"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


गुरुवार, जुलाई 29, 2021

तुम तोड़ जाओ भरोसा, इतना हक़ दे गया था (कविता) : एच पी जोशी

तुम तोड़ जाओ भरोसा, 
इतना हक़ दे गया था।
हर बार खाने के बाद, 
आज फिर कर गया था।
कब तक तुम्हें बेहतर समझने की भूल करूँ?
बताओ, 
बताओ; 
बताओ न क्यों ये कर गया था?
तुम तोड़ जाओ भरोसा........

इतना नासमझ क्यों मैं हो गया था।
कह दो न, 
क्या मैं फिर गया था?
भूलने की कोशिशें करूँ, 
तो मुश्किलें न होंगी।
भूलने की कोशिशें करूँ, 
तो मुश्किलें न होंगी।
क्योंकि दही के भोरहा में कप्सा को लील गया था।।
तुम तोड़ जाओ भरोसा........

कलियाँ बिछाए राहों पर ताकता रहा मैं।
कलियाँ बिछाए राहों पर ताकता रहा मैं।
इंतिजार, 
इंतिजार; 
बेहद इंतिजार करता रहा मैं।
फ़िर भी तुम नहीं आईं, 
क्यों....?
बताओ, 
बताओ; 
बताओ न ये क्या कर रहा मैं?
तुम तोड़ जाओ भरोसा........

जानता हूँ, "हक़ नहीं मुझे" ये हक़ीक़त है।
जानता हूँ, "हक़ नहीं मुझे" ये हक़ीक़त है।
तुम ग़ैर हो चुकी हो, 
ये हक़ीक़त है।
बताओ...
पर क्यों विश्वास दिलाती हो?
तुम्हारे करने से ही हुआ है आज, 
मेरी फुल्ली फ़जीहत है।
मेरी फुल्ली फ़जीहत है।
तुम तोड़ जाओ भरोसा........

नशीहतें दूँ क्या मुझे?
नशीहतें दूँ क्या मुझे?
कि,
भरोसेमंद कोई भी नहीं इस जहाँ में
अब कभी फ़जीहत मत कराना।
सब कोई मुझसा ही स्वार्थी हैं।
सब कोई मुझसा ही स्वार्थी हैं।
जाओ गौठान में गोबर बीनना या भैस चराना।
तुम तोड़ जाओ भरोसा........

गुरुवार, जुलाई 22, 2021

डिग्निटी ऑफ़ लेबर थ्योरी अर्थात श्रम की गरिमा का सिद्धांत की उपेक्षा भारत के लिए दुभार्ग्यपूर्ण..

डिग्निटी ऑफ़ लेबर थ्योरी अर्थात श्रम की गरिमा का सिद्धांत की उपेक्षा भारत के लिए दुभार्ग्यपूर्ण..

अब्राहम लिंकन चर्मकार थे; उनके पिता जूते बनाया करते थे। भारतीय जाति व्यवस्था के अनुसार उनके जाति को वर्गीकृत करें तो वे असंवैधानिक संबोधनयुक्त जाति के थे; जिन्हें हम निचली जाति की श्रेणी में रखते हैं। जब अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गये तो ठीक भारत की तरह अमेरिका के अभिजात्य वर्ग को बड़ी ठेस पहुँची।

सीनेट के समक्ष जब अब्राहम लिंकन अपना पहला भाषण देने खड़े हुए तो एक सीनेटर ने ऊँची आवाज़ में कहा: "मिस्टर लिंकन याद रखो कि तुम्हारे पिता मेरे और मेरे परिवार के जूते बनाया करते थे।" इसी के साथ सीनेट भद्दे अट्टहास से गूँज उठी। प्रतिउत्तर में अब्राहम लिंकन ने कहा कि, मुझे मालूम है कि मेरे पिता जूते बनाते थे। सिर्फ आप के ही नहीं यहाँ बैठे अधिकतर माननीयों के जूते उन्होंने बनाये होंगे। मेरे पिता पूरे मनोयोग से जूते बनाते थे, उनके बनाये जूतों में उनकी आत्मा बसती है। अपने काम के प्रति पूर्ण समर्पण के कारण उनके बनाये जूतों में कभी कोई शिकायत नहीं आयी। क्या आपको उनके काम से कोई शिकायत है? उनके पुत्र होने के नाते मैं स्वयं भी जूते बना और रिपेयरिंग कर लेता हूँ। यदि आपको मेरे पिता के बनाये जूते से कोई शिकायत है तो मैं बता दूँ कि मैं उनके बनाये जूतों की आज भी निःशुल्क मरम्मत कर सकता हूँ। मुझे अपने पिता और उनके काम पर गर्व है।

सीनेट में उनके इस तर्कयुक्त भाषण से सन्नाटा छा गया और इस भाषण को अमेरिकी सीनेट के इतिहास में बहुत बेहतरीन भाषण माना गया। आगे चलकर अब्राहम लिंकन के उस भाषण से एक थ्योरी निकली Dignity of Labour अर्थात श्रम की गरिमा का सिद्धांत। इस सिद्धांत का ये असर हुआ की जितने भी कामगार थे उन्होंने अपने पेशे को अपना सरनेम बना लिया। जैसे कि कोब्लर, शूमेंकर, बुचर, टेलर, स्मिथ, कारपेंटर, पॉटर आदि।

ख़्याल रखना अमेरिका में आज भी श्रम को महत्व दिया जाता है इसीलिए वो दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति है। जबकि भारत जैसे देश जिसे दुनियाभर में सबसे महान समझा जाता है यहाँ जो श्रम करता है उसका कोई सम्मान नहीं है। श्रम करने वाले लोगों की समूह को छोटी और नीच माना जाता है ठीक इसके उलट जो बिलकुल भी श्रम नहीं करते अर्थात दूसरे की श्रम की दलाली करने वाले अथवा ठगी करके मौज करने वाले वर्ग खुद को ऊँचा और महान समझने की भ्रम पाल लेता है।

भारत की सबसे बड़ी दुर्भाग्य ये है कि यहाँ सफाई करने वालों को नीच और गंदगी फैलाने वालों को महान समझने की मानसिकता को जिन्दा रखा जा रहा है।

श्रम की गरिमा के सिद्धांतों के उलट मानसिकता के साथ कोई भी देश महान नहीं हो सकता। यदि इन मानसिकता के साथ आप देश, धर्म या समाज की महानता की कल्पना करते हैं तो ये घोर बकवास मात्र है। ख़्याल रखें व्यवसाय, जाति, धर्म और सीमा के आधार पर दुर्भावना पूर्ण रवैया राष्ट्र निर्माण की बेहतर तरीका नहीं हो सकता।

सोमवार, जुलाई 05, 2021

IPS श्री मोहित गर्ग बेहतरीन कुशल प्रशासनिक क्षमताओं से युक्त, त्वरित निर्णय लेने में दक्ष और मानवीय संवेदनाओं से युक्त पुलिस अधिकारी हैं।

IPS श्री मोहित गर्ग बेहतरीन कुशल प्रशासनिक क्षमताओं से युक्त, त्वरित निर्णय लेने में दक्ष और मानवीय संवेदनाओं से युक्त पुलिस अधिकारी हैं।

श्री मोहित गर्ग (IPS) सर के अधीनस्थ लगभग 11 महीने तक सेवा करने का अवसर मिला; मैंने पाया कि सर एक कुशल प्रशासनिक क्षमताओं से युक्त पुलिस अधीक्षक के साथ बेहतरीन इंसान भी हैं। सर का मानना रहा है कि नक्सलवाद की समाप्ति हथियार और बदले की भावना से नहीं बल्कि वैचारिक परिवर्तन, शिक्षा और रोजगार के माध्यम से किया जा सकता है।

मैं मोहित सर से सबसे अधिक प्रभावित तब हुआ जब पिछले साल उन्होंने लगभग 300 अधिकारी/कर्मचारियों को उनके इच्छा के अनुरूप थानों/कैम्प और लाइन में पदस्थापना दी थी। सर का मानना है कि जवानों को उनके इच्छानुसार Location में पदस्थापना देने से कार्य की गुणवत्ता में अभूतपूर्व परिवर्तन आते हैं। हालांकि उन्होंने पदस्थापना के दौरान पोस्टिंग लोकेशन की रोटेशन (संवेदनशील से अतिसंवेदनशील और अतिसंवेदनशील से संवेदनशील और जवानों की समस्या का ख़्याल रखा।) मैंने अपनी 16 साल की सेवा में पहली बार पाया कि अधिकारियों की पूर्व ब्रीफिंग के फलस्वरूप अतिसंवेदनशील इलाके में पदस्थापना पाने वाले जवान भी संतुष्ट दिखे और बिना आंतरिक दुःख के अपनी नवीन पदस्थापना में तैनाती के लिए चले गए।

मैंने इन 11 महीने में देखा सर ने कभी भी किसी जवान से दबावपूर्ण काम नहीं लिया, न कभी किसी अवसर पर जहाँ मानवीय गुणों के आधार पर स्वाभाविक गुस्सा आते हैं ऐसे स्थिति में भी गुस्सा करते हुए नहीं देखा।


मैंने अबूझमाड़ पीस मैराथन 2021 के दौरान उन्हें बड़े नजदीक से देखा और समीक्षा किया, वे वास्तव में बेहतरीन कुशल प्रशासनिक क्षमताओं से युक्त और त्वरित निर्णय लेने में दक्ष और मानवीय संवेदनाओं से युक्त हैं। मैराथन के दौरान मैंने बच्चों, छात्रों और खिलाड़ियों के प्रति उनके प्रेम को देखा। मोहित सर अपने आप में अद्वितीय इंसान हैं।

श्री मोहित सर के कुशल नेतृत्व और RI श्री दीपक कुमार साव सर के कार्यों ने नारायणपुर पुलिस को Social Policing और Friends Police में नए कीर्तिमान स्थापित करने में अहम भूमिका अदा किया है। आप दोनों के विशेष योगदान के फलस्वरूप ही नारायणपुर में इकलौता पिकनिक स्पॉट शांत सरोवर (बिंजली डेम) का सौंदर्यीकरण हुआ है वहीं आपके मार्गदर्शन में प्राचीन पहाड़ी मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ साथ जिला नारायणपुर में विकास कार्यों को गति मिली है।

मैं श्री मोहित गर्ग सर को उनके पुलिस अधीक्षक, कबीरधाम के रूप में नवीन पदस्थापना के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूँ। सर आपके साथ पुनः सेवा का अवसर मिले इन्हीं शब्दों के साथ पुनः ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

(हुलेश्वर जोशी)
प्रधान आरक्षक,
जिला पुलिस, नारायणपुर

महत्वपूर्ण एवं भाग्यशाली फ़ॉलोअर की फोटो


Recent Information and Article

Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

Durgmaya Educational Foundation


Must read this information and article in Last 30 Day's

पुलिस एवं सशस्त्र बल की पाठशाला

World Electro Homeopathy Farmacy


WWW.THEBHARAT.CO.IN

Important Notice :

यह वेबसाइट /ब्लॉग भारतीय संविधान की अनुच्छेद १९ (१) क - अभिव्यक्ति की आजादी के तहत सोशल मीडिया के रूप में तैयार की गयी है।
यह वेबसाईड एक ब्लाॅग है, इसे समाचार आधारित वेबपोर्टल न समझें।
इस ब्लाॅग में कोई भी लेखक/कवि/व्यक्ति अपनी मौलिक रचना और किताब निःशुल्क प्रकाशित करवा सकता है। इस ब्लाॅग के माध्यम से हम शैक्षणिक, समाजिक और धार्मिक जागरूकता लाने तथा वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रयासरत् हैं। लेखनीय और संपादकीय त्रूटियों के लिए मै क्षमाप्रार्थी हूं। - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी

Blog Archive

मार्च २०१७ से अब तक की सर्वाधिक वायरल सूचनाएँ और आलेख