"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


मंगलवार, जुलाई 30, 2019

मैं दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बहानेबाज हूं : हुलेश्वर जोशी के अनोखे बहाने

मैं दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बहाने बाज हूं : हुलेश्वर जोशी के अनोखे बहाने


मैं दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बहानेबाज हूँ। इस श्रेष्ठता से मैं अलग नहीं होना चाहता; क्योंकि मुझमें महान होने की चाहत हर बात में हैं। हर समय, हर स्थिति में मुझे महान और श्रेष्ठ ही होना है। चाहे बात धर्म की हो या अधर्म की। चाहे योद्धा बनने का हो या दानदाता होने का। चाहे कपट करने का हो या प्रेम करने की। चाहे हिंसा करने की हो या अहिंसा की। चाहे लोगों को ख़ुशी देने की बात हो या ख़ुशी छीनने का। मुझे हर स्थिति में, हर पल, हर क्षण, चाहे शर्त कुछ भी हो मुझे महान ही रहना है। मुझसे महान किसी और को मैं होने ही नहीं देना चाहता। इसके लिये मैं करोड़ों षड्यंत्र और लाखों हिंसा करने को तैयार हूँ। अंततः चाहे क्यों न कोई सच में मुझसे महान हो, मगर मैं उन्हें महान स्वीकार नहीं करूँगा।

          चलिए मैं अपने कुछ प्रमुख बहाने के मूल सिद्धांत से आपको अवगत करा देता हूँ। क्या पता जीवन का, कब निपट जाऊँ? जीवन की कोई गारँटी तो है नही।

          वैसे मेरे एक ज्योतिष मित्र ने मुझे 101 वर्ष की उम्र तक निरोगी और सुःखमय जीवन जीने की भविष्यवाणी किया है। मैंने उनसे कहा कि अमर होना चाहता हूँ वे कहने लगे “जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च।” क्योंकि जन्म लेनेवाले की मृत्यु निश्चित है, और मरे हुओं का जन्म निश्चित है। इसलिए आपको अमर होने के सपने देखना छोड़ देने चाहिए। मैंने कहा- मैं महान हूँ। श्रेष्ठ हूँ। आम आदमी की भाँति नहीं हूँ। अतः मुझे तो अमरता ही चाहिए। वे मौन धारण कर लिये। मैंने पुनः कहा कुछ आराध्य आज भी जिन्दा हैं क्या?

          मान्यवर चुप!

          मैं एक दिन अपनी दादी माँ कली देवी जोशी से पूछ लिया माँ मुझे अमर होना है। अमरता के लिए क्या करूं? उन्होंने मुझे बताया आप अवश्य ही अमर हो सकते हैं। यदि आपके कार्य अमरता के लायक हो। अवश्य ही मनुष्य को अमर होने का प्रयास करना चाहिए। कुछ महान कार्य इंसान को अमरता प्रदान कर सकता है।

          मैंने पूछा माँ क्या इच्छाशक्ति को जागृत करने से अमरता मिल सकता है? उन्होंने बताया केवल इच्छाशक्ति मात्र नहीं। हालाँकि इच्छा शक्ति एक आवश्यक तत्व है। मैंने पूछा माँ मुझे बताईए क्या मैं खाशाराम के बनाए रास्ते पर चलकर अमर हो सकता हूँ? उन्होंने बताया नहीं, यह पूर्णतः अमानवीय, अप्राकृतिक और धूर्ततापूर्ण सोच है। यदि आपको अमर होना है तो आपको यह जान लेना आवश्यक है कि अभी तक शारीरिक अमरता संभव नहीं है। शायद वैज्ञानिक विज्ञान के साथ मिलकर Gene Editing के माध्यम से बहुत समय बाद शरीर को भी सुरक्षित रख सकें। संभव है विज्ञान के माध्यम से शरीर का Clone या दूसरा कुछ विकल्प बनाकर जीवन को स्थानांतरित किया जा सके या ऐसा भी संभव है कि विज्ञान शरीर की कोशिकाओं के जीवन और मृत्यु को संतुलित करके आपकी मूल भावना, स्मरणशक्ति, शारीरिक बनावट या अन्य महत्वपूर्ण चीज़ों को संचित किया जा सके।

          वर्तमान में जिस प्रकार से Organ और Tissue को Transplant किया जाता है ठीक वैसे ही जीवन को Transplant करने की आज तक ऐसा कोई भी वैध या अवैध यंत्र-मंत्र नहीं है जिससे आपको अमर किया जा सके।

          यदि आप बेवकूफ नहीं हैं तो आप भली भाँति इस बात को जानते हैं कि आज तक ऐसी कोई युक्ति नहीं हुई जिससे कोई अमर हो सके। वर्तमान तक जब भी अमरता की बात होती है केवल और केवल नाम की ही अमरता की बात होती रही है जिसे कुछ मूर्ख शरीर की अमरता के लिए व्यर्थ प्रयास करते रहते हैं।

          मैंने पूछा माँ मैं अच्छा बहानेबाज हूँ। मुझे लगता है मैं श्रेष्ठ और महान बहानेबाज हूँ तो क्या मेरा नाम बहानेबाजी के लिए अमर हो सकता है? उन्होंने कहा अवश्य ऐसा संभव है। जब तक कोई आपसे अधिक अच्छा बहानेबाज हो जाए आपका नाम बहानेबाज का पर्याय बन सकता है। ठीक वैसे ही जैसे नत्थुलाल के मुंछ बीरबल की खिचड़ीऔर हजारी लाल के सपने यह भी नाम की अमरता ही है। दादी माँ की तर्क सुनकर मैंने सोचा। निष्कर्ष में पहुँचा कि संभव है कि मैं भी अपने बहानों के लिए अमर हो जाऊँ इसलिए मैं बचपन से लेकर आज तक किये गए अपने बहाने को लिखकर संधारित और प्रचारित करने का प्रयास कर रहा हूँ। जिसमें से मेरे सात प्रमुख बहाने कुछ इस प्रकार है :-

@ मैं अपने बहानों के माध्यम से हार की, काम की और जीत की जिम्मेदारियों से बच जाता हूँ फिर कार्य करने का ठेका क्यों लूँ?

@ मैं संभावनाओं की तलाश करने की, जिम्मेदारियों से बच कर जीवन को प्रकृति के साथ छोड़ देता हूँ फिर बेवजह मेहनत करने का क्या मतलब?

@ मेरे पास इतनी बुद्धि नहीं है अथवा मैं मूर्ख नहीं हूँ जो ये करूँ यह जानते हुए कि इसमें असफलता संभाव्य है।

@ अभी मेरा उम्र नहीं हुआ है अथवा मेरा उम्र इसके लायक नहीं रहा।

@ मेरा स्वास्थ्य अभी तो अव्वल दर्जे का है। मुझे योग और व्यायाम की क्या जरूरत? अथवा मेरा स्वास्थ्य इतना अच्छा नहीं कि मैं यह कर सकूँ?

@ मैं भाग्यशाली हूँ कि मेरे पास सब कुछ है। मुझे और कुछ चीज़़ की आवश्यकता ही नहीं।

@ “परन्तु ऐसा तो कर सकता हूँ।’’ की संभावना के बावजूद ऐसा भी नहीं कर सकता का बहाना बना लेता हूँ।

          ये ऐसे बहाने है जिसे केवल मैं नहीं बल्कि आप भी अक्सर उपयोग में लाते हैं। मैं स्वयं विश्व के सबसे महान और श्रेष्ठ बहानेबाज अर्थात बहानेबाजों के ईश्वर बनने की सोच रहा हूँ इसलिए मुझे अपने बहाने से बचने की कोई जरूरत ही नहीं हैं। किन्तु यदि आपको अपने बहाना करने की आदत से मुक्ति पाना हैं तो आपसे अनुरोध है कि आप नीचे दी जा रही इन सात उपाय को आजमाएँ। संभव है आप अपने बहानेबाजी के आदत से मुक्त हो जाएँगे और सफल जीवन की ओर अग्रसर हो जाएँगे, ताकि मेरा रिकॉर्ड बरकरार रहे :-

@ अपने कार्य की जिम्मेदारी स्वयं लें, दूसरों पर टालें।

@ अपने हर पराजय की, हर असफलताओं की जिम्मेदारी स्वयं लें और सभी सहयोगियों का आभार प्रकट करें।

@ रोज कुछ सीखें और परोपकार के लिए कुछ अच्छा करें।

@ अपने स्वयं की अथवा आसपास के सफल और असफल लोगों के सफलताओं और असफलताओं की नियमित रूप से समीक्षा करें तथा समीक्षा से प्रेरणा लें।

@ अपने निंदकों और दुश्मनों को मार्गदर्शक अथवा प्रेरणास्त्रोत मान लें।

@ कार्य चाहे कितना ही क्यों मुश्किल लगे, संभावनाओं की तलाश जरूर करें।

@ परन्तु का विकल्प हमेशा रखें। अर्थात “ऐसा भले ही कर सकूं परन्तु इससे बेहतर ऐसा तो कर ही सकता हूँ।”

          आपको बता दूँ कि बहानेबाज लोग स्वयं को बहुत Smart और Successful व्यक्ति मानने का भ्रम पाल लेते हैं। जबकि वास्तव में वो उससे भी अधिक Smart और Successful Personality को प्राप्त कर सकते हैं। यदि वो अपने बहानेबाजी से परहेज कर दें। एक बार मेरी एक सहपाठी मुझसे कही थी “आप बहानेबाजी करेंगे तो जीवन में सफलता तो दूर की बात है आप अपने रक्त संबंधियों का विश्वास भी नहीं जीत सकेंगे।”

          कृपया आप अपने बहानेबाजी को छोड़कर अपने लक्ष्य के अनुरूप थोड़ी मेहनत करना शुरू कर लें। बहानेबाज लोग वास्तव में असल जीवन में असफल और निराशायुक्त जीवन जीने को मजबूर होते हैं। यदि आप भी असल जीवन में असफल और निराशायुक्त जीवन शैली को अपनाना चाहते हैं तो बहानेबाजी में मुझसे प्रतियोगिता कर लीजिए। क्या पता शायद आपको सर्वश्रेष्ठ बहानेबाज का खिताब मैं स्वयं ही दे दूँ। ख़्याल रखना Repeating Negative Thoughts i.e. Having Negative Thoughts Is A Solid Step Towards Suicide. “नकारात्मक विचारों की पुनरावृत्ति करना अर्थात नकारात्मक विचारधारा रखना आत्महत्या श्रेणी की एक ठोस कदम है।” अतः आपसे अनुरोध है कि आप सदैव सकारात्मक रहें। सकारात्मक सोच से सकारात्मक उर्जा मिलती है जो आपके जीवन को सफल और सुःखद बनाने के लिए निहायत जरूरी है।

सोमवार, जुलाई 22, 2019

मै शिवभक्त हूं और आसपास शिवमन्दिर नहीं, क्या करूं?? क्या विकल्प है????

मै शिवभक्त हूं और आसपास शिवमन्दिर नहीं, क्या करूं?? क्या विकल्प है????
श्रावण सोमवार 
शिव सर्वशक्तिमान भगवान हैं इसलिए कुछ ज्ञानियों ने इनका आराधना, पूजा अथवा आभारप्रकट करना अत्यंत आवश्यक बताया है। ऐसे में हर स्थान पर शिवमन्दिर में शिवलिंग की उपलब्धता भी आवश्यक हो जाता है, मगर ऐसा संभव न हो तो उसका विकल्प भी उपलब्ध है। माता श्यामा देवी शिवभक्तों के लिए निम्नानुसार विकल्प बताती हैं :-

# शिवभक्त शिवजी का आभार प्रकट करने के लिए स्वयं मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण करके उसका आभार प्रकट करें, अभिषेक वर्षा के जल से ही होगी, परन्तु पुष्प अथवा/और फल जरूर चढ़ाएं । (मिट्टी स्वच्छ भूमि अर्थात खेतों अथवा मेड के कच्चे मिट्टी से बनाया जावे, जिसमें शिवलिंग बनाने के लिए पृथक से पानी डालने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।) ऐसा वर्ष में केवल एक बार करना ही साधक के लिए पर्याप्त है। 

# पिता ही साक्षात् परब्रह्म परमात्मा है, ब्रम्हा, विष्णु और महेश है। इसलिए इनका पैर पखारा जावे तो त्रिदेवों की पूजा स्वतः हो जाती है। पहले साफ जल से पिता का पैर धोएं, उसके बाद बर्तन में पैर रखकर बारी बारी से दूध और जल अथवा केवल जल या दूध से पैर पखरें और उसका पान करें।

# यदि उपरोक्त दोनों ही विकल्प उपलब्ध न हो तो, भक्त को यह जानना भी आवश्यक है कि समस्त ब्रम्हांड केवल 5 ज्ञात तत्वों के योग से निर्मित है उन्हीं तत्वों में स्वेम श्री शिव भी स्थापित हैं अर्थात प्रकृति का संपूर्ण स्वरूप को शिव मान कर उनका आभार प्रकट किया जावे।


बुधवार, जुलाई 17, 2019

छत्तीसगढ़ पुलिस के ‘‘सिटीजन काॅप’’ - मोबाईल एप्लीकेशन के प्रमुख लक्ष्य क्या है?

छत्तीसगढ़ पुलिस के ‘‘सिटीजन काॅप’’ - मोबाईल एप्लीकेशन के प्रमुख लक्ष्य क्या है? 


अतिरिक्त महानिदेशक श्री जीपी सिंह द्वारा सर्वप्रथम रायपुर संभाग के जिलों में वर्ष 2015 में लागू कराया गया, इसके बाद एप्प के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए दुर्ग संभाग के जिलों में भी लागू किया गया है। सिटीजन काॅप मोबाईल एप्लीकोशन को, वर्तमान में पूरे प्रदेश में इसके लगभग 1 लाख 25 हजार सक्रिय उपयोगकर्ता हैं, जो अपराध मुक्त राज्य के निर्माण में अपना योगदान दे रहें है। वर्तमान में यह एप्लीकेशन प्रदेश के 11 जिलों में प्रभावी है।

1 Lac 23,900 Active Users of Citizen COP 


छत्तीसगढ़ पुलिस के ‘‘सिटीजन काॅप’’ - मोबाईल एप्लीकेशन के प्रमुख लक्ष्य निम्नानुसर हैं:-
  • ‘‘डिजिटल थाना’’ और ‘‘स्मार्ट पुलिसिंग’’ को लागू करना।
  • ‘‘हर हांथ पुलिस - हर आंख पुलिस’’ के सिद्धांत को लागू करना। अर्थात् प्रदेश का हर नागरिक अपराध मुक्त समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकता है और पुलिस अधिकारी/गोपनीय पुलिस के रूप में कार्य कर सकता है।
  • ’’सीमा-मुक्त पुलिसिंग’’ की गारंटी। अर्थात शिकायतकर्ता देश/विदेश में कही भी रहकर, राज्य से संबंधित अपराध की सूचना/शिकायत कर सकता है।
  • आम नागरिकों और पुलिस प्रशासन के बीच ‘‘आन-क्लिक कम्युनिकेशन‘‘ स्थापित करना।
  • ‘‘आसान अपराध रिपोर्टिंग’’ एवं कार्यवाही की आन-स्क्रीन अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराना।
  • वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं एवं बच्चों के लिए ‘‘क्लिक आन सिक्योरिटी रिक्वेस्ट’’ की सुविधा प्रदान करना।
  • ‘‘सिक्योर गोपनीय पुलिसिंग’’ के तहत् अपराधिक गतिविधियों अथवा अपराधियों के संबंध में सूचना/शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता/सूचना देने वाले व्यक्ति की गोपनीयता की गारंटी देना।
  • ‘‘छोटे-से-छोटे अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण’’ करना। क्योंकि छोटे-छोटे अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण होने से बडी अपराध/घटनाएं घटित ही नही होगी।
  • यौन उत्पीडन, प्रताडना, घरेलू हिंसा, छेडखानी, भ्रष्टाचार एवं धोखाधडी, सहित समस्त प्रकार के अपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने में पुलिस के सहयोग हेतु आम नागरिकों को जागरूक करना।
  • छोटे-छोटे कार्य, सूचनाओं के आदान प्रदान एवं कार्यवाही की अद्यतन स्थिति के लिए पुलिस अधिकारियों/थाने के चक्कर लगाने की अनिवार्यता को समाप्त करना तथा समय एवं धन की अनावश्यक बर्बादी को रोकना। आवश्यक दस्तावेजों अथवा सामग्री के गुम/चोरी होने संबंधी प्रकरण में प्रार्थी को उसके ई-मेल आईडी में तत्काल आटो-जनरेटेड पावती उपलब्ध कराना।
  • परम्परागत पुलिसिंग के कमियों को दूर करना और पुलिस सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाना।
  • डिजिटल यूग के अनुरूप पुलिस के कार्य में गुणवत्ता लाना, कार्य के दबाव को कम करना एवं दस्तावेज के औपचारिकता को हतोत्साहित करते हुए साॅफ्टकाॅपी संधारण प्रक्रिया लागू करना।


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छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा संचालित सिटीजन काॅप - मोबाईल एप्लीकेशन के लगभग सवा लाख सक्रिय उयोगकर्ता

छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा संचालित सिटीजन काॅप - मोबाईल एप्लीकेशन के लगभग सवा लाख सक्रिय उयोगकर्ता 

छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा संचालित सिटीजन काॅप - मोबाईल एप्लीकेशन के लगभग सवा लाख सक्रिय उयोगकर्ता हैं जो अपराध मुक्त समाज की पुनस्र्थापना में अपना योगदान दे रहे है। 

यहां उल्लेखनीय है कि सिटीजन काॅप - मोबाईल एप्लीकेशन छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में भिन्न-भिन्न अवधियों से प्रभावी है, 10, जूलाई-2018 की स्थिति में कुल 1,23,920 सक्रिय उपयोगकर्ता है। इस एप्प के माध्यम से पुलिस को 12,436 शिकायतें/सूचनायें प्राप्त हुई है, जिसमें से 6,843 शिकायतों/सूचनाओं पर कार्यवाही करते हुए 4,598 शिकायतकर्ताओं को सीधे लाभ पहुंचाया गया है, शेष पर कार्यवाही की जा रही है जबकि 3,658 सूचनाएं कार्यवाही योग्य नहीं है। इसके अलावा एस.ओ.एस. के माध्यम से आम-नागरिको, विशेषकर महिला एवं बुजुर्गों द्वारा 3,260 प्रकरण में पुलिस सहायता की मांग की गई है जिसपर पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए सुरक्षा खतरा के अनुरूप कार्यवाही किया गया है। एप्प के माध्यम से गुम/चोरी के कुल 9,209 प्रकरण प्राप्त हुई है जिन्हें थाना के चक्कर लगाए बिना, आटो-जनरेटेड ई-मेल के माध्यम से पावती उपलब्ध कराई गई है। 

एडीजी श्री जीपी सिंह के अधीन कार्यरत् मोबाईल रिकवरी टीम द्वारा रायपुर रेंज में पदस्थापना के दौरान लगभग दो माह के भीतर 70 से अधिक चोरी/गुम मोबाईल रिकवर कर संबंधित मोबाइल मालिकों को लौटाये गये थे, जबकि दुर्ग रेंज में लगभग 5माह के समयावधि में लगभग 285 नग मोबाईल फोन रिकवर कर संबंधित मोबाईल फोन के मूल मालिकों को लौटाया गया है।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जनसुरक्षा व प्रभावी पुलिसिंग के लिये सक्रिय जनभागीदारी होना आवश्यक है। सुरक्षित वातावरण के निर्माण में आम नागरिकों की भागीदारी को अधिक व्यापक एवं सशक्त करने के उद्देश्य से दिनांक 08/09/2015 को अतिरिक्त महानिदेशक श्री जीपी सिंह (तात्कालीन आईजी रायपुर) द्वारा रायपुर रेंज के अंतर्गत आने वाले 05 जिलों रायपुर, धमतरी, महासमुन्द, बलौदाबाजार एवं गरियाबंद में "सिटीजन काॅप" मोबाईल एप्प का शुभांरभ किया गया इसके पश्चात् इसके सकारात्मक परिणाम को देखते हुए इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे छत्तीसगढ़ में लागू करने की कार्ययोजना तैयार किया जाकर द्वितीय चरण में दूर्ग संभाग के दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिला में 29/03/2018 को लागू किया गया है। इसके साथ ही बिलासपुर संभाग के मुंगेली जिला में भी सिटीजन काॅप को लागू किया गया है।

महिलाओं, बच्चों एवं कमजोर वर्ग से जुड़े व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में यह मोबाईल एप्प अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ है। "सिटीजन काॅप" के नाम के अनुरूप इस मोबाइल एप्प की मदद से कोई भी आम नागरिक बिना अपनी पहचान जाहिर किये, अपने आसपास हो रहे गैर कानूनी कार्यों, अपराध, किसी घटना/दुर्घटना की जानकारी पुलिस को दे सकते हैं। आपातकालीन परिस्थितियों में पुलिस की त्वरित सहायता भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उसे स्वयं किसी थाने अथवा किसी पुलिस अधिकारी तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस तरह एक सामान्य व्यक्ति भी इस एप्प की मदद से सिर्फ एक बटन दबाकर अपनी पहचान जाहिर किये बिना एक पुलिस काॅप की भांति जनसुरक्षा सुनिश्चित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। सिटीजन काॅप हर नागरिक को पुलिस अधिकारी के रूप में कार्य करने की सुविधा देती है। इस मोबाइल एप्प को कोई भी व्यक्ति Google play store अथवा Apple app store से अपने मोबाइल में Free download कर उपयोग कर सकता है।

सिटीजन काॅप लागू होले के पहले लोगों की शिकायत रहती थी कि उन्हें छोटे-छोटे काम के लिए थाना के चक्कर काटना पडता है जिससे समय की अनावश्यक बरबादी होती है। परेशानियों को देखते हुए श्री सिंह द्वारा टेक्नाॅलाजी से पुलिसिंग की नई पहल की है। सिटीजन काॅप पर की गई हर शिकायत रिकार्ड में रहती है और विशेष रूप से गोपनीयता का ध्यान रखा जाता है।


सिटीजन काॅप को प्राप्त प्रमुख अवार्ड:- 
उल्लेखनीय है कि इस एप्लीकेशन को Ministry of Electronics & Information Technology (MeitY) Govt of India द्वारा दिनांक 19.12.2016 को Digital India Awards – 2016 सम्मानित किया गया है एवं Federation of India Chambers of Commerce and Industry (FICCI) New Delhi द्वारा 05/05/2015 को Smart Policing Award - 2016 से सम्मानित किया गया है तथा इंडिया टूडे व एचपी के माध्यम से दिनांक 27/05/2016 को The Digital India Conclave – Digital Trailblazers Award से सम्मानित किया गया। 


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