"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


गुरुवार, मार्च 26, 2020

हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो (कविता) - HP Joshi

हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो - (कविता)
हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो।
एको जीव गंवावय झन, उदिम अईसे करबो।।


जोडी संग वादा निभाबोन,
जिनगी ल बचाबो।
सरकार के बात मानके,
घर के भीतरी रहिबो।।1।।
हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो।


चाउर दार के नई हे कमी,
ए बात ल बगराबो।
फोकट म सरकार देवत हवय
रांध-रांध के खाबो।।2।।
हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो।


जीमी कांदा-सेमी खोईला
जम्मो सुकसी ल सिरवाबो।
पाछू साल के अथान आम के
चांट-चांट चटकारबो।।3।।
हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो।


मही म चाउर पिसान घोर,
कढ़ी सुग्घर बनाबो।
सुखा मिरचा अउ लहसुन के
चटनी म खाबो।।4।।
हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो।


पसई नून खाके
जिनगी ल बचाबो।
तभेच माई पिला मिलके
हरेली ल मनाबो।।5।।
हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो।


फोकट घर ले निकलन नहीं,
तिरि पासा खेलबो।
दारू-कुकरी के पइसा बचाके
नोनी बर फराक लेबो।।6।।
हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो।


घर के भीतरी उधमकूद
लईका संग करबो।
हमरो बंस ह अमर राहय,
बुता अईसे करबो।।7।।
हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो।


मेयार म साडी अरझाके
बाबू ल झुलना झूलाबो।
एक साहर के राजा कहिके
सुग्घर कहानी सुनाबो।।8।।
हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो।


अंगना म गहिरा कोडके
करा बाटी खेलबो।
बारी म रेंहचूल बांध के
एहू ल झूलाबो।।9।।
हावय हमर संकल्प, अब कोरोना ले लडबो।


रचनाकार - एचपी जोशी, नवा रायपुर, छत्तीसगढ़

शनिवार, मार्च 21, 2020

Janta Curfew (Home Isolation) देश के हर नागरिक की सुरक्षा के लिए आवश्यक - HP Joshi

 Janta Curfew for CoronaVirus

Janta Curfew देश के हर नागरिक की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, इसलिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश का पालन करें। जनता कर्फ्यू के दौरान अपने घर से बाहर न निकलें, जनता कर्फ्यू के बाद भी जब तक देश कोरोना वायरस से मुक्त नही हो जाती, स्वयम अपने परिवार सहित घर में ही रहें, अर्थात् होम आईसोलेशन में रहें, जब तक कोई ईमरजेंसी न हो घर से बाहर न निकलें। अति आवश्यक होने पर ही उचित सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए घर से बाहर जाएं।


ध्यान रखें, जादू टोना, टोटके, झाड़ फूंक, शराब, जड़ी बूटी अथवा गोबर के बिस्कुट और गौ मूत्र से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा नही जा सकता। इससे बचने के लिए परहेज करें, यदि किसी व्यक्ति को संक्रमण हो चुका हो तब भी घबराने की जरूरत नहीं, तत्काल सरकार द्वारा निर्धारित अस्पताल मे भर्ती होकर आइसोलेशन में रहें, जीवन सुरक्षित रहेगी।



Home Isolation Naccesery for Us
Home Isolation Naccesery for Fight Corona Virus
Home Isolation is Naccesery for World 
कोरोना वायरस के लक्षण, संक्रमण और रोकथाम के उपाय - HP Joshi 

लक्षण
बुखार, खांसी और स्वास लेने में कठिनाई।

Janta Curfew (Home Isolation) is necessary to prevent corona virus infection; that is, to break the virus chain.


जनता कर्फ्यू (होम आइसोलेशन) कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने, अर्थात वायरस के चैन को तोड़ने के लिए आवश्यक है।

आम नागरिकों से अपील:
1- कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है, संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। जिन्हें संक्रमण का संदेह हो जांच कराएं और आइसोलेशन में रहकर अपना और अपनों का जान बचाएं।
2- अफवाहों से बचें, सरकार उचित प्रयास कर रही है।
3- समय समय पर सेनेटाइजर, डेटॉल, साबुन अथवा पानी से हाथ धोते रहें। घर और आसपास उचित साफ सफाई रखें।
4- घर से बाहर निकलने की स्थिति में मास्क पहनें, हाथों से सेनेटाइजर अथवा डेटॉल लगाए। हाथों में medical glubs (दस्ताने) भी पहन सकते हैं।
5- किसी भी प्रकार के धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक अथवा पारिवारिक आयोजन न करें।
6- कोई भी व्यक्ति झूठे अफवाह फैला रहा हो अथवा कोई भी दुकानदार अधिक मूल्य में सामग्री की विक्रय कर रहा हो या कालाबाजारी कर रहा हो तो तत्काल पुलिस/ प्रशासन को शिकायत करें।
7- देश मे पर्याप्त मात्रा में राशन, मेडिसिन और आवश्यक वस्तु उपलब्ध है। किसी के झांसे में आकर जरूरत से अधिक खरीददारी करके महंगाई को आमंत्रित न करें।
8- कपड़े धोने के बाद उजाला या नील के साथ थोड़ा सा डेटॉल भी डाल सकते हैं।
9- अवकाश को एन्जॉय करने के नाम पर परिजनों अथवा पडौसी के साथ मेल मिलाप, चाय या भजिया पार्टी न करें। अनावश्यक रूप से किसी भी रिश्तेदार अथवा पड़ोसी के घर न जाएं।
10- बेहतर होगा कुछ दिन पूरे परिवार गर्म पानी ही पीएं।
11- कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और बुजुर्गों को अधिक हो सकता है।

जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए  सेना, सशस्त्र बल और पुलिस के जवानों तथा चिकित्सा विभाग के अधिकारी कर्मचारियों का आभार
To make public curfew a success Grateful thanks to Army, Armed Forces and Police personnel and officers of Medical Department.

समाज सुधारकों से अपील:
समाज सेवा से जुड़े लोगों से अपील है कि WHO, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एम्स और चिकित्सा विभाग द्वारा जारी कोरोना वायरस से संबंधित सुझाव और दिशा निर्देश का ही प्रचार प्रसार करें। सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त झूठे और भ्रामक तथ्यों को शेयर करने से बचें।

दान दाताओं से अनुरोध:
कृपया अपने आसपास के गरीब परिवार में मास्क और सेनेटाइजर बाटें, जरूरतमंद की आर्थिक सहायता भी करें।

दुकानदारों से अपील:
किसी भी वस्तु को निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर बेचना और कालाबाजारी करना अपराध है, छोटी सी शिकायत आपकी दुकानदारी को समाप्त कर आपको जेल भेज सकती है। सही मूल्य पर सामग्री बेचें, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को उधारी में भी समान दे सकते हैं।

HP Joshi
Nava Raipur, CG

गुरुवार, मार्च 19, 2020

कोरोना वायरस के लक्षण, संक्रमण और रोकथाम के उपाय - HP Joshi

सावधान, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक आयोजन पर रोक लगाएं।

बारम्बार सेनेटाइजर, डेटॉल अथवा साबुन से 20 सेकंड से अधिक समय तक हाँथ धोएं।


मुह, नाक, कान और चेहरे को छूने से परहेज करें।

भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज करें।
सुरक्षा की दृष्टि से ताजे फल और गर्म भोजन ग्रहण करें तथा गर्म पानी ही पीएं।

जिन्हें कोरोना वायरस संक्रमण संभावित है उनके संपर्क में आने से परहेज करें।

कोरोना संक्रमित लोगों की आइडेंटिटी उजागर न करें, परंतु चिकित्सा विभाग को 104 नंबर में फ़ोन करके सूचित करें।

कोरोना से डरे नहीं, परहेज करें।

इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाने वाले ही भोज्य पदार्थों का सेवन करें।

संभव है कोरोना वायरस मनुष्य के साथ साथ पशु और पक्षियों के माध्यम से भी फैल सकता है।

एक वेबसाइट के अनुसार अब तक के कोरोना संक्रमित मरीजों में से 38% लोगों को संक्रमण से मुक्त किया जा चुका है।


कविता के माध्यम से जानें - कोरोना वायरस (COVID-19) लक्षण और बचाव के तरीके
संक्रमण से परहेज, सही समय पर जांच और उचित उपचार से 0% कैजुअलिटी संभव है। इस हेतु देश भर के प्रमुख अस्पतालों में उचित उपचार की प्रबंध की गई है।

कोरोना संक्रमित देशों, क्षेत्रों से अपने घर लौट लोगों को सबसे पहले कोरोना संक्रमण की जांच कराने की जरूरत है, अन्यथा उनके सहित उनके परिवार, परिजन, पड़ोस और इस तरह पूरे शहर में कोरोना की महामारी फैल कर हमारे जीवन को प्रभावित कर सकती है।

भीड़भाड़ इलाके में जाने के दौरान बचाव के लिये मास्क पहना जा सकता है, मास्क उपलब्ध न होने पर कपड़े अथवा रुमाल से मुह और नाक को ढका जा सकता है।

कोरोना के लक्षण : यदि किसी व्यक्ति को खांसी, बुखार और स्वांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो तत्काल जांच कराएं, रिपोर्ट प्राप्त होने तक परिवार, दोस्तों, रिस्तेदार और अन्य व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।

जनहित में जारी .......

HP Joshi
Nava Raipur, Chhattisgarh

कोरोना वायरस से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरुरत है - एच पी जोशी


कोरोना वायरस से डरने की नहीं, बल्कि लड़ने की जरुरत है - एच पी जोशी

कोरोना वायरस से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है, इसलिए कोरोना वायरस के बारे में जागरूक रहें और अफवाहों से सावधान रहें। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए भीड़भाड़ इलाके से भी परहेज किया जा सकता है, आवश्यक न हो तो अधिक मेल मिलाप से बचें, बारम्बार सेनेटाइजर अथवा साबुन से हाथ धोएं। बहुत आवश्यक हो तभी नाक, मुँह, कान और चेहरे को छुएं, खांसी बुखार से संक्रमित व्यक्ति से कम से कम १मीटर से अधिक की दुरी में रहकर बात करें। हाथ मिलाने के बजाय हाथ जोड़कर नमस्ते करें अथवा जय हिन्द, जय छत्तीसगढ़, जय जोहर, जोहर सेवा, जय श्री राम, वालेकुम सलाम, साहेब सतनाम इत्यादि अभिवादन का प्रयोग करें। 
उल्लेखनीय है कि सोशल मिडिया में हर कोई स्वयं को डॉक्टर साबित करके कोरोना का उपचार बताने में लगे हैं, ऐसे लोगों के झांसे में आकर आत्मघाती कदम न उठायें। यूनिवर्सिटी ऑफ़ सोशल मीडिया में कोरोना वायरस से संबंधित अफवाह फ़ैलाने से बचें, हम बचाव के माध्यम से कोरोना वायरस के संक्रमण से स्वयं और अपने आसपास के लोगों को बचा सकते हैं, इसके लिए केवल सरकार द्वारा अधिकृत बयान और रोकथाम के उपाय को ही शेयर करें, मजा लेने के लिए व्यर्थ अफवाह को फ़ैलाने में सहयोग न करें। भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सहित सभी राज्य सरकार कोरोना से लड़ने और आम नागरिकों को बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार विरोधी तत्व भी अफवाह फ़ैला कर सरकार की छवि ख़राब करने में षड्यंत्र कर सकती है इसलिए किसी के षड़यंत्र का हिस्सा बनकर किसी भी प्रकार से अपराध करने से बचें।
  1. जिन्हे खांसी, बुखार और स्वास लेने में तकलीफ हो, वे ही मास्क पहने और जल्दी से जल्दी कोरोना संक्रमण की जाँच कराएं। 
  2. जिन्हे खांसी, बुखार और स्वास लेने में तकलीफ हो उनके संपर्क में आने से परहेज करें। 
  3. कोरोना के लक्षण से मिलता जुलता लक्षण के लोगों को वायरस संक्रमण की जाँच के लिए सलाह दें। 
  4. यदि कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो तो उनका नाम सार्वजनिक न करें। 
  5. कोरोना वायरस से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल किया जा सकता है। 
कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव जानने के लिए एच पी जोशी की कविता जरूर पढ़ें ............ 

कोरोना के लक्षण
खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी
हो सकता है कोरोना, तुम मत बनना अज्ञानी
तत्काल जांच कराना, अपनी जान बचाना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

कोरोना से बचाव के तरीका
बार-बार डेटाॅल और सेनिटाईजर से हांथ धोना
नाक, आंख और मुंह को गंदे हाथ कभी मत छूना
छींकने खांसने के दौरान मुंह को ढ़ंककर रखना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

भीड-भाड से बचकर बच्चू तुम रहना
पार्टी सार्टि के चोचले मे अभी मत पडना
‘‘जान हे त जहांन हे’’, कहना सियान का मानना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

सार्वजनिक स्थान में कभी मत थूंकना 
हांथमिलाना छोड अभी जय जोहार करना
मिलन समारोह के नाम में संक्रमित मत होना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

मास्क एवं हैंड-सैनिटाइजर की जमाखोरी, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने प्राधिकृत अधिकारी नामांकित

मास्क एवं हैंड-सैनिटाइजर की जमाखोरी, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने प्राधिकृत अधिकारी नामांकित

आवश्यक वस्तु अधिनियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश, तत्काल प्रभाव से लागू

कोरोना वायरस संक्रमण के खतरों के मद्देनजर मास्क एवं हैंड-सैनिटाइजर की जमाखोरी, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत कार्रवाई के लिए राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने प्राधिकृत अधिकारी नामांकित किए हैं। प्रदेश में अधिनियम का पालन तथा पर्याप्त संख्या में मास्क एवं हैंड-सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करने स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज आदेश जारी कर अधिकार प्रवर्तित कर दिए गए हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के दायरे में मास्क एवं हैंड-सैनिटाइजर को भी शामिल करते हुए आवश्यक वस्तु आदेश, 2020 अधिसूचित किया है। इसके अंतर्गत 2-प्लाई एवं 3-प्लाई सर्जिकल मास्क, एन-95 मास्क तथा हैंड-सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तुओं में शामिल किया है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने आज आदेश जारी कर पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए औषधि नियंत्रण प्राधिकारी, संबंधित जिला क्षेत्र में नगर निगम के आयुक्त, संबंधित अनुविभागीय क्षेत्र में अनुविभागीय दंडाधिकारी, संबंधित जिला/क्षेत्र में सहायक औषधि नियंत्रक और औषधि निरीक्षक तथा नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्र में मुख्य नगर पालिका अधिकारी को आवश्यक वस्तु आदेश, 2020 का पालन कराने के लिए अधिकार सौंपा है। ये अधिकारी मास्क एवं हैंड-सैनिटाइजर की जमाखोरी, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने के साथ ही इनकी उपलब्धता एवं वितरण सुनिश्चित करने आवश्यक कदम उठाएंगे। इन आवश्यक वस्तुओं पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक में बेचने वालों पर भी इन प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग का यह आदेश 30 जून 2020 तक प्रभावशील रहेगा।

डॉ. हर्षवर्धन ने नोवल कोरोना वायरस से निपटने के लिए उठाए गए कदमों और आगे की तैयारियों की समीक्षा की

डॉ. हर्षवर्धन ने नोवल कोरोना वायरस से निपटने के लिए उठाए गए कदमों और आगे की तैयारियों की समीक्षा की

‘विशेष दल इस बीमारी के फैलने की स्थिति का आकलन एवं निगरानी करने के लिए नियमित रूप से क्‍वारंटाइन केंद्रों का मुआयना करेंगे’

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज नई दिल्‍ली में मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों और सफदरजंग अस्‍पताल, डॉ. आरएमएल अस्‍पताल तथा एम्‍स जैसे केंद्र सरकार के अस्‍पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों/निदेशकों के साथ एक उच्‍च स्‍तरीय समीक्षा बैठक की। 

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने सबसे पहले केंद्रीय एवं राज्‍य स्‍तरों के विभिन्‍न मंत्रालयों के साथ-साथ विदेश स्थित भारतीय दूतावासों के बीच आपसी सहयोग से उठाए जा रहे विभिन्‍न कदमों की सराहना की। उन्‍होंने कोरोना वायरस (कोविड-19) को नियंत्रण में रखने के लिए अत्‍यंत सक्रियतापूर्वक निगरानी करने, रोगियों के संपर्क में आए लोगों का प्रभावकारी ढंग से पता लगाने और इस दिशा में ठोस तैयारी करने के लिए राज्‍यों की भी सराहना की।

उन्‍होंने इसके लिए अस्‍पतालों में समुचित प्रबंधन जैसे कि ओपीडी ब्‍लॉकों की व्‍यवस्‍था, टेस्टिंग किटों, निजी सुरक्षात्मक उपकरणों (पीपीई) एवं दवाओं की उपलब्‍धता और पर्याप्‍त संख्‍या में आइसोलेशन वार्डों के इंतजाम के संबंध में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्‍होंने अस्‍पतालों को सभी स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों के लिए पर्याप्‍त संख्‍या में सुरक्षात्मक सामग्री या उपकरणों की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इस दौरान डॉ. हर्षवर्धन को यह जानकारी दी गई कि पर्याप्‍त संख्‍या में निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई), मास्‍क, सैनिटाइजर, थर्मामीटर, इत्‍यादि खरीदे जा रहे हैं और मांग के अनुसार निर्दिष्‍ट स्‍थानों पर इन्‍हें मुहैया कराया जा रहा है। इसके साथ ही डॉ. हर्षवर्धन को यह जानकारी भी दी गई कि भविष्‍य में किसी भी मांग की पूर्ति के लिए इन उपकरणों का पर्याप्‍त स्‍टॉक सुनिश्चित किया जा रहा है।

डॉ. हर्षवर्धन ने हवाई अड्डों/अन्‍य महत्‍वपूर्ण निकासी मार्गों से बाहर आने वाले संक्रमित यात्रियों के लिए इंतजाम किए गए क्‍वारंटाइन केंद्रों के साथ-साथ वहां तक इन यात्रियों की आवाजाही की व्‍यवस्‍था, स्‍वास्‍थ्‍य की जांच इत्‍यादि के बारे में विस्‍तृत समीक्षा की। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने इस कार्य के लिए तैनात किए जाने वाले दलों को क्‍वारंटाइन केंद्रों का नियमित निरीक्षण एवं निगरानी करने का निर्देश दिया है, ताकि वहां आवश्‍यक सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आवश्‍यक सुविधाओं को बेहतर करने के उद्देश्‍य से वह प्रतिदिन इन सुविधाओं की समीक्षा करेंगे। डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि वह संबंधित राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ पूरी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।

संकट से निपटने का एक उपयुक्‍त साधन मानी जाने वाली प्रभावकारी संचार व्‍यवस्‍था के विशेष महत्‍व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने मल्‍टी-मीडिया संचार अभियान शुरू करने की सलाह दी जो विभिन्‍न पहलुओं पर फोकस करेंगे। बीमारी की रोकथाम के उपायों, अफवाहों को निराधार साबित करने, आम जनता को संबंधित दिशा-निर्देशों, एडवाइजरी, टेस्टिंग लैब इत्‍यादि के बारे में विस्‍तृत सूचनाएं देना इन पहलुओं में शामिल हैं। 

डीएसी ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 स्‍वदेशी तेजस लड़ाकू विमान की खरीद को मंजूरी दी, ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा

डीएसी ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 स्‍वदेशी तेजस लड़ाकू विमान की खरीद को मंजूरी दी, ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा

रक्षा विभाग (डीओडी) और सैन्‍य मामलों के विभाग (डीएमए) के कार्यक्षेत्रों के निर्धारण के पश्‍चात रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्‍यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की पहली बैठक हुई। अधिग्रहण विंग डीएसी का सचिवालय है। इससे बेहतर समन्‍वय होगा और मामलों पर तेजी से निर्णय लिए जा सकेंगे क्‍योंकि अधिग्रहण विंग पर कैपिटल अधिग्रहण प्रक्रिया की जवाबदेही है।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अंतर्गत विमान विकास एजेंसी (एडीए) ने हल्‍के लड़ाकू विमान तेजस का स्‍वदेशी डिजाइन तैयार किया है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने निर्मित किया है। भविष्य में यह भारतीय वायुसेना का रीढ़ साबित होगा। 40 तेजस विमानों के खरीद आदेश दिए जा चुके हैं। डीएसी ने 83 विमानों की खरीद की मंजूरी दी है जो विमान का आधुनिक एमके-1ए वर्जन होगा। इसके लिए संविदा और अन्‍य मामलों को अंतिम रूप दिया गया है। प्रस्‍ताव को सुरक्षा पर संसदीय समिति (सीसीएस) के समक्ष विचार के लिए रखा जाएगा। इस खरीद से 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा मिलेगा क्‍योंकि विमान का डिजाइन और विकास स्‍वदेशी तकनीक से किया गया है। इसका निर्माण एचएएल के अतिरिक्‍त कई अन्‍य स्‍थानीय निर्माताओं के सहयोग से किया गया है।

रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 1,300 करोड़ रुपये के स्वदेशी रक्षा उपकरणों के अधिग्रहण की भी मंजूरी दी। प्रस्‍ताव भारतीय वायु सेना के हॉक एमके-32 विमान के लिए एरियल फ़्यूज़ और ट्विन-डोम सिमुलेटर के खरीद के लिए थे। 

डीएसी ने रक्षा खदीद प्रक्रिया (डीपीपी) 2016 में संशोधन को भी मंजूरी दी। इस संशोधन से कॉस्टिंग कमेटी उन निविदाओं की समीक्षा करने में सक्षम होगी, जिन्‍हें रक्षा सार्वजनिक उद्यमों/आयुध निर्माण बोर्ड/डीआरडीओ द्वारा प्रस्‍तुत किया है। इसमें रक्षा वस्‍तुओं की खरीद नामांकन के आधार पर भी की जाती है। इससे कीमतों में अधिक पारदर्शिता आएगी और निविदा को अंतिम रूप देने में कम समय लगेगा।

आईएचबीटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया सेनेटाइजर

आईएचबीटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया सेनेटाइजर

इस हैंड-सेनिटाइजर में प्राकृतिक गंध, सक्रिय चाय घटक और अल्कोहल की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशा-निर्देशों के अनुसार उपयोग की गई है

इस उत्पाद में पेराबेंस, ट्राईक्लोस्म, सिंथेटिक खुशबू और थेलेटेस जैसे रसायनों का उपयोग नहीं किया गया है

कोरोना वायरस के खिलाफ निवारक उपाय और बाजार में बेची जा रही कई नकली सामग्रियों की खबरों के बीच सेनिटाइजर जैसे उत्पादों की माँग बढ़ रही है। इसे देखते हुए हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में स्थित हिमालय-जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) के वैज्ञानिकों ने एक नया हैंड-सेनिटाइजर विकसित किया है।

आईएचबीटी के निदेशक डॉ संजय कुमार ने बताया कि “इस हैंड-सेनिटाइजर में प्राकृतिक गंध, सक्रिय चाय घटक और अल्कोहल की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशा-निर्देशों के अनुसार उपयोग की गई है। इसकी एक खास बात है कि इस उत्पाद में पेराबेंस, ट्राईक्लोस्म, सिंथेटिक खुशबू और थेलेटेस जैसे रसायनों का उपयोग नहीं किया गया है।”

हैंड-सेनिटाइजर के व्यावसायिक उत्पादन के लिए मंगलवार को आईएचबीटी ने पालमपुर की ही कंपनी ए.बी. साइंटिफिक सॉल्यूशन्स के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के अनुसार आईएचबीटी हैंड-सेनिटाइजर के उत्पादन की अपनी तकनीक इस कंपनी को हस्तांतरित कर रहा है।

ए.बी. साइंटिफिक सॉल्यूशन्स के पास अपना एक मजबूत मार्केटिंग नेटवर्क है। यह कंपनी इस हैंड-सेनेटाइजर के व्यावसायिक उत्पादन के लिए पालमपुर में एक केंद्र स्थापित करेगी और देशभर के सभी प्रमुख शहरों में सेनिटाइजर और अन्य कीटाणुनाशकों का विपणन करेगी।

डॉ संजय कुमार का कहना है कि बाजार में अचानक सेनेटाइजर के माँग बढ़ने से इसके मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। सही उत्पाद की माँग में मौजूदा वृद्धि को देखते हुए इस हैंड सेनिटाइजर का विकास उपयुक्त समय पर किया गया है। (इंडिया साइंस वायर)

बुधवार, मार्च 18, 2020

एडीजी श्री जीपी सिंह ने जारी किया आदेश, एफएसएल के 13 कर्मचारियों को मिला पदोन्नति

एडीजी श्री जीपी सिंह ने जारी किया आदेश, एफएसएल के 13 कर्मचारियों को मिला पदोन्नति

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री जी.पी. सिंह, संचालक, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, छत्तीसगढ़, रायपुर द्वारा आज दिनांक 18.03.2020 को आदेश जारी करते हुए एफएसएल के कुल 13 कर्मचारियों को पदोन्नति दिया गया है। जिसमें से 10 प्रयोगशाला परिचारक को प्रयोगशाला सहायक के पद पर एवं 03 प्र्र्रयोगशाला सहायक को प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर  अधिकारी कर्मचारियों को पदोन्नति मिला है।

प्रयोगशाला परिचारक से प्रयोगशाला सहायक के पद पर पदोन्नति पाने वाले 10 कर्मचारी निम्नानुसार हैं:-
1- श्री अशोक कुमार कुम्हार, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, रायपुर
2- श्री रूस्तम सिंह राठिया, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, रायपुर
3- श्री सुनील कुमार, क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, बिलासपुर
4- कु. उमा देवांगन, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, रायपुर
5- कु. सीमा साहू, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, रायपुर
6- श्री सलीम कुजूर, क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, जगदलपुर
7- श्री हरिशचन्द्र सिंह सिदार, क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, सरगुजा
8- कु. भोजलता टण्डन, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, रायपुर
9- कु. रूकमणी सिदार, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, रायपुर
10- श्रीमती सुशीला एक्का, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, रायपुर

प्रयोगशाला सहायक से प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर पदोन्नति पाने वाले 03 कर्मचारी निम्नानुसार हैं:-
1- श्री आकाश कन्नौजे, क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, सरगुजा
2- श्री महेन्द्र कुमार वर्मा, क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, जगदलपुर
3- श्री कौशलेन्द्र टाण्डेकर, क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, जगदलपुर

18-03-2020

श्री जीपी सिंह के निर्देश पर संचालनालय लोक अभियोजन के अधिकारियों को मिला समयमान वेतनमान का लाभ

श्री जीपी सिंह के निर्देश पर संचालनालय लोक अभियोजन के अधिकारियों को मिला समयमान वेतनमान का लाभ

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री जी.पी. सिंह, संचालक, संचालनालय लोक अभियोजन, इन्द्रावती भवन, नवा रायपुर अटल नगर, छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार 16 अधिकारी/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है। उल्लेखनीय है कि संचालनालय लोक अभियोजन के अधिकारियों/कर्मचारियों को लम्बे समय से समयमान वेतनमान का लाभ नही मिल पाया था, जिसपर संज्ञान लेते हुए श्री सिंह ने अपने पहले ही मीटिंग में दिनांक 10.01.2020 को निर्देशित किया था फलस्वरूप पात्र अधिकारी/कर्मचारियों को प्राथमिकता से पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है।
18-03-2020

ईओडब्ल्यू रायपुर ने दर्ज की पी.डी.एस. घोटाले में एफआईआर

ईओडब्ल्यू रायपुर ने दर्ज की पी.डी.एस. घोटाले में एफआईआर

खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 
1 जनवरी 2013 तक 48.39 (1815 एपीएल मिलाकर) लाख राशनकार्ड बनाये गये। 
1 जनवरी 2014 तक 70.60 लाख राशनकार्ड बनाये गये। 
1 जनवरी 2015 तक 64.78 लाख राशनकार्ड बनाये गये।
1 जनवरी 2016 तक 59.56 लाख राशनकार्ड बनाये गये थे। 
प्रदेश में वयस्क महिलाओं के नाम पर सितम्बर 2013 तक कुल 72,32 लाख राशनकार्ड बनाये गये। 
उपरोक्त राशन कार्ड बनाये जाने से पहले 2011 की आर्थिक सामाजिक जनगणना में  56,50,724 परिवार थे। उपरोक्त आधार पर निर्धारित 56,50,724 में से सामान्य परिवार की संख्या को घटाकर (लगभग 20 प्रतिशत) पात्रता अनुसार राशनकार्ड बनाये जाने थे जो लगभग 45 लाख राशन कार्ड होना चाहिए किंतु वर्ष 2013 के अंत तक कुल 71,30,393 राशन कार्ड बनाये गये जिससे लगभग 14.80 लाख राशनकार्ड बोगस बनाया जाना स्पष्ट परिलक्षित होता है।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मई 2013 से दिसम्बर 2013 तक प्रदेश के 27 जिलों में 71,30,393 राशन कार्ड बनाये गये तथा जुलाई 2013 से दिसम्बर 2013 तक 41,8,47 राशन कार्ड निरस्त किये गये, वर्ष 2014 में 72,9,99 राशन कार्ड बनाये गये तथा 5,54,231 राशन कार्ड निरस्त किये गये, वर्ष 2015 में 3638 राशन कार्ड बनाये गये तथा 3,19,134 राशन कार्ड निरस्त किये गयेे, वर्ष 2016 में 19,886 राशन कार्ड बनाये गये तथा 1,36,785 राशन कार्ड निरस्त किये गये थे।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष सितंबर 2013 एवं अक्टूबर 2013 में 72,3000 राशनकार्ड के लिये क्रमशः 2,23,968 एम.टी, 2,27,020 मेट्रिक टन चांवल का आबंटन जारी किया गया। माह नवंबर और दिसंबर 2013 में क्रमशः 70.66 लाख और 70.62 लाख राशनकार्ड के लिये क्रमशः 2,18,974 एम.टी. और 2,23,401 मेट्रिक टन चांवल जारी किया गया जो कि 2011 में दर्शित परिवारों की संख्या से 16.80 लाख एवं 14.16 लाख ज्यादा थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि यदि प्रदेश का सारे परिवारों का राशनकार्ड बना दिया जाता तो भी राशनकार्डो की संख्या 56 लाख से ज्यादा नहीं हो सकती थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि लगभग 15 लाख राशनकार्डो में जो चांवल वितरित होना दिखाया गया है वह खुले बाजार में उंची कीमत में बिकवाया गया है। 
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सितम्बर 2013 से दिसम्बर 2013 तक लगभग 70 लाख से अधिक  राशनकार्डों पर चांवल एवं अन्य वस्तु का आंबटन किया गया बताया गया है, जबकि इस अवधि में 62 लाख से अधिक राशनकार्ड छापे ही नहीं गये थे। 10 लाख बोगस बनाये गये राशनकार्डो पर चांवल आदि का वितरण वैध रूप से नहीं हुआ जिसकी जिम्मेदारी संचालनालय स्तर के अधिकारियों थी जिनको राशन कार्ड संख्या के आधार आबंटन जारी करना था।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिनांक 06.10.2013 तक 62 लाख राशनकार्ड जिलों में भेजे जाने का उल्लेख है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस दिनांक तक केवल 62 लाख कार्ड ही प्रिंट हुए थे नियमतः इन्हीं राशनकार्डो पर आबंटन एवं वितरण किया जाना था किन्तु इस तिथि के पहले ही माह सितंबर और अक्टूबर में 72.03 लाख राशनकार्ड के लिये 2.23968 मेट्रिक टन चांवल आबंटित कर दिया गया है जब कि शेष 10 लाख राशनकार्ड प्रिंट भी नहीं हुए थे।     
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अप्रैल 2013 से दिसबंर 2016 तक निरस्त राशनकार्डो में वितरित चांवल की सब्सिडी की गणना की गयी जिसके आधार पर वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक कुल 11,08,515 टन चांवल निरस्त राशनकार्डो पर वितरित किया जाना बताया गया तथा इससे राज्य शासन को 2718 करोड़ रूपयों की हानि हुई ।
इस प्रकार जांच पर यह पाया गया कि, प्रदाय किये गये खाद्यान्न के राशन दुकानों तक पहुचाने तथा वितरण के सत्यापन का दायित्व संचालनालय खाद्य विभाग रायपुर के साथ -साथ विभिन्न जिलो मे खाद्य विभाग के विभिन्न कर्मचारियों/ अधिकारियों का है साथ-साथ सम्पूर्ण प्रदेश मे परिवहनकर्ता एजेन्सी का है। इस प्रकार संचालनालय खाद्य विभाग रायपुर के अधिकारीगण तथा खाद्य विभाग के कर्मचारियों/अधिकारियों के द्वारा अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर आपस में मिलकर आपराधिक षडयंत्र कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बोगस राशनकार्ड का निर्माण किया गया तथा इन राशनकार्डो को असल बता कर इन पर खाद्यान्न का विवरण दर्शाया जाकर राशनकार्ड हितग्राहियों को राशन कार्ड वितवण किये बिना शासन के साथ छल एवं कूट रचना के प्रयोजन से धोखाधड़ी कर शासन को करोड़ों रूपयों का आर्थिक नुकसान किया गया तथा उक्त कृत्य से स्वयं तथा अन्य लोगों के द्वारा आर्थिक लाभ प्राप्त किया गया। इस प्रकार आरोपीगणों का यह कृत्य भ्र.नि.अ. 1988 यथासंशेधित भ्र.नि.अ. (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7(C) एवं धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि के अंतर्गत दण्डनीय अपराध का होना पाये जाने से अज्ञात लोकसेवकों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 13/2020 Dated:17-03-2020 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान लोकसेवकों की भूमिका की जांच की जायेगी।

रविवार, मार्च 08, 2020

कोरोना पर कविता, लक्षण और बचाव के तरीका

हुलेश्वर जोशी की रचना - कोरोना पर कविता 

कोरोना के लक्षण
खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी
हो सकता है कोरोना, तुम मत बनना अज्ञानी
तत्काल जांच कराना, अपनी जान बचाना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

कोरोना से बचाव के तरीका
बार-बार डेटाॅल और सेनिटाईजर से हांथ धोना
नाक, आंख और मुंह को गंदे हाथ कभी मत छूना
छींकने खांसने के दौरान मुंह को ढ़ंककर रखना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

भीड-भाड से बचकर बच्चू तुम रहना
पार्टी सार्टि के चोचले मे अभी मत पडना
‘‘जान हे त जहांन हे’’, कहना सियान का मानना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

सार्वजनिक स्थान में कभी मत थूंकना 
हांथमिलाना छोड अभी जय जोहार करना
मिलन समारोह के नाम में संक्रमित मत होना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

कविता के माध्यम से जानें - कोरोना वायरस (COVID-19) लक्षण और बचाव के तरीके

कविता के माध्यम से जानें - कोरोना वायरस (COVID-19) लक्षण और बचाव के तरीके

कोरोना वायरस (COVID-19) के लिए सुरक्षात्मक उपाय: यदि आपको बुखार, खांसी है और सांस लेने में परेशानी होती है, तो अपने राज्य हेल्पलाइन नंबर या स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के 24* 7 कंट्रोल रूम नंबर +91-11-23978046 पर कॉल करें।

कविता के माध्यम से जानें - कोरोना वायरस (COVID-19) लक्षण और बचाव के तरीके
हुलेश्वर जोशी की रचना - कोरोना पर कविता 

खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी
हो सकता है कोरोना, तुम मत बनना अज्ञानी
तत्काल जांच कराना, अपनी जान बचाना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

बार-बार डेटाॅल और सेनिटाईजर से हांथ धोना
नाक, आंख और मुंह को गंदे हाथ कभी मत छूना
छींकने खांसने के दौरान मुंह को ढ़ंककर रखना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

भीड-भाड से बचकर बच्चू तुम रहना
पार्टी सार्टि के चोचले मे अभी मत पडना
‘‘जान हे त जहांन हे’’, कहना सियान का मानना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

सार्वजनिक स्थान में कभी मत थूंकना 
हांथमिलाना छोड अभी जय जोहार करना
मिलन समारोह के नाम में संक्रमित मत होना
टोलफ्री नंबर 011-23978046 में काॅल करना

कोरोना वायरस के लक्षण 
बुखार
खांसी 
और सांस लेने में परेशानी 

कोरोना वायरस के लिए सुरक्षात्मक उपाय (COVID-19):
१. अपने हाथों को साबुन और पानी से अकसर धोएं या अल्कोहल आधारित सेनेटाइजर का प्रयोग करें।
२. आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
३. छींकने और खांसने के दौरान अपना मुंह ढककर रखें।
४. सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें/खुले में थूकना बन्द करें।
५.यदि आपको खांसी या बुखार है तो किसी करीबी संपर्क से बचें
६. बड़े सामाजिक समारोहों करने व भाग लेने से बचें/भीड़ में जाने से बचें।
अफवाहों पर ध्यान न दें। अपने आस-पास स्वच्छता बनाएं रखें, स्वच्छ रहें - सुरक्षित रहें।


Protective measures for Corona virus(COVID-19): If you have fever, cough and difficulty in breathing, call your State helpline number or Ministry of Health & Family Welfare, Government of India's 24*7 control room number +91-11-23978046.

Symptoms of corona virus
fever,
cough
And trouble breathing

Protective measures for Corona virus(COVID-19):
a. Wash your hands with soap and water frequently or use alcohol based hand rub
b. Avoid touching your eyes, nose and mouth
c. Cover your mouth while sneezing and coughing
d. Do not spit in public
e. Avoid close contact with anyone if you are experiencing cough or fever
f. Maintain social distancing
g. Avoid organizing and participating in large gatherings.
*Ignore rumours. Maintain hygiene, keep clean, stay clean*

गुरुवार, मार्च 05, 2020

गवंइहा ददा अउ शहरिया बेटा के संवाद (गोठ-बात) - श्री एच पी जोशी

गवंइहा ददा अउ शहरिया बेटा के संवाद (गोठ-बात) - श्री एच पी जोशी


गवंईहा ददा ले अबड डिमाण्ड करथे
शहरिया टूरा ह हर बात म रिसाथे
ददा घलो गुसियाके अपन बचपन के बात बताथे


मेनीपोको पेंट पहिनथस फेर
आनि-बानि के गोठियाथस
झूठ चलाकी हमर पुरखा नई जानिस, 
टूरा बढ़-चढ़ के तंय गुठियाथस

सट्टा जुआ कभु खेलेन नही
बेटा, जबर शर्त तंय लगाथस
बिगरे के रसदा म झइन चल बेटा
इहि बात म मोला तंय रोवाथस

गोल्फ हाकी कभु खेलेंव नहीं
गिल्ली डंडा खेलईया तो आंव
कुकुर बिलई कभु चराएंव नहीं
मैं भैसी पडरू के चरईया तो आंव

सांप सीढ़ी अउ लूडो खेलेंव नहीं
थप्पा-भटकउला खेलईया तो आंव
अमली बीजा के तिरी पासा 
अउ कौड़ी खेलइया तो आंव

उद्यान-ओपन जीम काबर जाबो
बर-पिपर तरी खेलाईया तो आंव
अगास झूला कभू झुलेंव नही त का भईगे
रेहचुल-ढेलुआ झुलैया तो आंव

स्विमिंग पूल के नईहे जरूरत
नरवा नदिया म तंउडईया तो आव
बोटिंग नई करेंव त का भईगे
भैंसा ऊपर चढ के मजा लुटईया तो आंव

पागा गिराऊ बिल्डिंग देखेंव नहीं
खदर म रहैया तो आव
फटफटी चलाएंव नहीं त का भईगे
पड़वा ऊपर चढ़ैया तो आव

पनीर कोफ्ता कभू चिखेंव नहीं 
नुन बासी के खवईया तो आंव
अम्मटहा रमकेलिया अऊ जिमी कानदा
आलू भाटा के चीखना खवईया तो आंव 

मेगी पिज्जा कभु खाएंव नहीं
चिला रोटी खवईया तो आव
सीसी रोड म रेंगेव नहीं, त का भईगे
धरसा रसदा के रेंगैया तो आव

मार्निंग वाक कभु जावन नही
मुही पार देखईया तो आंव
जीम-सीम कभु नई गेन त का भईगे
पसीना गिराके कमईया-खवईया तो आन

मोरो गोठ ल मान ले बेटा
होसियारी अभी झइन मार
हेलीकाप्टर घलो बिसाबो एक दिन
अभी नई लेवन पुराना कार

सरकारी स्कूल म पढे बर जाबो
अउ देश के मान बढ़ाबो
गुगल-फेसबुक के नौकर नई बनन
ऐकर ले बडे कम्पनी बनाबो

नोट- इस कविता के रचनाकार श्री हुलेश्वर जोशी पुलिस विभाग में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं। श्री जोशी शिक्षा शास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त हैं जो वर्तमान में इग्नु से मानव अधिकार में कोर्स कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि यह चित्र किसी भी प्रकार से बालकों के उपर अपराध और अत्याचार का समर्थन नही करता है मनोरंजनात्मक दृष्टिकोण से पिता-पूत्र का नाठकीय सेल्फी है।

बुधवार, मार्च 04, 2020

धर्म से जुडी कुछ उपयोगी बातें, जिसे प्रत्येक मनुष्य को जानना चाहिए - नवीन दर्शन पर आधारित लेख

धर्म से जुडी कुछ उपयोगी बातें, जिसे प्रत्येक मनुष्य को जानना चाहिए - नवीन दर्शन पर आधारित लेख

हमें धर्म से जुडी उपयोगी बातें जानने के पहले धर्म से संबंधित कुछ परिभाषाओं का अध्ययन कर लेना चाहिए, ताकि धर्म को समझने में हमें आसानी हो।

धर्म क्या है ?
मूलतः धर्म जीवन जीने का तरीका मात्र है, धर्म एक मार्गदर्शी सिद्धांत है जो अपने अनुयायियों को अच्छे और उत्कृष्ट जीवन के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। धर्म के माध्यम से संस्थापक का संदेश होता है कि धर्म के फलां-फलां लक्ष्य है, जीवन का फलां-फलां उद्देश्य है और अनुयायियों का इस मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुरूप जीवन जीना उचित होगा - माता श्यामा देवी

यदि धर्म महान सिद्धांत हैं और अच्छे जीवन जीने का कला है तब दो धर्म के बीच संघर्ष के क्या कारण हैं?
निःसंदेह धर्म जीवन जीने का बेहतर तरीका है परन्तु पिछले सैकडों वर्षों से एक परम्परा बन गई है कि धार्मिक सिद्धांत, धार्मिक पुस्तकों और धर्मग्रंथ के नाम पर कोई भी अदार्शनिक व्यक्ति एक विवादित लेख, विचार अथवा पुस्तक के माध्यम से स्वयं को स्थापित कर लेता है जिसके परिणामस्वरूप धर्म का मार्ग परिवर्तित होकर अपनी मूल भावना से भटक जाती है। यही कुटिलता दो अलग-अलग धर्म के बीच खुनी संघर्ष का कारण बनता जाता है - श्री हुलेश्वर जोशी 

अनेकोनेक धर्म बनने के क्या कारण हैं?
मौजूदा धर्म के सिद्धांत से अलग विचारधारा रखने वाले सम्प्रभुत्व संपन्न धार्मिक अथवा दार्शनिक नेताओं द्वारा मौजूदा धर्म से श्रेष्ठ और अच्छे जीवन दर्शन की कल्पना करना ही धर्म के उत्पत्ति का कारण है। 

तो क्या मौजूदा धर्म के बाद स्थापित धर्म उससे अधिक अच्छी जीवन दर्शन प्रस्तुत करती होगी?
निःसंदेह, होना तो यही चाहिए। परन्तु यह उनके अनुयायियों के उपर भी निर्भर करता है कि वे कब तक अपने धार्मिक सिद्धांत के अनुरूप चल सकते हैं? कितना जल्दी वे पुरानी अनुपयोगी परम्पराओं को समाप्त कर देते हैं और कितने जल्दी नवीन वैज्ञानिक सोच को स्वीकार कर लेते हैं।

मौजूदा धर्म में सबसे श्रेष्ठ जीवन दर्शन किस धर्म में विद्यमान है?
यह अत्यंत सरल प्रश्न हैं परन्तु इसका उत्तर कहीं उससे अधिक कठीन है। मेरा ही नही वरन् अधिकांश धर्मनिरपेक्ष बुद्धजीवियों का मानना है कि कोई भी धर्म आपस में महान अथवा उंच या निम्न कोटि का नही होता है। यह उनके अनुयायियों का एक कल्पना मात्र है कि उसका धर्म महान है और दिगर धर्म उससे कम अथवा महान नही है। यदि मैं अपना स्पष्ट मत ब्यक्त करना चाहूंगा तो सायद इसका परिणाम अच्छे न आएं इसलिए आपसे अनुरोध करना चाहूंगा कि आप अपने लिए किसी एक मौजूदा धर्म को ही न अपनाएं, बल्कि मानव-मानव एक समान के सिद्धांत के अनुरूप जीवन जीयें। आपके सामने जिस किसी धर्म के अच्छे सिद्धांत आते हों उन्हें अपने आचरण में शामिल करें और अनुपयोगी या मानवता विरोधी सिद्धांत से परे ही रहें।

किसी एक धर्म को मानना या धर्म निरपेक्ष होने में अच्छा क्या होगा?
आपका यह प्रश्न बहुत अच्छा है, मै इसका सटिक जवाब भी दे सकता हूं मगर समस्या यह है कि संभवतः आप मेरे विचार से सहमत न हों, इसलिए अपके सामने कुछ तर्क प्रस्तुत करना चाहूगां- 
1- कोई भी मनष्य उंच अथवा नीच नही होता सभी बराबर हैं।
2- किसी भी स्थिति में हिंसा को प्रोत्साहन देने वाले सिद्धांत अच्छे नही हो सकते।
3- वर्ग संघर्ष को बढ़ावा देने वाले विचारधारा को किसी भी स्थिति में उचित नही मानना चाहिए।
4- अनुपयोगी परम्पराओं को त्याग देना ही बुद्धिमत्ता है।
5- क्या आपके धार्मिक सिद्धांत आपको प्रश्न करने का अधिकार देता है?

ISRO युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम 2020 - ऑनलाइन पंजीकरण शुरू है अपने बच्चे को बनाएं वैज्ञानिक

ISRO युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम 2020 - ऑनलाइन पंजीकरण शुरू है अपने बच्चे को बनाएं वैज्ञानिक 
युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम 2020 - ऑनलाइन पंजीकरण
YUVIKA 2020ऑनलाइन पंजीकरण एवं हस्ताक्षरित आवेदनों को जमा करने की तिथि 05 मार्च 2020 तक बढ़ाई गई है।



युवा विज्ञानी कार्यक्रम (युविका) 2020
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने वर्ष 2019 से स्कूली बच्चों के लिए “युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम” “युवा विज्ञानी कार्यक्रम” (युविका) नामक विशेष कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के द्वितीय सत्र का आयोजन मई 2020 के दौरान किया जाएगा।

इस कार्यक्रम का मुख्‍य लक्ष्‍य युवाओं को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान तथा अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर मौलिक ज्ञान देना है, ताकि अंतरिक्ष गतिविधियों के उभरते क्षेत्रों में उनकी रुचि बढ़ाई जा सके। इस प्रकार, इस कार्यक्रम का लक्ष्‍य युवाओं में जागरूकता फैलाना है, जो हमारे राष्‍ट्र के भविष्‍य की निर्माण कड़ी हैं। इसरो ने उन्‍हें “युवा रूप में ही चयनित” करने की योजना बनाई है।

यह कार्यक्रम गर्मी की छुट्टियों (11-22 मई 2020) के दौरान 2 सप्‍ताह की अवधि का होगा तथा कार्यक्रम में प्रमुख वैज्ञानिकों से आमंत्रित व्‍याख्‍यान, उनके द्वारा अनुभव साझा करना, सुविधाओं एवं प्रयोगशालाओं को देखने जाना, विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श हेतु विशेष सत्र, व्‍यावहारिक एवं प्रतिपुष्टि सत्र शामिल होंगे।

इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सी.बी.एस.ई., आई.सी.एस.ई. तथा राज्‍य पाठ्यक्रम को सम्मिलित करते हुए प्रत्‍येक राज्‍य/संघशासित प्रदेश से तीन विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। देश भर से प्रवासी भारतीय नागरिक       (ओ.सी.आई.) अभ्यर्थियों के लिए 5 अतिरिक्त सीटें आरक्षित हैं।

चयन ऑनलाइन पंजीकरण द्वारा किया जाएगा। 3 से 24 फरवरी 2020 तक ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया चलेगी। ऐसे विद्यार्थी, जिन्‍होंने 8वीं कक्षा उत्‍तीर्ण की है तथा 9वीं कक्षा में अध्ययनरत हैं (शैक्षणिक वर्ष 2019-20 में), वे इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पात्र होंगे। चयन मानदंड 8वीं कक्षा के शैक्षणिक निष्पादन एवं पाठ्य विषयेत्तर गतिविधियों के प्रदर्शन पर आधारित होंगे। चयन मानदंड निम्नलिखित हैः



ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को चयन मानदंड में विशेष प्राथमिकता दी गई है। यदि चयनित अभ्‍यर्थियों में बराबरी होती है, तो कम आयु वाले अभ्‍यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

इच्‍छुक विद्यार्थी 3 फरवरी 2020 (1400 बजे) से 24 फरवरी 2020 (1800 बजे) तक इसरो की वेबसाइट www.isro.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। 03 फरवरी 2020 से वास्तविक लिंक उपलब्ध होगी। प्रत्‍येक राज्‍य से अनंतिम रूप से चयनित अभ्‍यर्थियों की सूची 02 मार्च 2020 को घोषित की जाएगी। अनंतिम रूप से चयनित अभ्‍यर्थियों से प्रासंगिक प्रमाणपत्रों की प्रमाणित छायाप्रतियां 23 मार्च 2020 अथवा इससे पूर्व अपलोड करने का अनुरोध किया जाएगा। संबंधित प्रमाणपत्रों की जाँच के बाद, अंतिम चयनित सूची 30 मार्च 2020 को प्रकाशित की जाएगी।

इस आवासीय कार्यक्रम को 11-22 मई 2020 के दौरान इसरो के 4 केंद्रों पर आयोजित करने का प्रस्ताव है। चयनित अभ्यर्थियों को अहमदाबाद, बेंगलूरु, शिलाँग एवं तिरुवनंतपुरम स्थित इसरो/अं.वि. के किसी भी एक केंद्र में रिपोर्ट करने का अनुरोध किया जाएगा। चयनित विद्यार्थियों को इसरो के अतिथि गृहों/छात्रावासों में ठहराने का प्रबंध किया जाएगा। विद्यार्थियों की यात्रा (निकटतम रेलवे स्‍टेशन से रिर्पोटिंग स्‍टेशन तक आने-जाने का वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का किराया), पाठ्यक्रम सामग्री तथा संपूर्ण पाठ्यक्रम के दौरान आवास और भोजन आदि का व्यय, इसरो द्वारा वहन किया जाएगा। विद्यार्थी को रिर्पोटिंग केंद्र पर लाने तथा ले जाने के लिए ए‍क अभिभावक/माता-पिता को भी वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का किराया प्रदान किया जाएगा।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफ.ए.क्यू.)
किसी अन्य स्पष्टीकरण के लिए कृपया yuvika2020@isro.gov.in  तथा युविका सचिवालय (रेस्पाँड एवं ए.आई.) के दूरभाष : 080 2217 2269   पर संपर्क करें।

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जनहित में जारी......
श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी

मंगलवार, मार्च 03, 2020

किसे क्या मिला, पढ़िए अपने राज्य का बजट 0.2 वित्तीय वर्ष 2020-21

छत्तीसगढ़ राज्य - बजट 2020-21

आज माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत किया गया। यह बजट मुख्य रूप से गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ - स्वस्थ एवं सुपोषित नई युवा पीढ़ी का निर्माण की भावना के साथ सुपोषण, स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी एवं विस्तार तथा युवाओं की ऊर्जा का सकारात्मक एवं उत्पादक रूप में उपयोग कर उनकों राज्य के सशक्त संसाधन के रूप में विकसित करने पर केन्द्रित है।

इसके अतिरिक्त यह बजट सर्वेभवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः की भावना के साथ किसानों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो की समृद्धि, गांवों की आर्थिक प्रगति, शिक्षा में प्रगति के नये सोपान, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के विकास, युवाओं की ऊर्जा का उत्पादक संसाधन के रूप में अनुप्रयोग, शहरी एवं ग्रामीण अधोसंरचना के सुदृढीकरण तथा संवेदनशील प्रशासन की अवधारणा के साथ छत्तीसगढ़ जनता को समर्पित है।


1. आर्थिक स्थिति1.1 वर्ष 2019-20 के प्रावधिक अनुमान अनुसार स्थिर भाव पर राज्य की जीएसडीपी मंे 6.08 प्रतिशत की तुलना में त्वरित अनुमान अनुसार 7.06 प्रतिशत की वृद्धि संभावित।
1.2 वर्ष 2019-20 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.31 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 4.94 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित। इस प्रकार कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्रों में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमशः 2.8 एवं 2.5 प्रतिशत की तुलना में अधिक है।
1.3 प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2018-19 में 3 लाख 04 हजार करोड़ से बढ़कर 2019-20 में 3 लाख 29 हजार करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.26 प्रतिशत अधिक।
1.4 विगत वर्ष अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 96 हजार 887 की तुलना में वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 98 हजार 281 रूपये का अनुमान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 6.35 प्रतिशत अधिक।
1.5 वर्ष 2019-20 के केन्द्रीय बजट में राज्य के लिये अनुमानित केन्द्रीय करों में कमी। आगामी वर्ष में केन्द्र से प्राप्त होने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति में भी कमी संभावित, किन्तु राज्य सरकार की नीतियों एवं प्रयासों से राज्य के स्वयं के संसाधनों में 11 प्रतिशत की दर से वृद्धि।

2. गढ़बो नवा छत्तीसगढ़: स्वस्थ और सुपोषित नयी युवा पीढ़ी का निर्माण2.1 राज्य के सभी परिवार सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शामिल।
2.2 राज्य में 65 लाख 22 हजार राशन कार्डधारी, लाभान्वित जनसंख्या 2 करोड़ 43 लाख। इन राशन कार्डाें पर चावल प्रदाय हेतु 3 हजार 410 करोड़ का प्रावधान।
2.3 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में प्रति परिवार 2 किलो चना वितरण के लिए 171 करोड़ का प्रावधान है। बस्तर संभाग में प्रति परिवार 2 किलो गुड़ वितरण के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।
2.4 कोण्डागांव में आयरन एवं विटामिन युक्त फोर्टिफाईड चावल वितरण की पायलट परियोजना के लिये 5 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है।
2.5 महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से प्रारंभ मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना प्रारंभ की जा रही है। इसके लिए 60 करोड़ का प्रावधान है।
2.6 आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिये ऊंचाई, लंबाई एवं भार मापक यंत्रों की व्यवस्था के लिए 25 करोड़ का प्रावधान है।
2.7 विशेष पोषण आहार योजना में 766 करोड़, महतारी जतन योजना में 31 करोड़ का प्रावधान है।
2.8 डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों को 5 लाख रूपये एवं सामान्य राशन कार्ड वाले परिवारों को 50 हजार तक कैशलेस इलाज की सुविधा। लगभग 65 लाख परिवारों को इलाज की पात्रता व इसके लिए 550 करोड़ का प्रावधान।
2.9 मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत गंभीर बीमारियों के उपचार पर 20 लाख तक के व्यय हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
2.10 मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना में 13 करोड़ का प्रावधान। 5 माह की अल्प अवधि में ही 11 लाख से अधिक मरीज लाभान्वित।
2.11 मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 13 नगर निगमों के स्लम एरिया में निवासरत परिवारों को निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श, जांच उपचार एवं दवाईयां उपलब्ध कराने की व्यवस्था।
2.12 राज्य सिकलसेल संस्थान में उच्च स्तरीय प्रयोगशाला एवं सभी जिला अस्पतालों में सिकलसेल यूनिट की स्थापना की जायेगी।
2.13 एम.सी.आई. के मापदण्डों के अनुरूप चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा उपकरण और स्किल लैब की स्थापना हेतु 75 करोड़ का प्रावधान है।

3. कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन3.1 अन्नदाता को उनके श्रम का उचित लाभ देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ की जायेगी। योजना का लाभ वर्ष 2019-20 के लिये भी दिया जायेगा। इसके लिए 5 हजार 100 करोड़ का प्रावधान है।
3.2 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 366 करोड़, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 370 करोड़, एकीकृत बागवानी मिशन में 205 करोड़, जैविक खेती मिशन के लिए 20 करोड़, वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम में 200 करोड़ एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 110 करोड़ का प्रावधान है।
3.3 कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत 5 एच.पी. तक के कृषि पंपों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय के लिये 2 हजार 300 करोड़ का प्रावधान है।
3.4 गोठानों के संचालन हेतु गौठान समितियों को प्रतिमाह 10 हजार का अनुदान तथा पशुओं के चारे के लिये धान के पैरे की व्यवस्था की जायेगी। पैरा के रख-रखाव को सरल बनाने हेतु चौकोर बेलर क्रय करने के लिए नवीन मद में 6 करोड़ का प्रावधान है।
3.5 बेमेतरा, जशपुर, धमतरी एवं अर्जुन्दा, जिला बालोद में उद्यानिकी महाविद्यालय तथा लोरमी में कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिए नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।
3.6 इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में खाद्य प्रौद्योगिकी की स्थापना की जायेगी।
3.7 बेमेतरा एवं तखतपुर में डेयरी डिप्लोमा महाविद्यालय की स्थापना के लिए 2 करोड़ का प्रावधान है।
3.8 मछली पालन के क्षेत्र में रोजगार की संभावना को देखते हुए युवाओं को डिप्लोमा पाठ्यक्रम के अध्यापन हेतु ग्राम राजपुर (धमधा) में फिशरीज पॉलिटेक्निक की स्थापना की जायेगी।
3.9 9 पशु औषधालयों को पशु चिकित्सालय में उन्नयन, 12 नवीन पशु औषधालय तथा 5 विकास खंडों में मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई स्थापित की जायेगी।

4. सिंचाई4.1 बस्तर संभाग मंे बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना से 2 लाख 66 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है।
4.2 पैरी बांध एवं पैरी-महानदी इंटर लिंकिंग नहर परियोजना के लिए 20 करोड़, डांडपानी वृहत् जलाशय परियोजना, कुनकुरी के लिए 20 करोड़ एवं शेखरपुर वृहत् जलाशय, सरगुजा के लिए 20 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है।
4.3 नाबार्ड सहायित सिंचाई परियोजनाओं हेतु 697 करोड़, महानदी परियोजना हेतु 237 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं हेतु 610 करोड़ तथा एनीकट/स्टाप डैम निर्माण के लिए 173 करोड़ का प्रावधान है। कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई की पूर्ति हेतु भी 116 करोड़ का प्रावधान है।

5. पंचायत एवं ग्रामीण विकास5.1 ‘नरवा गरूवा घुरूवा बारी’ कार्यक्रम के तहत 912 नालों पर नरवा उपचार के लिये 20 हजार 810 काम स्वीकृत किये गए हैं। 1 हजार 900 गोठानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। घुरूवा का उपयोग कर 3 लाख 16 हजार मैट्रिक टन जैविक खाद का उत्पादन किया गया है। 1 लाख 50 हजार बाड़ियों को पुनर्जीवित करने का कार्य हुआ है। इन कार्याें के लिये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अभिसरण से राशि की स्वीकृतियां दी गई हैं। योजना मं 1 हजार 603 करोड़ का प्रावधान है।
5.2 राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 400 करोड का प्रावधान है।
5.3 प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में अब तक 7 लाख 22 हजार आवास पूर्ण हो चुके हैं। आगामी वर्ष में इस हेतु 1 हजार 600 करोड़ का प्रावधान है।
5.4 गोबर.धन योजना अंतर्गत 1 हजार 176 बायोगैस संयंत्र के स्थापना का भी लक्ष्य है। इस हेतु 450 करोड़ का प्रावधान है।
5.5 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 2 हजार 70 करोड़ का प्रावधान है।

6. स्वच्छ पेयजल6.1 नल कनेक्शन के माध्यम से पेय जल हेतु प्रारंभ की गई जल जीवन मिशन योजना के लिये 225 करोड़ का प्रावधान है।
6.2 ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप द्वारा ग्रामीण जल प्रदाय योजना के लिये 185 करोड़ तथा नलकूप खनन के लिये 70 करोड़ का प्रावधान है।
6.3 नगरीय जल प्रदाय योजनाओं के लिये 124 करोड़ का प्रावधान है।
6.4 राज्य में निर्मित हो रहे गोठानों में जल प्रदाय हेतु नलकूप खनन के लिये 5 करोड़ का प्रावधान है।

7. शैक्षणिक विकास-स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा7.1 राज्य के 1 लाख 31 हजार शिक्षाकर्मियों को संविलियन हो चुका है। शेष 16 हजार शिक्षाकर्मियों में से 2 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का 1 जुलाई 2020 से संविलियन किया जायेगा।
7.2 महान संत गुरू घासीदास की जन्मस्थली ग्राम गिरौदपुरी में गुरूकुल विद्यालय की स्थापना की जायेगी।
7.3 दूरस्थ आदिवासी अंचल के ग्राम तोंगपाल, जिला सुकमा एवं कुआकोंडा, जिला दंतेवाड़ा में छात्रावास की सुविधा सहित नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा। सुुकमा, कोण्डागांव, नारायणपुर, बीजापुर एवं तखतपुर में कन्या महाविद्यालय खोला जायेगा।
7.4 महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन की स्मृति में ग्राम कंडेल, जिला धमतरी में महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा।
7.5 स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित मानव संसाधन की पूर्ति हेतु औद्योगिक क्षेत्र सिरगिट्टी, नगरनार एवं तिल्दा में नवीन आई.टी.आई. खोले जाएंगे।
7.6 दंतेवाड़ा में मल्टी स्किल सेंटर की स्थापना के लिए 3.85 करोड़ का प्रावधान है।
7.7 मुख्यमंत्री पॉलीटेक्निक गुणवत्ता विकास योजना के तहत 9 पॉलीटेक्निक कॉलेज के उन्नयन हेतु 5 करोड़ का प्रावधान है।
7.8 राज्य के 3 इंजीनियरिंग कॉलेज एवं 5 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में नव विकसित तकनीकों के अध्ययन एवं शोध हेतु इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं रोबोटिक्स की प्रयोगशालाएं स्थापित की जायेगी।

8. श्रम एवं समाज कल्याण8.1 निराश्रितों, बुजुर्गाें, विधवा महिलाओं एवं निःशक्त व्यक्तियों को समय पर सहायता उपलब्ध कराने के लिये सामाजिक सुरक्षा और कल्याण मद में 352 करोड़, वृद्धावस्था पेंशन योजना में 185 करोड़ और मुख्यमंत्री पेंशन योजना मेें 150 करोड़ का प्रावधान है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना में 68 करोड़ तथा सुुखद सहारा योजना में 100 करोड़ का प्रावधान है।
8.2 दिव्यांगजनों के लिये निःशक्तजन पुनर्वास केन्द्र, मादक द्रव्यों एवं पदार्थाें की रोकथाम एवं नशामुक्ति केन्द्र का संचालन तथा तृतीय लिंग समुदाय से संबंधित योजनाओं हेतु 5 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है।
8.3 असंगठित श्रमिक सुरक्षा एवं कल्याण मण्डल हेतु 38 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
8.4 ठेका मजदूर, घरेलू कामकाजी महिला एवं हम्माल कल्याण मण्डल हेतु 15 करोड़ का प्रावधान है।

9. युवा कल्याण9.1 युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी के रायपुर स्थित निवास स्थान डे-भवन को स्वामी विवेकानंद स्मृति संस्थान के रूप में विकसित किया जायेगा।
9.2 राजीव युवा मितान क्लब योजना के लिए नवीन मद में 50 करोड़ का प्रावधान है।
9.3 युवा महोत्सव के लिए नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।
9.4 आईआईटी, आईआईएम एवं एम्स जैसे राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने वाले राज्य के युवाओं के शिक्षण शुल्क का भार शासन द्वारा वहन किया जायेगा तथा ऐसे युवाओं की प्रतिभा का राज्य के विकास में उपयोग करने के लिये शासकीय, अर्द्धशासकीय संस्थानों में सीधे चयन की पात्रता दी जायेगी।
9.5 खेल संबंधी नीतिगत निर्णय, विभिन्न विभागों से समन्वय, खेल अधोसंरचनाओं का रख-रखाव तथा आवासीय खेल अकादमी के संचालन हेतु छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है।
9.6 मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए नवीन मद में 10 करोड़ का प्रावधान है।

10. औद्योगिक विकास10.1 नई औद्योगिक नीति 2019 का मुख्य उद्देश्य समावेशी विकास, आत्मनिर्भरता एवं परिपक्व अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है।
10.2 उद्योगों के लिये आबंटित किये जाने वाले भू-खण्ड की दरों में 30 प्रतिशत तथा लीज रेन्ट की दर में 33 प्रतिशत कमी की गई है।
10.3 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में 20 एकड़ तक के निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की अनुमति देते हुए अधोसंरचनात्मक विकास कार्याें के विरूद्ध 4 करोड़ तक का अनुदान देने का प्रावधान है।
10.4 राज्य में उत्पादित सब्जी, फल एवं मोटे अनाजों को प्रसंस्कृत कर मूल्य संवर्धन की दृष्टि से उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए नये फूड पार्क की स्थापना हेतु नवीन मद में 50 करोड़ का प्रावधान है।
10.5 नये औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 15 करोड़ एवं जेम ज्वेलरी पार्क की स्थापना के लिए 1 करोड़ का प्रावधान है।
10.6 उद्योगों की स्थापना पर दी जाने वाली लागत पूंजी अनुदान के लिये 100 करोड़ एवं ब्याज अनुदान के लिये 39 करोड़ का प्रावधान है।

11. वन संपदा11.1 प्राकृतिक पुनरोत्पादन के संरक्षण हेतु 200 करोड़ का प्रावधान है। इससे 60 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन होगा तथा राज्य की सालाना आय में 400 करोड़ की वृद्धि संभावित है।
11.2 लघु वनोपज के प्रसंस्करण हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।

12. नगरीय प्रशासन एवं विकास12.1 शहरी नागरिकों की बुनियादी समस्याओं का निराकरण वार्ड स्तर पर करने के लिये मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना प्रारंभ की गई है। इस हेतु 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
12.2 13 नगर निगम क्षेत्र के निवासियों के लिये मुख्यमंत्री मितान योजना प्रारंभ की जा रही है। इस हेतु 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
12.3 पौनी-पसारी योजना के लिए 30 करोड़ का प्रावधान है।
12.4 नगरीय क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिए 489 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 396 करोड़, अमृत मिशन के लिए 300 करोड़ एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।

13. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गाें का कल्याण13.1 अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों के लिये 61 नये छात्रावास खोलने सहित कुल छात्रावास/आश्रमों के संचालन के लिये 378 करोड़ का प्रावधान है।
13.2 नवीन मद में 100 भवन विहीन छात्रावास/आश्रमों के भवन निर्माण सहित कुल छात्रावास/आश्रम निर्माण कार्याें के लिये विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना में 303 करोड़ का प्रावधान है।
13.3 जनजाति सलाहकार परिषद् के कामकाज के लिये पृथक सचिवालय की स्थापना की जायेगी।
13.4 दिसंबर 2019 में रायपुर में आयोजित देश के सबसे बड़े आदिवासी नृत्य महोत्सव की सफलता को देखते हुए प्रतिवर्ष राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जायेगा।
13.5 अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के दौरान निःशुल्क आवासीय सुविधा के लिये 10 पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों की स्थापना की जायेगी।
13.6 सरगुजा एवं बस्तर संभाग एवं कोरबा जिले के लिये जिला संवर्ग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिये विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन किया गया है।

14. शिल्प, कला, संस्कृति एवं पर्यटन14.1 छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की पहचान का केन्द्र बन चुके रायपुर के गढ़-कलेवा की अन्य 26 जिला मुख्यालयों में स्थापना के लिये स्व-सहायता समूहों को 10 लाख का रिवॉल्विंग फंड उपलब्ध कराया जायेगा।
14.2 मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।
14.3 नवा रायपुर में अभिलेखागार एवं संग्रहालय का निर्माण तथा जगदलपुर एवं बिलासपुर के संग्रहालयों का उन्नयन किया जायेगा।
14.4 राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये विभाग के बजट में 75 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इस वर्ष 103 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
14.5 राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत श्रीराम-जानकी द्वारा उपयोग किये गये मार्ग पर चिन्हांकित 9 प्रमुख पर्यटन केन्द्रों पर अधोसंरचना विकास एवं निर्माण के लिये 10 करोड़ का प्रावधान है।

15. एकीकृत ई-शासन परियोजना (IPEG)15.1 वर्तमान प्रणाली में पृथक-पृथक सेवाओं के लिये नागरिकों को बार-बार पहचान पत्र एवं अन्य दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं। उक्त परेशानियांे को दूर करने के लिये आधुनिक सूचना और संचार तकनीक का उपयोग कर सक्रिय एवं कुशल नागरिक सेवा वितरण प्रणाली का निर्माण किया जायेगा।

16. राजस्व प्रशासन16.1 11 नगर निगम क्षेत्रों के लिये 1 अनुपात 500 के बड़े स्केल वाले नक्शे तैयार किये जाएंगे। नगर निगम क्षेत्रों के सर्वेक्षण कार्य हेतु नवीन मद में 25 करोड़ का प्रावधान है।
16.2 5 तहसील कार्यालयों के मॉडल भवन, 25 नये तहसील कार्यालय एवं 4 नये राजस्व अनुविभाग की स्थापना की जायेगी। 10 फरवरी 2020 से अस्तित्व में आ चुके नवीन जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 17 करोड़ की लागत से जिला कार्यालय भवन निर्माण किया जायेगा। इन कार्याें हेतु 11 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है।

17. पुलिस प्रशासन एवं न्याय व्यवस्था17.1 समाज में बढ़ते हुए साइबर अपराधों की संख्या को देखते हुए 1 साइबर पुलिस थाना की स्थापना की जायेगी।
17.2 03 स्मार्ट पुलिस थाना, 5 नवीन थाना, 10 चौकी एवं 5 पुलिस अनुविभाग कार्यालय भवन, रायपुर एवं दुर्ग में पुलिस ट्रांजिट भवन तथा बस्तर रेंज में पुलिस कर्मचारियों के लिये 1 हजार आवास गृहों के निर्माण हेतु 22 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
17.3 5 थाना, 10 चौकी निर्माण, 10 चौकी से थाने में उन्नयन किया जायेगा।
17.4 बेमेतरा, गरियाबंद, संजारी बालोद, बलौदाबाजार, सूरजपूर, मुंगेली, सुकमा एवं पेण्ड्रारोड के उपजेल को जिला जेल में उन्नयन किया जायेगा।
17.5 जेलों की व्यवस्था में सुधार हेतु सुझाव प्रस्तुत करने के लिये जेल सुधार आयोग का गठन किया जायेगा।
17.6 माननीय उच्च न्यायालय एवं सभी सिविल जिलों में लंबित मामलों में पक्षकारों के बीच समझौता कराने के लिये मध्यस्थता केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित हैै।

18. अधोसंरचना विकास18.1 एशियन विकास बैंक की सहायता से राज्य में सड़क विकास परियोजना (फेज़-3) के अंतर्गत कुल 3 हजार 535 करोड़ लागत की 25 नवीन सड़कों हेतु 710 करोड़ का प्रावधान है। वर्ष 2020-21 में एडीबी सहायित सड़क विकास योजना की चौथे चरण की स्वीकृति भी प्राप्त की जायेगी।
18.2 नवीन वृहद पुल निर्माण हेतु 240 करोड़ 50 लाख एवं नवीन मध्यम पुल निर्माण की जवाहर सेतु योजना के अंतर्गत 151 करोड़ का प्रावधान है।
18.3 सड़क एवं पुल निर्माण के नवीन कार्यों के लिए 600 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है। इनमें 434 ग्रामीण सड़कें, 88 मुख्य जिला मार्ग, 50 राज्य मार्ग एवं 31 शहरी मार्गों का निर्माण किया जायेगा।
18.4 500 एवं 750 सीट की क्षमता वाले 11 नवीन ऑडिटोरियम का निर्माण किया जायेगा।
18.5 इसके अतिरिक्त संभागीय मुख्यालयों दुर्ग, जगदलपुर एवं अम्बिकापुर में 3 हजार 500 सीटर क्षमता के 3 नवीन इन्डोर स्टेडियम का निर्माण किया जायेगा। इसके लिये नवीन मद में 54 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
18.6 नवा रायपुर में झीरम घाटी के शहीदों की स्मृति में शहीद स्मारक का निर्माण किया जायेगा।
18.7 जगदलपुर, अंबिकापुर एवं बिलासपुर एयरपोर्ट में आटोमेटेड एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर की स्थापना हेतु 7 करोड़ 20 लाख का प्रावधान है।
18.8 बैकुण्ठपुर (कोरिया) में एयर स्ट्रीप के निर्माण हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।

19. परिवहन19.1 वाहनों में ओवर लोडिंग की जांच के लिये वे-ब्रिज की स्थापना हेतु 9 करोड़ का प्रावधान है।
19.2 सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा के लिये वाहनों में जीपीएस के ट्रैकिंग हेतु व्हीकल टैªकिंग प्लेटफार्म का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 14 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है।

20. विद्युतीकरण20.1 मुुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना के लिये 25 करोड़ का प्रावधान है।
20.2 घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक के बिजली बिल आधा के लिये 850 करोड़ का प्रावधान है।
20.3 मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना में 135 करोड़ का प्रावधान है।

21. वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान21.1 वर्ष 2020-21 हेतु कुल राजस्व प्राप्तियां 83 हजार 831 करोड़ अनुमानित है। इसमें राज्य का राजस्व 35 हजार 370 करोड़ एवं केन्द्र से प्राप्त होने वाली राशि 48 हजार 461 करोड़ है।
21.2 वर्ष 2020-21 के लिए अनुमानित सकल व्यय 1 लाख 2 हजार 907 करोड़ का है। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी एवं पुर्न प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 95 हजार 650 करोड़ अनुमानित है। राजस्व व्यय 81 हजार 400 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 13 हजार 814 करोड़ है। वर्ष 2020-21 में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.44 प्रतिशत है।
21.3 वर्ष 2020-21 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 38 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिए 40 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिए 22 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।

22. राजकोषीय स्थिति22.1 इस बजट में पूर्व वर्षों की भांति 2 हजार 431 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित किया गया है।
22.2 राज्य का सकल वित्तीय घाटा 11 हजार 518 करोड़ अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.18 प्रतिशत एवं निर्धारित सीमा के भीतर है।
22.3 वर्ष 2020-21 हेतु कुल प्राप्तियां 96 हजार 91 करोड़ के विरूद्ध शुद्ध व्यय 95 हजार 650 करोड़ अनुमानित है। इन वित्तीय संव्यवहारों के फलस्वरूप 441 करोड़ की बचत अनुमानित है। वर्ष 2019-20 के संभावित घाटा 3 हजार 963 करोड़ को शामिल करते हुए वर्ष 2020-21 के अंत में 3 हजार 522 करोड़ का बजट घाटा अनुमानित है।

23. कर प्रस्ताव2020-21 के लिए कोई नया कर प्रस्ताव नहीं है।





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