"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।

शनिवार, जुलाई 22, 2023

How does happiness come in life? क्या धर्म परिवर्तन करने से जीवन में खुशहाली आती है ?

How does happiness come in life? 
क्या धर्म परिवर्तन करने से जीवन में खुशहाली आती है ?
Does changing religion bring happiness in life?
यदि धर्म परिवर्तन से जीवन में खुशहाली आती तो मैं (Huleshwar Prasad Joshi) हर रोज एक नया धर्म परिवर्तित कर लेता; और जब धर्मों की संख्या कम पड़ने लगती तो मैं ख़ुद ही हर रोज एक नया और बेहतरीन धार्मिक सिद्धांतों से युक्त धर्म बनाने भी लगता; किंतु मैं जानता हूँ कि धर्म परिवर्तन से हमारे जीवन में कोई खुशहाली नहीं आती और न तो कोई बदलाव आती है। अतः मैं धर्म परिवर्तन के पक्ष में नहीं हूँ । 

तो ?
"खुशहाली कैसे आती है जीवन में?"
How does happiness come in life?
# जीवन में खुशहाली हमारी दृढ़इच्छाशक्ति और बेहतरीन विचारों से आती है।
# संतुष्टि की स्तर के आधार पर आती है जीवन में खुशहाली।
# सभी जीव के लिए प्रेम, करुणा और भाईचारा की भावना को अपने आचरण में शामिल कर लेते हैं तब आती है हमारे जीवन में खुशहाली।
# परोपकार करने, दूसरों की खुशियों में शामिल होने और खुशियां बांटने से आती है जीवन में खुशहाली।
# गैरों की कष्ट और दुख को कम करने से आती है जीवन में खुशहाली।
# अपनी मानवीय कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से पूर्ण करने से आती है जीवन में खुशहाली।

जीवन से खुशहाली कब समाप्त होती है?
When does happiness end from life?
# ईर्ष्या, द्वेष और नफ़रत की भावना से हम प्रेरित होने लगें तब हमारे जीवन से समाप्त होती है खुशहाली।
# बदले की भावना को अपनी आदत में शुमार कर लें तब हमारे जीवन से समाप्त होती है खुशहाली।

What is Happiness? 


रविवार, जुलाई 16, 2023

HARELI हरेली विशेषांक : जानें छत्तीसगढ़ की परम्परा अनुसार क्या -क्या होता है हरेली में


HARELI हरेली विशेषांक : जानें छत्तीसगढ़ की परम्परा अनुसार क्या -क्या होता है हरेली में

# हरेली छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण किसानों की पहली त्यौहार है।
# हरेली पर्व को श्रावण अमावस्या के दिन मनाया जाता है।
# हरेली को हरियाली के नाम से भी जाना जाता है।
# हरेली सुख, समृद्धि और खुशहाली का उत्सव है।
# हरेली में किसानों द्वारा नागर, रापा, गैती, कुदरी, टंगिया और हसिया इत्यादि कृषि उपकरण की साफ सफाई की पूजा की जाती है।

# हरेली के दिन पशुधन की पूजा की जाती है तथा लोई खिलाया जाता है।इसके बाद पशुधन की सम्मान में उन्हें दईहान से एक दिन के लिये उरला छोड़ दिया जाता है ताकि पशुधन खेतों की फसल को चर सके जिससे धान की फसल में नये पिका आ सके।
# हरेली के दिन दरवाजा में औषधीय पौधे एवं नीम की डालियां लगायी जाती है।


# हरेली के दिन गांव के मुखिया एवं बैगा द्वारा गांव बनाने का विधान है।
# हरेली के दिन बालक बालिकाओं एवं युवाओं द्वारा गेंडी खपवाकर चढ़ा जाता है।
# हरेली के दिन ग्रामीण जन जीवन में अनेकों प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है।
# हरेली के दिन गृहणियों द्वारा छत्तीसगढ़ी व्यंजन जैसे चीला, बरा, फरा, ठेठरी, खुरमी और अरसा इत्यादि पकवान बनाया है।


साथियों, यदि जानकारी अच्छी लगे या सुधार की जरूरत हो तो कमेंट्स में अपना सुझाव जरूर दें।

शनिवार, जुलाई 15, 2023

What is the specialty of the book Angutha Chhap Lekhak "अँगूठाछाप लेखक" ?

What is the specialty of the book "Angutha Chhap Lekhak" ?

Angutha Chhap Lekhak - "Abodh Vicharak ke Baisurha Darshan" is a book based on unsuccessful social awareness. Angutha Chhap Lekhak "अँगूठाछाप लेखक" is neither an autobiography, nor a novel, nor a monologue, nor a story. In fact it is not even a philosophy. Rather, it is a book inspired by all types of literary structures and beyond the criteria of literature. Undoubtedly, there will be millions of books, books, literature, philosophy and religious books better than this book in the whole world, which would be many times better and accurate guidance than this, but this book presents a new audiology and scientific thinking.

No matter why this book marks and proves the failure and immaturity of the author. Even if the author has failed in trying to impose his thoughts and philosophy on the society. Nevertheless, through this book, the author forces you to think according to Navdarshan and for intellectual development with hundreds of questions. This book also disappoints you with lots of questions and incomplete explanations in the name of a wonderful new audiology. If you yourself are not able to reason according to the principle of natural justice, are not able to find your answer, reading Angutha Chhap Lekhak "अँगूठाछाप लेखक" will cause you uneasiness. You will not get any special education or information from this book. If you are inspired by any prejudice or blind slave of any ideology, then you should not read this book at all. You may be inspired to commit violence against the author. Because the acts which you have been considering as your glorious tradition and culture, the author will try to argue with new scientific thinking citing constitutional duties on the same acts. Then you can have two options, the first one is to get free from blind slavery on the strength of your intelligence and logic and the second one is to continue blindly following the same ideology no matter how wrong it is. You will not use the Right to Question and Speaking even after knowing the injustice, but will keep on tolerating it.

Angutha Chhap Lekhak "अँगूठाछाप लेखक" is an attempt to develop scientific thinking on the evils going on in the name of personal, social and religious belief and glorious tradition going on in the present environment. This book is published not error-free but error-full. Basically, the error and freedom present in this book are its original elements. Originally written in Hindi language, English and Chhattisgarhi words, sentences and proverbs have been used in this book. This book can inspire Hindi speaking people to learn and speak Chhattisgarhi. In this, such words will also be found which may not be in any dictionary. With self-criticism and derogatory remarks, the author has given a hidden message. This book not only inspires the readers for social, religious and spiritual thinking, but also attacks hard on the mindset of being an intellectual or being more educated to write literature. The author also questions historical books through this book.

Who is the author of the book "Angutha Chhap Lekhak"?
Mr. Huleshwar Prasad Joshi is the author of the book "Angutha Chhap Lekhak".

From which publication will the book Angutha Chhap Lekhak be published?

गुरुवार, जुलाई 13, 2023

Fundamental Characteristics of Best Students "सर्वश्रेष्ठ छात्र" की 17 मौलिक विशेषताएँ कौन-कौन सी है ?


Fundamental Characteristics of Best Students "सर्वश्रेष्ठ छात्र" की 17 मौलिक विशेषताएँ कौन-कौन सी है ?
आदरणीय पाठक यदि आप एक छात्र हैं और एक अच्छा, बेहतरीन और सर्वश्रेष्ठ छात्र बनना चाहते हैं या फिर आप किसी छात्र के माता-पिता अथवा शिक्षक हैं तो यह लेख आपके लिये बेहद ही उपयोगी साबित होने वाली है। इस लेख के माध्यम से हम Best Students "सर्वश्रेष्ठ छात्र" की 17 मौलिक विशेषताएँ बताने जा रहे हैं।


Fundamental Characteristics of Best Students "सर्वश्रेष्ठ छात्र" की 17 मौलिक विशेषताएँ कौन-कौन सी है ?
Best Students "सर्वश्रेष्ठ छात्र" वह है...........
# जो ‘‘शिक्षा ग्रहण पहले, भोजन ग्रहण नहले।’’ के सिद्धांत का पालन करता है।
# जो अपने शिक्षक और माता-पिता के निर्देशों और सुझाव का अक्षरशः पालन करते हैं।
# जो अपने से बड़ों का आदर और सम्मान करते हैं साथ ही छोटे से प्रेम और सद्भावना रखते हैं।
# जो अपने होमवर्क को निर्धारित समय में पूरा करते हैं।
# जो नियमित रूप से पाठ्यपुस्तक का अध्ययन करते हुए आगामी परीक्षा की तैयारी करते रहते हैं।
# जो छात्र पाठ्यक्रम को पूरा करने के साथ-साथ अपने सामान्य ज्ञान और स्किल को बढ़ाने के लिये निरंतर प्रयास करते रहते हैं।
# जो किसी भी स्थिति में किसी दूसरे से लड़ाई-झगड़े नहीं करते हैं अर्थात विवाद में नहीं पड़ते हैं।
# जो किसी दूसरे व्यक्ति अथवा छात्र से उनके जाति, धर्म, स्थान और लिंग के आधार पर नफरत अथवा द्वेष नहीं करते हैं।
# जो चोरी, कामचोरी और नकल नहीं करते हैं।

# जो नियमित रूप से प्रेरक किताबें, जीवनी, संविधान, कानून की किताब और साइंस की किताबें पढ़ते हैं और अपना स्किल बढ़ाते हैं।
# जो स्वयं को निरोगी रखने के लिये नियमित रूप से स्वच्छता का ख्याल रखते हैं और पौष्टिक भोजन तथा व्यायाम करते हैं।
# जो छात्र अपने जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूरा करने के लिये संकल्पित होकर पूरी मजबूती के साथ अपनी तैयारी जारी रखते हैं।
# जो छात्र अच्छी और ज्ञानवर्धक किताबों से दोस्ती करते हैं।
# जो छात्र स्मार्ट फोन, कार्टून और टीवी सिरियल्स से दूर रहते हैं साथ ही घुमंतु नहीं होते है।
# जो छात्र अपना काम खूद करते हैं और दूसरों पर निर्भर नहीं रहते हैं।
# जो छात्र धैर्यवान, साहसिक और निड़र होते हैं अर्थात किसी से नहीं ड़रते हैं।
# जो छात्र सत्य बोलते हैं और परोपकार करने के लिये अग्रणी रहते हैं।

साथियों उम्मीद है कि यह लेख आपके लिये फायदेमंद साबित होगी क्योंकि आप fundamental characteristics of Best Students "सर्वश्रेष्ठ छात्र" की प्रमुख बिन्दुओं का पालन करने वाले हैं। यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो अपनी राय कमेंट्स में जरूर लिखें।

बुधवार, जुलाई 12, 2023

मानव जीवन का आदर्श आचरण संहिता क्या है ? What is the Ideal Code of Conduct of Human Life?


जीवन का मूल उद्देश्य क्या है ?
What is the Main Purpose of Life ?

मानव जीवन का आदर्श आचरण संहिता क्या है ?
What is the Ideal Code of Conduct of Human Life?

"जीवन का मूल उद्देश्य क्या है ?" What is the Main Purpose of Life ?
अब इसे जानना बेहद आसान है, आप गूगल में जायें और खोजें "जीवन का मूल उद्देश्य क्या है" इसके बारे में सैकड़ों बेहतरीन विचार मिल जाएंगे। किन्तु इस लेख के माध्यम से जो आपको बताना चाहता हूँ संभव है इसे जानने के लिए आपको सैकड़ों या हजारों पन्नों की किताबें पढ़ना पड़े अथवा दर्जनों बार गूगल सर्च करना पड़े। अतः अपेक्षा है कि आप इस लेख को पूरी ईमानदारी से अंत तक जरूर पढ़ें।

आदरणीय पाठक, लाखों बुद्धिजीवियों का मानना है यदि आप जीवन को बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं तो आप "गीता" पढ़ सकते हैं। "गीता" पढ़ना भी आसान है क्योंकि अब ये हिदी सहित स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध है। गीता खरीदने के लिए आप स्थानीय मार्केट में जायें या फिर Amazon और Flipkart जैसे आनलाईन शॉप से भी खरीद सकते हैं। लाखों बुद्धिजीवी ऐसे भी होंगे जो आपको भगवान बुद्द, भगवान महावीर, ईसा मसीह और गुरु घासीदास बाबा के शिक्षा को जीवन में शामिल करके बेहतर जीवन जीने की मार्ग प्रसस्त करेंगे।

कुछ ऐसे भी कथित ज्ञानी लोग मिलेंगे जो आपको अलग अलग विचारधारा की ओर धकेलने का प्रयास करेंगे। कुछ धूर्त लोग आपकी धार्मिक, सांस्कृतिक मान्यताओं और जीवनशैली को बकवास प्रमाणित करके धर्म परिवर्तन के लिए उकसाएंगे। कुछ फरेबी लोग आपको कर्मकाण्ड की बोगस और बेवकूफी पूर्ण कार्यों में संलिप्त करके आपको मूर्ख बनाएंगे और साथ ही आपकी डेवलपमेंट को रोकने का प्रयास करेंगे। इसके साथ ही कुछ क्रूर और हत्यारे लोग आपसे धर्म के नाम पर बलिदान की अपेक्षा रखकर आपको कट्टर धार्मिक विचारधारा की ओर ले जाने की बात करेंगे। किन्तु; मैं आपको आपकी मौजूदा धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक विचारधारा में सरलता, सद्भावना, अहिंसा, भाईचारा और प्रेम लाने का प्रयास कर रहा हूँ। अतः मैं आपको किसी भी प्रकार की झूठी बातों में फाँसकर आपके जीवन को बर्बाद नहीं करने का विश्वास दिलाता हूँ। हम इस आर्टिकल के माध्यम से 'जीवन का मूल उद्देश्य क्या है ?' 'What is the main purpose of life?' को जानना चाहते हैं इसलिए फिजूल की बातों से अपना ध्यान हटाते हुए "जीवन" की ओर बढ़ते हैं।

जीवन का मूल उद्देश्य क्या है ?
What is the Main Purpose of Life ?
"जीवन का मूल उद्देश्य निरोगी, सुखमय और शांतिमय जीवन जीना है; अतः जीवन के मूल उद्देश्यों में धनवान, शक्तिशाली और प्रभावशाली इंसान बनना कदापि शामिल नहीं है।" - हुलेश्वर प्रसाद जोशी

What is Religion ?
"धर्म आचरण में पवित्रता लाने के लिए स्थापित आदर्श आचरण संहिता है, यह इंसान को हिंसा से अलग रहने की शिक्षा देती है; यदि को धर्म की रक्षा के नाम पर आपको हिंसा के लिए प्रेरित करता है तो उनसे परहेज करें।"

मानव जीवन का आदर्श आचरण संहिता क्या है ?
What is the Ideal Code of Conduct of Human Life?
"जीवन के मूल उद्देश्यों की प्राप्ति का मार्ग (तरीका ही) मानव जीवन का आदर्श आचरण संहिता है।" इसके अंतर्गत निम्नानुसार आचरण का पालन करना मनुष्य के लिए बेहतर हो सकता है।
# सभी मनुष्य से सद्भावना और भाईचारा रखें।
# अहिंसा के समुचित मार्ग का अनुसरण करें।
# परोपकार को अपने आचरण में शामिल करें।
# धार्मिक कट्टरता और कर्मकांड से बचकर रहें।
# किसी भी शर्त में बदले की भावना से बचें।
# किसी भी जीव से ईर्ष्या, भेदभाव, द्वेष और दुर्भावना न रखें।
# "मनखे मनखे एक बरोबर" एवं "जम्मो जीव हे भाई बहिनी बरोबर" के आदर्श का पालन करें।
# धार्मिक एवं राजनैतिक नेताओं की बातों में पड़ने के पहले "अप्प दीपो भव" के आदर्श वाक्य का पालन करें।
# व्यर्थ दौड़-भाग और प्रतियोगिता से बचें।
# स्वयं को प्रसन्न रखने के लिए सात्विक तरीके को अपनाएं।
# दूसरों की खुशी में खुश होने तथा दूसरों के दुख को कम करने हेतु सार्थक प्रयास करें।


आदरणीय पाठक, मुझे उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपके लिए प्रेरक और अच्छा साबित होगा। अतः मुझे विश्वास है कि, आप अपने जीवन में "मानव जीवन का आदर्श आचरण संहिता" ideal code of conduct of human life का पालन जरूर करेंगे।

(हुलेश्वर प्रसाद जोशी)
लेखक एवं विचारक

सोमवार, जुलाई 10, 2023

मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना : 51 लाख से ज्यादा लोगों ने निःशुल्क ईलाज एवं स्वास्थ्य जांच सुविधा का लिया फायदा


मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना : 51 लाख से ज्यादा लोगों ने निःशुल्क ईलाज एवं स्वास्थ्य जांच सुविधा का लिया फायदा

रायपुर, 10 जुलाई 2023 : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल से शहरी क्षेत्र के स्लम बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों को निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से अब तक 51 लाख 71 हजार 286 लोगों का इलाज मोबाइल मेडिकल यूनिट के चिकित्सा दल द्वारा स्लम बस्तियों में लोगों के घरों के पास ही पहुंचकर किया गया है। योजना के तहत अब पूरे राज्य के नगरीय क्षेत्रों के स्लम बस्तियों में चिकित्सक, पैरामेडिकल टीम, मेडिकल उपकरण एवं दवाओं से लैस 125 मोबाइल मेडिकल यूनिट पहुंचकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रही है। इस योजना के माध्यम से अब तक 13 लाख 82 हजार 456 मरीजों की पैथालॉजी टेस्ट की जा चुकी है। साथ ही 44 लाख 42 हजार 290 से अधिक मरीजों को निःशुल्क दवाएं भी दी गई हैं। लाभान्वित मरीजों में 2 लाख 88 हजार 247 से ज्यादा मेहनत-मजदूरी करने वाले श्रमिकों ने भी निःशुल्क ईलाज जांच सुविधा का फायदा उठाया हैं।

छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत अब तक राज्य के 169 नगरीय निकायों की स्लम बस्तियों में 68 हजार 206 कैम्प लगाकर लोगों की निःशुल्क जांच व उपचार कर दवाईयां दी गई हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नगरीय क्षेत्रों की तंग बस्तियों के एवं अन्य जरूरत मंद लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निशुल्क दवायें उपलब्ध कराया जाए।

गौरतलब है कि राज्य के 14 नगर निगम क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के प्रथम चरण की शुरूआत 01 नवम्बर 2020 को हुई थी। इसके तहत 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा स्लम बस्तियों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार एवं दवा वितरण की शुरूआत की गई थी। 31 मार्च 2022 को इसका विस्तार पूरे राज्य के नगरीय निकाय क्षेत्रों में किया गया तथा 60 और नई मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू की गई। मुख्यमंत्री द्वारा एक जुलाई 2023 को 5 मोबाइल मेडिकल यूनिट स्लम बस्तियों में लोगों के ईलाज के लिए शुरू की है। शहरों में स्लम बस्तियों सहित अन्य जरूरतमंद लोगों को इलाज के लिए और मोबाइल मेडिकल यूनिट शीघ्र ही शुरू की जाएगी।

जानें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के अंतर्गत कितने रुपये का मिलता है नगद पुरुस्कार, नामांकन भरने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2023


जानें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के अंतर्गत कितने रुपये का मिलता है नगद पुरुस्कार, नामांकन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2023

Prime Minister's National Child Award : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 से बढ़ाकर 31 अगस्त 2023 कर दी है। आम जनता को सूचित किया जाता है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) 2024 के लिए आवेदन प्रक्रिया अब राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर शुरू हो गई है। यह पुरस्कार बहादुरी, खेल, सामाजिक सेवा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, कला एवं संस्कृति और नवाचार के क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धि के लिए दिए जाते हैं।

कोई भी बच्चा, जो भारतीय नागरिक है, और भारत में रहता है, और 18 वर्ष से अधिक आयु का नहीं है (आवेदन/नामांकन की अंतिम तिथि तक) पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकता है। कोई अन्य व्यक्ति भी योग्य बच्चे को पुरस्कार के लिए नामांकित कर सकता है। पीएमआरबीपी के लिए आवेदन केवल इस उद्देश्य के लिए डिजाइन किए गए ऑनलाइन पोर्टल https://awards.gov.in के माध्यम से प्राप्त किए जाएंगे।

हर साल भारत सरकार 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की असाधारण उपलब्धि को 'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी)' प्रदान करके सम्मानित करती है। इन बच्चों को 6 श्रेणियों में उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। ये हैं- कला व संस्कृति, वीरता, नवाचार, स्कूली, सामाजिक सेवा और राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त खेल। हर एक पुरस्कार विजेता को एक पदक, 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक प्रमाणपत्र और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

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प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें?

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