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शुक्रवार, जुलाई 13, 2018

अब छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार का आंदोलन हो सकती है बंद, आईजी दुर्ग ने भेजा प्रस्ताव

छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए खुशखबरी, आईजी दुर्ग का प्रस्ताव 


अब छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार का आंदोलन हो सकती है "बंद"

जवानों के लिए खुशखबरी अवकाश के दौरान भत्तों में कटौती नही होगी

ड्यूटि के दौरान मृत्यु होने पर जवानों को शहीद के समकक्ष पेंशन इत्यादि प्राप्त होगी

विश्वसनीय सूत्र से ज्ञात हुआ है कि पुलिस परिवार के आंदोलन के कुछ दिन पूर्व ही दुर्ग संभाग के आईजी श्री जी पी सिंह द्वारा केन्द्रीय कल्याण समिति एवं परामर्शदात्री समिति की बैठक हेतु पुलिस बल, एसपीओ, स्टेनो और बाबुओं के लिए कल्याणकारी एजेण्डा प्रस्ताव तैयार किया है। पुलिस परिवार के सदस्यों की मानें तो यह प्रस्ताव वास्तव में पुलिस बल के लिए आदर्श प्रस्ताव है। उन्हें विश्वास है कि राज्य सरकार ऐसे प्रस्ताव को स्वीकृत करेगा। आदर्श प्रस्ताव पर चर्चा करने पर पुलिस परिवार ने खुशी जाहिर करते हुए आईजी श्री सिंह को धन्यवाद दिया है। प्रस्ताव के कुछ अंश इसप्रकार हैं:-

वेतन विसंगति:- आरक्षक, प्रधान आरक्षक, एएसआई की वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए सहायक आरक्षकों के वेतन में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव में छठवे वेतनमान के आधार पर आरक्षकों का ग्रेड-पे 2200/- करने की अनुसंशा की गई है।

नये भत्तों की स्वीकृति:- 
  • वर्तमान में आरक्षक एवं प्रधान आरक्षकों को विभाग द्वारा किट वितरण किया जाता है जिसे समाप्त करते हुए प्रतिवर्ष 3 हजार रूपये एकमुस्त देने की बात कही गई है। 
  • मुलजिम पेशी में जाने वाले जवानों के लिए मुलजिम खुराक भत्ता देने एवं 15 साल एवं 20 साल सेवा पूर्ण कर मेडल प्राप्त करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के लिए मेडल भत्ता देने की अनुसंशा की गई है।
  • पेट्रोल भत्ता के रूप में 1 हजार रूपये अथवा सप्ताह में 5 लिटर पेट्रोल देने, टाॅप-अप सहित सीयूजी सिम प्रदान करने की अनुसंशा की गई है। 
  • प्रशिक्षण भत्ता के दौरान प्रतिदिन 60 रूपये मिलने वाले भत्ते को कम से कम 200 रूपये बढ़ाने की अनुसंशा की गई है। 
भत्तों में वृद्धि:- 
  • समस्त अधिकारी/कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के आधार पर 15 प्रतिशत गृहभाडा भत्ता प्रदान करने की अनुशंसा की गई है। इससे नये भर्ती जवानों को उनके वेतन में लगभग 3500/- रूपये का लाभ होगा।
  • जवानों के ड्यूटि में मिलने वाले यात्रा भत्ता जो वर्तमान में महानगर में 80 रूपये एवं अन्य स्थान के लिए 60 रूपये का प्रावधान है जिसे क्रमशः 300 एवं 200 रूपये बढ़ाने की बात कही गई है।
  • वर्तमान में वर्दी भत्ता के रूप में आर./प्रआर को 60 रूपये एवं सउनि/उनि/निरीक्षकों को 80 रूपये प्रतिमाह की दर से देय है जिसे क्रमशः 500 एवं 1000 रूपये बढ़ाने की बात कही गई है।
  • अधिकारियों को तीन वर्ष में एक बार वर्दी अनुदान के रूप में 800 रूपये मिलती है जिसे प्रतिवर्ष 2 हजार रूपये करने की अनुसंशा की गई है।
  • पौष्टिक आहार भत्ता के रूप में जवानों को मात्र 100 रूपये प्राप्त हो रही है जिसे 1,500 रूपये करने की अनुसंशा की गई है।
  • एफटीए के रूप में 30 रूपये प्राप्त होने वाले भत्ते को 1 हजार रूपये करने की अनुसंशा की गई है।
  • चिकित्सा भत्ता के रूप में 200 रूपये प्रतिमाह प्राप्त होने वाले भत्ते को 500 रूपये करने की अनुसंशा की गई है।
  • राशन भत्ता, बिगुलर, आर्मोरर एवं चालक भत्ता को बढ़ाने बात कही गई है। यदि प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया जाता है तो इन सभी भत्तों में 300 प्रतिशत से 1000 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। 
  • त्यौहार अग्रिम के रूप में मिलने वाली रकम को 20 हजार करने की बात कही गई है।

कल्याणकारी योजनाएं:- 
  • जवानों एवं परिवार के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधा का प्रावधान करने हेतु स्मार्ट कार्ड की तर्ज पर पुलिस मेडिक्लेम कार्ड की बनाने अनुसंशा की गई है। 
  • समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए आवासगृह तैयार कराने की प्रस्ताव रखते हुए आवासगृह की आकृति बढ़ाने की बात कही गई है।  
  • पुलिस परिवार के बच्चों के स्कूल आने जाने के लिए वाहन व्यवस्था की अनुसंशा की गई है।   
  • समस्त जिला मुख्यालय में 4थी वाहिनी माना रायपुर के तर्ज पर पुलिस केन्टीन संचालन की अनुसंशा की गई है। 
  • प्रत्येक जिले में जवानों एवं उनके परिवार की सुविधा के दृष्टिगत पुलिस गैस एजेंसी, पुलिस पेट्रोल पम्प, पुलिस अस्पताल, पुलिस स्कूल, प्ले स्कूल, झूला घर, पार्क, मनोरंजन गृह, खेलकूद ग्राउण्ड एवं जिम बनाने की अनुसंशा की गई है।
पदोन्नति:- 
  • पदोन्नति के लिए थाना में पदस्थापना की अनिवार्यता समाप्त करने की अनुसंशा की गई है।
  • आरक्षक से प्रआर एवं प्रआर से सउनि ‘‘ब’’ संवर्ग पदोन्नति के लिए शारीरिक परीक्षा अनिवार्य समाप्त करने की अनुसंशा की गई है। इसके साथ ही पीपी कोर्स नही करने के कारण के कारण पदोन्नति प्रभावित नही होने की बात कही है।
  • स्टेनो संवर्ग के कर्मचारियों के लिए लिपिक संवर्ग के तर्ज में पदोन्नति का प्रावधान प्रावधानित करने की अनुसंशा की गई है।
  • जिला/इकाई स्तर में कार्यरत् अनुसचिविय कर्मचारियों को लंबे अवधि तक प्रमोशन के लिए इंतिजार करना पडता है इसलिए पुलिस मुख्यालय एवं इकाई स्तर के कर्मचारियों के कैडर को मर्ज करने की अनुसंशा की गई है।
अन्य महत्वपूर्ण सुझाव:- 
  • अवकाश के दौरान किसी भी प्रकार के भत्तों में कटौती नही किया जाना चाहिए।
  • ड्यूटि के दौरान मृत्यु होने पर जवानों को शहीद के समकक्ष असाधारण पेंशन/स्वत्व एवं विशेष एक्सग्रेसिया प्रदान करने की अनुसंशा की गई है।
  • केन्द्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर जवानों के बच्चों को प्रतिवर्ष 10 हजार रूपये तक प्रशिक्षण शूल्क प्रदान किया जाना चाहिए।
  • जिला बल के जवानों को बैरट कैप पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए।
  • बल की कमी एवं सुरक्षा कारणों से सेशन ट्रायल में मुजलिमों की पेशी वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से हो।
  • पुलिस के कार्य की अधिकता को देखते हुए प्रत्येक वाहन के लिए 02 आरक्षक (चालक) तैनात किया जाना चाहिए।
  • प्रत्येक थाना में कम से कम आरक्षक (चालक) का 01 पद स्वीकृत हो, इन्हे शारीरिक परीक्षा में छूट देते हुए आईटीआई से डिजल मेकेनिक/मोटर मेकेनिक का प्रमाणपत्र की अनिवार्यता लागू कर दिया जाना चाहिए।

"अब देखना यह है कि पुलिस के इस आदर्श प्रस्ताव पर राज्य सरकार कितना अमल करती है और यह प्रस्ताव छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारी/कर्मचारियों, एसपीओ, स्टेनो और बाबुओं के लिए कितना कल्याणकारी साबित होता है।"


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