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बुधवार, दिसंबर 05, 2018

आईजी दुर्ग ने ली रेंज के पुलिस अधीक्षकों की मीटिंग-मतगणना के लिये पुख्ता पुलिस बंदोबस्त करने तथा लंबित प्रकरणों के निकाल के दिये निर्देश

आईजी दुर्ग ने ली रेंज के पुलिस अधीक्षकों की मीटिंग-मतगणना के लिये पुख्ता पुलिस बंदोबस्त करने तथा लंबित प्रकरणों के निकाल के दिये निर्देश

श्री जी. पी. सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज द्वारा आज दिनांक 05.12.2018 को रेंज कार्यालय, दुर्ग में रेंज के पुलिस अधीक्षकों की क्राइम मीटिंग ली गई। मीटिंग में सभी पुलिस अधीक्षकगण एवं अन्य राजपत्रित अधिकारी उपस्थित रहे। मीटिंग में सभी जिलों के आपराधिक स्थिति तथा दिनांक 11.12.2018 को मतगणना स्थल पर लगाये जाने वाले पुलिस बंदोबस्त की समीक्षा की गई। 

श्री सिंह द्वारा मतगणना स्थल पर पुलिस बंदोबस्त लगाने के संबंध में पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया  कि:-
दिनांक 11.12.2018 को मतगणना के दौरान मतगणना स्थल एवं आसपास के क्षेत्रों में एक्सेस कंट्रोल के सिद्धान्त का पालन करते हुए zero error पुलिस बंदोबस्त लगाया जावे। धारा 144 का पालन सुनिश्चित किया जावे। मतगणना स्थल पर जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन के सहयोग से यथोचित पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। पत्रकारों, सुरक्षा बलों, प्रत्याशियों एवं राजनीतिक दलों के एजेण्टों के मतगणना स्थल पर प्रवेश के लिये स्पेसिफिक व्यवस्था हो, अलग-अलग स्थलों के लिये अलग-अलग रंग के प्रवेशपत्रों की व्यवस्था रखी जावे, ताकि किसी तरह की भ्रांति न हो। पार्किंग के लिये भी प्रवेशपत्र की व्यवस्था रखी जावे। मतगणना स्थल के आसपास प्रतिबंधित स्थलों पर अनाधिकृत व्यक्तियों को न तो प्रवेश दिया जावे न ही आसपास व मार्ग में कहीं पर भीड एकत्रित होने दी जावे। सुनिश्चित किया जावे कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के अनुरूप प्रतिबंधित वस्तुयें मतगणना स्थल के अंदर न ले जाया जा सके। इसके लिये जिला प्रशासन, राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों व एजेण्टों के साथ संयुक्त मीटिंग लेकर पूर्व से सुनिश्चित कर लिया जावे। मीटिंग में पुलिस द्वारा की जा रही सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में जानकारी दी जावे, ताकि सब को व्यवस्था की जानकारी रहे तथा स्टेक होल्डरों के कार्य में किसी तरह की बाधा न हो। पुलिस व्यवस्था एवं प्रतिबंधित वस्तुओं के संबंध में भी मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार कराया जावे। विजयी प्रत्याशियों के जुलूस, शहर की कानून व्यवस्था एवं आपात स्थितियों के लिये भी पृथक से व्यवस्था रखी जावे, ताकि शहर में अथा मतगणना स्थल मंे किसी तरह की अव्यवस्था न हो। सुनिश्चित किया जावे कि आदर्श आचरण संहिता का पालन करते हुए विधिवत अनुमति के उपरांत ही जुलूस निकाली जावे, इस बाबत् मीटिंग में प्रत्याशियों को स्पष्ट रूप से अवगत कराया जावे कि वैध अनुमति के बिना जुलूस निकाले जाने की स्थिति में किस तरह की वैधानिक कार्यवाही हो सकती है। 

रेंज पुलिस महानिरीक्षक द्वारा रेंज के जिलों में लंबित अपराधों, चालानों एवं मर्ग आदि की समीक्षा कर निर्देशित किया गया कि:-
जिला दुर्ग में लंबित 1413, राजनांदगांव में लंबित 1172, कबीरधाम में लंबित 288, बेमेतरा में लंबित 423 तथा बालोद मंे लंबित 452 इस प्रकार रेंज स्तर पर कुल लंबित 3748 अपराधो का विशेष अभियान चलाकर 15 दिवस के भीतर निकाल सुनिश्चित किया जावे। इस हेतु संबंधित पुलिस अधीक्षक अपने जिले के संबंधित पर्यवेक्षणीय अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों की मीटिंग लेकर निकाल हेतु समुचित पहल करें तथा सुनिश्चित करें कि वर्ष की समाप्ति पर थानों में 10 प्रतिशत से अधिक प्रकरण लंबित न हो। इसी तरह लंबित चालानों तथा मर्गों का भी 15 दिवस के भीतर निकाल कराया जावे। 
एफएसएल में लंबित प्रकरणों की सूची एफएसएल अधिकारी को उपलब्ध कराकर, लंबित प्रकरणों में प्राथमिकता से रिपोर्ट प्राप्त कर माननीय न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का निराकरण कराया जावे।
थाना प्रभारीगण थाने में अधिक से अधिक समय तक उपस्थित रहें। प्रातः समय पर थाना आयें और प्रार्थियों को सुनें। उनकी रिपोर्टों पर सार्थक कार्यवाही करावें। थानों में आये आवेदकों के साथ सदव्यवहार हो।  किसी भी पीडित को थाना सीमा के नाम पर इधर-उधर भागना न पडे अर्थात  बार्डरलेस पुलिसिंग कराई जावे, ताकि प्रार्थी अपने निकट के थाने में जाकर अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सके, अन्य थाना क्षेत्र का मामला होने की स्थिति में जीरो पर अपराध कायम कर प्रारंभिक जांच उपरांत डायरी संबंधित थाने को भेजी जावे।
पीड़ित पक्ष को जिन प्रकरणों में शासन स्तर पर राहत राशि अथवा मुआवजा देने का प्रावधान है, वैसे प्रकरएाों में पीडित पक्ष को जानकारी देकर औपचारिकताओं की पूर्ति कराकर मुआवजा प्रकरण समय पर तैयार कर भिजवायें, ताकि पीडितो कों समय पर राहत राशि प्राप्त हो सके।
पुलिस की व्हिजिबिलिटी में सुधार लायें। सघन एवं प्रभावी गश्त/पेट्रोलिंग कराई जावे।स्वयं थाना प्रभारी अपने स्टाफ के साथ प्रतिदिन शाम को पैदल अपने क्षेत्र के भ्रमण पर निकलें, अडडेबाजी एवं मजमेबाजी करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करें। पैदल गश्त के दौरान 
समंस/वारंटो, विशेषकर स्थाई वारंटों की तामीली में सुधार लायें। वारंटों का वर्गीकरण किया जाकर गंभीर प्रकरणों के वारंटों की तामीली प्राथमिकता से करायी जावे। 
नशे के आदी नाबालिग बच्चों के द्वारा अपराध करने की प्रवृत्ति समाज के लिये घातक है, अतएव नशे के सौदागरों के विरूद्ध सार्थक कार्यवाही की आवश्यकता है। अवैध शराब विक्रय, गांजा-ड्रग्स तस्करी, कबाडी, जुंआ-सटटा एवं संगठित देह व्यापार के विरूद्ध सघन अभियान चलायें, गुण्डों के विरूद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत कार्य करें, अर्थात सूचीबद्ध गुण्डों के विरूद्ध अदम चेक रिपोर्ट होने पर कम से कम प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अवश्य हो। धारा 110 जाफौ, जिला बदर एवं रासुका के तहत बदमाशों के विरूद्ध सख्त एवं प्रभावी कार्यवाही करें।
शराब दुकानों के आसपास संचालित अवैध अहाते, अवैध हुक्का बार एवं रेव पार्टी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जावे। अवैध हुक्का बार एवं रेव पार्टी में नाबालिग बच्चों को भी शामिल कर नशीले पदार्थो का सेवन कराया जाता है तथा शराब दुकानों में भी शराब खरीदने के लिये नाबालिग बच्चों का उपयोग किया जाता है। 
थाना उतई में पंजीबद्ध अपराध का उदाहरण देते हुए श्री सिंह ने पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया कि विस्फोटकों के दुरूपयोग की रोकथाम के लिये विस्फोटक अधिनियमों एवं विस्फोटक नियमों का पालन कराया जाना आवश्यक है। इसके लिये थाना प्रभारियोें को सजग किया जावे। थाना प्रभारीगण अपने-अपने क्षेत्र में लायसेंसी विस्फोटक भडारो की जांच कर सुनिश्चित करें कि विस्फोटकों का वैध एवं सुरक्षित भडारण हो। विस्फोट प्रशिक्षितों की सूची थाने में उपलब्ध हो। समय-समय पर जांच कराई जावे एवं विस्फोट करने में विशेषज्ञता वाले व्यक्तियों की सूची थाने में रखी जावे, ताकि इन पर समुचित निगाह रखी जावे तथा विस्फोटकों तक असमाजिक तत्वों की पहुंच न हो पाये।
सभी पर्यवेक्षणीय अधिकारी सुनिश्चित करें कि आपराधिक प्रकरणों की कार्बन केस डायरी संधारित हो, ताकि आवश्यकता पडने पर उसका उपयोग किया जा सके।
अधिकारियों/कर्मचारियों की दक्षता बढाने के लिये जिला स्तर पर तथा रेंज स्तर पर विभिन्न विषयों पर सीमित अवधि के प्रशिक्षण आयोजित करायें। विशेषकर विस्फोटक अधिनियम के तहत की जाने वाली कार्यवाहियों के संबंध में पेसा के सहयोग से विवेचकों का प्रशिक्षण अतिशीघ्र रेंज स्तर पर कराया जावे। 
निजी सुरक्षा एजेंसी में कार्यरत कर्मचारियों की भी संलिप्तता अनेक आपराधिक प्रकरणों में पाया गया है। अतएव निजी सुरक्षा एजेंसियों में कार्यरत व्यक्तियों के चरित्र सत्यापन एवं उनके आम्र्स लायसेंस की जांच/तसदीकी सुनिश्चित की जावे।

रेंज पुलिस महानिरीक्षक द्वारा जिलों में लंबित विभागीय जांच एवं शिकायतों के निराकरण की भी समीक्षा की गई एवं निर्देशित किया गया कि:-
वर्ष 2017 एवं उससे पूर्व के लंबित शिकायतों का निकाल 15 दिवस के भीतर तथा वर्ष 2018 के लंबित शिकायतों का 30 दिवस की समयावधि में निकाल सुनिश्चित किया जावे।
6 माह से उपर अवधि के लंबित विभागीय जांचों का भी निकाल एक माह की समयावधि में कराया जावे।

श्री सिंह द्वारा पुलिस अधीक्षकों को जवानों एवं पुलिस परिवारों के वेलफेयर की ओर भी समुचित ध्यान देने का निर्देश दिया गया:-
वेलफेयर के तहत पुलिस लाईन, दुर्ग में एक उत्तम जिम स्थापित किया गया है। जिसका पुलिस परिवार के लगभग 100 लोग प्रतिदिन लाभ ले रहे हैं। इसी तरह का जिम सभी जिला पुलिस लाईनों में स्थापित कराया जावे, जिसके लिए सभी पुलिस अधीक्षकों को बजट उपलब्ध कराया जा चुका है।
परोपकार निधि के तहत मृत कर्मचारी के परिजनों को 24 घण्टे के भीतर सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है, जिसका पालन किया जावे। किसी भी मृत अथवा शहीद कर्मचारी के परिजनों को किसी तरह की कठिनाई न हो इसका ध्यान रखें।
जहां पर पुलिस पेट्रोल पम्प संचालित नहीं है, उसके लिये प्रस्ताव भेजकर स्वीकृति लेकर पुलिस पेट्रोल पंप संचालित किया जावे।
संकल्प हास्पिटल रायपुर पुलिस परिवारों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करना चाहती है, अतएव स्थल एवं दिनांक निर्धारित कर सूचित करें। 
रेंज स्तर पर अलग-अलग खेलो के लिये खिलाडियों की उपलब्धता अनुसार अलग-अलग टीम गठित की जावे। प्रत्येक टीम के लिये अलग-अलग पुलिस अधीक्षकों को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा, जो अपनी टीम के लिये संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। 

श्री सिंह द्वारा जिलों को उपलब्ध कराये गये बजट की भी समीक्षा की गई एवं निर्देशित किया गया कि:- 
प्राप्त बजट के समानुपातिक उपयोग के लिये निर्देशित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के समस्त देयकों का भुगतान सुनिश्चित कर लिया जावे, किसी भी स्थिति में इस वित्तीय वर्ष के बिलों को अगले वित्तीय वर्ष में भुगतान के लिये लंबित न रखा जावे। यदि अतिरिक्त बजट की आवश्यकता हो तो पर्याप्त समय पूर्व मांग पत्र भेजें। जिस बजट का उपयोग संभव न हो उसे समय पर समर्पित करें, ताकि अन्य जिलों को आवश्यकतानुसार बजट आबंटित हो सके।

श्री सिंह द्वारा पुलिस अधीक्षकों को सिटीजन काप एप की उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए इसके व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा सिटीजन काप एप के जिला दुर्ग में लंबित 277, कबीरधाम में लंबित 22, राजनांदगांव में लंबित 12, जिला बालोद में लंबित 21 तथा बेमेतरा में लंबित 38 कुल 370 शिकायतों का त्वरित निराकरण कराने के लिये निर्देशित किया गया।

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