Important questions and explanation related to
the three new laws of India: It is necessary for every police personnel of the
country to know this.
vभारतीय
न्याय संहिता 2023
v THE BHARATIYA NYAYA SANHITA 2023
vभारतीय
नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
v THE BHARATIYA NAGARIK SURAKSHA SANHITA
2023
vभारतीय
साक्ष्य अधिनियम 2023
v THE BHARATIYA SAKSHYA ADHINIYAM 2023
भारतीय न्याय संहिता 2023
THE BHARATIYA NYAYA SANHITA
2023
Point out the correct difference between
the offence of ‘act endangering sovereignty, unity and integrity of India’ in
section 152 BNS, 2023 from the offence of ‘sedition’ under section 124A IPC,
1860:
·
Section 152, BNS has provided mens rea
standard which was absent in section 124A, IPC.
·
Section 152, BNS does not punish the acts
of hatred, contempt or disaffection towards Government established by law which
was punishable in section 124A, IPC.
·
Both
धारा 152 बीएनएस, 2023 में ‘भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य’ के अपराध और धारा 124ए आईपीसी, 1860 के तहत ‘राजद्रोह’ के अपराध के बीच सही अंतर बताएं:
• धारा 152, बीएनएस ने मेन्स रीआ मानक प्रदान किया है जो धारा 124ए, आईपीसी में अनुपस्थित था।
• धारा 152, बीएनएस कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा, अवमानना या
असंतोष के कृत्यों को दंडित नहीं करती है जो धारा 124ए, आईपीसी में दंडनीय था।
• दोनों
1. Section 152, BNS ने
"Mens Rea" की
आवश्यकता स्पष्ट की है, जो Section 124A, IPC में स्पष्ट
नहीं थी।
Section 152 BNS, 2023 में यह
स्पष्ट रूप से बताया गया है कि व्यक्ति को "intentionally or purposely" (जानबूझकर
या उद्देश्यपूर्वक) भारत की संप्रभुता,
एकता
और अखंडता को खतरे में डालने के लिए कोई कार्य करना चाहिए — यानी इसमें स्पष्ट mens rea (आपराधिक
मंशा) की जरूरत है।
124A IPC के तहत “hatred, contempt or disaffection against
the Government established by law” को दंडनीय बनाया गया था।
लेकिन 152 BNS, 2023 में ऐसे
किसी Government-specific भावना
(घृणा, असंतोष आदि) को अपराध नहीं माना
गया है — अब ध्यान सिर्फ राष्ट्र की
संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने
वाले कृत्यों पर केंद्रित है।
✅ निष्कर्ष (Correct Answer):
👉 दोनों कथन सही हैं।
इसलिए
उत्तर होगा:
✅ "Both"
Which of the following changes have been
introduced in the BNS, 2023 with respect to the offence of ‘causing death by
negligent act’?
·
Punishment of two years has been
prescribed for any death caused by medical practitioner. by rash or negligent
act while performing medical procedure.
·
Punishment has been increased to five
years for causing death by rash or negligent act.
·
All
the above.
·
Enhanced punishment of ten years has been
prescribed for ‘hit and run’ cases.
बीएनएस, 2023 में ‘लापरवाही से मौत का
कारण बनने’ के अपराध के संबंध में निम्नलिखित में से कौन से बदलाव किए गए हैं?
·
• चिकित्सा प्रक्रिया करते समय जल्दबाजी या लापरवाही से किसी
चिकित्सक की मृत्यु होने पर दो साल की सजा निर्धारित की गई है।
·
• लापरवाही से या जल्दबाजी में किसी कार्य से मृत्यु होने पर सजा
बढ़ाकर पाँच साल कर दी गई है।
·
• उपरोक्त सभी।
·
• ‘हिट एंड रन’ मामलों के लिए दस साल की बढ़ी हुई सजा निर्धारित की गई है।
1. Medical negligence – 2 साल की सजा
BNS की धारा 106(1) के अनुसार, यदि कोई मेडिकल प्रैक्टिशनर इलाज या मेडिकल प्रक्रिया करते समय
लापरवाही से किसी की मृत्यु कर देता है,
➤ तो उसे अधिकतम 2 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है।
⚠ यह पहले स्पष्ट रूप से IPC में नहीं था।
✅ 2. सामान्य लापरवाही से मृत्यु – 5 साल की सजा
BNS की धारा 106(2) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति लापरवाही या तेजी/गफलत से ऐसा कोई कृत्य करता है
जिससे किसी की मृत्यु हो जाती है,
➤ तो सजा अब 5 वर्ष तक कर दी गई है (IPC की धारा 304A में यह अधिकतम 2 वर्ष थी)।
✅ 3. Hit and Run – 10 साल की सजा
BNS की धारा 106(2) का proviso में यह प्रावधान किया गया है कि:
➤ यदि वाहन चालक
दुर्घटना के बाद मृत व्यक्ति की मदद नहीं करता या फरार हो जाता है (Hit and Run)
➤ तो अधिकतम 10 वर्ष की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
✅ निष्कर्ष:
इन सभी बदलावों को
शामिल किया गया है, इसलिए सही उत्तर है:
✔ "All the above"
Which of the following statements are
true with reference to ‘offence against property’?
·
All
the above.
·
Second and subsequent theft is made
punishable with higher punishment.
·
New categories of theft like ‘theft of
means of transport’, ‘theft of articles from means of transport’, ‘idol or icon
theft from place of worship’ etc. have been included.
·
First time theft of any property valued
up to five thousand rupees is made punishable with ‘community service’.
‘संपत्ति
के विरुद्ध अपराध’ के
संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है?
·
उपर्युक्त सभी।
·
दूसरी और बाद की चोरी को अधिक
सज़ा के साथ दंडनीय बनाया गया है।
·
चोरी की नई श्रेणियाँ जैसे ‘परिवहन के साधनों की चोरी’, ‘परिवहन
के साधनों से वस्तुओं की चोरी’, ‘पूजा स्थल
से मूर्ति या चिह्न की चोरी’ आदि को
शामिल किया गया है।
·
पाँच हज़ार रुपये तक की कीमत की
किसी भी संपत्ति की पहली बार चोरी को ‘सामुदायिक
सेवा’ के साथ दंडनीय बनाया गया है।
✅ 1. Second and subsequent theft – अधिक
सख्त सज़ा
BNS, Section 303(2) के तहत:
दूसरी या उसके बाद की चोरी के लिए
सख्त सज़ा का प्रावधान किया गया है।
यह पहले IPC में
स्पष्ट नहीं था।
BNS में theft की नई
श्रेणियाँ जोड़ी गई हैं, जैसे:
“Theft of means of transport” (जैसे
वाहन आदि)
“Theft from means of transport” (जैसे बस, ट्रेन से चोरी)
“Idol or icon theft from place of
worship” (मंदिर/पूजा
स्थल से मूर्ति/चिह्न की चोरी)
यह सामाजिक और सांस्कृतिक
संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
यदि:
यह पहली बार की चोरी हो, और
मूल्य ₹5000 तक हो,
तो community service की सज़ा
का प्रावधान है,
जिससे न्याय प्रणाली पर भार न
बढ़े और अपराधी को सुधार का अवसर मिले।
ऊपर दिए गए सभी कथन सही हैं, इसलिए सही उत्तर है:
✔
"All the above"
How many offences has ‘community service’
as a punishment?
Six
Five
Seven
Four
छह
पांच
सात
चार
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS), 2023 के
अनुसार, 6 अपराधों
में 'community service' को दंड (punishment) के रूप
में शामिल किया गया है।
यह एक
नया सुधारात्मक (reformative) दृष्टिकोण
है, जिससे छोटे अपराधों में सुधार को
प्राथमिकता दी जाती है, न कि सिर्फ सज़ा को।
🔹 ‘Community Service’ वाले
प्रमुख अपराध (उदाहरण):
First-time theft up to ₹5000
Attempt to commit theft under certain
conditions
Public nuisance causing inconvenience
Petty mischief (like minor damage)
False information for registering
marriage
Trespass with minimal harm
(Note: ये
उदाहरण रूप में हैं; कानूनी भाषा थोड़ी अलग हो सकती
है।)
✅ Final Answer:
✔
Six is the correct answer.
Which of the following section punishes
‘hiring, employing or engaging a child to commit an offence’ in the BNS, 2023?
Section 95
Section 69
Section 103
Section 106
बीएनएस, 2023 में
निम्नलिखित में से कौन सी धारा ‘किसी
बच्चे को काम पर रखने, नियोजित
करने या अपराध करने के लिए संलग्न करने’
को
दंडित करती है?
धारा 95
धारा 69
धारा 103
धारा 106
🔹 Section 95 – Bharatiya Nyaya Sanhita,
2023:
यह धारा विशेष रूप से उन
व्यक्तियों को दंडित करती है जो किसी बच्चे (Child)
को
किसी अपराध को करने के लिए नियुक्त करते हैं,
कार्य
पर लगाते हैं या संलिप्त करते हैं।
➤
यह
बच्चों को अपराध की दुनिया में धकेलने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान
है।
➤
इस
धारा के तहत कठोर सजा का प्रावधान है ताकि बच्चों का सुरक्षा और मानसिक विकास
सुनिश्चित किया जा सके।
अन्य विकल्पों की स्थिति:
Section 69 – आमतौर पर
अपराध में सहायता करने से संबंधित है।
Section 103 – डकैती
जैसे गंभीर अपराधों से जुड़ा है।
Section 106 – मृत्यु
को लापरवाही से उत्पन्न करने वाले कृत्यों से संबंधित है।
✅ Final Answer:
✔
Section 95 is the correct answer.
The Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 has:
·
XXII Chapters and 360 Sections
·
XXI
Chapters and 358 Sections
·
XX Chapters and 360 Sections
·
XX Chapters and 358 Sections
भारतीय न्याय संहिता, 2023 में हैं:
·
XXII अध्याय
और 360 खंड
·
XXI अध्याय
और 358 खंड
·
XX अध्याय और 360 खंड
·
XX अध्याय और 358 खंड
Which of the following statements are
correct with respect to ‘offence against woman and child’?
·
Sexual intercourse with a woman by
employing deceitful means has been introduced as an offence.
·
The BNS, 2023 introduced a new chapter on
‘offences against woman and child’.
·
All
the above.
·
Gang rape of a girl child is made
punishable with death sentence.
‘महिला और
बच्चे के खिलाफ अपराध’ के संबंध
में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
•
धोखे से किसी महिला के साथ यौन
संबंध बनाना अपराध के रूप में पेश किया गया है।
•
बीएनएस, 2023 ने ‘महिला और बच्चे के खिलाफ अपराध’ पर एक नया अध्याय पेश किया।
•
उपरोक्त सभी।
•
बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार
को मृत्युदंड से दंडनीय बनाया गया है।
✅ 1. Sexual intercourse with a woman by
employing deceitful means = अपराध घोषित किया गया है
BNS में अब
यह स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई पुरुष किसी महिला से धोखे, झूठे वादे या धोखाधड़ी से शारीरिक
संबंध बनाता है,
➤
तो
यह एक स्वतंत्र अपराध होगा, भले ही वह बलात्कार की श्रेणी में
न आए।
यह महिलाओं की गरिमा की रक्षा के
लिए नया और महत्वपूर्ण प्रावधान है।
✅ 2. ‘Offences Against Woman and Child’ पर अलग
अध्याय
BNS, 2023 में एक
नया अध्याय जोड़ा गया है जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को एक साथ
वर्गीकृत किया गया है।
यह पहले की तुलना में अधिक संगठित
और स्पष्ट वर्गीकरण है, जिससे केस हैंडलिंग आसान होगी।
✅ 3. Gang rape of a girl child = Death
penalty का
प्रावधान
यदि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ
गैंगरेप होता है,
➤
तो
मृत्युदंड (Death Penalty) या आजीवन
कारावास (life imprisonment) तक का
प्रावधान है।
यह महिलाओं और बच्चियों की
सुरक्षा के लिए सख्त रुख दिखाता है।
✅ निष्कर्ष:
सभी कथन बिल्कुल सही हैं, इसलिए:
✔
Final Answer: All the above
In the Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 the
definition of ‘gender’ has been expanded to include ‘transgender’.
True
False
भारतीय न्याय संहिता, 2023 में ‘लिंग’ की
परिभाषा का विस्तार करके ‘ट्रांसजेंडर’ को भी
इसमें शामिल कर दिया गया है।
सत्य
असत्य
Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 ने gender की
परिभाषा में ‘transgender’ शब्द को
स्पष्ट रूप से शामिल किया है।
यह बदलाव
Section 2(10) में किया
गया है, जहाँ यह
उल्लेख है कि ‘he’ तथा उसके
derivatives का
प्रयोग किसी भी व्यक्ति – पुरुष, महिला या
transgender के लिए
किया जा सकता है,
और ‘transgender’ की
परिभाषा को Transgender Persons (Protection of
Rights) Act, 2019 की धारा 2(k) के
अनुसार लिया गया है
📌 निष्कर्ष:
True — BNS, 2023 में ‘gender’ की परिभाषा
में ‘transgender’ को
विस्तृत रूप से शामिल किया गया है।
Which of the following offence has been
deleted in the BNS, 2023?
All the above
Adultery
Attempt to commit suicide
Sedition
निम्नलिखित में से कौन सा अपराध BNS, 2023 में हटा
दिया गया है?
उपर्युक्त सभी
व्यभिचार
आत्महत्या का प्रयास
राजद्रोह
📌 BNS, 2023 में
निम्न IPC अपराधों
को हटाया गया है:
Adultery
✔️ यह IPC की धारा 497 अब BNS में नहीं
है — इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी निरस्त
किया था
Attempt to commit suicide
✔️ IPC की धारा 309 (आत्महत्याक
प्रयास) को हटा दिया गया — यह अब अपराध नहीं है, सिवाय उस परिस्थिति के जहाँ इसका
उद्देश्य किसी सार्वजनिक अधिकारी को प्रभावित करना हो ।
Sedition
✔️ IPC की धारा 124A (देशद्रोह/सोडिशन)
को भी हटा दिया गया है। BNS में अब
इसे नए, सीमित निर्देशों के अनुसार
स्थानांतरित कर दिया गया है
inosculationhub.com
✅ निष्कर्ष:
इन सभी अपराधों (Adultery, Attempt to commit suicide,
Sedition) को
BNS 2023 ने हटा
दिया है।
इसलिए, सही विकल्प है:
✔
All the above
Which of the following offences are
brought together in one chapter?
•
Abetment, Criminal Conspiracy and Offence
affecting human body
•
Offence against the State, Abetment,
Criminal Conspiracy and Attempt
•
Offence against woman and child,
Abetment, Criminal Conspiracy and Attempt
•
Abetment,
Criminal Conspiracy and Attempt
निम्नलिखित में से कौन से अपराध
एक अध्याय में एक साथ लाए गए हैं?
•
दुष्प्रेरणा, आपराधिक षड्यंत्र और मानव शरीर को
प्रभावित करने वाला अपराध
•
राज्य के विरुद्ध अपराध, दुष्प्रेरणा, आपराधिक षड्यंत्र और प्रयास
•
महिला और बच्चे के विरुद्ध अपराध, दुष्प्रेरणा, आपराधिक षड्यंत्र और प्रयास
•
दुष्प्रेरणा, आपराधिक
षड्यंत्र और प्रयास
📘 स्पष्टीकरण:
BNS, 2023 ने Chapter IV के तहत तीन inchoate
offences को एक
साथ रखा है:
Abetment
(Section 45–60)
Criminal
Conspiracy (Section 61)
Attempt
(Section 62)
IPC में ये पहलू अलग-अलग अध्यायों में
थे—जहाँ abetment और conspiracy अलग-अलग और attempt कहीं और होता था—लेकिन BNS में इन्हें एकीकृत कर preventive
justice को मजबूत
किया गया है ।
✅ निष्कर्ष:
✔ Abetment,
Criminal Conspiracy and Attempt एक ही
अध्याय में शामिल हैं।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
THE BHARATIYA NAGARIK
SURAKSHA SANHITA 2023
Which of the following statements are
true with respect to ‘investigation process’ in the BNSS, 2023?
Videography is made compulsory for search
and seizure.
Forensic is made compulsory for the
investigation of offences punishable with seven years or more.
All the above.
Superintendent of Police is empowered to
assign the investigation of serious cases to a senior police officer not below
the rank of Deputy Superintendent of Police.
बीएनएसएस, 2023 में ‘प्रक्रिया’ क्या
होगी?
•
तलाशी और जब्ती के लिए
वीडियोग्राफी अनिवार्य की गई है।
•
सात साल या उससे अधिक की सजा वाले
अपराधों की जांच के लिए फोरेंसिक अनिवार्य किया गया है।
•
उपरोक्त सभी।
•
पुलिस अधीक्षक को गंभीर मामलों की
जांच पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंपने का अधिकार
है।
🔍 BNS, 2023 में 'investigation process' से
संबंधित ये सभी प्रावधान सही हैं:
Section 105,
BNSS के
तहत जब कोई पुलिस अधिकारी किसी स्थल की तलाशी या जब्ती करता है,
➤
तो
उसे audio-video रिकॉर्डिंग
करना अनिवार्य है।
➤
यह
रिकॉर्डिंग, चाहे मोबाइल फ़ोन से हो, तुरंत संबंधित मजिस्ट्रेट को
भेजनी होती है।
Section 176(3),
BNSS के
अनुसार, यदि कोई अपराध 7 साल या उससे
अधिक की सजा का प्रावधान रखता है,
➤
तो
forensic टीम को
तुरंत घटनास्थल पर बुलाना और
➤
forensic तकनीक
का प्रयोग करना अनिवार्य है।
SP को अधिकार है कि वह गंभीर मामलों
की जाँच
➤
किसी
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंप सकता है,
➤
जिसमें
उस अधिकारी की पद‑स्थिति Deputy SP या उससे
ऊपर हो।
➤
यह
प्रावधान जांच की गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
इन तीनों कथनों को BNS, 2023 में
शामिल किया गया है, इसलिए सही उत्तर है: All the above।
In the Bharatiya Nagarik Suraksha
Sanhita, 2023 the definition of ‘victim’ has been modified to enlarge the scope
of the term ‘victim’.
•
True
•
False
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में ‘पीड़ित’ शब्द के
दायरे को बढ़ाने के लिए ‘पीड़ित’ की
परिभाषा को संशोधित किया गया है।
•
सत्य
•
असत्य
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023
(BNSS) में
‘victim’ की
परिभाषा को Section 2(1)(y) के
अंतर्गत संशोधित किया गया है। इसे केवल अपराध के लिए आरोपी द्वारा आरोपित व्यक्ति
तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि अब
‘guardian’ या ‘legal heir’ को भी
इसमें शामिल किया गया है।
इसका उद्देश्य:
पीड़ितों की अधिक व्यापक और सशक्त
पहचान सुनिश्चित करना,
विशेष रूप से ऐसे मामलों में जहाँ
सीधा पीड़ित क्षतिग्रस्त नहीं हो सकता,
लेकिन
उसका परिवार या अभिभावक प्रभावित हो —
उन्हें
भी कानूनी अधिकारों और मुआवजे का हक मिले।
इसलिए, कथन True है — BNSS, 2023 में ‘victim’ की
परिभाषा का दायरा विस्तृत किया गया है।
Which of the following statements are
correct with respect to timeline in the BNSS, 2023?
•
For delivery of judgments a 30 days
period is fixed which is extendable up to 45 days.
•
All
the above.
•
For filing of discharge application and
framing of charge a 60 days period is fixed for each.
•
For committal of case a 90 days period is
fixed which is extendable up to 180 days.
बीएनएसएस, 2023 में
समयसीमा के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
•
निर्णय देने के लिए 30 दिन की अवधि तय की गई है जिसे 45 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।
•
उपर्युक्त सभी।
•
डिस्चार्ज आवेदन दाखिल करने और
आरोप तय करने के लिए प्रत्येक के लिए 60 दिनों
की अवधि तय की गई है।
•
मामले को सौंपने के लिए 90 दिनों की अवधि तय की गई है जिसे 180 दिनों तक
बढ़ाया जा सकता है।
📌 BNS, 2023 में
समय-सीमा (Timelines) से जुड़े
ये सभी प्रावधान लागू हैं:
🟢 1. 🕐
फैसले
(Judgment) की
समय-सीमा
Section 258 के
अनुसार, तर्कों की समाप्ति के 30 दिनों के भीतर निर्णय सुनाया
जाना है,
➤
जिसे
अधिकतम 45 दिन तक बढ़ाया जा सकता है यदि
न्यायाधीश ने लिखित कारण दिए ।
🟢 2. 📝
Discharge आवेदन
और Charge framing
Discharge आवेदन — 60 दिन (sessions में committal के बाद
और magistrate मामलों
में document supply के उपरांत)
के भीतर करना होगा ।
Charge framing — पहला
सुनवाई पर 60 दिन के भीतर charges framed होने
चाहिए — चाहे sessions court हो या magistrate case हो ।
🟢 3. 📦
Committal of case
Section 232 के तहत, Magistrate को 90 दिन के अंदर case commit करना है,
➤
और
यह अवधि अधिकतम 180 दिन तक बढ़ाई जा सकती है यदि
लिखित कारण दिए जाएं ।
✅ निष्कर्ष:
इन सभी कथनों में निर्दिष्ट
समय-सीमाएँ BNS में
स्पष्ट रूप से उल्लिखित हैं — इसलिए “All the above” सही
उत्तर है।
Within how many days the complainant
needs to sign the information for the e-FIR to be taken on record?
•
3
days
•
7 days
•
2 days
•
4 days
ई-एफआईआर को रिकॉर्ड में लेने के
लिए शिकायतकर्ता को कितने दिनों के भीतर जानकारी पर हस्ताक्षर करने होंगे?
•
3 दिन
•
7 दिन
•
2 दिन
•
4 दिन
✔
3 days is the correct answer।
For ‘first time under-trial prisoner’ the
total period for release on bail is:
•
One-fourth
•
One-third
•
One-sixth
•
One-half
•
एक-चौथाई
•
एक-तिहाई
•
एक-छठा
•
आधा
यदि कोई व्यक्ति प्रथम बार अंडर‑ट्रायल (गिरफ्तारी है, दोष
साबित नहीं हुआ) है,
➤
तो
वह अधिकतम संभव सजा का एक-तिहाई हिस्सा कैद में गुजारने पर bond पर रिहा
किया जा सकता है।
जबकि सामान्य अंडर‑ट्रायल (कोई पूर्व सजा प्राप्त नहीं) के लिए यह सीमा सजा का आधा (one-half) है।
✅ निष्कर्ष:
प्रथम बार अंडर‑ट्रायल
व्यक्ति के लिए रिहाई की अवधि है: One‑third of maximum sentence.
The mandate for forensic expert to visit
the crime scene is prescribed in offences:
•
All the above
•
Punishable
with seven years or more
•
Punishable with three years or more but
less than seven years
•
Punishable with life imprisonment or
death
फोरेंसिक विशेषज्ञ को अपराध स्थल
पर जाने का आदेश निम्नलिखित अपराधों में दिया गया है:
•
उपर्युक्त सभी
•
सात वर्ष या उससे अधिक की सजा
•
तीन वर्ष या उससे अधिक लेकिन सात
वर्ष से कम की सजा
•
आजीवन कारावास या मृत्युदंड की
सजा
📘 स्पष्टीकरण
(As per BNSS, 2023 – Section 176(3)):
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita
(BNSS), 2023
के तहत यह अनिवार्य किया गया है कि:
➤
यदि
कोई अपराध 7 वर्ष या उससे अधिक की सजा से
दंडनीय है,
➤
तो
फॉरेंसिक विशेषज्ञ (forensic expert) को अपराध
स्थल पर जाना अनिवार्य है।
➤
यह
प्रावधान जांच की गुणवत्ता और प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए जोड़ा गया है।
3 से 7 वर्ष की सजा वाले मामलों में यह
अनिवार्यता नहीं है — यह पुलिस के विवेक पर निर्भर हो
सकता है।
Life imprisonment या death वाले
अपराध भी इसमें शामिल हैं, लेकिन वह 7 वर्ष या अधिक की श्रेणी में आते
हैं।
इसलिए, सही उत्तर है:
✔
Punishable with seven years or more
Which of the following changes have been
introduced in the BNSS, 2023 with respect to proclaimed offenders?
•
The scope of declaring any person as
proclaimed offender has been expanded in section 84(4) of the BNSS, 2023.
•
Provision for Trial in absentia has been
made for the proclaimed offenders.
•
Provision for attachment and forfeiture
of property of proclaimed offenders has been prescribed.
•
All
the above.
घोषित अपराधियों के संबंध में
बीएनएसएस, 2023 में
निम्नलिखित में से कौन से परिवर्तन किए गए हैं?
•
बीएनएसएस, 2023 की धारा 84(4) में किसी
भी व्यक्ति को घोषित अपराधी घोषित करने का दायरा बढ़ाया गया है।
•
घोषित अपराधियों के लिए
अनुपस्थिति में ट्रायल का प्रावधान किया गया है।
•
घोषित अपराधियों की संपत्ति की
कुर्की और जब्ती का प्रावधान निर्धारित किया गया है।
•
उपरोक्त सभी।
📌 विस्तृत
स्पष्टीकरण:
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 में ‘proclaimed offenders’ से
संबंधित ये सभी बदलाव शामिल हैं:
अब कोई भी व्यक्ति, जिसे जीवनदंड, मौत या 10 वर्ष या अधिक की जेल हो, और जो तय समय पर कोर्ट में पेश
नहीं होता,
➤
उसे
“proclaimed offender” घोषित
किया जा सकता है ।
➤
इसका
मानक अब पहले की तुलना में अधिक व्यापक हो गया।
BNS में
प्रावधान रखा गया है कि एक बार व्यक्ति को proclaimed
offender घोषित
कर देने पर,
➤
अदालत
उसके अनुपस्थित रहने पर भी मुकदमा आगे बढ़ा सकती है।
इससे किन्हीं स्थितियों में
अनुपस्थिति में सुनवाई (trial in absentia) सुनिश्चित
होती है —
➤
विशेष
रूप से जहाँ अभियुक्त जानबूझकर जांच से बच रहे हों।
Section 85–86 के तहत, अदालत को अनुमति है कि वह proclaimed offender की movable या immovable property को attach और अंततः
जब्त (forfeit) कर सके ।
इन सभी प्रावधानों — घोषणा की सीमा, अनुपस्थिति में मुकदमा, और सम्पत्ति की संलग्नता/विलुप्ति
— को BNSS, 2023 में
सम्मिलित किया गया है। इसलिए, सही
उत्तर है:
✔
All the above
The period of police custody is allowed
up to:
•
First
15 days from the day of production before the Magistrate
•
40th/60th day where total period is 60/90
days
•
Entire period of 60/90 days
•
First 10 days from the day of production
before the Magistrate
पुलिस हिरासत की अवधि निम्नलिखित
तक की अनुमति है:
•
मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किए जाने
के दिन से पहले 15 दिन
•
40वां/60वां दिन, जहां कुल अवधि 60/90 दिन है
•
60/90 दिनों
की पूरी अवधि
•
मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किए जाने
के दिन से पहले 10 दिन
📘 स्पष्टीकरण: Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 (BNSS) के Section 187 के अनुसार:
➤
तो
पुलिस कस्टडी अधिकतम 15 दिन तक दी जा सकती है।
➤
यह
15 दिन पूरे तौर पर या हिस्सों में
इस्तेमाल किये जा सकते हैं,
➤
लेकिन
सिर्फ पहले 40/60 दिनों
के भीतर ही — कुल न्यायिक हिरासत 60/90 दिन के
दायरे में ।
इसलिए विकल्प "First 15 days from the day of production
before the Magistrate" पूरी तरह सटीक है।
⚖️ संदर्भ: "Section 187 (2) provides कि … आदेश दे सकता है … 15 दिनों तक … during the initial 40 days or 60 days out of detention period of 60 days or 90 days as the case may be"
✅ निष्कर्ष:
✔ First 15 days from the day of production before the Magistrate is the correct statement.
How many certificates are provided in the
Schedule of the Adhiniyam for the purpose of electronic evidence?
·
Three
·
One
·
Two
·
Four
इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के उद्देश्य
से अधिनियम की अनुसूची में कितने प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए हैं?
·
तीन
·
एक
·
दो
·
चार
Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023 की Schedule (धारा 63(4)(c) के
अंतर्गत) में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य (electronic
evidence) के
साथ दो प्रकार के certificate देने का
प्रावधान है :
Part A – जिसे
प्रासंगिक पक्ष (party) द्वारा
भरा जाता है।
Part B – जिसे
विशेषज्ञ (expert) द्वारा
प्रमाणित किया जाता है।
इस तरह कुल दो certificates निर्धारित
किए गए हैं।
इसलिए सही विकल्प है:
✔
Two
In the Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023
the domain of ‘experts’ has been expanded beyond foreign law, science and art.
·
True
·
False
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 में ‘विशेषज्ञों’ के
क्षेत्र को विदेशी कानून, विज्ञान
और कला से परे विस्तारित किया गया है।
·
सत्य
·
असत्य
Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023 ने ‘experts’ की
परिभाषा को आई.ई.ए. की सीमा से आगे बढ़ाया है। अब यह केवल foreign law, science और art तक सीमित
नहीं है, बल्कि
इसे किसी भी विशेष कौशल-क्षेत्र (field
of specialised skill) तक विस्तृत किया गया है ।
इसलिए, यह कथन True है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023
THE BHARATIYA SAKSHYA
ADHINIYAM 2023
Which section provides that ‘an
electronic or digital record shall have the same legal effect, validity and
enforceability as other document and its admissibility cannot be denied merely
on the ground that it is an electronic or digital record'?
·
Section
61
·
Section 63
·
Section 58
·
Section 57
कौन सी धारा यह प्रावधान करती है
कि 'इलेक्ट्रॉनिक
या डिजिटल रिकॉर्ड का अन्य दस्तावेज़ों के समान ही कानूनी प्रभाव, वैधता और
प्रवर्तनीयता होगी और इसकी स्वीकार्यता को केवल इस आधार पर अस्वीकार नहीं किया जा
सकता कि यह एक इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड है'?
·
धारा 61
·
धारा 63
·
धारा 58
·
धारा 57
Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023 की Section 61 यह स्पष्ट
रूप से प्रावधान करती है कि:
·
“An electronic or digital record shall
have the same legal effect, validity and enforceability as other documents...”
·
और इसकी admissibility को केवल
इस आधार पर नकारा नहीं जा सकता कि वह इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रूप में है।
🔍 उद्देश्य: यह
प्रावधान डिजिटल इंडिया और आधुनिक तकनीकी युग को ध्यान में रखते हुए साक्ष्य कानून
में समानता और तकनीकी स्वीकार्यता सुनिश्चित करता है।
❌ अन्य
विकल्पों की स्थिति:
Section 57 – इलेक्ट्रॉनिक
साक्ष्य से संबंधित प्रक्रिया को संदर्भित करता है, लेकिन यह सामान्य मान्यता नहीं
देता।
Section 58 – secondary evidence से
संबंधित है।
Section 63 – इलेक्ट्रॉनिक
रिकॉर्ड के प्रमाणन (certificate) से जुड़ा
है, न कि उनकी वैधता की सामान्य
गारंटी से।
✅ निष्कर्ष:
✔
Section 61 is the correct answer.
Which of the following word has been
inserted to make the confession irrelevant?
·
Coercion
·
Threat
·
Inducement
·
Promise
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द
स्वीकारोक्ति को अप्रासंगिक बनाने के लिए डाला गया है?
·
जबरदस्ती
·
धमकी
·
प्रलोभन
·
वादा
Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023 में
स्वीकारोक्ति (confession) से
संबंधित प्रावधानों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। पूर्ववर्ती Indian Evidence Act में केवल
"inducement, threat या promise" पर ज़ोर
दिया गया था। लेकिन नए अधिनियम (BSA, 2023) में “coercion” शब्द को
स्पष्ट रूप से शामिल किया गया है।
🔍 इसका तात्पर्य है कि यदि कोई
व्यक्ति जबरदस्ती (coercion) से
स्वीकारोक्ति करता है, तो वह अस्वीकार्य (inadmissible) होगी।
यदि किसी आरोपी से पुलिस या अन्य
प्राधिकारी जबरदस्ती (जैसे शारीरिक दबाव या मानसिक प्रताड़ना) के ज़रिए कबूलनामा
करवाते हैं, तो वह कानूनन मान्य नहीं होगा।
✅ निष्कर्ष:
✔
Coercion is the correct answer.
Which of the following statements are
correct with respect to the Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023?
·
The definition of ‘document’ is expanded
to include ‘electronic and digital records’.
·
In the definition of ‘evidence’
statements made through electronic means are included in ‘oral evidence’.
·
Both
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के
संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
·
'दस्तावेज़' की परिभाषा में 'इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड' को शामिल किया गया है।
·
'साक्ष्य' की परिभाषा में इलेक्ट्रॉनिक
माध्यम से दिए गए बयानों को 'मौखिक
साक्ष्य' में शामिल किया गया है।
·
दोनों
Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023 (BSA,
2023) में
निम्नलिखित दोनों महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
🟢 1. ‘Document’ की
परिभाषा में ‘electronic and digital records’ शामिल
Section 2(1)(d) में
"document" को
परिभाषित किया गया है।
इस परिभाषा को विस्तारित करके
उसमें electronic और digital records को भी
शामिल किया गया है।
✅ इससे अब इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज भी
वैध साक्ष्य (valid evidence) माने
जाएंगे।
🟢 2. ‘Evidence’ की
परिभाषा में इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से दिए गए बयान, ‘oral evidence’ के
अंतर्गत शामिल
Section 2(1)(e) में
"evidence" की
परिभाषा में यह स्पष्ट किया गया है कि
➤
यदि
कोई गवाह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से बयान देता है,
➤
तो
उसे oral evidence माना
जाएगा।
✅ इससे गवाहों को दूरस्थ माध्यम से
पेश होने की सुविधा मिलती है।
✅ निष्कर्ष:
इन दोनों बदलावों को अधिनियम में
स्पष्ट रूप से शामिल किया गया है, इसलिए
सही उत्तर है:
✔
Both
The definition of which of the following
expression has been expanded in the BSA, 2023:
·
Both
·
None of the
above
·
Document
·
Evidence
बीएसए, 2023 में निम्नलिखित में से किस
अभिव्यक्ति की परिभाषा का विस्तार किया गया है:
·
दोनों
·
उपर्युक्त
में से कोई नहीं
·
दस्तावेज़
·
साक्ष्य
Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023 (BSA,
2023) में
दो महत्वपूर्ण परिभाषाएँ विस्तारित की गई हैं:
अब “document” की
परिभाषा में स्पष्ट रूप से ‘electronic
and digital records’ को शामिल किया गया है ।
Sec 2(1)(d)
के
अंतर्गत, दस्तावेज़ को केवल लिखित या मुद्रित
नहीं माना गया, बल्कि सभी रूपों में रिकॉर्ड की
गई जानकारी भी इसमें आती है।
“Evidence” की
परिभाषा (Sec 2(1)(e))
में
उल्लेख किया गया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि के माध्यम से दिए गए बयान भी ‘oral evidence’ के
अंतर्गत गिने जाएंगे ।
यह सुधार डिजिटल माध्यमों से
गवाही देने की सहूलियत और विधिक मान्यता सुनिश्चित करता है।
दोनों ही कथन पूरी तरह सही हैं — इसलिए सही उत्तर है:
✔
Both
Which of the following terms have been
defined in the BNSS, 2023?
·
Bail
·
All
the above
·
Electronic communication
·
Audio-video electronic means
बीएनएसएस, 2023 में
निम्नलिखित में से कौन से शब्द परिभाषित किए गए हैं?
·
जमानत
·
उपर्युक्त सभी
·
इलेक्ट्रॉनिक संचार
·
ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक साधन
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023
(BNSS) में
निम्नलिखित सभी परिभाषाएँ धारा 2(1)
में
स्पष्ट रूप से शामिल की गई हैं :
Bail
✅ हाँ 2(1)(b) – “release of a person…on
execution of bond or bail bond”
Electronic communication
✅ हाँ 2(1)(i) – “communication…by means of an
electronic device…”
Audio-video electronic means
✅ हाँ 2(1)(a) – “includes use of any
communication device for purposes…video conferencing, recording…”
✅ निष्कर्ष:
इन सभी शब्दों को BNSS, 2023 में
परिभाषित किया गया है, इसलिए सही उत्तर है: All the above
In the BNSS, 2023 the First Information
Report is allowed to be registered in the form of:
·
Zero FIR
·
Physically
·
Electronic communication (e-FIR)
·
All
the above
बीएनएसएस, 2023 में
प्रथम सूचना रिपोर्ट को निम्न रूप में पंजीकृत करने की अनुमति है:
·
शून्य एफआईआर
·
भौतिक रूप से
·
इलेक्ट्रॉनिक संचार (ई-एफआईआर)
·
उपर्युक्त सभी
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023
(BNSS) में
Section 173(1) के तहत
तीनों माध्यमों से FIR दर्ज
करवाई जा सकती है:
Zero FIR — किसी भी पुलिस स्टेशन पर, चाहे अपराध कहीं और हुआ हो।
Physically — आम तरीका, जहाँ शिकायतकर्ता सीधे स्टेशन
जाकर FIR दर्ज
करवाता है।
Electronic communication (e-FIR) — ऑनलाइन या मोबाइल से भेजी गई
शिकायत, जिसे तीन दिन के भीतर हस्ताक्षरित
कर लेना होता है।
🔍 क्यों “All the above” सही है:
BNSS ने FIR दर्ज
करने में पारंपरिक प्रक्रिया के साथ-साथ Zero
FIR और
e‑FIR को
विधिवत सम्मिलित किया है — इसलिए सभी तीन विकल्प लागू होते
हैं।
✅ निष्कर्ष:
सही उत्तर है: ✔ All the above
New Criminal Law (THE BHARATIYA NYAYA SANHITA 2023, THE BHARATIYA NAGARIK SURAKSHA SANHITA 2023 'and' THE BHARATIYA SAKSHYA ADHINIYAM 2023) important question paper with answer sheet for all police personnel