालों से मुझे मोक्ष से मुक्त होकर पृथ्वी लोक में इंसान बनने की चेष्ठा रही है किंतु आपके आगमन में विलम्ब के कारण मुझे मोक्ष से मुक्ति और इंसान के रूप में जन्म लेने के लाभ से वंचित रहना पड़ा है। सो आप आज से स्वर्ग के अधिपति के जिम्मेदारी का निर्वहन करिए कहते हुए उस दिव्य पुरुष ने एक अप्सरा से मेरा परिचय कराते हुए ये "देवी प्रिया" हैं इन्हें बहुत जन्मों पूर्व आपसे प्रेम हुआ था। ईश्वर की खूब भक्ति की है और कई जन्मों तक इन्होंने बड़ा परोपकार किया है। किंतु आप विधि के पति हैं, देवी प्रिया आपके और विधि के प्रेम के बीच कोई दीवार नहीं बनाना चाहती हैं, इसलिए देवी प्रिया ने संकल्प लिया है कि ये समर्पित होकर आपकी हर प्रकार से सहयोग करेंगी और स्वर्ग के अधिपति के रूप में आपका मार्गदर्शन करेंगी। चूंकि आप मृत्युपूर्व मोक्ष को प्राप्त हुए हैं इसलिए जब आप मोक्ष से मुक्त होने का निर्णय लेंगे तब सबसे पहले आप देवी प्रिया को अवगत कराएंगे ताकि देवी प्रिया किसी अन्य देवी को यहां का कार्यभार सौंपकर स्वयं भी मोक्ष का त्याग करके पृथ्वी में आपके साथ आपके द्वारा इच्छित योनि में जन्म लेकर आपकी प्रेमिका हो सकेंगी। अंत में दिव्य पुरुष ने मुझे एक स्वेत पुष्प और एक स्वेत ध्वज भेंटकर मेरा चरण स्पर्श किया और वहां से प्रस्थान कर लिया।

देवी प्रिया सभी देवी देवताओं से मिलवाकर मेरा परिचय कराया। मैंने अपनी इतनी प्रशंसा कभी भी शायद किसी भी जन्म में नहीं सुनी थी। स्वर्ग की अधिपति के पद पर मेरी पहली पोस्टिंग की खुशी में एक शानदार OpenFoodParty रखी गई थी। नाना प्रकार के भोजन और पकवान, शुद्ध शाकाहार, बेहद स्वादिष्ट। भर पेट खाने के बाद देवी देवताओं के साथ वार्तालाप से नजर चुराकर मैं इधर उधर झांकने लगा तो देवी प्रिया मुस्कराते हुए बोलीं 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' यहां कोई सोमरस, मंगलरस और संडेरस जैसा कोई रस नहीं मिलता है। आपको रियल फ्रूट जूस से ही जीवन चलाना पड़ेगा, ताकि आप स्वर्ग में निरोगी जीवन जी सकें। मैं भी बेहद प्रसन्न हुआ; क्योंकि यदि स्वर्ग में मांसाहार, मदिरापान सहित भोग विलास का प्रावधान होता तो मैं मोक्ष से मुक्त होने का त्वरित निर्णय ले लेता।

मैं मांसाहार, मदिरापान और भोगविलास का कट्टर विरोधी हूं इसलिए आज स्वर्ग में भी मुझे इन सबसे नफरत है। I am a staunch opponent of non-vegetarianism, drinking and indulgence, hence even in heaven today I hate all these. सोच रहा था यदि ऐसा कुछ होता तो स्वर्ग का अधिपति होने के नाते इसपर कठोरतापूर्वक निर्णय लेकर एक अच्छा राजा होने का जिम्मेदारी पूरा कर लेता। किंतु यदि फिर भी किसी कारण से स्वर्ग को मांस, मदिरा और व्यभिचार से मुक्त न करा पाता तो स्वर्ग की अधिपति के पद से खुद को मुक्त करते हुए वापस पृथ्वी लौट जाता या चाहे तो नर्क ही चले जाने का निर्णय ले लेता।

पार्टी समापन के बाद देवी प्रिया मुझे महुआयुक्त विशेष पान चबाने अनुरोध की। मैं उनके आग्रह का सम्मान करते हुए उनके स्वर्ण पेटी से पान लेकर चबाने लगा; बेहद स्वादिष्ट। आनंद आ गया। मैंने देवी प्रिया को बताया कि अपने बस्तर में महुआ का लड्डू बनता है मैंने कई बार खाया है। एक बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर है महुआ लड्डू।अच्छा लगता है। बस्तर में महुआ से बनी चाय बहुत प्रसिद्ध हो रही है हालांकि मैंने कभी महुआ चाय नहीं पी है। मैंने उन्हें ये भी बताया कि जब वो मोक्ष से मुक्त हों तो उन्हें बस्तर में जन्म लेना चाहिए। क्योंकि बस्तर बेहद खूबसूरत स्थान है। स्वर्ग जैसे शांति और आनंददायक जीवन के लिए बस्तर में जन्म लेना सर्वथा उचित है। ऊंचे पहाड़ पर्वत, झील और झरने से युक्त प्रकृति की गोद में ही मानव जीवन में आनंद मिलता है। Bastar is a very beautiful place. It is absolutely appropriate to be born in Bastar for a heaven like peace and blissful life. Happiness is found in human life only in the lap of nature with high mountains, lakes and waterfalls. शहरी जीवन की भागमभाग शांति और सुकून से कोसों दूर किंतु विलासिता और सुविधाओं से आच्छादित है।

शांति और सुकून की बात सुनकर देवी प्रिया को हमारे पिछले जन्म की बचपन याद आ गई। तब वो मुझसे बेहद प्रेम करती थी, अकथित किंतु अपार प्रेम की रोगी देवी प्रिया ने मेरी विवाह की सूचना प्राप्त करते ही आजीवन बाल ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करने का संकल्प लेकर लगभग दो कल्प युग तक मानव जीवन में परमार्थ करते हुए मोक्ष प्राप्त किया है। देवी प्रिया से वार्तालाप करते हुए रात्रि गुजर गई और दूसरे दिन की सूरज सिर पर आने वाली थी इसके बावजूद अंतहीन बचपन की यादें जीने में हम दोनों मशगूल थे।

पापा उठो न..!
आज मेरी रिजल्ट घोषित होने वाली है।
मैं तैयार हो गई हूं।
आप कब जगेंगे.?
चलो, उठो पापा..!
कु दुर्गम्या जोशी के इन पांच अमृत प्रश्नों के साथ जब निद्रा की त्याग किया तो पता चला मैं मुरियापारा नारायणपुर में ही हूं। अपने परिवार के साथ हूं। ये कोई स्वर्ग नहीं है। मुझे कोई मोक्ष प्राप्त नहीं हुआ है। मैं किसी स्वर्ग का अधिपति नहीं हूं। चलिए अब स्नान करने जाता हूं। शुक्र है आज परीयना प्रशिक्षण (सेना, सशस्त्र बल और पुलिस भर्ती के लिए नारायणपुर पुलिस द्वारा संचालित भर्ती पूर्व निःशुल्क शारीरिक प्रशिक्षण) का अवकाश दे दिया हूं।

अंत में एक मजे की बात बता देना चाहता हूं कि मैंने पृथ्वी से स्वर्ग तक का सजीव यात्रा किया है किंतु मुझे पता ही नहीं चल सका कि ये स्वर्ग किस ग्रह का नाम है? क्या यह हमारी आकाशगंगा में है? क्या सच में हमारी मिल्की-वे में ही स्वर्ग है.... या कहीं और..? यदि आप इंसान हैं तो बेशक बुद्धिमान व्यक्ति हैं, इसलिए ये आपको ही तय करना है कि ये जो आपने अभी कथा पढ़ा है वास्तव में सत्य है कि मेरे द्वारा लिखित एक रोचक षड्यंत्र???

गुरुवार, मार्च 14, 2024

भक्कम गर्मी से बचाब के लिए एक्सपर्ट तरीका : लू लगना (HeatStroke) कारण, लक्षण, बचाव और प्राथमिक उपचार के सुझाव - THE BHARAT

 भक्कम गर्मी से बचाब के लिए एक्सपर्ट तरीका : लू लगना (HeatStroke) कारण, लक्षण, बचाव और प्राथमिक उपचार के  सुझाव

Expert way to avoid extreme heat : Heat Stroke: Causes, Symptoms, Prevention and First Aid Tips

This disease (HeatStroke) occurs due to excessive exposure to sunlight, especially during summer, due to which the patient's body temperature increases and the mouth becomes dry and diarrhea or it becomes cause of 'THANKI' frequent urination disease

रोग परिचय :यह रोग अत्यधिक धुप में रहने से खासकर र्मी के दिनों होता है, जिससे रोगी के शरीर का तापमान बढ़ जाता है और मुंह सुखने लगता है तथा दस्त या ठनकी लग जाती है। 

रोग के कारण :-
ऽ अत्यधिक समय तक धुप में रहने के कारण ।
ऽ गर्मी के दिनों में नंगे पैर चलनें के कारण।
ऽ गर्मी के दिनों में चलने वाली गर्म हवाओं के कारण।
ऽ एसी अथवा कुलर वाले कमरे से सीधे घुप में निकलने के कारण।

रोग के लक्षण :-
ऽ रोगी के शरीर का तापमान बढ़ जाता है।
ऽ रोगी का हांथ पैर सुन्न हो जाता है।
ऽ रोगी को बेचैनी रहती है।
ऽ रोगी को होठ मुंह सुखने लगता है।
ऽ रोगी को चक्कर आने लगती है।
ऽ रोगी को दस्त हो सकती है।
ऽ धुप लू के अधिक प्रभावशाली होने पर रोगी बेहोश हो जाता है।
ऽ रोगी को ठनकी लग जाती है।

बचाव  :-
ऽ गर्मी में निकलने से बचें। बहुत आवश्यक या मजबूरी हो तभी सुरक्षित तरीके से ही घर से निकलें। Avoid going out in summer. Leave the house safely only if it is absolutely necessary or emergency.
ऽ जब घर से बाहर निकलें तो ओ.आर.एस. घोल अथवा शर्बत की बॉटल अनिवार्य रूप से रखें। When leaving the house, ORS. It is mandatory to keep a bottle of solution or sherbet.
ऽ गर्मी से बचने के लिए सिर एवं चेहरे को ढकें साथ ही यदि बाइक या साइकिल से जा रहे हों तो बेग या मोटे कपड़े से सामने से सीने और पेट को अच्छी तरह से कवर कर लें। Cover your head and face to avoid heat. Also, if you are going by bike or bicycle, cover your chest and stomach properly from the front with a bag or thick cloth.

प्राथमिक उपचार :-
ऽ दिन में कम से कम एक बार बोरे बासी या भात को खीरा, ककडी, प्याज और चुकन्द्रर इत्यादि मिलाकर खाएं।
ऽ रोगी के आहार में अनिवार्य रूप से खीरा अथवा फ्रूट सलाद को शामिल करें।
ऽ रोगी को ओ.आर.एस. का घोल पिलाएं।
ऽ रोगी को गर्म धुप से हटाकर ठण्डे स्थानों में आराम कराएं।
ऽ रोगी को ठण्डी पानी से पोंछा लगा देनी चाहिए।
ऽ रोगी को जितनी अत्यधिक हो सके घड़ा के ठण्ढ़ा पानी पिलानी चाहिए।
ऽ रोगी को थोडी देर पश्चात् नहलाया जावे।
ऽ रोगी को आम का रस अथवा लस्सी पिलाएं।

बुधवार, मार्च 13, 2024

बवासीर (Piles) लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव - THE BHARAT


बवासीर (Piles) लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव
In this disease, the blood vessel inside the anus of the patient gets enlarged due to which the chances of bleeding increases or starts flowing.

रोग परिचय :- इस रोग में रोगी के गुदाद्वार के अंदर खुन की नली बड़ा हो जाता है जिसमें से खुन रिसने की संभावनाएं बढ़ जाती है अथवा बहने लगती है।

रोग के कारण :-
ऽ अधिक आराम करना और मद्यपान करना।
ऽ मलाशय का कैंसर ।
ऽ अधिक समय से कब्ज।
ऽ मुत्राशय में पथर्री होने से ।
ऽ प्रोटेस्टेंट ग्रंथि के बढ़ जाने से ।
ऽ यकृत विकार के कारण ।
ऽ अनुवांसिकी
ऽ महिलाओं में गर्भाशय के अपने स्थान से खिसक जाने के कारण।

रोग के लक्षण :-
ऽ मलव्दार के बाहर और अंदर की नशो का खुल जाना ।
ऽ रोगी स्थान पर बहुत समय तक नही बैठ पाता ।
ऽ मल के साथ रक्त का बहना ।
ऽ अत्यधिक रक्त स्त्राव के कारण चेहरा का पीला पड जाना ।
ऽ रोगी को चलनें फिरनें में भी कठिनाई होती है।
ऽ मल व्दार के चारों ओर लाल सुजन होता है।
ऽ मल मार्ग के पास दर्द होती है और उसमें दबाव पडने पर कश्ट असहनीय हो जाती है।

प्राथमिक उपचार :-
ऽ इस रोग की उपचार लक्षण के आधार पर किया जावें ।
ऽ खुन बढ़ाने वाली औषधि दी जावें।
ऽ रोगी को कब्ज (एसीडिटी) न होने देवें।
ऽ रोगी को हरी सब्जी (कम मिर्ची वाली) खिलाएं।
ऽ हल्का हल्का व्यायाम करें।
ऽ रोगी को पूर्ण विश्राम कराएं।
ऽ कैंसर होने की संभावनाओं पर कैंसर की इलाज साथ में करें।
ऽ अत्यधिक नमक और मिर्ची वाली सब्जीयों का इस्तेमाल न करें।
ऽ तेलीय चीज खाने से बचें।
ऽ लहसुन, मछली, तीखा एवं गर्म भोजन इत्यादि से परहेज करें।
ऽ रोगी को साबुनदानी ,खिचडी, आंवले,अंगुर इत्यादि को सेवन कराएं।
ऽ रोगी को पालक भाजी मुली का सब्जी खिलाएं।

मधुमेह (Diabetes) लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव - THE BHARAT

मधुमेह (Diabetes) लक्षण और प्राथमिक उपचार के सुझाव
Diabetes is a nutritional disorder in which the amount of sugar in the body increases due to which it starts passing through the urinary tract, which usually increases in old age.

रोग परिचय :- मधुमेह पोषण संबंधी विकार है, जिससे शरीर में शक्कर की मात्रा अत्यधिक हो जाती है जिससे वह मुत्र मार्ग से होकर निकलने लगती है, वह सामान्य तौर पर बुढ़ावस्था में अधिक होता है।


रोग के कारण :-
ऽ अत्यधिक आराम करने के कारण ।
ऽ अधिक रूप से मानसिक परिश्रम करने वालें के कारण ।
ऽ अधिक मीठी भोजन सेवन करने के कारण।
ऽ अधिक मधपान करने से।
ऽ अत्यधिक चिंता करने से।
ऽ चोटो एवं अत्यधिक संक्रामक रोगें के कारण जैसे मलेरिया, डिथिरिया मलेरिया फ्लू इत्यादि
ऽ यकृत ग्रंथि के कार्यो में कभी आने पर
ऽ अनुवांशिकी ।
ऽ मोटापे के कारण ।
ऽ अग्नाशय के केंसर होने से।
ऽ इन्सुलिन रिसेप्टर में गडबडी होने पर ।
ऽ शरीर के हार्मोन्स में बदलाव होने से
ऽ वाइरस इन्फेक्सन होने से ।

रोग लक्षण :-
ऽ अत्यधिक प्यास लगती है।
ऽ बहुत तेज भुख लगती है।
ऽ शरीर अत्यधिक कमजोर होने लगती है।
ऽ शर्करा (ग्लूकोज) मुत्र मार्ग से मुत्र के साथ निकलने लगती है।
ऽ रोगी अत्यधिक थकान महसुस करता है।
ऽ अत्याधिक तनाव, उत्सुकता, चिंता इत्यादि होती है।
ऽ जिगर की साइज (आकार) में बढ़ोत्तरी हो जाती है।
ऽ रक्त दुधिया नजर आने लगती है।
ऽ रोग बढ़ने पर फेफडों और गुर्दो में विकार उत्पन्न हो जाती है।
ऽ हांथ पाव में कोथ बनने लगती है।
ऽ इन्सुलिन की उत्पत्ति कम हो जाती है।
ऽ रोगी को मोतियाबिंद हो सकती है।
ऽ रोगी हाईब्लडप्रेसर का शिकार हो सकता हैं।
ऽ किडनी खराब हो जाती है।
ऽ हृदय की रोग का खतरा बढ जाता है।
ऽ टीवी बढ़नें की संभावना बढ़ जाती है।
ऽ हाथ पैर से ढ़नढ़नाहट और दर्द रहना ।
ऽ वजन का बढ़ना और घांवों का न भरना ।
ऽ नजर कमजोर होना ।
ऽ शरीर के त्वचा का सुखापन एवं पैर के तलवों में हमेशा जलन होना ।
ऽ परिश्रम करने में मन नही लगता है और आराम करने अत्यधिक इच्छा छा जाती है।
ऽ रोगी की मांस पेशियों में खिचांव ।

प्राथमिक उपचार :-
ऽ इस रोग की लाक्षणिकता के आधार पर इलाज करे।
ऽ संक्रमण एवं चोटो से बचाव करें।
ऽ ग्लूकोज युक्त अधिक भाजन न करें।
ऽ नशा न करें।
ऽ नियामित रूप से व्यायाम करें।
ऽ भोजन पर नियमित ध्यान देवें।
ऽ अत्यधिक पानी पिलाएं।

घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्रांतर्गत "मसपुर" में नारायणपुर पुलिस ने खोली कैम्प; नक्सल उन्मूलन में आएगी तेजी साथ ही क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में सहायक होगी नवीन कैम्प

घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्रांतर्गत "मसपुर" में नारायणपुर पुलिस ने खोली कैम्प; नक्सल उन्मूलन में आएगी तेजी साथ ही क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में सहायक होगी नवीन कैम्प
Narayanpur police opened a camp in "Maspur" under the heavily Naxal affected police station Sonpur area; The new camp will speed up Naxal eradication and also help in the overall development of the area.


♦️ कैम्प मसपुर, थाना सोनपुर, अबूझमाड़ क्षेत्रान्तर्गत स्थित
♦️ कैम्प स्थापना के दौरान पूरे समय एसपी श्री प्रभात कुमार अपने टीम के साथ स्वयं रहे मौजूद
♦️ डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं बीएसएफ 135वीं बटालियन की महत्वपूर्ण भूमिका।

नारायणपुर जिले में पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार (भापुसे) के नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में दिनांक 11 मार्च 2024 को नारायणपुर पुलिस एवं BSF 135वीं वाहिनी के द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्र, ग्राम मसपुर में नवीन कैम्प खोला गया है। ग्राम मसपुर ओरछा ब्लॉक, एवं कोहकामेटा तहसील के अन्तर्गत आता है जो थाना सोनपुर क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। मसपुर में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। मसपुर में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार एवं नक्सल उन्मूलन अभियान में तेजी आयेगी। सरकार की "नियद नेल्ला नार" योजना के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार के सभी योजनाओं को प्राथमिकता में आस पास के पांच गांव तक पहुंचाया जाएगा। ज्ञात हो कि पुलिस अधीक्षक आईपीएस श्री प्रभात कुमार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईपीएस श्री रॉबिन्सन गुरिया स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर कैम्प खोला गया है। नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं BSF 135 वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

SOME MEDIA COVERAGE 



सोमवार, मार्च 11, 2024

अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह का हुआ समापन, नारायणपुर पुलिस ने महिला बाइक रैली के माध्यम से महिलाओं को किया जागरूक


नारायणपुर पुलिस द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह का हुआ समापन, महिला बाइक रैली के माध्यम से महिलाओं को किया जागरूक
International Women's Week organized by Narayanpur Police concluded, made women aware through women's bike rally

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आईपीएस श्री प्रभात कुमार, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर के आदेशानुसार संचालित अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह का आज दिनांक 11-03-2024 को डीआरजी ग्रेट हॉल नारायणपुर में समापन हुआ। 

इस अवसर पर सर्वप्रथम रक्षित केंद्र नारायणपुर से महिला जागरूकता बाइक रैली निकली गई, बाइक रैली के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास किया। बाइक रैली शहर के मुख्य चौक चौराहे से होते हुए डीआरजी ग्रेट हॉल नारायणपुर पहुंची। बाइक रैली के समापन उपरांत डीआरजी ग्रेट हॉल में समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुभारंभ करते हुए सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित की गई। तत्पश्चात कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉक्टर रत्ना नशीने (कृषि महाविद्यालय) द्वारा अध्यक्षीय भाषण एवं उद्बोधन देते हुए महिला जागरूकता से संबंधित व्याख्यान दी गई। 


इस दौरान डीएसपी सुश्री मोनिका मरावी एवं अतिथियों द्वारा अपने अनुभव साझा करते हुए कार्यक्रम मे उपस्थित महिलाओं एवं युवतियों को जागरूक किया गया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में सर्वप्रथम कुमारी दुर्गम्या जोशी (छात्रा, केवीएस) द्वारा “मैं थक जाऊँ तो?” कविता का पाठ करते हुए रानी लक्ष्मीबाई की गौरव गाथा सुनाई गई। 


तत्पश्चात कुमारी किरण मरई, कुमारी प्रिया, कुमारी सुमिता, कुमारी गुलशन पटेल एवं साथी (परीयना प्रशिक्षण की युवति) द्वारा समूह नृत्य की प्रस्तुति दी गई
तथा कुमारी मोहिनी मरई एवं साथियों द्वारा महिलाओं के विशेषाधिकार को रेखांकित की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम की समाप्ति उपरांत प्रतियोगिता में शामिल विजेता प्रतिभागियों एवं सांकृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देने वाली छात्राओं एवं युवतियों को पुरुस्कार वितरण करते हुए अतिथियों को स्मृतिचिन्ह भेंट किया गया।

समापन कार्यक्रम के दौरान मुख्यअतिथि श्रीमती भगवती हलधर (बीजेपी शहर मंडल अध्यक्ष), डॉ ख़ेमलता (कृषि महाविद्यालय), श्रीमती शैल उसेंडी (परियोजना अधिकारी), श्रीमती किरण नैलवाल (ज़िला संरक्षण अधिकारी), श्रीमती सच्चि मरकाम (CWC), श्रीमती सरिता वंजारी (CWC), डीएसपी सुश्री आशा रानी एवं डीएसपी सुश्री मोनिका मरावी सहित महिला एवं बाल विकास विभाग, सखी सेंटर, एवं पुलिस विभाग की महिला अधिकारी कर्मचारितों साहित लगभग 60 से अधिक छात्र छात्राएं, परीयना प्रशिक्षण की प्रशिक्षु युवतियाँ, गणमान्य महिलायें उपस्थित रही।

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सोमवार, मार्च 04, 2024

घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कस्तुरमेटा में नारायणपुर पुलिस ने खोली कैम्प; एसपी श्री प्रभात कुमार अपने टीम के साथ स्वयं रहे मौजूद

घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कस्तुरमेटा में नारायणपुर पुलिस ने खोली कैम्प; एसपी श्री प्रभात कुमार अपने टीम के साथ स्वयं रहे मौजूद
Narayanpur police opened new camp in Kasturmeta, a heavily Naxal affected area; SP Shri Prabhat Kumar himself was present with his team.


नारायणपुर जिले में पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार (भापुसे.) के नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में दिनांक 01 मार्च 2024 को नारायणपुर पुलिस एवं आईटीबीपी 53वीं वाहिनी के द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्र, ग्राम कस्तुरमेटा में नवीन कैम्प खोला गया है। ग्राम कस्तुरमेटा ओरछा तहसील के अन्तर्गत आता है जो थाना कुकड़ाझोर क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। कस्तुरमेटा में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। कस्तुरमेटा में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होगा तथा नक्सल उन्मूलन अभियान में तेजी आयेगी। Establishment of new police camp in Kasturmeta will expand roads, water, bridges, education, medical, mobile network equipment and other similar facilities in the surrounding areas. 

सरकार की "नियद नेल्ला नार" योजना के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार के सभी योजनाओं को प्राथमिकता में आस पास के पांच गांव तक पहुंचाया जाएगा। ज्ञात हो कि पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार एवं अति. पुलिस अधीक्षक श्री रॉबिन्सन गुरिया स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर कैम्प खोला गया है। नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं आईटीबीपी 53वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।








बुधवार, फ़रवरी 21, 2024

कवि, लेखक एवं विचारक हुलेश्वर जोशी द्वारा लिखित काव्य संग्रह “लिख दूँ क्या ?” का हुआ विमोचन - Poetry collection “Likh Dun Kya ?” published

विश्व का पहला अनोखा काव्य विमोचन समारोह; 9साल की बेटी ने स्कूली छात्रों के साथ मिलकर किया पापा के किताब का विमोचन
World's first unique poetry release ceremony; 9 year old daughter along with school students released father's book 

पी.एम. श्री केन्द्रीय विद्यालय नारायणपुर कक्षा 3री की छात्रा कु. दुर्गम्या जोशी ने किया “लिख दूँ क्या ?” काव्य संग्रह का विमोचन
P.M. Shree Kendriya Vidyalaya Narayanpur class 3rd student Ms. Durgamya Joshi Released poetry collection “Likh Dun Kya ?” 

कवि, लेखक एवं विचारक हुलेश्वर जोशी द्वारा लिखित काव्य संग्रह “लिख दूँ क्या ?” का हुआ विमोचन
Poetry collection “Likh Dun Kya ?” written by poet, writer and thinker Huleshwar Joshi. was released


आज दिनाँक 21 फरवरी 2024 को पी.एम. श्री केन्द्रीय विद्यालय नारायणपुर कक्षा 3री की छात्रा कु. दुर्गम्या जोशी ने कवि, लेखक एवं विचारक हुलेश्वर प्रसाद जोशी द्वारा लिखित काव्य संग्रह “लिख दूँ क्या ?” का विमोचन कुम्हारपारा, नारायणपुर में किया। POET HULESHWAR PRASAD JOSHI वर्तमान में जिला पुलिस बल नारायणपुर में प्रधान आरक्षक (जीडी) के पद पर पदस्थ होकर सेवारत हैं। यह काव्य संग्रह कवि हुलेश्वर जोशी की पहली कृति है, कवि द्वारा लिखित दर्शन पर आधारित ग्रंथ “अँगूठाछाप लेखक” - अबोध विचारक के बईसुरहा दर्शन शीघ्र प्रकाशित होगी।


लिख दूँ क्या ? काव्य सँग्रह मूलतः ठेठ ग्रामीण हिन्दी भाषा एवं छत्तीसगढ़ी बोली में लिखी गई है। कविता के माध्यम से जहाँ एक ओर निर्मल और निश्छल प्रेम को अमर करने के ध्येय से प्रेमी-प्रेमिकाओं के मुक्त कल्पनाओं की पराकाष्ठा को चित्रांकित करने का प्रयास किया गया है वहीं दूसरी ओर प्रेम प्रस्ताव के नाम पर रूप-सौन्दर्य एवं ललित कलाओं के दुरुपयोग का भी वर्णन है। कवि ने भावनाओं का निष्ठापूर्वक समावेश करते हुए अपनी रचनाओं के माध्यम से वर्तमान जनजीवन को वर्णित करने का प्रयास किया है। लिख दूँ क्या ? काव्य सँग्रह में समानता, समरसता, सद्भावना, धर्म, मानवता और राष्ट्रीय एवं विश्व बंधुत्व की भावनाओं की अभिवृद्धि के लिए “मनखे-मनखे एक समान” एवं “जम्मों जीव हे भाई-बहिनी बरोबर” के सिद्धांत का समावेश किया गया है। इसमें काटामारी, घूसखोरी, अपराध और हिंसात्मक कुकृत्यों पर व्यंग्य करते हुए पति-पत्नी के जीवन में महत्ता व इनके मध्य नोकझोंक तथा शराबियों के जीवनदर्शन और उनके कृत्यों का रोचक वर्णन हुआ है। पाठकों को प्रेरक कविताओं के माध्यम से स्वतंत्रता सँग्राम सेनानी की गौरवगाथा के साथ-साथ भारतीय ग्रामीण एवं शहरी जनजीवन का तुलनात्मक दर्शन, पिता को लेकर पुत्र की चिंता और बेटी के पापा होने पर अपने अहोभाग्य पर इतराते बाप को पढ़ने का अवसर मिलेगा।


Poetry Collection "LIKH DUN KYA ?" के प्रकाशक श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी द्वारा अपने वेबसाईट WWW.THEBHARAT.CO.IN में ONLINE उपलब्ध कराया गया है, जिसे इच्छुक पाठक बिना किसी प्रकार से रुपये व्यय किये बिना ही FREE में पढ़ सकता है।

विमोचन के अवसर पर कवि हुलेश्वर जोशी ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताया कि बेटी दुर्गम्या जोशी द्वारा किताब का विमोचन होना मेरे लिए बेहद ही गौरव का क्षण है। उन्होंने बताया कि इस खास अवसर पर उन्होंने केवल स्कूली छात्र-छात्राओं को ही अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था, क्योंकि बच्चे ही किसी भी देश के भविष्य के शिल्पकार हैं। नन्हें बालक-बालिकाओं को अतिथि के रूप में शामिल करके हमने उन्हें काव्य लेखन के लिए प्रेरित करते हुए आग्रह किया है कि सभी बच्चे भविष्य में बेहतर कार्य करें ताकि अतिथित्व और सम्मान के हकदार हो सकें।

काव्य विमोचन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि कु ईशिता सोनवानी (क्लास-2, विश्व दीप्ति स्कूल), विशिष्ट अतिथि कु रिमझिम शोरी (क्लास-2, केंद्रीय विद्यालय), एवं कु मायरा विश्वास (नर्सरी, लबडब स्कूल), मास्टर तत्त्वम हुलेश्वर जोशी (बाल वाटिका-3, केंद्रीय विद्यालय), मास्टर भव्यांश साहू (बाल वाटिका 2, केंद्रीय विद्यालय), मास्टर लक्ष्य सरकार (नर्सरी, आंगन बाड़ी) कु ट्विंकल सरकार सहित लगभग 20 नन्हें छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।








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"लिख दूँ क्या ?" काव्य संग्रह

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