"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


शुक्रवार, नवंबर 01, 2024

सड़क किनारे खड़ी कार को शराबी बाइक चालक ने एक्सीडेंट करके सांकरा ओवर ब्रिज के पास किया क्षतिग्रस्त


सड़क किनारे खड़ी कार को शराबी बाइक चालक ने एक्सीडेंट करके किया क्षतिग्रस्त

एक्सीडेंट की जानकारी, श्री HP जोशी जी की जुबानी

दिनांक 08/10/2024 को अपने परिवार सहित कार क्रमांक CG04LS2334 में सवार होकर अपने घर लोरमी जा रहा था रात्रि करीबन 07.50 बजे थाना तिल्दा नेवरा, जिला रायपुर क्षेत्रांतर्गत सांकरा ओवर ब्रिज के पास पहुंचा था कि बच्चे को वासरूम लगने पर कार का इंटीगेटर चालूकर रोड़ के किनारे स्ट्रीट लाइट के उजाले में खड़ी करके बच्चों को वासरूम करा रहे थे। उसी समय रायपुर तरफ से आ रही मोटर सायकल क्रमांक CG28H2661 का चालक नशे में धुत्त होकर, अपने हाथ में मिनरल वाटर बॉटल (जिसमें अल्कोहल मिस्ड बियर भरी थी, जबकि उसके बाइक में डिग्गी है जिसमें खूब सारा गुटखा और तंबाखू के अलावा कुछ नहीं था, आधा खाली था; डिग्गी में वो शख्स शराब और बियर से भरी बॉटल रख सकता था) लेकर जोर जोर से गाना गाते हुए अनियंत्रित स्थिति में तेजगति एवं लापरवाही पूर्वक बाइक चलाते हुये कार को पीछे से ठोकर मारकर एक्सीडेंट कर दिया।


एक्सीडेंट करने से मेरे कार का पीछे भाग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, वाहन में अंदरूनी क्षति भी पहुंची है जिससे पीछे का दोनों पहिया का बैलेंस बिगड़ गया है। चूंकि हम सब कार में बैठे नहीं थे हमें कोई चोट नहीं आई है। इसके बावजूद बाइक यदि मेरी कार के दाहिने के बजाय यदि बाईं तरफ गिरती तो मुझे और मेरे पुत्र को गहरे चोट का शिकार होना पड़ता।


विदित हो कि सिक्स लेन रोड होने के कारण मेरी कार खड़ी होने के बावजूद एक समय में, एक साथ एक समानांतर 02 भारी मालवाहक गाड़ी और बाइक भी गुजर सकती थी।

इस एक्सीडेंट में बाइक चालक को टकराने से हल्की चोटें आई है; वो शख्स नशे में इतना धुत्त था कि चोंट के बावजूद एक शब्द भी अपने कष्ट को अभिव्यक्त नहीं किया और बोलने की स्थिति में नहीं थी। मेरे सहित कुछ राहगीर उनसे परिचय जानने के लिए बात करने में भी असहज थे, क्योंकि वाहन चालक के मुंह से शराब की गंदी बदबू आ रही थी।
शराबी बाइक चालक द्वारा मेरी कार को ठोकर मारने तथा गिरने पर मेरे द्वारा तत्काल डायल 112 पर फोन करके पुलिस और एम्बुलेंस बुलाया गया तथा बाइक चालक को प्राथमिक उपचार हेतु एम्बुलेंस में सवार करके भेजा गया।
डायल 112 में सूचना देने के पश्चात शराबी बाइक चालक के परिवार को सूचना देने के उद्देश्य से उसका परिचय, निवास का पता और परिवार के सदस्यों का मोबाइल नंबर पूछने पर शराब के नशे में विवेक शून्यता के कारण मुश्किल से अपना परिचय (नाम : दिलीप, पिता : तिरिथ, ग्राम : बहेरा (अछोली), थाना : पथरिया, जिला मुंगेली बताया गया।


तत्पश्चात मेरे द्वारा थाना तिल्दा नेवरा, जिला रायपुर जाकर वास्तविक वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए HC श्री साधे सिंह के माध्यम से FIR (अपराध क्रमांक 0482, दिनांक 08.10.2027 के 22:20 बजे) दर्ज कराया गया। FIR में उल्लेखित तथ्य FIR कर्ता पुलिस अधिकारी द्वारा कतिपय कारणों और समस्याओं का हवाला देकर अपने विवेक से लेख किया गया है।

अंत में मेरे द्वारा अपनी कार को सत्या ऑटो मुंगेली में गाड़ी बनवाने के लिए दिखाया, जिसमें अनुमानित लागत लगभग ₹ 84,000/- से अधिक राशि व्यय होने के स्टीमेट दिया गया है। 
अपनी गाड़ी बनवाने के लिए satya auto mungeli में छोड़ दिया हूं।

सीख 
# शराबी बाइक चालक ने किया कार की एक्सीडेंट; कभी भी शराब के नशे में न चलाएं गाड़ी.. अन्यथा खुद तो मरोगे बेगुनाह को भी मार डालोगे..!

# सदैव वैध ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी का बीमा (एक्टिव इंश्योरेंस) रखें, तभी चलाएं गाड़ी। अन्यथा दूसरे की गलती के कारण भी हो जाओगे कंगाल...!

# साथियों, शराब के नशे की हालत में गाड़ी चलाने से बीमा कंपनी से आवश्यक सुविधाएं भी नहीं मिलेगी। अतः वाहन चलाने के दौरान भूल कर भी गाड़ी न चलाएं... अन्यथा दूसरे के गलती में भी, एक्टिव इंश्योरेंस और ड्राइविंग लाइसेंस होने के बावजूद हो जाएंगे कंगाल।

बुधवार, अक्तूबर 23, 2024

इंतिजार की घडी खत्म : छत्तीसगढ़ पुलिस (आरक्षक जीडी/चालक) भर्ती की राह देखने वाले छत्तीसगढ़ के 7,37,864 युवक युवती दिनांक 16.11.2024 से दिलाएंगे शारीरिक दक्षता परीक्षा; जानें पूरा विवरण


इंतिजार की घडी खत्म : छत्तीसगढ़ पुलिस (आरक्षक जीडी/चालक) भर्ती की राह देखने वाले छत्तीसगढ़ के 7,37,864 युवक युवती दिनांक 16.11.2024 से दिलाएंगे शारीरिक दक्षता परीक्षा; जानें पूरा विवरण


छत्तीसगढ़ पुलिस (आरक्षक जीडी/चालक) भर्ती की राह देखने वाले छत्तीसगढ़ के 7,37,864 युवक/युवतियों की इंतिजार की घडी खत्म हो गई है; अब पुलिस मुख्यालय, छत्तीसगढ़ नवा रायपुर, अटल नगर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दिनांक 16.11.2024 से शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित होने की जानकारी दी है।

 छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती हेतु सफलता के नियम : आपकी नौकरी पक्की; यदि आप इन नियमों का करेंगे पालन


तुक्का मारने का नियम; वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का मूलमंत्र



पुलिस मुख्यालय, छत्तीसगढ़ द्वारा जिला पुलिस बल आरक्षक संवर्ग के सीधी भर्ती के 5967 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु दिनांक 04.10.2023 को विज्ञापन जारी किया जाकर दिनांक 01.01.2024 से दिनांक 06.03.2024 तक ऑनलाईन आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे। इसके माध्यम से राज्य के 7,37,864 युवक/युवतियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है।

कब से और कहाँ होगी आपकी फिजिकल परीक्षा ?
उक्त भर्ती प्रकिया के प्रथम चरण अंतर्गत अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच, शारीरिक नापजोख एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा का आयोजन दिनांक 16.11.2024 से रायपुर, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़, सूरजपुर, जगदलपुर एवं कोण्डागांव में निर्धारित परीक्षा स्थलों मे किया जावेगा।






प्रवेश-पत्र कब से और कैसे मिलेगी ?
इस हेतु अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाईट https://cgpolice.gov.in पर दिनांक 04.11.2024 से उपलब्ध होंगे।

सोमवार, सितंबर 23, 2024

प्रधान आरक्षक श्री हुलेश्वर जोशी का छत्तीसगढ़ पुलिस में सेवा के 19 वर्ष पूर्ण; आज 20वें वर्ष में प्रवेश

प्रधान आरक्षक श्री हुलेश्वर जोशी का छत्तीसगढ़ पुलिस में सेवा के 19वर्ष पूर्ण; आज 20वें वर्ष में प्रवेश 


• प्रधान आरक्षक श्री हुलेश्वर प्रसाद जोशी, जिला पुलिस बल, नारायणपुर ने अपने आदर्शो और सहयोगियों का किया आभार


जिला पुलिस बल नारायणपुर में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ जवान श्री हुलेश्वर प्रसाद जोशी की सेवा का 19 वर्ष पूर्ण होकर, 20वें वर्ष पर प्रवेश करने पर उन्होंने अपने आदर्शो और सहयोगियों  सहित पत्रकारों और मीडिया बंधुओं का आभार प्रकट करते हुए अपने पुलिस जीवन में प्रेरणा स्त्रोत, मार्गदर्शकों और सहयोगियों का नाम अमिट स्याही में लिखने का प्रयास किया है। 


श्री जोशी ने कहा है कि पुलिस विभाग में मेरे विभागीय अनुशासन को पूर्ण करते हुए पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ अव्वल दर्जे के सेवा के दौरान आप सभी से प्राप्त आशीर्वाद, मार्गदर्शन, सहयोग, सम्मान और प्रेम के लिए कोटिशः आभार। 19वर्ष के दीर्घकालीन सेवा के दौरान मेरी अनुभव और कार्यक्षमता में निरंतर वृद्धि हुई है, इसका तात्पर्य है कि मैंने लगभग Zero से शुरुआत के साथ दर्जनों छिटपुट गलतियों और आपके क्षमादान के साथ आज इस identity को प्राप्त कर पाया हूं तो उसके पीछे आप सबका सराहनीय योगदान रहा है।


श्री जोशी जी के प्रेरणास्रोत : पूर्व एडीजी श्री जीपी सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग, पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल, सेनानी एम. तुङ्गोई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज चंद्राकर, सहायक सेनानी श्री रविप्रताप सिंह, सहायक सेनानी श्री धर्मनाथ सिंह, सहायक सेनानी श्री टीका राम कुर्रे, भूतपूर्व कंपनी कमांडर श्री सत्यनारायण शुक्ला, भूतपूर्व कंपनी कमांडर श्री सरजू सिंह सिकरवार, एपीसी श्री शैवाल चटर्जी, एपीसी श्री जयंत पॉल को सादर प्रणाम।


श्री जोशी जी के मार्गदर्शक : सहायक सेनानी श्री कुंजराम चौहान, सहायक सेनानी श्री लोकेश्वर शांडिल्य, सहायक सेनानी श्री गोविन्द राम मिंज, सहायक सेनानी श्री विजय तिर्की, Ret.CC श्री अशोक चतुर्वेदी, रक्षित निरीक्षक श्री दीपक कुमार साव, रक्षित निरीक्षक श्री सोनू वर्मा, CC श्री सुरित राम बघेल, CC श्री नरसिंह यादव, PC श्री हरीश चंद्र सिन्हा, APC स्वर्गीय श्री ओंकार नाथ सिंह, PC श्री पंकज तिवारी, PC श्री चंद्रमा राम, Steno श्री पवन नामदेव, ASI श्री नीलकमल दिवाकर, APC श्री महेंद्र शर्मा, APC श्री रामा साहू,  HC श्री गोविन्द बिहारी शर्मा, श्री निर्मल बारमते, श्री संजय खांडेकर, को सादर प्रणाम।


विशेष आभार : भूतपूर्व डीआईजी श्री एनकेएस ठाकुर, भूत पूर्व आईजी श्री के.सी. अग्रवाल, भूतपूर्व डीआईजी श्री जगमोहन वट्टी, सेनानी श्री नरेंद्र खरे, भूतपूर्व एसी श्री पासवान सर, एसी श्री त्रिभुवन मोहन वासनिक, सीसी श्री नरसिंह यादव, श्री सीसी श्री जितेंद्र कोरी, अकाउंटेंट श्री मनिहार सिंह सहारे, अकाउंटेंट श्री मुरली रावते,  स्टेनो श्री संतोष देहारी, SI - M श्री राजेश दुरुक्कर, ASI श्री जितेन्द्र राजपूत, Asi-M श्री महेश बंजारे, ASI- TC श्री रणविजय सिंह मंडावी, श्री श्रीधर सिंह बैस, श्री लाल मोहन पटेल, श्री मनोज दुबे, श्री सुदर्शन गुप्ता, श्री धनंजय हिरवानी, श्री राकेश साव, श्री अनिल जोशी, श्री दिवाकर मिश्रा, श्री रोहित अग्निहोत्री, श्री अनिल तिवारी, श्री तुका राम साहू, श्री भानु प्रकाश मारकंडे, श्री श्यामचरण मुंडा, श्री अवधेश तिवारी, श्री गजेंद्र सिंह कुशवाहा, श्री शिव सोनवानी, श्री नरेन्द्र कुशवाहा, श्री रोशन दुबे, श्री कमल किशोर द्विवेदी, श्री दिनेश चंद्राकर, श्री सत्यप्रकाश भारद्वाज, श्री मनोज शर्मा, श्री महेंद्र हंश, श्री अनिल यादव, श्री सुनील सहगल, श्री रामस्वरूप सोनवानी, श्री परमेश्वर निषाद, श्री जितेन्द्र कुमार पटेल, श्री लोमन सिंह रावते, श्री राकेश ताम्रकार, श्री जय वासनिक, श्री जगदेव नेताम, श्री कन्हैया वैष्णव, श्री खिलेश्वर बेसरा, श्री भीम सिंह कुमेटी, सहित सभी वरिष्ठ एवम सहयोगी पुलिस अधिकारीगण का आभार प्रकट करता हूँ। आदरणीय पाठकों, उपरोक्तानुसार दर्शाए नाम के अलावा भी बहुत से लोगों ने मेरी सेवा के दौरान अपना अहम किरदार निभाया है उन सबको भी बहुत बहुत धन्यवाद।


आदरणीय/आदरणीया 

मैंने अपनी 19 साल की सेवा के दौरान 5वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल कांगोली जगदलपुर, व्हीआईपी सुरक्षा वाहिनी माना रायपुर और जिला पुलिस बल नारायणपुर में पदस्थ होकर थाना जांगला (जिला बीजापुर), थाना कोरर (जिला कांकेर), CIATS जगदलपुर, 4th BN CAF माना रायपुर, पुलिस मुख्यालय (व्हीआईपी सुरक्षा सेल, चुनाव सेल, तकनीकी सेवाएं शाखा, सिटीजन कॉप सेल), आईजी रेंज रायपुर, आईजी रेंज दुर्ग, Directorate EOW Raipur और राज्य पुलिस अकादमी चंद्रखूरी में कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त किया है। इस दौरान संबंधित कार्यालयों के स्टाफ से भी मुझे बेहतर मार्गदर्शन और सहयोग के साथ साथ पद की गरिमा से बढ़कर मुझे सम्मान प्राप्त हुआ है, इसके लिए सभी स्टॉफ को बहुत बहुत धन्यवाद.....


पुलिस बल में सेवा के दौरान पुलिस विभाग के अच्छे कार्यों को जन मानस तक पहुंचने में छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा देश के अनेकोनेक बुद्धिजीवी पत्रकारों, मीडिया साथियों का भी निरंतर सहयोग प्राप्त हुआ है, अतः आप सभी पत्रकार और मीडिया साथियों का विशेष आभार प्रकट करता हूं।


मेरी इस उत्कृष्ट सेवा में मेरे दादा, दादी, मां, बाबूजी, बड़े भैया, भाई, छोटी बहन, पत्नी और नन्हें बच्चों के अलावा बहुत से पारिवारिक सदस्यों और मित्रों का बलिदान और मार्गदर्शन भी शामिल है आप सबको सादर प्रणाम...... अपेक्षा है आप सबका सहयोग निरंतर प्राप्त होता रहेगा। 


भवदीय

(हुलेश्वर प्रसाद जोशी)

प्रधान आरक्षक

जिला पुलिस बल, नारायणपुर

Mob : 94060-03006

सोमवार, अगस्त 26, 2024

विशेषांक : कृष्ण जन्माष्टमी और गुरु बालकदास जयंती पर तुलनात्मक आलेख

कृष्ण जन्माष्टमी और गुरु बालकदास जयंती पर विशेष लेख - श्री हुलेश्वर जोशी

कृष्ण जन्माष्टमी और गुरु बालकदास जयंती पर तुलनात्मक अध्ययन- श्री हुलेश्वर जोशी


एतद्द्वारा मैं हुलेश्वर जोशी (लेखक) समस्त ब्रम्हांड के जीवजंतुओं को कृष्ण जन्माष्टमी और गुरु बालकदास जयंती की शुभकामनाएं देता हूँ; चूंकि आज भगवान कृष्ण और गुरु बालकदास का जन्मोत्सव है इसलिए उनके संबंध में कुछ सामान्यतः रोचक तथ्य बताना चाहता हूं :-

  • भगवान श्रीकृष्ण और गुरु बालकदास का जन्म हिंदी कैलेंडर के अनुसार एक ही मास- भाद्रपद, पक्ष - अंधियारी (कृष्ण), दिवस - अष्टमी को हुआ था। इसलिए भगवान कृष्ण के जन्म को कृष्ण जन्माष्ठमी के रूप में मनाया जाता है तो गुरु बालकदास के जन्म को उनके जयंती के रुप में मनाया जाता है।
  • श्रीकृष्ण माता देवकी और वासुदेव के आठवें संतान हैं, इनके लालन पालन माता यशोदा और नंद बाबा करते हैं। गुरु बालकदास माता सफुरा और गुरु घासीदास के द्वितीय संतान हैं।
  • भगवान श्रीकृष्ण जी द्वापर में यादव कुल में जन्म लेकर राजा के संतान न होने के बावजूद राजा बने और सनातन धर्म को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया वहीं गुरु बालकदास भी किसी राजा के संतान न होकर गुरु घासीदास के पुत्र के रूप में जन्म लेकर राजा की उपाधि हासिल किए और सतनाम धर्म के स्थापना के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
  • श्रीकृष्ण और गुरु बालकदास अपने क्षमता के बल पर राजा तो बनते हैं मगर राज्य नहीं कर पाते हैं बल्कि धर्म की स्थापना के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष करते रहते हैं।
  • श्रीकृष्ण की एक प्रेमिका राधा और 8 पत्नियां रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा थी, जबकि गुरु बालकदास की दो पत्नी नीरा और राधा थी।
  • श्रीकृष्ण के 80 पुत्र होने के प्रमाण मिलते हैं जिसमें रूखमणी के संतान प्रद्युम्न (ज्येष्ठ पुत्र) और केवल एक बेटी चतुमति हैं; जबकि गुरु बालकदास के केवल एक ही पुत्र साहेबदास हुए, साहेबदास की माता राधामाता हैं जबकि दो बेटियां गंगा और गलारा नीरामाता के गर्भ से जन्म लेती हैं।
  • श्रीकृष्ण का हत्या गांधारी के श्राप के कारण एक शिकारी के तीर से होता है तो वहीं गुरु बालकदास की हत्या उनके जातिवादी सामंतों द्वारा एम्बुश लगाकर किया जाता है।
  • जब श्रीकृष्ण जी द्वापर में जन्म लिए तब ऊँचनीच की भावना से समाज बिखरा पड़ा था, उन्होंने स्वयं वर्णव्यवस्था के खिलाफ रहकर प्राकृतिक न्याय के आधार पर काम करते हुए सनातन धर्म के लोगों को दुष्टों और पापियों से मुक्त किया तो वहीं गुरु बालकदास ने समाज में व्याप्त सैकड़ों बुराइयों के खिलाफ काम करते हुए अविभाजित मध्यप्रदेश (छत्तीसगढ़ सहित) में सैकड़ो जातियों और अनेकों धर्म के लोगों को अमानवीय अत्याचार के खिलाफ संगठित कर सतनामी और सतनाम धर्म के अनुयायी बनाये तथा बिना किसी भेदभाव के मानवता की पुर्नस्थापना के लिए सबको समान अधिकार देने तथा महिलाओं के साथ होने वाले अमानवीय अत्याचार जिसमें मुख्यतः डोला उठाने की अमानवीय कृत्य पर रोक लगाया और सतनाम धर्म में अखाड़ा प्रथा का शुरुआत किया।
  • श्रीकृष्ण जी ने स्वयं तथा पांडवों के साथ मिलकर भारतवर्ष को दुराचारियों से मुक्त करने के लिए लड़ाई लड़ा और सनातन धर्म को सुरक्षित किया तो वहीं गुरु बालकदास ने स्वयं तथा सतनामी लठैतों के साथ मिलकर समाज में व्याप्त हिंसक लोगों के खिलाफ आम लोगों के मानव अधिकार और स्वाभिमान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ा और भारतवर्ष विशेषकर मध्यप्रदेश के लोगों को समान सामाजिक जीवन प्रदान किया।
  • श्रीकृष्ण अपने पूर्व के ज्ञानी महात्माओं, देवी देवताओं के दर्शन की समीक्षा करके नवीन वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रतिपादन किया तो वहीं गुरु बालकदास देश में व्याप्त बुराइयों की संभावनाओं के खिलाफ सशक्त समाज के लिए वैचारिक क्रांति का दर्शन प्रस्तुत किया।
  • श्रीकृष्ण ने प्रेम, आध्यात्म और दर्शन के माध्यम से अथवा सुदर्शन चक्र के प्रयोग के माध्यम से न्याय को स्थापित करने का काम किया तो गुरु बालकदास ने गुरु घासीदास बाबा के "मनखे मनखे एक समान" के सिद्धान्त को स्थापित करने के लिए रावटी, शांति सद्भावना सभा और शक्ति के माध्यम से दुराचारियों को नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। अर्थात दोनो ही पहले शांति का संदेश लेकर आते हैं और दुष्टों को भी एकमत होने का अनुरोध करते हैं और जब दुष्ट शांति संदेश को मानने से इनकार करके न्याय स्थापित करने में अवरोध पैदा करते हैं तो दुष्ट के नरसंहार के लिए शक्ति का प्रयोग करते हैं ताकि हर मनुष्य को समान जीवन और सम्मान का अधिकार मिल सके।
  • श्रीकृष्ण और गुरु बालकदास दोनों ही जबतक अत्यंत आवश्यक न हो अर्थात थोड़ा भी शांति और सुलह की संभावना हो तब तक हिंसा के मार्ग का विरोध करते हैं।
  • श्रीकृष्ण और गुरु बालकदास दोनों ही शाकाहार की बात करते हैं और गाय को माता मानते हैं।
  • श्रीकृष्ण आत्मा को अजरअमर और शोकमुक्त बताते हैं तथा उनका मानना था कि पुनर्जन्म और मोक्ष और मोक्ष उपरांत पुनः मनवांछित जन्म मिलता है वे इसके लिए भगवान ब्रम्हा को उत्तरदायी समझते हैं तो वहीं गुरु बालकदास जीवन काल में ऐसे कर्म करने का सलाह देते हैं जिससे सतलोक (पृथ्वी) में जीवन के दौरान ही आपका परलोक अर्थात अमरलोक (मृत्य उपरांत नाम की अमरता) निर्धारित हो सके।
  • श्रीकृष्ण पांच तत्वों की उपलब्धता को साबित करते हुए सृष्टि के संचालन के लिए इन पांचों तत्व को जिम्मेदार बताते हैं तो ठीक कृष्ण के समानांतर ही गुरु बालकदास भी पांच तत्व (सतनाम) को ही सृष्टि की रचना और संचालन के कर्ताधर्ता मानते हैं।
  • श्रीकृष्ण के अनुयायी उनके जन्मोत्सव मनाने के लिए उनका व्रत उपवास रखते हैं और दहीहांडी खेल का आयोजन करते हैं तो वहीं गुरु बालकदास के अनुयायी जैतखाम और निशाना में पालो चढाते हैं, पंथी नृत्य करते हैं और मंगल चौका आरती गाते हैं।





मंगलवार, अगस्त 13, 2024

अबूझमाड़ खेल उत्सव के अंतर्गत जिला स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता-2024 का कलेक्टर-एसपी ने किया शुभारंभ : जिले के हुनरमंद खिलाड़ियों के लिए अच्छा मंच प्रदान करने पुलिस विभाग का आयोजन


अबूझमाड़ खेल उत्सव के अंतर्गत जिला स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता-2024 का कलेक्टर-एसपी ने किया शुभारंभ

जिले के हुनरमंद खिलाड़ियों को एक अच्छा मंच प्रदान करने पुलिस विभाग द्वारा किया जा रहा आयोजन

नारायणपुर, 13 अगस्त 2024 // जिले में पुलिस विभाग द्वारा 10 से 11 अगस्त तक थाना स्तर पर वॉलीबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें थाना स्तर के विजेता टीम को 5 हजार रुपये नकद पुरस्कार दिया गया। सभी प्रतिभागी टीम को एक-एक वॉलीबॉल प्रदान किया गया। खेल के दौरान खिलाड़ियों के लिए स्वलपाहार एवं भोजन की निःशुल्क व्यवस्था की गई थी। थाना स्तर पर विजेता टीमों को जिला स्तर प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु चयन किया गया है। थाना स्तर पर वॉलिबॉल प्रतियोगिता का आयोजन पश्चात 13 अगस्त को जिला स्तर वॉलीबॉल प्रतियोगिता का श्री बिपिन मांझी द्वारा क्रिड़ा परिसर खेल मैदान में सिक्का उछालकर और वॉलीबॉल खेल कर शुभारंभ किया गया।

प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिए पुलिस विभाग द्वारा भोजन एवं आवास की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। प्रतियागिता में भाग लेने वाले सभी टीम के खिलाड़ियों को जर्सी भी प्रदान किया जा रहा है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री मांझी ने खिलाड़ियों को खेल भावना के साथ अच्छा प्रदर्शन करने हेतु प्रेरित किया गया और पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार ने खिलाड़ियों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता का आयोजन आप सभी के अंदर के हुनर को एक अच्छा मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि यहां दूर दूर के गांव की टीम जीत कर आई है तो आप सभी विजेता टीम हैं। आप सभी अच्छे खेल का प्रदर्शन करते हुए और बड़े स्तर के प्रतियोगिताओं में भाग लीजिए।

उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सभी 15 टीमों को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित किया जाएगा। जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीम को 51 हजार रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली टीम को 31 हजार रुपये और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली टीम को 21 हजार एवं ट्राफी पुरस्कार के रूप में प्रदान किया जाएगा।











सोमवार, जुलाई 22, 2024

Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 25

      

Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 25

छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षक (जीडी) के लगभग 6000 से अधिक पदों पर वर्ष 2023-24 में भर्ती हेतु लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसे टारगेट करते हुए जिला प्रशासन एवं नारायणपुर पुलिस की संयुक्त तत्वाधान में आयोजित परीयना प्रशिक्षण के अभ्यर्थी सहित प्रदेश के युवाओं के मार्गदर्शन हेतु श्री हुलेश्वर जोशी (मोबाईल नंबर 9826164156) द्वारा तैयार "Chhattisgarh Police Constable (GD) Recruitment Exam Test Series 25" हमें उम्मीद है कि यह टेस्ट सीरीज उक्त परीक्षा सहित छत्तीसगढ़ राज्य की अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी समान् रूप से सहयोगी होगी।

दिशा निर्देश
(01) लिंक को क्लिक करके अपना नाम, मोबाइल नंबर एवम जिला का नाम दर्ज करने के बाद Next पर क्लिक करें।
(02) Next क्लिक करने पर ऑनलाइन टेस्ट शुरू हो जाएगी, जिसमें दिए गए सभी प्रश्नों के उचित विकल्प का चयन करें; फिर Submit करें।
(04) View Score में क्लिक करने पर आपकी प्राप्तांक और सभी प्रश्नों के सही उत्तर का पता चल जायेगा। यदि आप अपना स्कोर नहीं देख पाते हैं तो आपको

  
  

शुक्रवार, मई 17, 2024

Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 24

     

Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 24

छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षक (जीडी) के लगभग 6000 से अधिक पदों पर वर्ष 2023-24 में भर्ती हेतु लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसे टारगेट करते हुए जिला प्रशासन एवं नारायणपुर पुलिस की संयुक्त तत्वाधान में आयोजित परीयना प्रशिक्षण के अभ्यर्थी सहित प्रदेश के युवाओं के मार्गदर्शन हेतु श्री हुलेश्वर जोशी (मोबाईल नंबर 9826164156) द्वारा तैयार "Chhattisgarh Police Constable (GD) Recruitment Exam Test Series 24" हमें उम्मीद है कि यह टेस्ट सीरीज उक्त परीक्षा सहित छत्तीसगढ़ राज्य की अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी समान् रूप से सहयोगी होगी।

दिशा निर्देश
(01) लिंक को क्लिक करके अपना नाम, मोबाइल नंबर एवम जिला का नाम दर्ज करने के बाद Next पर क्लिक करें।
(02) Next क्लिक करने पर ऑनलाइन टेस्ट शुरू हो जाएगी, जिसमें दिए गए सभी प्रश्नों के उचित विकल्प का चयन करें; फिर Submit करें।
(03) Submit करने पर Screen Blank हो जाएगी, तब पेज को रिफ्रेश नहीं करना है बल्कि पेज को "ड्रैग" करते हुए ऊपर की ओर जायेंगे जहां View Score का ऑप्शन आएगा, जिसमें क्लिक करें।
(04) View Score में क्लिक करने पर आपकी प्राप्तांक और सभी प्रश्नों के सही उत्तर का पता चल जायेगा। यदि आप अपना स्कोर नहीं देख पाते हैं तो आपको
(05) पेज के नीचे जाकर See Result (Data Sheet) पर क्लिक करना होगा। जिससे गूगल शीट में सभी अभ्यर्थियों की रिजल्ट देख सकेंगे। किंतु ख्याल रखेंगे इसमें कुछ लिमिटेड रिजल्ट ही डिस्प्ले होंगे, यदि आपका रिजल्ट नही दिखता है तो आपको प्ले स्टोर से Google Sheet इंस्ट्राल करना होगा। 

  
  

मंगलवार, मई 14, 2024

नक्सलमुक्त अबूझमाड़ की दिशा में नारायणपुर पुलिस एक कदम और बढ़ी आगे; अबूझमाड़ क्षेत्रांतर्गत मोहंदी में खुली चौथी पुलिस कैम्प

नक्सलमुक्त अबूझमाड़ की दिशा में नारायणपुर पुलिस एक कदम और बढ़ी आगे; अबूझमाड़ क्षेत्रांतर्गत मोहंदी में खुली चौथी पुलिस कैम्प 

+ नवीन कैम्प स्थापना से क्षेत्र में विकास और नक्सल उन्मूलन अभियान में तेजी आयेगी।

+ पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार, सेनानी श्री अमित भाटी 53वीं वाहिनी आईटीबीपी एवं अति. पुलिस अधीक्षक श्री रोबिनसन गुड़िया समेत अन्य अधिकारीगण कैम्प स्थापना में मौके पर उपस्थित।

नारायणपुर जिले में पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) के नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में दिनांक 14.05.2024 को नारायणपुर पुलिस एवं आईटीबीपी 53वीं वाहिनी के द्वारा नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र के ग्राम मोहन्दी में नवीन कैम्प खोला गया है। 

सुरक्षा एवं जन सुविधा कैम्प मोहन्दी, ब्लाक- ओरछा, तहसील व थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। मोहंदी में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। मोहन्दी में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार एवं नक्सल उन्मूलन अभियान में तेजी आयेगी। सरकार की "नियद नेल्ला नार" योजना के अन्तर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार के सभी योजनाओं को प्राथमिकता में आस-पास के पांच गांव तक पहुंचाया जाएगा। 

ज्ञात हो कि मोहन्दी कैम्प खुलने के साथ ही इस समय माड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों की सघन नक्सल विरोधी अभियान जारी है। श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, श्री अमित भाटी सेनानी 53वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) अति. पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, श्री सुमित राव 2-आईसी 53वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री आशीष दिनकर उप सेनानी 53वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री विनय कुमार उप पुलिस अधीक्षक डीआरजी, श्री लौकेश बंसल अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) नारायणपुर, आरआई श्री सोनू वर्मा (रक्षित केंद्र, नारायणपुर) सहित सैकड़ों जवानों के द्वारा स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर कैम्प खोला गया है। नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं आईटीबीपी 53वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

बुधवार, मई 01, 2024

नारायणपुर पुलिस को मिली बड़ी सफलता : डीआरजी और STF जवानों ने 10 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया; बड़ी संख्या में बरामद किया हथियार, विस्फोटक पदार्थ और दैनिक उपयोग की वस्तुएं


नारायणपुर पुलिस को मिली बड़ी सफलता : डीआरजी और STF जवानों ने 10 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया; बड़ी संख्या में बरामद किया हथियार, विस्फोटक पदार्थ और दैनिक उपयोग की वस्तुएं

  • “माड़ बचाओ अभियान” : आपरेशन काकुर-टेकमेटा
  • रक्षा बलों के लिए माड़ अब नही रहा अबूझ|
  • नक्सल विरोधी अभियान ही वास्तव में “माड़ बचाओ अभियान” है।
  • “माड़ बचाओ अभियान” के तहत काकुर-टेकमेटा में बड़ी सफलता | छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर के समीप काकुर-टेकमेटा के पास छत्तीसगढ़ Elite फाॅर्स DRG और STF ने चलाया सफल संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान
  • कुल 10 नक्सलियों के शव हुए बरामद, बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने की भी है सूचना, देखें हार्डकोर नक्सलियों की सूची और फ़ोटो 
  • मारे गए नक्सलियों में एक SZCM, दो DVCM और दो ACM रैंक के नक्सली मारे गए अधिकांश नक्सली गडचिरोली क्षेत्र में सक्रिय उत्तर गडचिरोली डिवीज़न और माड़ डिवीज़न के
  • एक AK 47, एक INSAS, दो .303, एक .315, एक 12बोर, 3 भरमार और बीजीएल लांचर के अलावा भरी मात्रा में विस्फोटक और कारतूस बरामद
  • नारायणपुर के सोनपुर कैंप और कांकेर के छोटेबैठिया से कूल 240 DRG और 590 STF जवान लगभग 40 KM ज्यादा दुरी तक गश्त करते पहुंचे काकुर परफेक्ट ऑपरेशन की मिसाल बनी ये ऑपरेशन। 60 से 70 KM चले, पूरे माड़ में सर्च और गश्त किया, शीर्ष नेताओं तक पहुंचे और बिना किसी शिकन या खरोच के अभियान को अंजाम दिया। पुलिस के सभी जवान सुरक्षित
  • "माड़ नक्सलियों के लिए सबसे सुरक्षित क्षेत्र" और "सभी जगह के नक्सली अंततः माड़ में एकत्रित होंगे" जैसी धारणाओं पर नारायणपुर पुलिस और छत्तीसगढ़ के elite एंटी नक्सल फोर्सेस डीआरजी और एसटीएफ का तगड़ा प्रहार।
  • छत्तीसगढ़ में सभी प्रभावित जिलों में नक्सलियों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सली महाराष्ट्र एवं अन्य विस्तार क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ने की योजना बना रहे थे . नारायणपुर पुलिस और elite force डीआरजी और एसटीएफ ने नक्सलियों के विस्तारीकरण के इस मनसूबे पर पानी फेर दिया।

जिला नारायणपुर में पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, श्री सुन्दरराज पी., उप पुलिस महानिरीक्षक श्री के. एल. धुव्र, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री प्रभात कुमार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर श्री रोबिनसन गुड़िया के निर्देशन में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। दिनांक 28.04.2024 की दरम्यानी रात्रि को पुलिस अधीक्षक नारायणपुर को माड़ डिवीजन के कुतुल एरिया कमेटी क्षेत्रान्तर्गत ग्राम टेकमेटा, काकुर की ओर माड़ डिवीज़न और उत्तर गडचिरोली डिवीज़न के शीर्ष नक्सलियों की उपस्थिति की आसूचना प्राप्त हुई थी। उक्त सूचना के तस्दीक हेतु दिनांक 28.04.2024 की रात्रि में नारायणपुर जिले से डीआरजी एवं बस्तर फाॅईटर व एसटीएफ की संयुक्त बल तथा जिला कांकेर कैम्प मरबेड़ा से डीआरजी एवं एसटीएफ की संयुक्त बल नक्सल विरोधी अभियान हेतु ग्राम टेकमेटा, काकुर की ओर रवाना हुई थी। दिनांक 30.04.2023 को प्रातः करीबन 04:00 बजे पुलिस पार्टी सर्चिंग गश्त करते ग्राम टेकमेटा के जंगल में पहुंची थी कि पूर्व से जंगल में घात लगाये बैठे माओवादियों के द्वारा खुद को घिरता देखकर जान से मारने एवं हथियार लूटने के नियत से पुलिस पार्टी पर अंधाधुन फायरिंग करने लगे। पुलिस पार्टी द्वारा तत्काल पोजीशन लेकर आत्मसमर्पण हेतु आवाज दिया गया आत्मसर्मण की बात नक्सलियों के द्वारा अनसुना करते हुए और अधिक मात्रा फायरिंग करने लगे। पुलिस पार्टी के पास आत्मसुरक्षा में फायरिंग करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होने से सीमित मात्रा में फायरिंग किया गया। पुलिस-नक्सली मुठभेड़ करीबन रूक-रूक कर 16 घण्टे तक चली। फायरिंग बंद होने के पश्चात पुलिस पार्टी के द्वारा घटना स्थल का सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए सर्चिंग करने पर 03 महिला एवं 07 वर्दीधारी पुरूष नक्सली के शव एवं शव के पास से 01 नग एके-47, 01 नग इंसास, 02 नग 303 रायफल, 01 नग 315 रायफल 01 नग 12बोर बंदुक एवं 04 नग भरमार बंदुक एवं भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ सहित अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामान बरामद हुआ।

परिणामस्वरूप, महाराष्ट्र ,तेलंगाना और बस्तर के 1 एसजेडसीएम ,2 डिवीसीएम 1 एसीएम नक्सली कमांडर्स सहित 10 इनामी नक्सली मारे गए। जिनमे मुख्य रूप से एसजेडसीएम Joganna ,जिस पर 196 आपराधिक मामले दर्ज हैं ,मलेश कमांडर कंपनी नंबर 10 जिस पर 43 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं तथा डिवीसीएम विनय जिस पर 8 आपराधिक मामले गढ़चिरौली जिले में दर्ज हैं की पुष्टि की गई।

ऑपरेशन में, नक्सली ठिकानों पर से महत्वपूर्ण सामग्री डंप बरामद किया गया , जिसमें विस्फोटक सामग्री, आईईडी, प्रेशर कुकर, कोडेक्स तार, कंप्यूटर, प्रिंटर, उपग्रह संचार उपकरण, जेसीबी खुदाई मशीनें, दैनिक घरेलू सामान, नक्सली साहित्य, सौर प्लेटें और बर्तन आदि बरामद किया गया |

यह ऑपरेशन न सिर्फ नक्सलियों के तथाकथित मांद में पुलिस की पैठ दिखाता है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधी को एक महत्वपूर्ण झटका है। सभी नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सलियों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सली महाराष्ट्र एवं अन्य विस्तार क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की योजना बना रहे थे। नारायणपुर की डीआरजी तथा एसटीएफ ने नक्सलियों के इस विस्तारीकरण के मंसूबे पर पानी फेर दिया है।

नक्सलियों की खोखली विचारधारा के विरूद्ध चलाया जा रहा नक्सल विरोधी अभियान ही वास्तव में ‘‘माड़ बचाव अभियान’’ है। माड़ और यहां के मूल वासियों को विदेशी नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें चरमपंथी सिद्धांतों के आकर्षण से निकालना ही हमारा मुख्य उदेश्य है।

हम उन सभी माड़ के मूलवासियों से जो बाहरी विचारधारा और माड़ के बाहर के नक्सली नेताओं के गलत प्रभाव में फंस गये हैं, अपील करते हैं कि वे नक्सलवाद को त्याग कर मुख्य धारा से जूड़ें व असली माड् बचाव अभियान का हिस्सा बनें। हथियार और नक्सलवादी विचारधारा का त्याग व विरोध करें। 

  • Narayanpur Police
  • Maad Bachao Abhiyan: Operation Kakur-Tekemeta
  • Press Brief: Security Forces Penetrate Naxal Stronghold in Maad Region, Narayanpur
  • In a significant breakthrough, the Narayanpur Police and Chhattisgarh's elite anti-Naxal forces, including the District Reserve Guard (DRG) and Special Task Force (STF), have shattered the long-held myth of Maad being an impregnable sanctuary for Naxalites. Following a meticulously planned operation, security forces not only dispelled notions of Maad being a safe haven for Maoists but also dealt a severe blow to the top leadership of Naxalites.
  • Contrary to the belief that Naxalites could operate with impunity in Maad, security forces undertook an exhaustive search spanning the entire region, covering a staggering distance of 60 KM. This relentless pursuit led them to the very heart of Naxal activity, where they apprehended key leaders, sending shockwaves through the Maoist ranks.
  • In a significant victory against Naxalites, the Narayanpur Police successfully conducted a meticulously planned operation on April 28th, 2024, from Narayanpur.
  • Deploying a combined force of 900 soldiers, including District Reserve Guard (DRG) and Special Task Force (STF), the operation covered a distance of 40 KM in the pursuit of Maad Division Naxal targets.
  • The culmination of the operation on April 30th, 2024, witnessed an intense exchange of fire lasting from 3:50 am to 8:00 pm. As a result, 10 Naxalites, including leaders from Maharashtra, Telangana and Bastar, were neutralized. It's worth noting that the majority of the Naxalites Cadre from the Gadchiroli Division, with links to the press team of Gadchiroli.
  • Remarkably, the operation resulted in zero casualties among our brave police forces, a testament to their skill and professionalism.
  • The success of this operation has instilled a sense of fear among the upper tier of Naxal leadership. With the security forces closing in on their strongholds, distrust among Naxal ranks is at an all-time high, as senior members grow suspicious of their juniors and local sympathizers.
  • Dubbed as the "Maad Bachao" campaign, the anti-Naxal drive aims to liberate Maad and its inhabitants from the clutches of foreign Naxal ideologies. An earnest appeal is extended to those attracted by the allure of Maoist doctrines to renounce violence, embrace mainstream society, and contribute to the noble cause of safeguarding Maad.
  • The operation exemplifies flawless execution, characterized by meticulous planning and unwavering determination. Despite the arduous terrain and formidable challenges, security forces executed the mission with precision, leaving no room for error.
  • Moreover, this operation not only dealt a significant blow to Naxal activities in Chhattisgarh but also thwarted their plans for expansion into neighbouring territories, including Maharashtra. The resounding success underscores the commitment of security forces to uphold peace and security in the region.
  • As the security apparatus continues its relentless pursuit of Naxal elements, the message is clear: there is no sanctuary for those who seek to disrupt the peace and stability of our communities. Through steadfast resolve and coordinated efforts, we will ensure that the ideals of peace and progress prevail over the forces of violence and extremism.
  • During the course of the operation, significant material dumps were discovered at Naxalite hideouts, containing a cache of explosive materials, IEDs, pressure cookers, codex wires, computers, printers, satellite communication devices, JCB excavating machines, daily household goods, Naxal literature, solar plates, and utensils.
  • In the nearby areas of Tekemeta and Kakur DRG Narayanpur, Kanker and BSF teams are continuously doing area domination to secure the area.
  • This successful operation underscores the effectiveness of technical inputs, strategic planning and coordination among security forces. It's noteworthy that one week of meticulous planning, with the active involvement of senior police leadership, contributed to the operation's success.

List of Weapons Recovered
  • One Ak-47 with one magazine and 26 live rounds
  • One 5.56 INSAS Rifle
  • Two .303 Rifle
  • One .315 Rifle
  • One 12 Bore Rifle with 7 live rounds
  • Three Bharmar Rifle
  • One Barrel Grenade Launcher with 4 live grenade shells

सोमवार, अप्रैल 29, 2024

POEM - We are बच्चा !

We are बच्चा !

We are बच्चा !
But Not a अकल का कच्चा ।
Definitely,
We Are Symbol of इंसान सच्चा ।।

We are बच्चा !
Fruits Eating कच्चा और पक्का ।
But Sir,
We Are Done Everyday Homework पक्का ।।

We are बच्चा !
Talking Some बातें, झूठा और सच्चा ।
If Any One डाँटिंग,
We are रोइंग “दिल से सच्चा”

We are बच्चा !
Video Games Playing पापा से अच्छा ।
और मम्मी के सामने ,
नौटंकी भी करते हैं सबसे अच्छा ।।

We are बच्चा !
Daily Going School, Hero बनकर अच्छा ।
और शिक्षक के सामने,
हम होते सबसे सीधा सच्चा ।।

We are बच्चा !
But Not a अकल का कच्चा ।
Definitely,
We Are Symbol of इंसान सच्चा ।।


Ku. Durgamya Joshi,
4th “A” KVS Narayanpur

गुरुवार, अप्रैल 04, 2024

नारायणपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि; एक महीने के भीतर खुली तीसरी पुलिस कैम्प इरकभट्ठी में


नारायणपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि; एक महीने के भीतर खुली तीसरी पुलिस कैम्प इरकभट्ठी में
Big achievement of Narayanpur Police; Third police camp opened in Irakbhatti within a month

घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र इरकभट्ठी में नारायणपुर पुलिस ने खोली कैम्प; एसपी श्री प्रभात कुमार अपने टीम के साथ स्वयं रहे मौजूद
Narayanpur police opened camp in Irakbhatti, a heavily Naxal affected area; SP Shri Prabhat Kumar himself was present with his team.

कैम्प इरकभट्ठी थाना कोहकामेटा (अबुझमाड़) क्षेत्र अन्तर्गत स्थित है।
Camp Irakbhatti is situated under Kohkametta (Abujhmad) police station area.

नारायणपुर जिले में पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार(भा.पु.से.) के नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में दिनांक 31 मार्च 2024 को नारायणपुर पुलिस एवं बीएसएफ 135वीं वाहिनी के द्वारा नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र के ग्राम इरकभट्ठी में नवीन कैम्प खोला गया है। ग्राम इरकभट्ठी ओरछा ब्लाक एवं कोहकामेटा तहसील तथा थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। इरकभट्ठी में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। 


इरकभट्ठी में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार एवं नक्सल उन्मूलन अभियान में तेजी आयेगी। सरकार की ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना के अन्तर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार के सभी योजनाओं को प्राथमिकता में आस-पास के पांच गांव तक पहुंचाया जाएगा। 

ज्ञात हो कि इरकभट्ठी कैम्प खुलने के साथ ही इस समय माड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों की सघन नक्सल विरोधी अभियान जारी है। कुछ दिन पहले नारायणपुर डीआरजी और बस्तर फॉईटर ने कोरोनार में 48 घंटे का नक्सल विरोधी अभियान चालाया गया था। पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर कैम्प खोला गया है। नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं बीएसएफ 135वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

मीडिया कवरेज 



शनिवार, मार्च 30, 2024

Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 23

    

Chhattisgarh Police Test Series : छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज 23

छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षक (जीडी) के लगभग 6000 से अधिक पदों पर वर्ष 2023-24 में भर्ती हेतु लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसे टारगेट करते हुए जिला प्रशासन एवं नारायणपुर पुलिस की संयुक्त तत्वाधान में आयोजित परीयना प्रशिक्षण के अभ्यर्थी सहित प्रदेश के युवाओं के मार्गदर्शन हेतु श्री हुलेश्वर जोशी (मोबाईल नंबर 9826164156) द्वारा तैयार "Chhattisgarh Police Constable (GD) Recruitment Exam Test Series 23" हमें उम्मीद है कि यह टेस्ट सीरीज उक्त परीक्षा सहित छत्तीसगढ़ राज्य की अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी समान् रूप से सहयोगी होगी।

दिशा निर्देश
(01) लिंक को क्लिक करके अपना नाम, मोबाइल नंबर एवम जिला का नाम दर्ज करने के बाद Next पर क्लिक करें।
(02) Next क्लिक करने पर ऑनलाइन टेस्ट शुरू हो जाएगी, जिसमें दिए गए सभी प्रश्नों के उचित विकल्प का चयन करें; फिर Submit करें।
(03) Submit करने पर Screen Blank हो जाएगी, तब पेज को रिफ्रेश नहीं करना है बल्कि पेज को "ड्रैग" करते हुए ऊपर की ओर जायेंगे जहां View Score का ऑप्शन आएगा, जिसमें क्लिक करें।
(04) View Score में क्लिक करने पर आपकी प्राप्तांक और सभी प्रश्नों के सही उत्तर का पता चल जायेगा। यदि आप अपना स्कोर नहीं देख पाते हैं तो आपको
(05) पेज के नीचे जाकर See Result (Data Sheet) पर क्लिक करना होगा। जिससे गूगल शीट में सभी अभ्यर्थियों की रिजल्ट देख सकेंगे। किंतु ख्याल रखेंगे इसमें कुछ लिमिटेड रिजल्ट ही डिस्प्ले होंगे, यदि आपका रिजल्ट नही दिखता है तो आपको प्ले स्टोर से Google Sheet इंस्ट्राल करना होगा। 

  
  

मंगलवार, मार्च 26, 2024

स्वर्ग का अधिपति; 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' की कथा


स्वर्ग का अधिपति; 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' की कथा
Lord of Heaven; Story of 'Huleshwaranand Paponashak Maharaj'

सुबह मैं टहलते हुए घर लौट रहा था, मगर शायद होली की इतनी चढ़ गई थी कि मैं सुनसान और अनजान रास्ते में भटक गया था। शायद भूलन खुंद लिया था। घंटो चलता रहा तब जाकर एक जगह मुझे सूर्य के सुनहरे धूप से रौशन घर दिखाई दिया। मैं इससे पहले नारायणपुर में ऐसा घर कहीं नहीं देखा था, विश्वास था अबूझमाड़ सहित समूचे बस्तर में ऐसा घर कहीं नहीं है। फिर भी विश्वास का मुझे कौन सा मुरब्बा बनाना है, मुझे तो मुरियापारा वापस लौटने का रास्ता जानना था सो मैं घर के निकट जाने का निर्णय लिया।

घर के किनारे से जाती हुई बेहद पवित्र जल वाली एक नरवा गुजर रही है। मैंने मारे थकान और प्यास के चुल्लू भर पानी पीने का निर्णय लिया, किनारे उतरकर पानी को स्पर्श किया, बिल्कुल कंछ शीतल जल। हाथ धोकर चुल्लू भर पानी पीया, आहा! अति उत्तम! ऐसा स्वादिष्ट पानी मानो नारियल पानी हो। पीते हुए गले तक भर लिया तब समझ में आया कि बहुत पी लिया हूं। अब नहीं पीना घर जाने का रास्ता खोजना है। आज पहली बार ऐसा हुआ है कि मैं घर में मोबाइल फोन भूलकर आया हूं अन्यथा दुर्गम्या और तत्वम जोशी के कहां हो पापा? कब आओगे पापा? इतनी देर से क्या कर रहे हैं पापा? का जवाब नहीं दे सकता।

पानी पीकर आगे बढ़ा, नरवा के पार से लगा हुआ ये सैकड़ों एकड़ के प्लाट में रंग बिरंगे अनोखे फूलों की बगिया। सबमें एक विशेष प्रकार की सुगंध। मानो परमानंद की प्राप्ति हो गई। वो वाला परमानंद नहीं, हां परमानंद घिरी नहीं जो मेरे बचपन के मित्र हैं। हालांकि परमानंद घिरी प्राथमिक स्कूल, मनकी में ऐसे मित्र रहे हैं जो बहुत आनंददायक थे। अपने नाम की भांति बेहतरीन इंसान। परमानंद की अनुभूति से बाहर निकलने का प्रयास भी नहीं कर पाया था कि फूलों की बगिया में फूलों से खेलते हुए, तोड़ मरोड़ करते हुए, फूलों को चुनते चुनते कब सुबह भाई साहब दोपहर और शाम से गुजरते हुए रात में तब्दील हो गई पता ही नहीं चला। चंद्रमा की शीतल रोशनी और कनकमई फूलों की चमक के वजह से रात होने का भी आभाष नहीं हो रही थी। मैं कौन हूं? कहां हूं? ये क्या कर रहा हूं? सबकुछ भूल गया था, बिल्कुल बच्चा हो गया था। बुद्धू बालक। अंतहीन आनंद में सराबोर चंचल बालक। बच्चों को खेल से अलग केवल भूख और प्यास ही कर सकता है, ठीक मुझे भी भूख लगी। चेतना जगी। चूंकि "चेतना बचपन का दुश्मन..!" "Consciousness is the enemy of childhood..!" मैं पुनः बचपन और परमानंद से बाहर भूख के आगोस में। वो सामने स्थित घर अब तक सुनहरी नहीं बल्कि दूधिया रोशनी में बेहद खूबसूरत लग रही है। अब मैं पूर्ण चेतना में हूं किंतु मेरा ध्यान मात्र भोजन और भूख पर केंद्रित है। भूख से तड़पता हुआ अब मैं उस घर के आंगन में हूं। बेहतरीन नक्कासियों से बनी दुर्लभ प्रकार का दरवाजा। बहुत हाईटेक शायद ऐसा हाई टेक्नोलॉजी की खोज करने भी हमें लाखों हजार साल लगेंगे।

"भीतर कोई हैं..?" मैंने आवाज दी। भीतर से 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' की जय के नारे सुनाई देने लगी। मैं थोड़ा डर किंतु गौरव के साथ गृह प्रवेश किया। दुर्लभ और सुगंधित फूलों की बरसात के साथ मेरा स्वागत हुआ। एक दिव्य पुरुष रुसे फुल के मालों का हार लेकर मेरे समीप आया। मान्यवर प्रणाम... स्वर्ग की इस अद्भुत महल में आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। मान्यवर 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' आप अपने पुण्यप्रताप और कर्मों के फल से स्वर्ग के अधिपति हैं। Respected 'Huleshwaranand Paponashk Maharaj', you are the ruler of heaven due to the fruits of your virtues and deeds. इसके बावजूद आपने मोक्ष की स्वीकृति देने में बड़ी देर लगा दी। कई लाखों सालों से मुझे मोक्ष से मुक्त होकर पृथ्वी लोक में इंसान बनने की चेष्ठा रही है किंतु आपके आगमन में विलम्ब के कारण मुझे मोक्ष से मुक्ति और इंसान के रूप में जन्म लेने के लाभ से वंचित रहना पड़ा है। सो आप आज से स्वर्ग के अधिपति के जिम्मेदारी का निर्वहन करिए कहते हुए उस दिव्य पुरुष ने एक अप्सरा से मेरा परिचय कराते हुए ये "देवी प्रिया" हैं इन्हें बहुत जन्मों पूर्व आपसे प्रेम हुआ था। ईश्वर की खूब भक्ति की है और कई जन्मों तक इन्होंने बड़ा परोपकार किया है। किंतु आप विधि के पति हैं, देवी प्रिया आपके और विधि के प्रेम के बीच कोई दीवार नहीं बनाना चाहती हैं, इसलिए देवी प्रिया ने संकल्प लिया है कि ये समर्पित होकर आपकी हर प्रकार से सहयोग करेंगी और स्वर्ग के अधिपति के रूप में आपका मार्गदर्शन करेंगी। चूंकि आप मृत्युपूर्व मोक्ष को प्राप्त हुए हैं इसलिए जब आप मोक्ष से मुक्त होने का निर्णय लेंगे तब सबसे पहले आप देवी प्रिया को अवगत कराएंगे ताकि देवी प्रिया किसी अन्य देवी को यहां का कार्यभार सौंपकर स्वयं भी मोक्ष का त्याग करके पृथ्वी में आपके साथ आपके द्वारा इच्छित योनि में जन्म लेकर आपकी प्रेमिका हो सकेंगी। अंत में दिव्य पुरुष ने मुझे एक स्वेत पुष्प और एक स्वेत ध्वज भेंटकर मेरा चरण स्पर्श किया और वहां से प्रस्थान कर लिया।

देवी प्रिया सभी देवी देवताओं से मिलवाकर मेरा परिचय कराया। मैंने अपनी इतनी प्रशंसा कभी भी शायद किसी भी जन्म में नहीं सुनी थी। स्वर्ग की अधिपति के पद पर मेरी पहली पोस्टिंग की खुशी में एक शानदार OpenFoodParty रखी गई थी। नाना प्रकार के भोजन और पकवान, शुद्ध शाकाहार, बेहद स्वादिष्ट। भर पेट खाने के बाद देवी देवताओं के साथ वार्तालाप से नजर चुराकर मैं इधर उधर झांकने लगा तो देवी प्रिया मुस्कराते हुए बोलीं 'हुलेश्वरानंद पापोनाश्क महाराज' यहां कोई सोमरस, मंगलरस और संडेरस जैसा कोई रस नहीं मिलता है। आपको रियल फ्रूट जूस से ही जीवन चलाना पड़ेगा, ताकि आप स्वर्ग में निरोगी जीवन जी सकें। मैं भी बेहद प्रसन्न हुआ; क्योंकि यदि स्वर्ग में मांसाहार, मदिरापान सहित भोग विलास का प्रावधान होता तो मैं मोक्ष से मुक्त होने का त्वरित निर्णय ले लेता।

मैं मांसाहार, मदिरापान और भोगविलास का कट्टर विरोधी हूं इसलिए आज स्वर्ग में भी मुझे इन सबसे नफरत है। I am a staunch opponent of non-vegetarianism, drinking and indulgence, hence even in heaven today I hate all these. सोच रहा था यदि ऐसा कुछ होता तो स्वर्ग का अधिपति होने के नाते इसपर कठोरतापूर्वक निर्णय लेकर एक अच्छा राजा होने का जिम्मेदारी पूरा कर लेता। किंतु यदि फिर भी किसी कारण से स्वर्ग को मांस, मदिरा और व्यभिचार से मुक्त न करा पाता तो स्वर्ग की अधिपति के पद से खुद को मुक्त करते हुए वापस पृथ्वी लौट जाता या चाहे तो नर्क ही चले जाने का निर्णय ले लेता।

पार्टी समापन के बाद देवी प्रिया मुझे महुआयुक्त विशेष पान चबाने अनुरोध की। मैं उनके आग्रह का सम्मान करते हुए उनके स्वर्ण पेटी से पान लेकर चबाने लगा; बेहद स्वादिष्ट। आनंद आ गया। मैंने देवी प्रिया को बताया कि अपने बस्तर में महुआ का लड्डू बनता है मैंने कई बार खाया है। एक बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर है महुआ लड्डू।अच्छा लगता है। बस्तर में महुआ से बनी चाय बहुत प्रसिद्ध हो रही है हालांकि मैंने कभी महुआ चाय नहीं पी है। मैंने उन्हें ये भी बताया कि जब वो मोक्ष से मुक्त हों तो उन्हें बस्तर में जन्म लेना चाहिए। क्योंकि बस्तर बेहद खूबसूरत स्थान है। स्वर्ग जैसे शांति और आनंददायक जीवन के लिए बस्तर में जन्म लेना सर्वथा उचित है। ऊंचे पहाड़ पर्वत, झील और झरने से युक्त प्रकृति की गोद में ही मानव जीवन में आनंद मिलता है। Bastar is a very beautiful place. It is absolutely appropriate to be born in Bastar for a heaven like peace and blissful life. Happiness is found in human life only in the lap of nature with high mountains, lakes and waterfalls. शहरी जीवन की भागमभाग शांति और सुकून से कोसों दूर किंतु विलासिता और सुविधाओं से आच्छादित है।

शांति और सुकून की बात सुनकर देवी प्रिया को हमारे पिछले जन्म की बचपन याद आ गई। तब वो मुझसे बेहद प्रेम करती थी, अकथित किंतु अपार प्रेम की रोगी देवी प्रिया ने मेरी विवाह की सूचना प्राप्त करते ही आजीवन बाल ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करने का संकल्प लेकर लगभग दो कल्प युग तक मानव जीवन में परमार्थ करते हुए मोक्ष प्राप्त किया है। देवी प्रिया से वार्तालाप करते हुए रात्रि गुजर गई और दूसरे दिन की सूरज सिर पर आने वाली थी इसके बावजूद अंतहीन बचपन की यादें जीने में हम दोनों मशगूल थे।

पापा उठो न..!
आज मेरी रिजल्ट घोषित होने वाली है।
मैं तैयार हो गई हूं।
आप कब जगेंगे.?
चलो, उठो पापा..!
कु दुर्गम्या जोशी के इन पांच अमृत प्रश्नों के साथ जब निद्रा की त्याग किया तो पता चला मैं मुरियापारा नारायणपुर में ही हूं। अपने परिवार के साथ हूं। ये कोई स्वर्ग नहीं है। मुझे कोई मोक्ष प्राप्त नहीं हुआ है। मैं किसी स्वर्ग का अधिपति नहीं हूं। चलिए अब स्नान करने जाता हूं। शुक्र है आज परीयना प्रशिक्षण (सेना, सशस्त्र बल और पुलिस भर्ती के लिए नारायणपुर पुलिस द्वारा संचालित भर्ती पूर्व निःशुल्क शारीरिक प्रशिक्षण) का अवकाश दे दिया हूं।

अंत में एक मजे की बात बता देना चाहता हूं कि मैंने पृथ्वी से स्वर्ग तक का सजीव यात्रा किया है किंतु मुझे पता ही नहीं चल सका कि ये स्वर्ग किस ग्रह का नाम है? क्या यह हमारी आकाशगंगा में है? क्या सच में हमारी मिल्की-वे में ही स्वर्ग है.... या कहीं और..? यदि आप इंसान हैं तो बेशक बुद्धिमान व्यक्ति हैं, इसलिए ये आपको ही तय करना है कि ये जो आपने अभी कथा पढ़ा है वास्तव में सत्य है कि मेरे द्वारा लिखित एक रोचक षड्यंत्र???

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