"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


सोमवार, अप्रैल 30, 2018

लाईफ का कोई ‘रि-सेट’ बटन नहीं होता है, प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अमूल्य है : आईजी जीपी सिंह

लाईफ का कोई ‘रि-सेट’ बटन नहीं होता है, प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अमूल्य है : आईजी जीपी सिंह


श्री जी.पी. सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज के आतिथ्य में सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत दिनांक 23 अपै्रल से 30 अप्रैल 2018 तक यातायात पुलिस भिलाई-दुर्ग द्वारा आयोजित 29वां सड़क सुरक्षा सप्ताह समारोह का समापन सेक्टर-4 स्थिति एस.एन.जी. स्कूल, भिलाई के इंडोर आडिटोरियम में किया गया। 

श्री सिंह द्वारा इस अवसर पर यातायात निर्देशिका का विमोचन किया गया एवं इस समारोह के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं एवं यातायात के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वांलेटियरों को पुरूस्कृत किया गया।

श्री सिंह द्वारा अपने उद्बोधन में सबसे पहले पुलिस अधीक्षक एवं उनकी टीम को यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुये सड़क दुर्घटनाओं के राष्ट्रीय आंकड़ों की तुलना में इस वर्ष जिला दुर्ग में 8 प्रतिशत की कमी आने पर सराहना की गई एवं यातायात के प्रबंधन में लगे प्रत्येक स्टाॅफ की प्रशंसा की गई जो कड़ी धूप, बारिश व विपरीत परिस्थितियों में डटकर अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रहे हैं। 

श्री सिंह द्वारा बताया गया कि वर्ष 2016-17 में राष्ट्रीय स्तर पर हुये सड़क दुर्घटनाओं के कुल 4,80,652 प्रकरणो में से 1,50,785 सड़क दुर्घटना से मृत्यु के प्रकरण थे। इस तरह प्रतिदिन 413 आमजन की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं में होती है, जिसकी संख्या प्रतिघंटे के हिसाब से 17 है। इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण तेज रफ्तार वाहन चालन, ओव्हर टेकिंग, शराब का सेवन कर वाहन चालन, तथा वाहन चालन के समय मोबाईल पर बात करना आदि हैं। श्री सिंह द्वारा इस प्रकार की मृत्यु पर ध्यान आकृष्ट किया गया कि यदि जम्बो जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाये तो उस घटना पर होने वाली मौतों पर एवियेशन विभाग स्तर पर जांच के प्रावधान व राष्ट्रीय स्तर पर जांच समितियां गठित होती है किन्तु प्रतिदिन सड़क दुर्घटना से होने वाली करीब 413 मृत्यु के आंकड़े पर समाजिक रूप से गंभीरता नहीं दिखती है। यही नहीं देश भर में क्राईम/मर्डर से होने वाली मृत्यु की तुलना में भी सड़क दुघटनाओं के आंकड़े करीब 4 गुना अधिक है जो अत्यंत गंभीर विषय है।

यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में काफी एजेंसियां कार्य कर रही है, जिनके मध्य आपस में सामंजस्य की आवश्यकता है, जिस हेतु श्री सिंह द्वारा 5-E's का सिद्धांत बताया, जिनमें Enforcement, Education, Engineering, Enviornment & Emergency Care शामिल है, को लागू कर यातायात के क्षेत्र में उत्कृष्ट व कुशल प्रबंधन लाया जा सकता है। Enviornment के अंतर्गत हमें सड़क सुरक्षा विषय पर सामाजिक रूप से एक अनुकूल वातावरण बनाना होगा, वहीं म्उमतहमदबल ब्ंतम के तहत सड़क दुर्घटना में व्यक्ति की समय रहते हुये चिकित्सकीय सुविधा देकर जान बचाना है। पुलिस के संकल्प अनुसार इस महत्वपूर्ण कार्य में मदद करने वाले व्यक्ति से पुलिस की पूछताछ नहीं होगी। 

श्री सिंह द्वारा बताया गया कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के लिये दुर्घटना के तत्काल बाद का कुछ समय Golden Hour होता है, जिसमें सही चिकित्सकीय सुविधा देकर जान बचाई जा सकती है। अतः दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को बेहतर फस्र्ट एड सुविधा देने हेतु यातायात के पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिये जाने हेतु सुझाव दिया गया जिसके लिये कुछ नामी अस्पताल प्रशिक्षण देने हेतु सहमत हैं। इस हेतु पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्यवाही करते हुये कार्यशाला का आयोजन करने हेतु निर्देशित भी किया गया।

श्री सिंह द्वारा यातायात सुरक्षा समारोह सप्ताह में उपस्थित सभी गणमान्य नागरिक, विभिन्न स्कूल के शिक्षकों एवं बच्चों व अन्य विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों तथा समाजसेवी संस्थाओं के स्वयं-सेवकों को ‘ब्रांड एम्बेसडर’ के रूप में कार्य करने एवं विभिन्न स्थलों, मोहल्लों व संस्थाओं में जाकर आमजन को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक कर इस मिशन से जोड़ने व  सहयोग करने हेतु आह्वान किया गया।

अंत में श्री सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि लाईफ का कोई ‘रि-सेट’ बटन नहीं होता है, प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अमूल्य है। सड़क दुर्घटना से होने वाली मौत से एक पूरा परिवार प्रभावित होता है। अतः इस विषय पर आमजन को सावधानी बरतने एवं गंभीर होने की आवश्यकता बताई है।

सड़क सुरक्षा सप्ताह समापन के अवसर पर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारी तथा स्कूल के छात्र-छात्रायें व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

सड़क सुरक्षा सप्ताह समारोह के समापन उपरांत श्री सिंह द्वारा सिविक सेंटर, भिलाई में स्थित ट्रैफिक पार्क का निरीक्षण किया गया एवं ट्रैफिक पार्क को व्यवस्थित कर पुनः प्रारंभ करने की कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक, दुर्ग को निर्देशित किया गया।

गुरुवार, अप्रैल 26, 2018

चिटफण्ड कंपनियों के फरार आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए - आईजी दुर्ग

चिटफण्ड कंपनियों के फरार आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए - आईजी दुर्ग


चिटफण्ड कंपनियों के माध्यम से भोले-भाले गरीब जनता को कम समय में धन दोगुना करने का लालच देकर एजेंटो के माध्यम से पैसा निवेश कराने और नियत तिथि के पूर्व सारा कारोबार बंद कर भाग जाने से आम जनता को भारी आर्थिक नुकसान होता है। जिसे ध्यान में रखते हुए श्री जीपी सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज द्वारा दिनांक 26/04/2018 को आईजी कार्यालय में पुलिस अधीक्षक, दुर्ग श्री संजीव शुक्ला, राजपत्रित अधिकारी व थाना प्रभारियों की बैठक ली गई। उक्त बैठक में चिटफण्ड कंपनियों के विरूद्ध दुर्ग जिले में पंजीबद्ध लंबित अपराधों की समीक्षा की गई। जिले में चिटफण्ड कंपनियों के संबंध में लगभग 25 प्रकरण लंबित पाए गए हैं जिन्हें सुनियोजित तरीके से कार्यवाही कर निराकृत करने हेतु दिशा-निर्देश दिए गए। 

बैठक के दौरान चिटफण्ड कंपनियों में संलिप्त मुख्य आरोपियों के विरूद्ध तत्काल लुक-आॅउट नोटिस एवं रेड-काॅर्नर नोटिस जारी करने के संबंध में पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया। गिरफ्तारी हेतु ऐसे फरार आरोपियों की आयकर डिटेल्स, बैंक डिटेल्स, प्रापर्टी प्रोफाईल एवं फैमिली प्रोफाईल को आधार बनाकर सायबर सपोर्ट एवं सायबर ट्रैकिंग के माध्यम से कार्यवाही किए जाने हेतु मार्गदर्शन दिया गया। संबंधित कंपनियों के सीए से जानकारी लेकर कंपनी के बैलेंश-शीट, निवेश, अर्जित चल-अचल संपत्ति की जानकारी प्राप्त कर ली जाए तथा जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर ऐसी चल-अचल संपत्तियों की कुर्की संबंधी कार्यवाही की जाए, ताकि निवेशकों को राहत मिल सके। 
श्री सिंह द्वारा चिटफण्ड कंपनी के लंबित प्रकरणों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु राजपत्रित अधिकारी को नोडल बनाकर एक विशेष टीम गठित का गठन करने तथा लंबित प्रकरणों पर समयबद्ध तरीके से न्यायालय में चालान प्रस्तूत करने हेतु निर्देशित किया गया।

सोमवार, अप्रैल 16, 2018

राज्य खेल अलंकरण सम्मान: आवेदन 30 अप्रैल तक

राज्य खेल अलंकरण सम्मान : आवेदन 30 अप्रैल तक


छत्तीसगढ़ खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्ष 29 अगस्त को ‘‘राष्ट्रीय खेल दिवस’’ के अवसर पर उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों व निर्णायकों को खेल पुरस्कार प्रदान कर राज्य खेल अलंकरण से सम्मानित किया जाता है। पुरस्कार हेतु ऑनलाईन आवेदन विभाग की वेबसाईट के माध्यम से आगामी 30 अप्रैल तक प्रस्तुत कर सकते हैं। ऑनलाईन आवेदन की हार्ड कापी एवं आवश्यक दस्तावेज जिला खेल अधिकारी कार्यालय में जमा करना होगा।

जिला खेल अधिकारी श्रीमती प्रतिमा सागर ने बताया कि राज्य खेल अलंकरण के अंतर्गत सीनियर वर्ग के राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में या राष्ट्रीय खेलों में कोई पदक प्राप्त या अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा। इसी प्रकार जूनियर वर्ग में शहीद कौशल यादव पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा। इसमें जूनियर वर्ग के राष्ट्रीय चेम्पियनशिप में पदक प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाएगा।  सीनियर वर्ग के राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में लगातार पांच वर्षाे तक प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को शहीद पंकज विक्रम सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। प्रशिक्षकों व निर्णायकों को वीर हनुमान सिंह पुरस्कार से अंलकृत किया जायेगा तथा खेल से जुड़े ऐसे व्यक्तियों को जिन्होंने अपने सक्रिय खेल जीवन के पश्चात भी खेलों के विकास खेल संगठन, खेल आयोजन, खेल साहित्य सृजन या खेल प्रशिक्षण के क्षेत्र में निरंतर अपनी सेवाएं प्रदान करने वालों को उत्कृृष्ठ सेवाओं के लिए शहीद विनोद चौबे सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कारों के लिए  छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित नियम लागू होंगे। अधिक जानकारी के लिए विभाग की वेबसाईट www.sportsvw.cg.gov.in/AwardLogin.aspx   में देखी जा सकती है।   

कुपोषण की पहचान तथा कुपोषण से बचाव हेतु दिशा-निर्देश जारी

कुपोषण की पहचान तथा कुपोषण से बचाव हेतु दिशा-निर्देश जारी


देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वस्थ और कुपोषण मुक्त भारत के निर्माण हेतु 08 मार्च 2018 को राष्ट्रव्यापी पोषण अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आमलोगों को जागरूक बनाने के उद्देश्य से कुपोषण की पहचान, कुपोषण के प्रकार, उसके कारण तथा कुपोषण से बचाव हेतु दिशा-निर्देश जारी किया गया। बच्चों में कुपोषण का अर्थ है कि उचित पोषक तत्व न मिलने के कारण उनका जैसा विकास होना चाहिए वैसा न होना। कुपोषण एक गंभीर समस्या है और हमारे प्रयास से कुपोषण के स्तर में कमी लाई जा सकती है। कुपोषण में कमी लाने के लिए सबसे पहले हम इसके कारण को जानेंगे और उसे दूर करने के प्रयास करेंगे।

कुपोषण के प्रकार
कुपोषण मुख्यतः तीन प्रकार के होते है प्रथम उम्र के अनुसार कम वजन अंतर्गत उम्र के अनुसार सही वजन न होना कुपोषण का सबसे मुख्य मापक है, द्वितीय दुबलापन में वो बच्चे जिनका वनज उम्र की तुलना में कम होता है वे दुबलापन से ग्रसित होते हैं एवं तृतीय बौनापन में वो बच्चे जिनकी ऊंचाई उम्र की तुलना में कम होती है वे बौनापन से ग्रसित होते हैं।
कुपोषण के क्या-क्या कारण हो सकते हैं
 कुपोषण केवल पर्याप्त भोजन न मिलना ही कुपोषण का मुख्य कारण नहीं होता अपितु इनके अन्य बहुत से कारण हो सकते हैं, जैसे अपर्याप्त भोजन उम्र के अनुसार आवश्यक मात्रा में भोजन नहीं मिलना कुपोषण का एक मुख्य कारण होता है। भोजन में पोषक तत्वों का अभाव जो भोजन उपलब्ध है उसमें यदि सभी पोषक तत्व सही मात्रा में नहीं मिलते हैं तो भी यह कुपोषण का एक कारण होता है। अनुपयुक्त भोजन उम्र और अवस्था के अनुरूप लगातार भोजन का न मिल पाना भी कुपोषण का कारण होता है जैसे सामान्य महिला, गर्भवती महिला व बच्चों में अलग-अलग मात्रा में भोजन की जरूरत होती है, यह जरूरत पूरी न हो पाना भी कुपोषण का एक मुख्य कारण है। आर्थि एवं सामाजिक कारण कई बार पैसों की कमी के कारण केवल पेट भरने के लिए भोजन किया जाता है और पौष्टिक तत्वों का ध्यान नहीं रखा जाता है, यह भी कुपोषण का कारण होता है। इसके अतिरिक्त समाज में फैली बहुत सारी गलत धारणाओं के कारण बहुत सारे भोज्य पदार्थ नहीं खाये जाते जो पौष्टिकता से भरपूर होते हैं, जो कि कुपोषण का एक कारण है। जागरूकता की कमी कई बार बहुत से पौष्टिक भोज्य पदार्थ हमारे घर या आसपास उपलब्ध होने पर भी जागरूकता के अभाव के कारण हम नहीं खाते हैं, जो कि कुपोषण का एक कारण है। अस्वच्छ वातावरण हमारे आसपास के वातावरण में सफाई का अभाव होने के कारण बहुत सी बीमारियां होने लगती है यह भी कुपोषण का कारण है। नींद की कमी सामान्य रूप से कम से कम 08 घण्टे की नींद लेनी चाहिए यदि किसी कारण से नींद पुरी नहीं हो पाती तो यह भी कुपोषण का कारण है। संक्रामक बीमारियों के कारण बहुत से फैलने वाली बीमारियां जैसे मलेरिया, पीलिया, उल्टी व दस्त के कारण भी कुपोषण होता है। समय से पूर्व जन्म होने के कारण यदि बच्चे का जन्म समय के पहले अर्थात् 09 माह के पूर्व हुआ है तो वह भी कुपोषण का शिकार हो सकता है। पोषक तत्वों की सही जानकारी नहीं होने के कारण भोजन में पौष्टिक तत्वों की उपलब्धता का सही ज्ञान नहीं होना भी कुपोषण का कारण होता है। लड़का लड़की के बीच भेदभाव होने के कारण कई परिवारों में लड़का एवं लड़की के मध्य भेदभाव करते हुए लड़के को पहले व सही भोजन खिलाया जाता है व लड़की के भोजन का ध्यान नहीं रखा जाता है यह भी कुपोषण का कारण है। स्तनपान का अभाव होने के कारण जन्म के तुरंत बाद शीघ्र स्तनपान नहीं कराना व लगातार समय-समय पर बच्चे को स्तनपान नहीं कराने के कारण भी बच्चा कमजोर या बीमार हो जाता है व कुपोषण का शिकार हो जाता है।

कुपोषण दूर करने हेतु अपनाये जाने वाले मुख्य उपाय
प्रदेश सरकार ने कुपोषण के स्तर में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं, परंतु हम सभी नागरिक का भी कर्तव्य है कि कुपोषण दूर करने के लिए पूरा प्रयास करें। कुपोषण दूर करने के लिए हमें विभिन्न उपाय अपनाने होंगे जैसे कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पहला पीला दूध पीलाकर बहुत से बीमारियों से बचाया जा सकता है। इसी तरह 06 माह तक के बच्चे को लगातार स्तनपान कराना चाहिए। इन बच्चों को स्तनपान के अलावा कोई दूसरी चीज पिलाना या चटाना नहीं चाहिए। उम्र के अनुसार सही मात्रा में भोजन खिलाना चाहिए। 06 माह पूरे किये हुए बच्चे को लगातार स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी आहार जरूर खिलाना चाहिए। आंगनबाड़ी केन्द्र से मिले हु रेडी टू ईंट भी बच्चों को अवश्य खिलाना चाहिए। बहुत से भोज्य पदार्थ जो महंगे नहीं होते परंतु पौष्टिक होते हैं उन्हें जरूर खाना चाहिए जैसे सभी पत्तेदार सब्जी, मौसमी फल, सोयाबीन के उत्पाद एवे दूध व दूध से बनी हुई चीजें जरूर खाना चाहिए। आवश्यकता के अनुसार थोड़ा-थोड़ा लेकिन दिन में कई बार भोजन अवश्य कराना चाहिए। समय-समय पर आवश्यक टीकारण जरूर कराना चाहिए। छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के भोजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्भवती व धात्री महिलाओं को सामान्य से अधिक मात्रा में भोजन की आवश्यकता होती है सही भोजन खिलाकर भी कुपोषण से बचा जा सकता है। भोजन के बारे में व्याप्त गलत धारणाओं को दूर करके पौष्टिक भोजन कराना चाहिए जैसे गलत धारण है कि टमाटर या अन्य खट्टे भोज्य पदार्थ का सेवन नुकसानदायक होता है ऐसा भोजन विटामिन-सी से भूरपूर होता है, अतः इनका सेवन जरूर करना चाहिए। अपने आसपास व घर के भीतर सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए रूके हुए पानी के निकास की व्यवस्था करनी चाहिए इस प्रकार स्वच्छता का ध्यान रखकर बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है। परिवार में जन्में लड़का एवं लड़की में भेदभाव न करते हुए दोनों के भोजन का समान रूप से ध्यान रखना चाहिए, इसी प्रकार किशोरी बालिकाओं के भोजन का भी विशेष ध्यान देना चाहिए। आज हम सभी संकल्प लेते हैं कि कुपो

सुदृढ़ चरित्र, अटल ईमानदारी और निष्ठा अपनाएं : उपराष्ट्रपति

सुदृढ़ चरित्र, अटल ईमानदारी और निष्ठा अपनाएं :  उपराष्ट्रपति

भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू ने प्रबंधन के छात्रों को सुदृढ़ चरित्र, अटल ईमानदारी और निष्ठा अपनाने की सलाह दी। वह आज भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), शिलांग के 9वें दीक्षांत समारोह पर बोल रहे थे। इस अवसर पर मेघालय के राज्यपाल श्री गंगा प्रसाद, मेघालय के गृहमंत्री श्री जेम्स के. संगमा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मूल्यों का पूर्ण ह्रास, कानून के डर की कमी से लोगों के बीच पथभ्रष्टता एवं कुटिल आचरण स्पष्ट रूप से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी, सच्चाई का अनुपालन तथा सर्वश्रेष्ठ आचरण अपनाना बहुत ही महत्वपूर्ण है। सामुदायिक नीतियों की कभी अवहेलना नहीं की जानी चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को महात्मा गांधी द्वारा बताए गए सात पापों को याद रखने की सलाह दी- बिना काम के सम्पदा, बिना अंतरात्मा के आनंद, चरित्र बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना वाणिज्य, मानवता बिना विज्ञान, बलिदान बिना धर्म एवं सिद्धांत बिना राजनीति। उन्होंने आगे बताया कि विद्यार्थियों को अपने जीवनवृत्त में आगे बढ़ने के साथ-साथ सुदृढ़ चरित्र, अटल ईमानदारी तथा निष्ठा, नैतिक मूल्य, संतोष और कृतज्ञता की भावना अपनानी चाहिए। ये कभी न भूलें कि आप अपने संगठनों में लोगों के जीवन को ही नहीं प्रभावित करेंगे, बल्कि सीधे आपके कर्मचारियों की जीविका पर निर्भर अन्य लोगों के जीवन को भी प्रभावित करेंगे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृतज्ञता, संवेदना तथा साथ वाले लोगों के प्रति चिंता जैसे गुण आधुनिक भौतिकवादी और उपभोक्तावादी संसार से लुप्त हुए प्रतीत होते हैं। अत: हर एक को सेवा और साझेदारी का दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए। उत्पाद की गुणवत्ता, कुशल सेवा एवं नीतिगत व्यापारिक आचरण सकारात्मक वैश्विक ब्रांड के हॉलमार्क हैं। उन्होंने आगे कहा कि एक विचारशील नेता के रूप में आपके प्रत्येक निर्णय पर इन गुणों की छाप होनी चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा केवल रोजगार के लिए नहीं है, वरन् जागृति तथा सशक्तिकरण के लिए भी है। उन्होंने आईआईएम जैसे प्रबंध संस्थानों से यह भी कहा कि वे अनुसंधान प्रकाशनों को प्राथमिकता दें। उन्होंने आगे अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी कहा।

तेजस्विनी सावंत ने जीता स्वर्ण पदक

तेजस्विनी सावंत ने जीता स्वर्ण पदक


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तेजस्विनी सावंत को महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी है।


प्रधानमंत्री ने कहा, “दो दिन में दो पदक! महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई तेजस्विनी सावंत। हमें इस बात की भी खुशी हुई है कि उन्होंने फाइनल में राष्ट्रमंडल खेलों का रिकार्ड स्थापित किया है।”

गुरुवार, अप्रैल 12, 2018

स्‍टार्ट अप इंडिया के लिए प्रोत्‍साहन - वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

स्‍टार्ट अप इंडिया के लिए प्रोत्‍साहन - वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय


सरकार ने नवोत्‍पाद और उद्यमी तैयार करने के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने के उद्देश्‍य से 16 जनवरी, 2016 को स्‍टार्ट अप इंडिया की शुरूआत की। सरकार का यह उपाय विभिन्‍न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नौकरियों के अवसर पैदा करने के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास में मदद कर रहा है।

2.    इस पहल के अंतर्गत औद्योगिकी नीति और संवर्द्धन विभाग ने व्‍यापक आधार वाले मंत्रिस्‍तरीय बोर्ड का गठन करते हुए 11 अप्रैल, 2018 को राजपत्र अधिसूचना संख्‍या 364 (ई) जारी की है ताकि आय कर 1961 के निम्‍नलिखित प्रोत्‍साहनों के दावों के लिए स्‍टार्ट अप के आवेदनों पर विचार किया जा सके :

क. कानून के अनुच्‍छेद 56 के अंतर्गत पात्र स्‍टार्ट अप द्वारा प्राप्‍त शेयर प्रीमियम पर आय कर लेवी से छूट दी जा सके।

ख. कानून के 80 आईएसी के अंतर्गत कर निर्धारण के लगातार सात वर्षों में से तीन वर्ष के लिए स्‍टार्ट अप की आमदनी से प्राप्‍त लाभ और प्राप्ति में शत-प्रतिशत कटौती।

3. कानून के अनुच्‍छेद 56 और अनुच्‍छेद 80 आईएसी के अंतर्गत स्‍टार्ट अप के प्रमाणीकरण के आवेदनों को एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिये डीआईपीपी में जमा किया जाएगा। प्रमाणीकरण के लिए इन आवेदनों पर आईएमबी द्वारा विचार किया जाएगा।

4. कानून के अनुच्‍छेद 56 के प्रयोजन के लिए निवेशकों के वर्ग पर कोई प्रतिबंध नहीं है और पात्र स्‍टार्ट अप शेयर पूंजी के लाभ के बदले किसी भी व्‍यक्ति से पूंजी निवेश प्राप्‍त कर सकता है।

5. देश में स्‍टार्ट अप तंत्र को सरल बनाने के सरकार के लगातार जारी प्रयास के रूप में डीआईपीपी सरकारी मंत्रालयों/विभागों, नियामकों, नये निवेशकों और स्‍टार्ट अप सहित साझेदारों के साथ नियमित सलाह-मशविरा कर रहा है। इस अधिसूचना के जरिये लागू संशोधनों का उद्देश्‍य आयकर कानून 1961 के अंतर्गत छूट के सम्‍बन्‍ध में स्‍टार्ट अप की प्रमुख मांग को पूरा करना है।

6. ‍इस अधिसूचना के जरिये संशोधनों को पेश किए जाने के साथ, स्‍टार्ट अप की निधियन तक आसान पहुंच हो सकेगी जिससे नये व्‍यवसाय करने में आसानी होगी, स्‍टार्ट अप तंत्र को बढ़ावा मिलेगा,उद्यमी प्रोत्‍साहित होंगे। इसके परिणामस्‍वरूप अधिक नौकरियां सृजित होंगी और देश का आर्थिक विकास होगा।  

गृह मंत्रालय ने अम्बेडकर जयंती के दौरान अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्यों को शख्त निर्देश दिए

गृह मंत्रालय ने अम्बेडकर जयंती के दौरान अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्यों को शख्त निर्देश दिए 


केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि वे आगामी 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती को देखते हुए अप्रिय घटना रोकने के लिए सभी आवश्यक ऐहतियाती कदम उठाएं।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि सभी संवेदनशील स्थानों पर गश्ती तेज की जाए ताकि जानमाल का कोई नुकसान न हो और जहां आवश्यक हो वहां निषेधाज्ञा आदेश जारी किए जा सके। गृह मंत्रालय की सलाह में इस बात पर बल देते हुए कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधीक्षकों से कहा जाए कि वे अपने क्षेत्राधिकार वाले इलाकों में कानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। गृह मंत्रालय ने शांति, सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक पुलिस व्यवस्था को सक्रिय करने की सलाह दी है।

यह सूचना 2 अप्रैल तथा 10 अप्रैल को भारत बंद के दौरान देश के कुछ भागों में मूर्तियों को तोड़ने और हिंसा की रिपोर्टों को देखते हुए जारी की गई।

बुधवार, अप्रैल 11, 2018

चोरी और गुम हुआ मोबाईल फोन वापस मिल सकता है, जानें कैसे ?

चोरी और गुम हुआ मोबाईल फोन वापस मिल सकता है, जानें कैसे ?

श्री जीपी सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज के पहल पर रायपुर एवं दुर्ग संभाग में आम-नागरिकों को पुलिस संबंधित विभिन्न सुविधाएं मोबाईल फोन के माध्यम से सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सिटीजन काॅप मोबाइल एप्लीकेशन संचालित है। बता दें, कि श्री जीपी सिंह, तात्कालिक आईजी रायपुर द्वारा सिटीजन काॅप मोबाईल एप्लीकेशन में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए सिटीजन काॅप के विशेष टीम के माध्यम से सैकडो चोरी/गुम मोबाईल फोन रिकवर कराते हुए संबंधितों को लौटाए गए हैं।


संभव है कि इस एप्लीकेशन में मोबाईल गुमने/चोरी होने की शिकायत करने पर आपका मोबाईल वापस मिल जाए, बिना थाना के चक्कर लगाए आपको पावती ई-मेल से प्राप्त होने की गारंटी तो है ही। बतादें कि रिपोर्ट लाॅस्ट आर्टिकल के माध्यम से सभी प्रकार के वस्तुओ/दस्तावेज के गुमने/चोरी होने की सूचना देकर ई-मेल के माध्यम से वापती पा सकते हैं, इसके लिए किसी पुलिस थाना जाने की आवश्यकता नही होगी।

शिकायत कैसे करें ?

मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से चोरी/खोये हुए वस्तुओ एवं दस्तावेज की शिकायत करने के लिए सबसे पहले एप्पल स्टोर अथवा प्ले स्टोर के सिटीजन कॉप मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करे, उसके बाद Report Lost Article फीचर में जाकर अपना कम्प्लेन रजिस्टर करें। 




सिटीजन काॅप मोबाइल एप्लीकेशन के फीचर्स

सिटीजन काॅप मोबाइल एप्लीकेशन के फीचर्स



“Search Officials” feature के माध्यम से अपने क्षेत्र में कार्यरत् पुलिस अधिकारियों की पुष्टि की जा सकती है।
“Traffic IQ” feature के माध्यम से यातायात नियमों से संबंधित जानकारी हासिल की जा सकती है, यह फीचर नये ड्रायविंग लाइसेंस बनवाने के लिए उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराता है।
“Pathik” feature के माध्यम से आम नागरिक अपने सुरक्षित यात्रा की सुनिश्चितता पूर्व निर्धारित कर सकता है तथा आॅटो/टैक्सी के मालिक/चालक सहित वाहन के संबंध में जानकारी हासिल कर सकता है।
“Verification/Inform Police” feature के माध्यम से घरेलु नौकर/नौकर, किरायेदार, सिनियर सिटीजन व शहर से बाहर जाने की जानकारी पुलिस थाना जाए बिना ही दिया जा सकता है, साथ ही चरित्र सत्यापन प्राप्त करने में समय की बचत होगी।
 “Speed Alert” feature इस फीचर के माध्यम से माता-पिता घर बैठे नजर रख सकेंगे, कहीं बच्चा तेज वाहन तो नही चला रहा है।
“Atithi” feature यह फीचर लाॅज एवं होटल संचालकों एवं आॅपरेटर्स की सुविधा के लिए तैयार किया गया है। इस फीचर के उपयोग के लिए संचालक एवं आॅपरेटर को जोडा जाएगा, उसके बाद वे अपने मोबाईल के माध्यम से अतिथियों की जानकारी इस एप्प में अपडेट कर सकेंगे।
“Report an Incident” feature के माध्यम से अपनी पहचान बिना बताए अपने क्षेत्र और समाज में हो रहे विभिन्न प्रकार के अपराध (जैसे - चोरी/हत्या/लूट/डकैती/शोषण/छेडखानी), यातायात संबंधी अपराध/घटनाओं की सूचनाएं तथा नगर निगम संबंधी समस्याओं को सीधे पुलिस को उपलब्ध कराया जा सकता है।
इस एप्लीकेशन में जनता की सुविधा हेतु Call Police और Call Administration  के अंतर्गत थाना प्रभारियों सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों का नंबर भी उपलब्ध कराया गया है।
“My Safe Zone” feature के माध्यम से गुगल मैप पर सुरक्षा घेरा बनाया जाकर अपने बच्चों तथा नजदीकी रिश्तेदारों की सुरक्षार्थ निगरानी की जा सकती है तथा उनके द्वारा चिन्हांकित घेरा से बाहर जाते ही आपको संदेश प्राप्त होगा।
आकस्मिक परिस्थिति में संकट के समय SoS (Help Me) के माध्यम से एक क्लिक पर अपने 04 नजदीकी रिश्तेदारो व पुलिस को सूचना दी जा सकती है। सूचना प्राप्त होते ही पुलिस द्वारा आवश्यक सहयोग/सुरक्षा प्रदान की जाती है।
 “Report Lost Article” feature के माध्यम से किसी भी प्रकार के दस्तावेज और सामग्री खो जाने अथवा चोरी होने की स्थिति में पुलिस थाना जाए बिना ही अपनी सूचना दर्ज कराते हुए ई-मेल के माध्यम से पावती प्राप्त की जा सकती है।
“Vehicle Search” feature के माध्यम से किसी भी वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर से उसके मालिक व वाहन संबंधी पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इस एप्लीकेशन में जिलों के विभिन्न Emergency Number दिए गए है, नागरिकगण जिसका उपयोग कर सकते है। 
“News Updates” feature के माध्यम से पुलिस द्वारा समय-समय पर जारी सूचनाओं को सीधे अपने मोबाईल पर प्राप्त किया जा सकता है।
“Nearby Places” feature के माध्यम से अपने नजदीकी स्थल जैसे पुलिस थाना, बस स्टैण्ड, बैक, एटीएम, अस्पताल, डाॅक्टर, मुवी-थियेटर, रेस्तरां और पेट्रोल पम्प की जानकारी लोकेशन व दूरी सहित प्राप्त की जा सकती है।
“My Close Group” feature के माध्यम से अपने नजदीकी रिश्तेदारों, परिजन व अन्य लोगों का समूह बनाकर गुगल मैप में उनका लोकेशन प्राप्त किया जा सकती है।
Towing Vehicle Search के माध्यम से नो-पार्किंग में खडे किये वाहनों, लावारिस वाहनों और एक्सिडेंटल वाहनों को पुलिस द्वारा क्रेन से उठाने की स्थिति में वाहन के Location की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
 “Track My Location” feature के माध्यम से आप अपने परिवार के सदस्यों, बच्चों की लाइव लोकेशन व स्पीड समरी जान सकेंगे।
“Fare Calculation” feature के माध्यम से आम नागरिक दो स्थानों के बीच की दूरी व आॅटो रिक्शा के किराया की गणना स्वयं कर सकता है।
“Your Reports” feature के माध्यम से सिटीजन काॅप के उपयोगकर्ता द्वारा पुलिस को दिये सूचना/शिकायत पर की गई पुलिस कार्यवाही की जानकारी हासिल कर सकता है साथ ही अपना फीडबैक भेज सकता है।
“Reports Lookup” feature के माध्यम से किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा किये गये शिकायत पर पुलिस कार्यवाही की जानकारी हासिल कर सकता है। 

चोरी मोबाईल पाने के लिए यहां कम्प्लेन करें .........

चोरी मोबाईल पाने के लिए यहां कम्प्लेन करें 

श्री जीपी सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज के पहल पर रायपुर एवं दुर्ग संभाग में आम-नागरिकों को पुलिस संबंधित विभिन्न सुविधाएं मोबाईल फोन के माध्यम से सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सिटीजन काॅप मोबाइल एप्लीकेशन संचालित है। 

इस एप्लीकेशन की ढेरों विशेष खासियत है जिसमें एक खासियत यह भी है कि इन संभाग के निवासी अपने किसी भी दस्तावेजों/वस्तुओं के चोरी/गुम होने की सूचना इस एप्लीकेशन के माध्यम से दे सकते हैं इस संबंध में संबंधित को उनके ई-मेल के माध्यम से पावती भी प्राप्त हो जाती है। विदित हो कि यह एप्लीकेशन छत्तीसगढ़ राज्य के 11 जिलों (दुर्ग व रायपुर संभाग के सभी 10 जिले एवं बिलासपुर संभाग के मुंगेली जिले) में संचालित है। यह भी विदित हो कि इस एप्लीकेशन के ढे़रों फीचर प्रदेश व प्रदेश के बाहर कही भी आपके लिए उपयोगी रहेंगे। 


मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से चोरी / खोये हुए वस्तुओ एवं दस्तावेज की शिकायत करने के लिए सबसे पहले एप्पल स्टोर अथवा प्ले स्टोर के सिटीजन कॉप मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करे, उसके बाद Report / Lost Article फीचर में जाकर अपना कम्प्लेन रजिस्टर करें।  

बता दें, कि सिटीजन काॅप मोबाईल एप्लीकेशन में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए सिटीजन काॅप के विशेष टीम द्वारा सैकडो चोरी/गुम मोबाईल फोन रिकवर किया जाकर श्री जीपी सिंह, तात्कालिक आईजी रायपुर द्वारा संबंधितों को लौटाए गए हैं।

ज्ञातव्य हो कि सिटीजन काॅप - मोबाईल एप्लीकेशन का दिनांक 08/09/2015 को माननीय मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह द्वारा तत्समय श्री जीपी सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, रायपुर रेंज के पहल पर रायपुर संभाग के 05 जिलों रायपुर, धमतरी, महासमुन्द, बलौदाबाजार एवं गरियाबंद में लाॅन्च किया गया। सिटीजन काॅप को कोई भी व्यक्ति Google play store अथवा Apple app store से अपने मोबाइल में Free download कर उपयोग कर सकता है। इस एप्लीकेशन को FICCI, New Delhi द्वारा 05/05/2016 को Smart Policing Award - 2016 से सम्मानित किया गया है साथ ही इंडिया-टूडे व एचपी के माध्यम से दिनांक 27/05/2016 को माननीय मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह द्वारा The Digital India Conclave – Digital Trailblazers Award - 2016 से सम्मानित किया गया तथा Ministry of Electronics & Information Technology (MeitY) Govt of India, New Delhi द्वारा दिनांक 19/12/2016 को Digital India Awards – 2016 से सम्मानित किया गया। 

सिटीजन काॅप मोबाइल एप्लीकेशन के फीचर्स:-
“Search Officials” feature के माध्यम से अपने क्षेत्र में कार्यरत् पुलिस अधिकारियों की पुष्टि की जा सकती है।
“Traffic IQ” feature के माध्यम से यातायात नियमों से संबंधित जानकारी हासिल की जा सकती है, यह फीचर नये ड्रायविंग लाइसेंस बनवाने के लिए उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराता है।
“Pathik” feature के माध्यम से आम नागरिक अपने सुरक्षित यात्रा की सुनिश्चितता पूर्व निर्धारित कर सकता है तथा आॅटो/टैक्सी के मालिक/चालक सहित वाहन के संबंध में जानकारी हासिल कर सकता है।
“Verification/Inform Police” feature के माध्यम से घरेलु नौकर/नौकर, किरायेदार, सिनियर सिटीजन व शहर से बाहर जाने की जानकारी पुलिस थाना जाए बिना ही दिया जा सकता है, साथ ही चरित्र सत्यापन प्राप्त करने में समय की बचत होगी।
 “Speed Alert” feature इस फीचर के माध्यम से माता-पिता घर बैठे नजर रख सकेंगे, कहीं बच्चा तेज वाहन तो नही चला रहा है।
“Atithi” feature यह फीचर लाॅज एवं होटल संचालकों एवं आॅपरेटर्स की सुविधा के लिए तैयार किया गया है। इस फीचर के उपयोग के लिए संचालक एवं आॅपरेटर को जोडा जाएगा, उसके बाद वे अपने मोबाईल के माध्यम से अतिथियों की जानकारी इस एप्प में अपडेट कर सकेंगे।

क्या एक आम आदमी बिना थाना जाये और बिना अपनी पहचान जाहिर किये किसी अपराध की सुचना पुलिस को दे सकता है ? Answer : Yes


“Report an Incident” feature के माध्यम से अपनी पहचान बिना बताए अपने क्षेत्र और समाज में हो रहे विभिन्न प्रकार के अपराध (जैसे - चोरी/हत्या/लूट/डकैती/शोषण/छेडखानी), यातायात संबंधी अपराध/घटनाओं की सूचनाएं तथा नगर निगम संबंधी समस्याओं को सीधे पुलिस को उपलब्ध कराया जा सकता है।
इस एप्लीकेशन में जनता की सुविधा हेतु Call Police और Call Administration  के अंतर्गत थाना प्रभारियों सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों का नंबर भी उपलब्ध कराया गया है।
“My Safe Zone” feature के माध्यम से गुगल मैप पर सुरक्षा घेरा बनाया जाकर अपने बच्चों तथा नजदीकी रिश्तेदारों की सुरक्षार्थ निगरानी की जा सकती है तथा उनके द्वारा चिन्हांकित घेरा से बाहर जाते ही आपको संदेश प्राप्त होगा।
आकस्मिक परिस्थिति में संकट के समय SoS (Help Me) के माध्यम से एक क्लिक पर अपने 04 नजदीकी रिश्तेदारो व पुलिस को सूचना दी जा सकती है। सूचना प्राप्त होते ही पुलिस द्वारा आवश्यक सहयोग/सुरक्षा प्रदान की जाती है।
 “Report Lost Article” feature के माध्यम से किसी भी प्रकार के दस्तावेज और सामग्री खो जाने अथवा चोरी होने की स्थिति में पुलिस थाना जाए बिना ही अपनी सूचना दर्ज कराते हुए ई-मेल के माध्यम से पावती प्राप्त की जा सकती है।
“Vehicle Search” feature के माध्यम से किसी भी वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर से उसके मालिक व वाहन संबंधी पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इस एप्लीकेशन में जिलों के विभिन्न Emergency Number दिए गए है, नागरिकगण जिसका उपयोग कर सकते है। 
“News Updates” feature के माध्यम से पुलिस द्वारा समय-समय पर जारी सूचनाओं को सीधे अपने मोबाईल पर प्राप्त किया जा सकता है।
“Nearby Places” feature के माध्यम से अपने नजदीकी स्थल जैसे पुलिस थाना, बस स्टैण्ड, बैक, एटीएम, अस्पताल, डाॅक्टर, मुवी-थियेटर, रेस्तरां और पेट्रोल पम्प की जानकारी लोकेशन व दूरी सहित प्राप्त की जा सकती है।
“My Close Group” feature के माध्यम से अपने नजदीकी रिश्तेदारों, परिजन व अन्य लोगों का समूह बनाकर गुगल मैप में उनका लोकेशन प्राप्त किया जा सकती है।
Towing Vehicle Search के माध्यम से नो-पार्किंग में खडे किये वाहनों, लावारिस वाहनों और एक्सिडेंटल वाहनों को पुलिस द्वारा क्रेन से उठाने की स्थिति में वाहन के Location की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।


पुलिस कर्मचारियों के बेहतर कर्तव्य निर्वहन के लिए भी उपयोगी है सिटीजन कॉप

 “Track My Location” feature के माध्यम से आप अपने परिवार के सदस्यों, बच्चों की लाइव लोकेशन व स्पीड समरी जान सकेंगे।
“Fare Calculation” feature के माध्यम से आम नागरिक दो स्थानों के बीच की दूरी व आॅटो रिक्शा के किराया की गणना स्वयं कर सकता है।
“Your Reports” feature के माध्यम से सिटीजन काॅप के उपयोगकर्ता द्वारा पुलिस को दिये सूचना/शिकायत पर की गई पुलिस कार्यवाही की जानकारी हासिल कर सकता है साथ ही अपना फीडबैक भेज सकता है।
“Reports Lookup” feature के माध्यम से किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा किये गये शिकायत पर पुलिस कार्यवाही की जानकारी हासिल कर सकता है। 

सिटीजन कॉप मोबाइल एप्लीकेशन के नए फीचर्स

सिटीजन कॉप मोबाइल एप्लीकेशन के नए फीचर्स

श्री जीपी सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज के पहल पर रायपुर एवं दुर्ग संभाग में आम-नागरिकों को पुलिस संबंधित विभिन्न सुविधाएं मोबाईल फोन के माध्यम से सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सिटीजन काॅप मोबाइल एप्लीकेशन संचालित है। सिटीजन कॉप मोबाइल एप्लीकेशन के नए फीचर्स इस प्रकार से है :-

“Search Officials” feature के माध्यम से अपने क्षेत्र में कार्यरत् पुलिस अधिकारियों की पुष्टि की जा सकती है।
“Traffic IQ” feature के माध्यम से यातायात नियमों से संबंधित जानकारी हासिल की जा सकती है, यह फीचर नये ड्रायविंग लाइसेंस बनवाने के लिए उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराता है।
“Pathik” feature के माध्यम से आम नागरिक अपने सुरक्षित यात्रा की सुनिश्चितता पूर्व निर्धारित कर सकता है तथा आॅटो/टैक्सी के मालिक/चालक सहित वाहन के संबंध में जानकारी हासिल कर सकता है।
“Verification/Inform Police” feature के माध्यम से घरेलु नौकर/नौकर, किरायेदार, सिनियर सिटीजन व शहर से बाहर जाने की जानकारी पुलिस थाना जाए बिना ही दिया जा सकता है, साथ ही चरित्र सत्यापन प्राप्त करने में समय की बचत होगी।
 “Speed Alert” feature इस फीचर के माध्यम से माता-पिता घर बैठे नजर रख सकेंगे, कहीं बच्चा तेज वाहन तो नही चला रहा है।
“Atithi” feature यह फीचर लाॅज एवं होटल संचालकों एवं आॅपरेटर्स की सुविधा के लिए तैयार किया गया है। इस फीचर के उपयोग के लिए संचालक एवं आॅपरेटर को जोडा जाएगा, उसके बाद वे अपने मोबाईल के माध्यम से अतिथियों की जानकारी इस एप्प में अपडेट कर सकेंगे।

चोरी / खोये हुए सामग्री एवं दस्तावेज की ऑनलाइन शिकायत के लिए यहां क्लिक करें

चोरी / खोये हुए सामग्री एवं दस्तावेज की ऑनलाइन शिकायत के लिए यहां क्लिक करें

श्री जीपी सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज के पहल पर रायपुर एवं दुर्ग संभाग में आम-नागरिकों को पुलिस संबंधित विभिन्न सुविधाएं मोबाईल फोन के माध्यम से सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सिटीजन काॅप मोबाइल एप्लीकेशन संचालित है। 

इस एप्लीकेशन की ढेरों विशेष खासियत है जिसमें एक खासियत यह भी है कि इन संभाग के निवासी अपने किसी भी दस्तावेजों/वस्तुओं के चोरी/गुम होने की सूचना इस एप्लीकेशन के माध्यम से दे सकते हैं इस संबंध में संबंधित को उनके ई-मेल के माध्यम से पावती भी प्राप्त हो जाती है। विदित हो कि यह एप्लीकेशन छत्तीसगढ़ राज्य के 11 जिलों (दुर्ग व रायपुर संभाग के सभी 10 जिले एवं बिलासपुर संभाग के मुंगेली जिले) में संचालित है। यह भी विदित हो कि इस एप्लीकेशन के ढे़रों फीचर प्रदेश व प्रदेश के बाहर कही भी आपके लिए उपयोगी रहेंगे। 


मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से चोरी / खोये हुए वस्तुओ एवं दस्तावेज की शिकायत करने के लिए सबसे पहले एप्पल स्टोर अथवा प्ले स्टोर के सिटीजन कॉप मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करे, उसके बाद Report / Lost Article फीचर में जाकर अपना कम्प्लेन रजिस्टर करें।  

बता दें, कि सिटीजन काॅप मोबाईल एप्लीकेशन में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए सिटीजन काॅप के विशेष टीम द्वारा सैकडो चोरी/गुम मोबाईल फोन रिकवर किया जाकर श्री जीपी सिंह, तात्कालिक आईजी रायपुर द्वारा संबंधितों को लौटाए गए हैं।

ज्ञातव्य हो कि सिटीजन काॅप - मोबाईल एप्लीकेशन का दिनांक 08/09/2015 को माननीय मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह द्वारा तत्समय श्री जीपी सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, रायपुर रेंज के पहल पर रायपुर संभाग के 05 जिलों रायपुर, धमतरी, महासमुन्द, बलौदाबाजार एवं गरियाबंद में लाॅन्च किया गया। सिटीजन काॅप को कोई भी व्यक्ति Google play store अथवा Apple app store से अपने मोबाइल में Free download कर उपयोग कर सकता है। इस एप्लीकेशन को FICCI, New Delhi द्वारा 05/05/2016 को Smart Policing Award - 2016 से सम्मानित किया गया है साथ ही इंडिया-टूडे व एचपी के माध्यम से दिनांक 27/05/2016 को माननीय मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह द्वारा The Digital India Conclave – Digital Trailblazers Award - 2016 से सम्मानित किया गया तथा Ministry of Electronics & Information Technology (MeitY) Govt of India, New Delhi द्वारा दिनांक 19/12/2016 को Digital India Awards – 2016 से सम्मानित किया गया। 

सिटीजन काॅप मोबाइल एप्लीकेशन के फीचर्स:-
“Search Officials” feature के माध्यम से अपने क्षेत्र में कार्यरत् पुलिस अधिकारियों की पुष्टि की जा सकती है।
“Traffic IQ” feature के माध्यम से यातायात नियमों से संबंधित जानकारी हासिल की जा सकती है, यह फीचर नये ड्रायविंग लाइसेंस बनवाने के लिए उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराता है।
“Pathik” feature के माध्यम से आम नागरिक अपने सुरक्षित यात्रा की सुनिश्चितता पूर्व निर्धारित कर सकता है तथा आॅटो/टैक्सी के मालिक/चालक सहित वाहन के संबंध में जानकारी हासिल कर सकता है।
“Verification/Inform Police” feature के माध्यम से घरेलु नौकर/नौकर, किरायेदार, सिनियर सिटीजन व शहर से बाहर जाने की जानकारी पुलिस थाना जाए बिना ही दिया जा सकता है, साथ ही चरित्र सत्यापन प्राप्त करने में समय की बचत होगी।
 “Speed Alert” feature इस फीचर के माध्यम से माता-पिता घर बैठे नजर रख सकेंगे, कहीं बच्चा तेज वाहन तो नही चला रहा है।
“Atithi” feature यह फीचर लाॅज एवं होटल संचालकों एवं आॅपरेटर्स की सुविधा के लिए तैयार किया गया है। इस फीचर के उपयोग के लिए संचालक एवं आॅपरेटर को जोडा जाएगा, उसके बाद वे अपने मोबाईल के माध्यम से अतिथियों की जानकारी इस एप्प में अपडेट कर सकेंगे।

क्या एक आम आदमी बिना थाना जाये और बिना अपनी पहचान जाहिर किये किसी अपराध की सुचना पुलिस को दे सकता है ? Answer : Yes


“Report an Incident” feature के माध्यम से अपनी पहचान बिना बताए अपने क्षेत्र और समाज में हो रहे विभिन्न प्रकार के अपराध (जैसे - चोरी/हत्या/लूट/डकैती/शोषण/छेडखानी), यातायात संबंधी अपराध/घटनाओं की सूचनाएं तथा नगर निगम संबंधी समस्याओं को सीधे पुलिस को उपलब्ध कराया जा सकता है।
इस एप्लीकेशन में जनता की सुविधा हेतु Call Police और Call Administration  के अंतर्गत थाना प्रभारियों सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों का नंबर भी उपलब्ध कराया गया है।
“My Safe Zone” feature के माध्यम से गुगल मैप पर सुरक्षा घेरा बनाया जाकर अपने बच्चों तथा नजदीकी रिश्तेदारों की सुरक्षार्थ निगरानी की जा सकती है तथा उनके द्वारा चिन्हांकित घेरा से बाहर जाते ही आपको संदेश प्राप्त होगा।
आकस्मिक परिस्थिति में संकट के समय SoS (Help Me) के माध्यम से एक क्लिक पर अपने 04 नजदीकी रिश्तेदारो व पुलिस को सूचना दी जा सकती है। सूचना प्राप्त होते ही पुलिस द्वारा आवश्यक सहयोग/सुरक्षा प्रदान की जाती है।
 “Report Lost Article” feature के माध्यम से किसी भी प्रकार के दस्तावेज और सामग्री खो जाने अथवा चोरी होने की स्थिति में पुलिस थाना जाए बिना ही अपनी सूचना दर्ज कराते हुए ई-मेल के माध्यम से पावती प्राप्त की जा सकती है।
“Vehicle Search” feature के माध्यम से किसी भी वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर से उसके मालिक व वाहन संबंधी पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इस एप्लीकेशन में जिलों के विभिन्न Emergency Number दिए गए है, नागरिकगण जिसका उपयोग कर सकते है। 
“News Updates” feature के माध्यम से पुलिस द्वारा समय-समय पर जारी सूचनाओं को सीधे अपने मोबाईल पर प्राप्त किया जा सकता है।
“Nearby Places” feature के माध्यम से अपने नजदीकी स्थल जैसे पुलिस थाना, बस स्टैण्ड, बैक, एटीएम, अस्पताल, डाॅक्टर, मुवी-थियेटर, रेस्तरां और पेट्रोल पम्प की जानकारी लोकेशन व दूरी सहित प्राप्त की जा सकती है।
“My Close Group” feature के माध्यम से अपने नजदीकी रिश्तेदारों, परिजन व अन्य लोगों का समूह बनाकर गुगल मैप में उनका लोकेशन प्राप्त किया जा सकती है।
Towing Vehicle Search के माध्यम से नो-पार्किंग में खडे किये वाहनों, लावारिस वाहनों और एक्सिडेंटल वाहनों को पुलिस द्वारा क्रेन से उठाने की स्थिति में वाहन के Location की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।


पुलिस कर्मचारियों के बेहतर कर्तव्य निर्वहन के लिए भी उपयोगी है सिटीजन कॉप

 “Track My Location” feature के माध्यम से आप अपने परिवार के सदस्यों, बच्चों की लाइव लोकेशन व स्पीड समरी जान सकेंगे।
“Fare Calculation” feature के माध्यम से आम नागरिक दो स्थानों के बीच की दूरी व आॅटो रिक्शा के किराया की गणना स्वयं कर सकता है।
“Your Reports” feature के माध्यम से सिटीजन काॅप के उपयोगकर्ता द्वारा पुलिस को दिये सूचना/शिकायत पर की गई पुलिस कार्यवाही की जानकारी हासिल कर सकता है साथ ही अपना फीडबैक भेज सकता है।
“Reports Lookup” feature के माध्यम से किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा किये गये शिकायत पर पुलिस कार्यवाही की जानकारी हासिल कर सकता है। 

शनिवार, अप्रैल 07, 2018

छत्तीसगढ़ के जंगलों में ’हरे सोने’ के संग्रहण की तैयारी पूर्णता की ओर

छत्तीसगढ़ के जंगलों में ’हरे सोने’ के संग्रहण की तैयारी पूर्णता की ओर 

सरकारी जमीन पर तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए ढाई हजार रूपए और निजी जमीन पर छब्बीस सौ रूपए प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक मिलेगा

राज्य के जंगलों में मूल्यवान हरे सोने के नाम से प्रसिद्ध तेन्दूपत्ता संग्रहण की तैयारी तेजी से चल रही है। इस वर्ष तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य में 13 लाख 50 हजार ग्रामीणों और वनवासी परिवारों को रोजगार देने और उनके माध्यम से 16 लाख 72 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ते की आवक का अनुमानित लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ये परिवार 901 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों में सदस्य के रूप में शामिल हैं। उन्हें संग्रहण कार्य में एक करोड़ 12 लाख मानव दिवस का रोजगार देने का लक्ष्य है।

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि संग्रहण कार्य की सभी तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा की गई घोषणा के अनुसार इस वर्ष तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए शासकीय भूमि पर संग्रहण कार्य का पारिश्रमिक 1800 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 2500 रूपए कर दिया गया है। इसके साथ ही रमन सरकार ने ग्रामीणों की निजी भूमि पर तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए इस वर्ष प्रति मानक बोरा 2600 रूपए ( छब्बीस सौ रूपए) पारिश्रमिक देने का भी निर्णय लिया है। वन मंत्री श्री महेश गागड़ा विभागीय अधिकारियों के साथ तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य की तैयारियों की नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं। संग्राहकों से अपील की गई है कि वे संग्रहण केन्द्रों (फड़ों) में अच्छी क्वालिटी का पत्ता लेकर आएं।  

इस बीच मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों, वन मंडलाधिकारियों और जिला वनोपज सहकारी यूनियनों के प्रबंध संचालकों को परिपत्र भेजकर संग्रहण कार्य के सुचारू संचालन के लिए जरूरी निर्देश दिए हैं। उन्होंने परिपत्र में अधिकारियों को छत्तीसगढ़ की अंतर्राज्यीय सीमाओं पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि इन सीमावर्ती इलाकों में तेन्दूपत्ते के अवैध संग्रहण और अवैध परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों को पर्याप्त सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्होंने परिपत्र में  अधिकारियों को तेन्दूपत्ता संग्रहण केन्द्रों (फड़ों) और गोदामों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है। मुख्य सचिव ने परिपत्र में यह भी कहा है कि प्रत्येक जिले में तेन्दूपत्ता तोड़ने की अवधि लगभग 30 दिनों की होती है। इसलिए ग्रामीणों को अधिक से अधिक संख्या में तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए प्रोत्साहित किया जाए, ताकि उन्हें इस कार्य में ज्यादा से ज्यादा पारिश्रमिक मिल सके। जितना ज्यादा तेन्दूपत्ता तोड़ा जाएगा, उतनी ही अधिक राशि उन्हें पारिश्रमिक के रूप में मिलेगी और ढाई हजार रूपए के पारिश्रमिक के साथ अलग से प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) भी मिलेगा। उन्होंने परिपत्र में अधिकारियों को यह भी ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं कि तेन्दूपत्ता भण्डारण के लिए आरक्षित गोदामों का उपयोग किसी अन्य प्रयोजन के लिए नहीं किया जाए। वर्षा ऋतु शुरू होने के पहले शत-प्रतिशत भण्डारण जरूरी है।

मुख्य सचिव ने परिपत्र में लिखा है कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी संग्रहण कार्य के सुचारू संचालन के लिए लगाई गई है, वे सभी अपने दायित्वों का निर्वहन करें, ताकि संग्राहकों को समय पर उनके पारिश्रमिक का सही-सही भुगतान हो और तेन्दूपत्ते का अवैध संग्रहण भी न होने पाए। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री मुदित कुमार सिंह ने भी चालू वर्ष 2018 के तेन्दूपत्ता संग्रहण से जुड़ी तैयारियों के लिए सभी 31 जिला वनोपज सहकारी यूनियनों के प्रबंध संचालकों को परिपत्र भेजा है, जिसमें उन्हें संग्रहण, भण्डारण और पारिश्रमिक भुगतान के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के एक अन्य परिपत्र में जिला वनोपज सहकारी यूनियनों के प्रबंध संचालकों से कहा गया है कि प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के प्रबंधक, क्रेता और पोषक अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र का निरीक्षण कर तेन्दूपत्ता तोड़ने की तारीख के बारे में संयुक्त रूप से निर्णय लेंगे। संग्रहण केन्द्रों और गोदामों में पत्तों की सुरक्षा के लिए भी अधिकारियों को जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य खेल अलंकरणों के लिए आवेदन 30 अप्रैल तक आमंत्रित

राज्य खेल अलंकरणों के लिए आवेदन 30 अप्रैल तक आमंत्रित


राज्य सरकार के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न खेल अलंकरणों के लिए इस महीने की 30 तारीख तक आवेदन आमंत्रित की गई है। खेल विभाग की वेबसाइट www.sportsyw.cg.gov.in/Awardlogin.aspx (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट स्पोर्टसवायडब्ल्यू डॉट सीजी डॉट जीओव्ही डॉट इन/अवार्डलॉगिन डॉट एएसपीएक्स) पर ऑनलाइन आवेदन फार्म भरे जा सकते हैं। फार्म भरने के बाद इसका प्रिंट निकालकर आवेदक अपने हस्ताक्षर सहित समस्त अभिलेखों के साथ हार्ड कापी अपने जिले में स्थित खेल एवं युवा कल्याण विभाग के जिला कार्यालय में 30 अप्रैल 2018 को शाम 5 बजे तक जमा कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर 29 अगस्त को राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों के सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है, जहां उन्हें राज्य खेल अलंकरण प्रदान किए जाते हैं। राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर किया जाता है। इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य खेल अलंकरण के तहत सीनियर वर्ग के ऐसे खिलाड़ियों को शहीद राजीव पांडेय पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा, जिन्होंने राष्ट्रीय खेलों में कोई पदक प्राप्त किया हो या अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व किया हो। जूनियर वर्ग के उन खिलाड़ियों को शहीद कौशल पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा। जूनियर वर्ग के राष्ट्रीय चैम्पियनशीप में कोई पदक प्राप्त किया हो या अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व किया गया हो। सीनियर वर्ग के राष्ट्रीय चैम्पियनशीप में लगातार पांच वर्षाें तक प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रशिक्षकों और निर्णायकों को वीर हनुमान सिंह पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा तथा खेल से जुड़े ऐसे व्यक्तियों को जो सक्रिय खेल जीवन में और इसके पश्वात भी खेलों के विकास, खेल संगठन, खेल अलंकरण, खेल साहित्य सृजन या खेल प्रशिक्षण के क्षेत्र में निरंतर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इन उत्कृष्ट सेवाओं हेतु उन्हें शहीद विनोद चौबे पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कारों के नियम छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित किए गए हैं, जिसे खेल विभाग के वेबसाइट में देखी जा सकती है। पात्रता रखने वाले आवेदकों को प्रावीण्यता के आधार पर पुरस्कार के लिए चयन किया जाएगा।

शहीद राजीव पाण्डेय पुरस्कार हेतु 3 लाख रूपए, शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए 1.50 लाख रूपए, वीर हनुमान सिंह पुरस्कार के लिए 1.50 लाख रूपए, शहीद विनोद चौबे सम्मान एवं पंकज विक्रम सम्मान हेतु 25-25 हजार रूपए नगद प्रदान किए जाएंगे। सीनियर एवं जुनियर वर्ग के दलीय खेलों के लिए मुख्यमंत्री ट्राफी प्रदान किया जाएगा। ऐसे दलीय खेल जिनके सदस्यों की संख्या चार है, उन्हें सीनियर वर्ग में दो लाख रूपए एवं जुनियर वर्ग में एक लाख रूपए का पुरस्कार दिया जाएगा और ऐसे दलीय खेल जिनमें सदस्यों की संख्या चार से अधिक है, उन्हें सीनियर वर्ग में पांच लाख रूपए तथा जूनियर वर्ग में तीन लाख रूपए का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार के अतिरिक्त मानपत्र, अलंकरण फलक, प्लेजर एवं टाई भी प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार से संबंधित अन्य जानकारी के लिए आवेदक खेल विभाग के जिला कार्यालयों या राजधानी रायपुर स्थिति खेल एवं युवा कल्याण के संचालनालय के अधिकारियों से सम्पर्क किया जा सकता है।  

प्रधानमंत्री ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर लोगों को शुभकामनायें दी

प्रधानमंत्री ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर लोगों को शुभकामनायें दी



प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर शुभकामनायें दी हैं। 


प्रधानमंत्री ने कहा, "अच्छा स्वास्थ्य मानव प्रगति  की आधारशिला है। इस विश्व स्वास्थ्य दिवस पर मैं शुभकामना देता हूं कि आप सभी पूर्ण रूप से स्वस्थ बने रहें और विकास की नयी ऊंचाइयों को पार करते रहें।


मैं 'सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा दायरा: सभी के लिये, सभी जगह' विषय वस्तु का स्वागत करता हूं जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं अन्यों ने चुना है। सभी के लिये स्वास्थ्य सुरक्षा की तलाश ने ही हमें आयुष्मान भारत योजना बनाने के लिये प्रेरित किया जो कि विश्व में सबसे बड़ा स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम है।"

नेशनल लोक अदालत अब 22 अप्रैल को

नेशनल लोक अदालत अब 22 अप्रैल को


राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में नेशनल लोक अदालत का आयोजन अब 22 अप्रैल को जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर दुर्ग, कुटुम्ब न्यायालय, तहसील न्यायालय भिलाई-2 एवं पाटन में किया जाएगा। 

ज्ञातव्य हो कि विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार पूर्व में लोक अदालत का आयोजन 14 अप्रैल को किया जाना था, जिसे परिवर्तित किया गया है। जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री आर.के. अग्रवाल ने नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु आश्वयक निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में न्यायालय स्थापना में पदस्थ सभी न्यायाधीशों, बीमा कंपनियों, विद्युत अधिकारियों एवं अधिवक्तागणों की बैठक लेकर अधिक से अधिक संख्या में प्रकरणों को चिन्हांकित कर उनका निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। 

नेशनल लोक अदालत में दांडिक राजीनामा योग्य मामलों, पारिवारिक एवं वैवाहिक मामलों, सिविल मामलों, धारा-138 परकाम्य लिखित अधिनियम, मोटर दुर्घटना के प्रकरणों, विद्युत बिल एवं विद्युत चोरी एवं प्री-लिटिगेशन के मामलों की सुनवाई एवं निराकण किया जाएगा।

जनहित याचिका क्या है, क्यों और कैसे दायर किया जाता है ?

जनहित याचिका क्या  है, क्यों और  कैसे  दायर  किया  जाता है  ?


जनहित याचिका (PIL - Public Interest Litigation) वह याचिका है, जो कि आम नागरिकों के सामूहिक हितों की रक्षा के लिए न्यायालय में दायर की जाती है। कोई भी व्यक्ति जनहित (प्राइवेट इंट्रेस्ट लिटिगेशन) या सार्वजनिक महत्व के किसी मामले के विरूद्ध, जिसमें किसी वर्ग या समुदाय के हित या उनके मौलिक अधिकार प्रभावित हुए हों, जनहित याचिका (पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन) के जरिए न्यायालय की शरण ले सकता है।

विदित हो कि 1981 में अखिल भारतीय शोषित कर्मचारी संघ (रेलवे) बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के केस में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी. आर. कृष्णाय्यर ने अपने फैसले में कहा था कि कोई गैर-रजिस्टर्ड असोसिएशन ही संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत रिट दायर कर सकता है। इसके बाद अपने एक जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ‘‘आम लोगों के अधिकारों को नकारा नहीं जा सकता।’’ जिसे देखते हुए अगर कोई शख्स हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर करना चाहे तो वह अधिवक्ता के माध्यम से अथवा लेटर लिखकर भी समस्या के बारे में सूचित कर सकता है जिसपर अदालत चाहे तो लेटर को जनहित याचिका में बदल सकती है। 

पीआईएल दो प्रकार के होते हैं, एक प्राइवेट इंट्रेस्ट लिटिगेशन और दूसरा पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन। प्राइवेट इंट्रेस्ट लिटिगेशन में पीड़ित खुद याचिका दायर करता है। इसके लिए उसे संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत सुप्रीम कोर्ट और अनुच्छेद-226 के तहत हाई कोर्ट में याचिका दायर करने का अधिकार है। याचिकाकर्ता को अदालत को बताना होता है कि उसके मूल अधिकार का कैसे उल्लंघन हो रहा है। पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (जनहित याचिका) दायर करने के लिए याचिकाकर्ता को यह बताना होगा कि कैसे आम लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है? कोई भी व्यक्ति जो सामाजिक हितों के बारे में सोच रखता हो, वह जनहित याचिका दायर कर सकता है। इसके लिये यह जरूरी नहीं कि उसका व्यक्तिगत हित भी सम्मिलित हो। 

जनहित याचिका को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के अन्तर्गत उच्चतम न्यायालय के समक्ष और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के अन्तर्गत उच्च न्यायालय के समक्ष दायर की जा सकती है। जनहित याचिका दायर करने के लिए यह जरूरी है, कि लोगों के सामूहिक हितों जैसे सरकार के कोई फैसले या योजना, जिसका बुरा असर लोगों पर पड़ा हो। किसी एक व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन होने पर भी जनहित याचिका दायर की जा सकती है। जनहित याचिका केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, नगर पालिका परिषद और किसी भी सरकारी विभाग के विरूद्ध दायर की जा सकती है। ज्ञातव्य हो कि यह याचिका किसी निजी पक्ष के विरूद्ध दायर नहीं की जा सकती। लेकिन अगर किसी निजी पक्ष या कम्पनी के कारण जनहितों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा हो, तो उस पक्ष या कम्पनी को सरकार के साथ प्रतिवादी के रूप में सम्मिलित किया जा सकता है। 


संविधान में मिले मूल अधिकार के उल्लंघन के मामले में दायर की जाने वाली याचिका में सरकार को प्रतिवादी बनाया जाता है क्योंकि मूल अधिकार की रक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है। याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत सरकार को नोटिस जारी करती है और तब सुनवाई शुरू होती है।

जनहित याचिका ठीक उसी प्रकार से दायर की जाती है, जिस प्रकार से रिट (आदेश) याचिका दायर की जाती है। उच्चतम न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करने के लिये याचिका की पाँच छाया प्रति दाखिल करनी होती हैं। जिस संबंध में प्रतिवादी को याचिका की छाया प्रति सूचना आदेश के पारित होने के बाद ही दी जाती है।

प्रश्न: क्या साधारण पत्र के जरिये भी जनहित याचिका दायर की जा सकती है?
उत्तर: हां, जनहित याचिका खत या पत्र के द्वारा भी दायर की जा सकती है। पत्र के माध्यम से जनहित याचिका दायर करने हेतु माननीय चीफ जस्टिस महोदय, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, तिलक मार्ग, नई दिल्ली- 110001 अथवा छत्तीसगढ़ राज्य के निवासी राज्य क्षेत्र में जनहित के लिए माननीय चीफ जस्टिस महोदय, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर को प्रकरण के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य एवं तथ्य के तर्क में प्रमाणित दस्तावेज की काॅपी संलग्न कर भेज सकते हैं।


प्रश्न: क्या जनहित याचिका को दायर करने व उसकी सुनवाई के लिये वकील आवश्यक है?
उत्तर: जनहित याचिका के लिये वकील होना जरूरी है परन्तु राष्ट्रीय/राज्य या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अन्तर्गत सरकार के द्वारा वकील की सेवाएं प्राप्त कराए जाने का भी प्रावधान है।

जनहित याचिका से संबंधित उच्चतम न्यायालय के कुछ महत्वपूर्ण निर्णय:
ऽ  रूरल लिटिगेशन एण्ड इंटाइटलमेंट केन्द्र बनाम् उत्तर प्रदेश राज्य, और रामशरण बनाम भारत संघ में उच्चतम न्यायालय के कहा कि जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान न्यायालय को प्रक्रिया से संबन्धित औपचारिकताओं में नहीं पड़ना चाहिए।

ऽ  शीला बनाम भारत संघ में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जनहित याचिका को एक बार दायर करने के बाद वापस नहीं लिया जा सकता।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कक्षा छठवीं में प्रवेश हेतु परीक्षा आठ अप्रैल को

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कक्षा छठवीं में प्रवेश हेतु परीक्षा आठ अप्रैल को


आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित एकलव्य आदर्श बालक, बालिका आवासीय विद्यालय दल्लीराजहरा में शैक्षणिक सत्र 2018-19 की कक्षा छठवीं में विद्यार्थियों के प्रवेश परीक्षा का आयोजन आठ अप्रैल 2018 को समय प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक किया जाएगा। 

आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री आर.एस.भोई ने बताया कि परीक्षा आयोजन के लिए विकासखण्ड मुख्यालय डौण्डी में शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थी अपने-अपने क्षेत्र के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी से प्रवेश पत्र प्राप्त कर परीक्षा केन्द्र में आठ अप्रैल को उपस्थित हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा केन्द्र में रोल नम्बर 6001 से 6402 तक कुल 402 छात्र-छात्राओं की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री से असम के सतनामी समाज के प्रतिनिधि मंडल की सौजन्य मुलाकात

मुख्यमंत्री से असम के सतनामी समाज के प्रतिनिधि मंडल की सौजन्य मुलाकात


मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से कल रात यहां उनके निवास कार्यालय में असम से आए सतनामी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद और समाजसेवी मिनीमाता की जन्म स्थली असम के ढोलगांव में मिनी माता स्मारक का निर्माण कराने का आग्रह किया। 

सतनाम धर्म को संवैधानिक मान्यता प्रदान करने बाबत् माननीय राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन


मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को बताया कि असम के मुख्यमंत्री को उन्होंने इस संबंध में पत्र लिखा है। प्रतिनिधि मंडल में डॉ. जे.आर. सोनी सहित सर्वश्री अशोक तिवारी, मदन सतनामी, विमल सतनामी, मिलन सतनामी, जोगेश्वर सतनामी, हीरामन सतनामी और जी.आर. बाघमारे शामिल थे।


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