"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


मंगलवार, सितंबर 17, 2019

इन 09 उपाय से आप हर महीने लाखों रुपये बचा सकते हैं, एक बार अपनाएं जीवन भर आएगा काम

आर्थिक हानि से बचने के अचूक नुक्से, इन 09 सुझाव को मानेंगे तो कभी भी पुलिस आपकी चालान नहीं काट पाएगी

जीवन अनमोल है चाहे आपकी हो या किसी अन्य की इसलिए यातायात नियमों का अवश्य पालन करें, यातायात नियम का पालन पुलिस और चालान से ही नहीं वरन् मृत्यु से भी बचाती है। इसलिए कुछ बेहद जरूरी बातें आपसे शेयर किया जा रहा है।

मोटर साइकिल अथवा कार चलाते समय आपके पास निम्नांकित दस्तावेज होना अनिवार्य है :-
1- ड्रायविंग लायसेंस (स्वयं की)।
2- आर सी बुक (संबंधित वाहन की)।
3- वाहन बीमा - जीवित होनी चाहिए (थर्ड पार्टी बिना अवश्य कराएं)।
4- पर्यावरण प्रदूषण का प्रमाण पत्र (6 माह से अधिक अवधि न हुआ हो)।
5- दो पहिया वाहन चालन के समय हेलमेट अवश्य पहनें, हेलमेट सुरक्षा मानकों के अनुरूप होनी चाहिए, कुछ लोग फैंसी हेलमेट पहनते हैं जो अनुचित है।


आप उपरोक्त दस्तावेज DIGILocker में भी रख सकते हैं जो पुलिस द्वारा मान्य होगी।

डिजिलॉकर शासन द्वारा प्रायोजित मोबाइल एप्लीकेशन है जो बिलकुल सुरक्षित और लीगल है।  
DIGILocker को प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

उपरोक्त दस्तावेजों के अलावा ध्यान देने योग्य बातें, जो आपको आर्थिक हानि होने से बचने के लिए अवश्य पालन करना चाहिए -
6- कार चलाते समय सीट बेल्ट बांधे, आपके बाजू सीट वाले सहयात्री को भी सीट बेल्ट बांधना अनिवार्य है।
7- यातायात नियमों का उल्लघंन न करें। ट्रैफिक सिग्नल न तोड़ें, गलत दिशा में वाहन न चलाएं, स्पीड लिमिट का ध्यान रखें और एम्बुलेंस को रास्ता दें।
8- वाहन चालन के दौरान शराब, नशीले दवाईयों का सेवन न किया हो।
9- वाहन चालन के दौरान मोबाइल से बात न करें, आवश्यक हो तो वाहन किनारे में रोक कर बात करें।

HP Joshi
Atal Nagar, Nawa Raipur, Chhattisgarh 

रविवार, सितंबर 15, 2019

जब तक सबकी भाषा एक नहीं होगी, देश में असमानता रहेगी : एचपी जोशी

हिंदी दिवस विशेष लेख! 

एक दिन बाद हिंदी दिवस की शुभकामनाएं, क्योंकि हमारी प्राथमिकता अंग्रेजी हो चुकी है साथ ही हमारी हिन्दी लंगड़ी भी तो हो चुकी है जो अंग्रेजी के बैसाखी बिना नहीं चल पाती।

मै हिन्दू हूं, हिंदीभाषी होने पर गर्व है कहने मात्र से क्या होना है जब आप अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ाते हैं और उन्हें हिंदी में हिंदी लिखना नहीं आता, हिंदी के "ग्रामर" को "ग्रमार" लिखते हों।

यह जो "हमें हिंदीभाषी होने पर गर्व है" केवल लोगों को गुमराह करने का तरीका है आपस में समाज को विभाजित करने और दूरी बढ़ाने का तरीका है। क्योंकि मेरा मानना है जब तक पूरे देश के लोग एक भाषा या एक बोली नहीं जान पाएंगे एक दूसरे की भावनाओं को समझ नहीं पाएंगे। एक दूसरे कि जरूरत को समझ नहीं पाएंगे, एक दूसरे को अपना नहीं मान पाएंगे, एक दूसरे को गैर ही समझते रहेंगे।

आइए, देश के आम नागरिकों को गुमराह करना छोड़ें, सच्चे दिल से सभी जाति, धर्म के लोगों से जुड़ें, अफवाहों के बजाय अंतरात्मा की आवाज से पुकारें।

"हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं, रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक है" संकल्प को दोहराएं, मगर इस संयुक्त वाक्य के दूसरे भाग में थोड़ा संशोधन करने का प्रयास करें। ""भाषा" अनेक को" विलोपित करें और संकल्प लें कि हम सभी भारतीय नागरिकों में एकता, भाईचारे और बंधुत्व के लिए कम्युनिकेशन के लिए ही जरिया का इस्तेमाल करेंगे, अर्थात देश के हर नागरिक चाहे उन्हीं भाषा बोली कुछ भी हो मगर एक ऐसी राष्ट्रीय भाषा को अपनाएंगे, जिसे देश का अंतिम व्यक्ति भी जानता हो, समझता हो।

एचपी जोशी
अटल नगर, नवा रायपुर, छत्तीसगढ़

शुक्रवार, सितंबर 13, 2019

विधि विरूद्ध संबोधनों के खिलाफ, एकजूट होने की जरूरत - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी

आज देश में कुछ संबोधन को शासन द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है इसके बावजूद कुछ लोग और कुछ समाज इनके प्रयोग से परहेज नही कर पा रहे हैं। 

भारत सरकार द्वारा कुछ संबोधन जैसे चमार और हरिजन इत्यादि प्रतिबंधित है इसके बावजूद ऐसे प्रतिबंधित संबोधन से किसी व्यक्ति अथवा जाति समूह को संबोधित करना अनुचित और असंवैधानिक है। यदि इन संबोधन का किसी व्यक्ति अथवा समाज के लिए प्रयोग किया जाता है तो इसे लोगों/संस्था के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराया जावे।

ऐसे संबोधन को सुनना और स्वीकारना भी अनुचित है, नियमानुसार विरोध आवश्यक है। परन्तु बल पूर्वक नहीं बल्कि कानून के दायरे में रहकर, अन्यथा उस संबंधित आरोपी से पहले आपको जेल जाना पड़ सकता है।


आज भी छुआछूत की जड़ें ग्रामीण क्षेत्रों में है मजबूत - एच पी जोशी


यह कहानी छुआछूत और उच्च नीच की एक बेजुबान कहानी है, जो समाज में व्याप्त बुराइयों को रंगीन नहीं बल्कि पारदर्शी चश्मे से देखने को प्रेरित करती है।  

बीती रात से मैं बहुत दुखी हूं क्यों कि  मेरी पत्नी अपने मायके में चल रही सामाजिक व्यवस्था के बारे में पुनः बताई मुझे जानकारी दी, इसीलिए ये लेख लिख रहा हूं, आपसे अनुरोध है छत्तीसगढ़ी व्यंग सहित देश के ग्रामीण सामाजिक स्थिति को जानने के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

कहानी :
ढोलू राम कहिथे : सगा, जगमोहन के डौकी ह काली नल म पानी भरत राहत, ओतके समय सुकलू के टुरा ह नल ल छु दिस, त का गजब होगे??? जगमोहन के डौकी ह जम्मो पानी ल उलद दिस अरु सुकलु के टूरा ल गारी दे लागिस........
बंचू दास बताथे : तय आज तक नई जाने मितान, उखर समाज के मुरुख औरत मन आज भी छुआछूत मानथे, फेर मज़ा के बात हे उखरेच पुरस मन जूठा बीड़ी सिगरेट पिथे त छुआछूत नई मानय।
ढोलू राम कहिथे : सुकलु मन तो शाकाहारी आय, जबकि जगमोहन मन सरे मछरी घालो ल नई बचावय, उच्च नीच कौन???
बंचू दास ढोलू राम ल समझाइए : मितान तय उच्च नीच म झन पर, कोनो उच्च नीच नई होवे, ये सब बिकृत मानसिकता भर तो आय।

Village - XXXXXX, जिला मुंगेली, छत्तीसगढ़ जाकर देखें, आज भी छुआछूत हो रहा है। जब कुछ समाज की महिलाएं नल में पानी भरती हैं तो दूसरे समाज के लोगों को नल नहीं छूना चाहिए, यदि छु देंगे तो वे तब तक पानी को फेकते रहेंगे, तब तक वे अपने बर्तन को धोते रहेंगे तब तक आप न समझ जाएं या जब तक आप भडुआ बेटखया न हो जाएं अथवा आपकी चुरी मुर्दा न निकल जाए। ये परम्परा आज भी छत्तीसगढ़ के समाज में विद्यमान है। ये सुनकर आप कदापि विचलित मत होना क्योंकि छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन पूरे देश के गावों का यही हाल है, हम बोलते हैं कि छुआछूत समाप्त हो गया मगर सबके भीतर यह विद्यमान है, आज भी लोग उच्च नीच के मानसिकता से ग्रसित हैं। सायद वो दिन बहुत देर से ही आएगी जब सभी मानव समाज आपस में भाईचारा और प्रेम से रहना सीख जाएगे। पाठकों से अनुरोध है ऐसी व्यवस्था के खिलाफ लडकर आगे आएं, ऐसी मानसिकता के खिलाफ संवैधानिक तरीके से लडाई लडने की जरूरत है, एक बार लडाई शुरू करके देखिए अच्छा लगेगा।

शनिवार, सितंबर 07, 2019

क्या सतनामी समाज ले पाएगा सतनाम धर्म की संवैधानिक मान्यता ???


क्या सतनामी समाज ले पाएगा सतनाम धर्म की संवैधानिक मान्यता, धर्म बनाने के लिए क्या-क्या है चूनौती ??

जानें क्या कर रहा है सतनामी समाज ???

सतनाम धर्म अभी 6 भाग में है विभक्त, ये छ भाग कौन-कौन से है???

सतनामी एवं सतनाम धर्म विकास परिषद् एवं सतनामी समाज द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर सतनामी सम्मलेन का आयोजन गुरु तेग बहादुर भवन, (राजभवन के पास) रायपुर छत्तीसगढ़ में किया गया। यह सम्मलेन ०२ दिन तक चलेगा, जिसका आज पहला दिन सफलता पूर्वक संचालित हुआ। 

# कल दिनांक 8 सितंबर को सम्मेलन का अंतिम दिवस
# धर्मगुरू रूद्र गुरू होेगे शामिल, समाज को करेंगे संबोधित
# देश-विदेश से लगभग 500 से अधिक सतनामी संत हो रहे हैं शामिल
# आइये इस ऐतिहासिक क्षण में शामिल होने का गौरव प्राप्त करें।
# सतनाम धर्म की संवैधानिक मान्यता पर हो रही है चर्चा
# सतनामी एवं सतनाम धर्म की सर्वांगीण विकास का है लक्ष्य
# सतनामी समाज के लोगों की हो रही धर्मांतरण पर लगेगी रोक


इस सम्मलेन के पहले दिन अर्थात ७ सितम्बर २०१९ को देश विदेश में निवासरत सतनामी समाज के लगभग ५०० से अधिक संत / प्रमुख लोग शामिल हुए। सतनामी समाज द्वारा प्रायोजित सतनामी सम्मलेन का प्रमुख उद्देश्य सतनाम धर्म की संवैधानिक मान्यता को लेकर रहा है।  उल्लेखनीय है कि इस सम्मलेन में सतनामी संतों द्वारा सतनामी समाज के इतिहास, संस्कृति, मान्यता और भविष्य पर विस्तृत चर्चा की गई।  



कल दिनांक ८ सितंबर २०१९ को सम्मलेन का दूसरा और अंतिम दिन होगा, जिसमे सतनामी सामाज के धर्मगुरु रूद्र कुमार गुरु, माननीय मंत्री छत्तीसगढ़ शासन भी शामिल होंगे और सतनामी समाज को नई दिशा देने के लिए अपना सन्देश देंगे।  
वर्तमान में सतनाम धर्म अभी 6 भाग में विभक्त है, सतनामियों के लिए यही सबसे बडी चुनौती भी है:-
1 सतनामी समाज की मूल विचारधारा के लोग
2 सूर्यवंशी समाज
3 रामनामी समाज
4 सतनामी समाज के ऐसे लोग जो हिन्दूवादी विचारधारा से प्रेरित हैं
5 बौद्ध धर्म में धर्मांतरित लोग
6 क्रिश्चयन धर्म में धर्मांतरित लोग


सतनामी एवं सतनाम धर्म विकास परिषद् के पदाधिकारियों और सदस्यों द्वारा सतनामी संतों और समाज के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया है कि वे अखिल भारतीय सतनामी सम्मेलन एवं विचार संगोष्ठी में अनिवार्यरूप शामिल होकर इस ऐतिहासिक पल की साक्षी बनें और समाज के उत्थान में अपना योगदान दें।  

उल्लेखनीय है कि सतनामी एवं सतनाम धर्म विकास परिषद सोशल मिडिया से जन्मा समिति है जो छत्तीसगढ़ शासन से पंजीकृत होकर सतनामी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए वर्ष २०१३ से कार्यरत है। 

 

गुरुवार, सितंबर 05, 2019

मेरे जीवन को शून्य से शिखर तक पहुंचाने में मेरे गुरुजनों का महत्वपूर्ण योगदान - हुलेश्वर जोशी

मेरे जीवन को शून्य से शिखर तक पहुंचाने में मेरे गुरुजनों का महत्वपूर्ण योगदान - हुलेश्वर जोशी


मेरी खुशियों का श्रेय मेरे गुरुजनों को, मेरी सफलता के लिए जिम्मेदार मेरे गुरुजी

आज शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर मैं अपने समस्त गुरुजनों को सादर प्रणाम करता हूं। मै उनके पदचिन्हों पर चलकर ही एक छोटा निरक्षर, भोला भाला बच्चा से जागरूक इंसान बन पाया हूं इसलिए अपने गुरुजनों का आभार प्रकट करता हूं। 


मेरे स्कूल शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले, मुझे सदैव प्रेम और ज्ञान से सिंचित करने वाले निम्नांकित गुरुजन हैं:- 

श्री मंडलोई गुरुजी
श्री अनिल बंजारे गुरुजी
श्री पटेल सर
शासकीय प्राथमिक स्कूल, मनकी

श्री उपासी राम साहू गुरुजी - Head Master
श्री लाल गुरुजी
श्रीमती लाल मैडम
श्री तिग्गा सर
श्री पाण्डेय सर - Head Master
शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल अखरार

श्री विक्टर गुरुजी
श्री तिलगाम सर - Head Master
श्री सौखी लाल पंकज सर
शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक विद्यालय डिण्डौरी

श्री धन्नू लाल पटेल गुरुजी 
श्री बैजनाथ साहू गुरुजी - Principal
श्री राजेंद्र जायसवाल सर 
श्री अरुण कुमार राजपूत सर 
सरस्वती विद्या विहार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अखरार

श्री जीवन लाल साहू गुरुजी - Principal 
श्री मुन्ना लाल सोनी गुरुजी 
श्री महेन्द्र सिंह मार्को गुरुजी 
श्री सुशील तिवारी सर 
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिण्डौरी

श्री हरिश सिंह राज गुरूजी 
सुश्री मधुमालती बाजपेयी मैडम 
श्री दूबे सर 
श्री व्ही के श्रीवास्तव - Principal
श्री प्रहलाल प्रसाद लाठिया
राजीव गांधी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, लोरमी

स्कूल के गुरुजनों के अलावा भी मेरे गुरु हैं जिनमें मेरी परदादी मां श्रीमती श्यामा देवी, दादा श्री मालिक जोशी, दादी मां माता कली देवी, पिता श्री शैल जोशी, माता श्रीमती मोतिम जोशी, बड़े भैया श्री देव जोशी और मेरी धर्मपत्नी श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी का भी मेरे जीवन में विशेष योगदान है, जिनके मार्गदर्शन के बिना जीवन में सुख और सफलता की परिकल्पना ही व्यर्थ और बेईमानी है। कुछ वरिष्ठ अधिकारियों, सहपाठी, मित्रों और सहकर्मियों का भी मेरे जीवन में अमूल्य योगदान रहा है। मै शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने आलोचकों का भी आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने कतिपय मामलों में गुरु की भूमिका निभाई है।

सोमवार, सितंबर 02, 2019

प्रधानमंत्री मोदी ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी

प्रधानमंत्री मोदी ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गणेश चतुर्थी के मौके पर सभी लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर अपने बधाई संदेश में गणपति बप्पा मोरया लिखा और सभी देशवासियों को पावन पर्व गणेश चतुर्थी की ढेर सारी शुभकामनाएं दी।






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