देश की अखण्डता और आंतरिक सुरक्षा के लिए आम नागरिकों का योगदान भी आवश्यक - श्री हुलेश्वर जोशी
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष लेख
आज स्वतंत्रता दिवस है, आज ही के दिन सन 1947 को हमारा भारत वर्षों के गुलामी से मुक्त हुआ। स्वतंत्रता दिवस केवल अंग्रेजी साम्राज्य से मुक्त होने का महज फार्मेलिटी नहीं है। स्वतंत्रता दिवस पावन पर्व है, हर भारतीय के लिए उत्सव है, हर धार्मिक सामाजिक उत्सव/त्योहार से बड़ा और महान उत्सव है। स्वतंत्रता दिवस ऐसा पर्व है ऐसा उत्सव है जो हमें मनुष्य होने पहचान और अधिकार देता है। आज पर्व है दासता और गुलामी से मुक्ति का; आज पर्व है समानता और न्याय सहित लाखों प्रकार के अधिकार हासिल करने का। इसलिए यह महज़ अंग्रेजों से आज़ादी का नहीं बल्कि अधिकारों की गारंटी का उत्सव है।
हमारे भारत के लिए, हम भारतीयों के लिए बड़े गर्व का विषय है कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें गुलामी से मुक्त किया और लाखों अधिकार दिए। हमें उनके योगदान और संघर्ष से प्रेरणा लेकर देश के लिए समर्पित रहने की जरूरत आज भी है, आज हमें अपने देश को आजाद रखने के साथ साथ देश के हर नागरिकों को समान अधिकार देने के लिए संकल्प लेकर काम करने की जरूरत है अर्थात जाति, धर्म, समाज अथवा सीमा से परे रहकर सबको साथ लेकर चलने की जरूरत है।
देश की अखण्डता और संप्रभुता की रक्षा का दायित्व केवल तीनों सेनाओं से ही संभव नही है, बल्कि केंद्रीय और राज्य सशस्त्र बलों, जिला पुलिस बल और विशेष पुलिस अधिकारियों सहित आम नागरिकों के योगदान की भी जरूरत होती है। किसी भी देश की सुरक्षा के लिए विदेशी दुश्मनों, आतंकवाद, सीमा सुरक्षा और नक्सलवाद से सुरक्षा ही पर्याप्त नहीं है बल्कि आंतरिक सुरक्षा भी अहम है; जिसके लिए प्रत्येक नागरिक को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की जरूरत है।
आम जनता से अनुरोध है कि वे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस और प्रशासन का सहयोग करें; विशेषकर छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभाग के सभी जिले, दुर्ग संभाग के राजनांदगांव, बालोद और कबीरधाम जिला तथा रायपुर संभाग के धमतरी, महासमुंद और गरियाबंद जिला के आम लोगों से विशेष अनुरोध है कि वे किसी भी प्रकार के नक्सल गतिविधियों की जानकारी तत्काल स्थानीय पुलिस को दें। क्योंकि नक्सलवाद किसी भी स्थिति में देश, राज्य अथवा समाज के विकास में सहायक नहीं हो सकता बल्कि वे आपके हिस्से के आजादी को छीन लेते हैं, आपको भय और आतंक के साए में जीने को विवश करते हैं और आपको वर्तमान युग से पीछे खींच कर अपने दासता के लिए विवश करते हैं।
आज नक्सलियों का केवल एक ही मकसद है सरकार और आम लोगों को परेशान करना, ठेकेदारों आम लोगों को आतंकित करके रुपये ऐठना और खुद अच्छे जीवन एन्जॉय करना। नक्सली जो सड़क, पुल पुलिया, अस्पताल और स्कूल या सरकारी भवन को तोड़ते हैं वह आम नागरिकों को ही परेशान करते हैं; नक्सली नही चाहते कि सरकार मूलनिवासी लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अनेक प्रकार के सुविधाओं से सुसज्जित गांव और शहर में रहने का अवसर न दे सके। नक्सलियों द्वारा जो सरकारी संपत्ति को नष्ट कर रहे हैं वह आपके ही हिस्से के प्रॉपर्टी को नष्ट करके आपको ही सुविधाओं से वंचित करके आपके विकास के गति को अवरूद्ध कर रहे हैं। इसलिए आपसे अनुरोध है नक्सल मूवमेंट की जानकारी स्थानीय पुलिस को जरूर दें; यदि आप किसी नक्सली के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में हैं तो उन्हें आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करें। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आत्मसमर्पित करने वाले लोगों को समाज के मुख्यधारा में जोड़ने के लिए नीति निर्माण किया गया है जिसके तहत उन्हें और उनके परिवार को बेहतर जीवन की गारंटी दी जाती है।
अंत में; यही कहना चाहूंगा कि देश के हर नागरिक अपने संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के लिए जागरूक रहे। देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए अपना योगदान दे ताकि युगयुगान्तर तक हम अपने आजादी का जश्न मना सकें; किसी भी परिस्थिति में हमसे हमारी आजादी न छीन सके। हम अपने हर प्रकार के नागरिक अधिकारों का लाभ ले सकें, किसी भी नागरिक के मानव अधिकारों का हनन न हो।
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