"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


बुधवार, दिसंबर 17, 2025

नारायणपुर पुलिस ने सोनपुर-गारपा के रास्ते परियादी तक बनाई सड़क कनेक्टिविटी; नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ी उपलब्धि



नारायणपुर पुलिस ने सोनपुर-गारपा के रास्ते परियादी तक बनाई सड़क कनेक्टिविटी; नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ी उपलब्धि

🔹माड़ बचाव अभियान के अन्तर्गत थाना सोनपुर क्षेत्रांतर्गत ग्राम परियादी में नवीन सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप।

🔹नारायणपुर पुलिस, डीआरजी और बीएसएफ़ 86वीं बटालियन और 133 वीं बटालियन ने खोला परियादी में जन सुविधा एवं सुरक्षा कैम्प।

🟪 वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में नारायणपुर पुलिस द्वारा नक्सल मुक्त सशक्त बस्तर की कल्पना को साकार रूप देने हेतु क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाओ’’ अभियान संचालित किया जा रहा है। साथ ही अबूझमाड़ में लगातार नवीन कैम्प स्थापित करते हुए सड़क पुल-पुलिया निर्माण सहित अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं को अंदरूनी गांव तक पहुंचाये जाने में सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

🟪 इसी कड़ी में थाना सोनपुर के ग्राम परियादी क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों एवं सोनपुर-गारपा-परियादी-तोके एक्सिस तक सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा प्रदान करने एवं विकास कार्यो में सहयोग पहुंचाने के उद्देश्य से आज दिनांक 05-12-2025 को नारायणपुर पुलिस ने घोर नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र माओवादियों के आश्रय स्थल ग्राम परियादी में नवीन कैम्प स्थापित किया गया है। ग्राम परियादी में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। नवीन कैम्प परियादी थाना सोनपुर क्षेत्रान्तर्गत स्थित है तथा जिला मुख्यालय नारायणपुर से 55 किलोमीटर थाना सोनपुर से 30 किलोमीटर, गारपा से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

🟪 परियादी में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र काँदूलनार, कोंडागुंडा, ओरछापाल, नेलगुंडा, ओडेटोला, और परियादी में सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार होगा। अब क्षेत्र में सुरक्षा के निगरानी में सड़क निर्माण सहित अन्य सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाये जाने में सहयोग प्रदान किया जायेगा।

🟪 नारायणपुर पुलिस ने वर्ष 2025 में नक्सलियों के अघोषित राजधानी कुतुल सहित नक्सलियों के आश्रयस्थल कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका, पदमेटा और लंका और परियादी में कैम्प खोली है।

🟪 श्री पी. सुन्दराज पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर,
श्री अमित कांबले (भा.पु.से.) पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज कांकेर,
श्री रोबिनसन गुरिया पुलिस अधीक्षक नारायणपुर,
बीएसएफ़ कमांडेंट श्री कमल शर्मा (133वीं वाहिनी),
बीएसएफ़ कमांडेंट श्री अनिल रावत (86वीं वाहिनी)
सेनानी श्री संदीप पटेल (16वी बटालियन सी.ए.एफ),
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अक्षय सबद्रा,
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अजय कुमार,
SDOP श्री लौकेश बंसल
उप पुलिस अधीक्षक श्री आशीष नेताम,
उप पुलिस अधीक्षक डॉक्टर प्रशांत देवांगन, और
उप पुलिस अधीक्षक श्री अजय कुमार सिंह के नेतृत्व एवं निर्देशन में नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं बीएसएफ़ 86 वीं वाहिनी और 133 वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।



नारायणपुर पुलिस ने खोली ग्राम काकुर में नवीन सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप



🔹माड़ बचाव अभियान के अन्तर्गत थाना सोनपुर क्षेत्रांतर्गत ग्राम काकुर में स्थापित किया गया नवीन सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप।
🔹नारायणपुर पुलिस, डीआरजी और बीएसएफ़ 86 वीं बटालियन के संयुक्त प्रयास से काकुर ग्राम क्षेत्र में खोला गया सुरक्षा एवं जन सुविधा कैम्प।
🔹पूर्व में नक्सल लीडरो के गढ़ के रूप में स्थापित काकुर ग्राम जंगलों में अब सुरक्षा बल रहेंगे तैनात । गत वर्ष एवं इस वर्ष मिलकर इस इलाके में 20 से अधिक माओवादी एनकाउंटर में मारे गए हैं।

🟪 वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में नारायणपुर पुलिस द्वारा नक्सल मुक्त सशक्त बस्तर की कल्पना को साकार रूप देने हेतु क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाओ’’ अभियान संचालित किया जा रहा है। साथ ही अबूझमाड़ में लगातार नवीन कैम्प स्थापित करते हुए सड़क पुल-पुलिया निर्माण सहित अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं को अंदरूनी गांव तक पहुंचाये जाने में सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

🟪 इसी कड़ी में थाना सोनपुर के ग्राम काकुर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों एवं सोनपुर-गारपा-परियादी-काकुर एक्सिस तक सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा प्रदान करने एवं विकास कार्यो में सहयोग पहुंचाने के उद्देश्य से आज दिनांक 09-12-2025 को नारायणपुर पुलिस ने घोर नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र माओवादियों के आश्रय स्थल ग्राम काकुर में नवीन कैम्प स्थापित किया गया है। नवीन कैम्प काकुर थाना सोनपुर क्षेत्रान्तर्गत स्थित है तथा जिला मुख्यालय नारायणपुर से 62 किलोमीटर थाना सोनपुर से 36 किलोमीटर, गारपा से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

🟪यह काकुर का जंगल पहले प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्पनी 10 के बड़े नक्सल लीडरो का आसरा रहा करता था जिसमे अब सुरक्षा बलो ने शांति और सुरक्षा स्थापित कर लोगो का भरोसा जीता है.

🟪पुलिस और प्रशासन को अपने दरवाजे पर पाकर काकुर गाँव के लोग बहुत सुरक्षित और उत्साहित अनुभव कर रहे है.

🟪गाँव काकुर क्षत्र में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास के गाँव नेलगुंडा, ओडेटोला, मीन्वाडा, तेकमेता मुस्परसी और काकुर में सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार होगा। अब क्षेत्र में सुरक्षा के निगरानी में सड़क निर्माण सहित अन्य सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाये जाने में सहयोग प्रदान किया जायेगा।

🟪 नारायणपुर पुलिस ने वर्ष 2025 में नक्सलियों के अघोषित राजधानी कुतुल सहित नक्सलियों के आश्रयस्थल कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका, पदमेटा और लंका और परियादी में कैम्प खोली है।

🟪 श्री पी.सुन्दराज पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, श्री अमित कांबले (भा.पु.से.) पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज कांकेर, श्री रोबिनसन गुरिया पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, बीएसएफ़ कमांडेंट श्री कमल शर्मा (133वीं वाहिनी), बीएसएफ़ कमांडेंट श्री अनिल रावत (86वीं वाहिनी) सेनानी श्री संदीप पटेल (16वी बटालियन सी.ए.एफ), एसडीओपी श्री लौकेश बंसल, उप पुलिस अधीक्षक श्री आशीष नेताम, उप पुलिस अधीक्षक अविनाश कँवर, उप पुलिस अधीक्षक श्री अजय कुमार सिंह के नेतृत्व एवं निर्देशन में खोले गये नवीन सुरक्षा कैम्प निर्माण और स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं बीएसएफ़ 86 वीं वाहिनी और 133 वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।



माड़ बचाव अभियान के अन्तर्गत थाना सोनपुर क्षेत्रांतर्गत ग्राम बालेबेड़ा में स्थापित किया गया नवीन कैंप



माड़ बचाव अभियान के अन्तर्गत थाना सोनपुर क्षेत्रांतर्गत ग्राम बालेबेड़ा में स्थापित किया गया नवीन सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप।

🔹नारायणपुर पुलिस, डीआरजी और बीएसएफ़ 86वीं, 133वीं , 135वीं बटालियन के संयुक्त प्रयास से बालेबेड़ा ग्राम क्षेत्र में खोला गया सुरक्षा एवं जन सुविधा कैम्प।

🔹पूर्व में नक्सल लीडरो के गढ़ के रूप में स्थापित बालेबेड़ा ग्राम जंगलों में अब सुरक्षा बल रहेंगे तैनात ।

🟪 वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में नारायणपुर पुलिस द्वारा नक्सल मुक्त सशक्त बस्तर की कल्पना को साकार रूप देने हेतु क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाओ’’ अभियान संचालित किया जा रहा है। साथ ही अबूझमाड़ में लगातार नवीन कैम्प स्थापित करते हुए सड़क पुल-पुलिया निर्माण सहित अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं को अंदरूनी गांव तक पहुंचाये जाने में सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

🟪 इसी कड़ी में थाना सोनपुर के ग्राम बालेबेड़ा क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों एवं सोनपुर-गारपा-परियादी-काकुर-बालेबेड़ा एक्सिस तक सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा प्रदान करने एवं विकास कार्यो में सहयोग पहुंचाने के उद्देश्य से आज दिनांक 16-12-2025 को नारायणपुर पुलिस ने घोर नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र माओवादियों के आश्रय स्थल ग्राम बालेबेड़ा में नवीन कैम्प स्थापित किया गया है। नवीन कैम्प बालेबेड़ा थाना सोनपुर क्षेत्रान्तर्गत स्थित है तथा जिला मुख्यालय नारायणपुर से 67 किलोमीटर थाना सोनपुर से 41 किलोमीटर, गारपा से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

🟪यह बालेबेड़ा का जंगल पहले प्रतिबंधित माओवादी संगठन कम्पनी 01 व कम्पनी 10 के बड़े नक्सल लीडरो का आसरा रहा करता था जिसमे अब सुरक्षा बलो ने शांति और सुरक्षा स्थापित कर लोगो का भरोसा जीता है.

🟪पुलिस और प्रशासन को अपने दरवाजे पर पाकर बालेबेड़ा गाँव के लोग बहुत सुरक्षित और उत्साहित अनुभव कर रहे है.

🟪गाँव बालेबेड़ा क्षेत्र में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास के गाँव रेपिंग, वाड़ापेंदा, ओरछापाल, कोंदागुण्डा, कांदुलनार और बालेबेड़ा में सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार होगा। अब क्षेत्र में सुरक्षा के निगरानी में सड़क निर्माण सहित अन्य सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाये जाने में सहयोग प्रदान किया जायेगा।

🟪 नारायणपुर पुलिस ने वर्ष 2025 में नक्सलियों के अघोषित राजधानी कुतुल सहित नक्सलियों के आश्रयस्थल कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका, पदमेटा, लंका, परियादी, काकुर और बालेबेड़ा में कैम्प खोली है।

🟪 श्री पी.सुन्दराज पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, श्री अमित कांबले (भा.पु.से.) पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज कांकेर, श्री रोबिनसन गुरिया पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, बीएसएफ़ कमांडेंट श्री कमल शर्मा (133वीं वाहिनी), बीएसएफ़ कमांडेंट श्री अनिल रावत (86वीं वाहिनी) सेनानी श्री संदीप पटेल (16वी बटालियन सी.ए.एफ), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अक्षय सबद्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अजय कुमार, एसडीओपी श्री लौकेश बंसल, उप पुलिस अधीक्षक श्री आशीष नेताम, उप पुलिस अधीक्षक अविनाश कँवर, उप पुलिस अधीक्षक श्री अजय कुमार सिंह के नेतृत्व एवं निर्देशन में खोले गये नवीन सुरक्षा कैम्प निर्माण और स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं बीएसएफ़ 86 वीं वाहिनी, 133 वीं वाहिनी और 135 वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है



₹37 लाख के ईनामी11 माओवादी ने हिंसा का रास्ता छोड़कर श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.), पुलिस अधीक्षक नारायणपुर के समक्ष किया आत्मसमर्पण


🔰 “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” पहल के अंतर्गत आज जिला नारायणपुर में एक महत्त्वपूर्ण एवं निर्णायक उपलब्धि दर्ज हुई, जहाँ कुल 11 माओवादी कैडर - जिनमें ₹37 लाख के ईनामी 05 महिला माओवादी भी शामिल हैं - ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

🔰 माओवादियों के बड़े लीडर मिलिट्री कम्पनी सदस्य-03, एसीएम-01 और पीएम-07 सहित 06 पुरूष एवं 05 महिला माओवादियों ने समाज की मुख्य धारा में जुड़ने आगे आए।

🔰 वर्ष 2025 में अब तक कुल 298 बड़े/छोटे कैडर के माओवादियों ने किये आत्मसमर्पण।

🔰 आत्मसमर्पित माओवादियों को प्रोत्साहन राशि 50-50 हजार का चेक किया गया प्रदाय, सभी पुनर्वासित नक्सलियों को छग शासन की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलेंगी विभिन्न प्रकार की सुविधाएं।

🔰 नक्सल उन्मुलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने; लगातार हो रही आत्मसमर्पण और छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आज दिनांक 17.12.2025 श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.), पुलिस अधीक्षक नारायणपुर के समक्ष आत्मसमर्पण किये। माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे माड़ और नारायणपुर जिले में लगातार चलाये जा रहे विकास कार्य तेजी से बनती सड़कें, गावों तक पहुँचती विभिन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है। आत्मसमर्पित माओवादी माड़ डिवीजन एवं जीआरबी डिवीजन एरिया क्षेत्रान्तर्गत सक्रिय रूप से कार्यरत थे।

🔰 आत्मसमर्पित के नाम/पद
1. बोडा वड्डे उर्फ भीमा पिता स्व. फागू राम वड्डे उम्र 40 वर्ष जाति माड़िया निवासी रेंगाबेड़ा पंचायत पोचावाड़ा थाना ओरछा जिला नारायणपूर छत्तीसगढ़।
पद- उत्तर बस्तर डिवीजन कम्पनी न. 05 मिलेट्री कम्पनी सदस्य
घोषित ईनाम की राशि- 8 लाख।

2. नमेष मण्डावी उर्फ दिलीप पिता जैसिंग उम्र 20 वर्ष जाति माड़िया निवासी ताड़नार पंचायत पोच्चावाड़ा थाना ओरछा जिला नारायणपुर छत्तीसगढ़।
पद- पूर्व बस्तर डिवीजन कम्पनी न. 06 मिलेट्री कम्पनी सदस्य
घोषित ईनाम की राशि- 8 लाख।

3. सोमारी मण्डावी उर्फ रीता पिता सनारू उम्र 24 वर्ष जाति माड़िया निवासी ताड़नार पंचायत पोच्चावाड़ा थाना ओरछा जिला नारायणपूर छत्तीसगढ़
पद - पूर्व बस्तर डिवीजन कम्पनी न. 06 मिलेट्री कम्पनी सदस्य
घोषित ईनाम की राशि- 8 लाख।

4. सियाराम सलाम उर्फ आकाश उर्फ सनकू पिता स्व0 धोबी उम्र 30 वर्ष जाति गोण्ड निवासी महिमागवाड़ी थाना झाराघाटी जिला नारायणपुर राज्य छत्तीसगढ़।
पद-जीआरबी डिवीजन मालाजखण्ड एरिया कमेटी सदस्य एसीएम
घोषित ईनाम की राशि- 05 लाख

5. मीरा मण्डावी पति हड़मो मण्डावी उर्फ मोटू उम्र 27 वर्ष जाति मुरिया ग्राम आलबेडा पंचायत रेकावाया थाना ओरछा जिला नारायणपुर (छ.ग.)
पद- प्लाटून नं. 01 पीपीसीएम
घोषित ईनाम की राशि- 2 लाख

6. सन्नू पोड़ियाम उर्फ सुर्या पिता सोमडू उम्र 24 वर्ष जाति मुरिया निवासी भट्बेड़ा पंचायत गुदाड़ी थाना ओरछा जिला नारायणपुर छत्तीसगढ़।
पद- प्लाटून नं. 01 पार्टी सदस्य
घोषित ईनाम की राशि- 1 लाख

7. सोमारी अलामी उर्फ संदीप पिता कोपा उम्र 24 जाति माड़िया निवासी पिण्डकापाल पंचायत ईकुल थाना ओरछा जिला नारायणपुर
पद- एसजेडसीएम रनिता का गार्ड टीम पार्टी सदस्य
घोषित ईनाम की राशि- 1 लाख

8. सुद्दी आलामी उर्फ नीला पिता स्व. पीलू उम्र 25 वर्ष जाति माड़िया निवासी पिण्डकापाल पंचायत ईकुल थाना ओरछा जिला नारायणपुर
पद- एसजेडसीएम रनिता का गार्ड टीम पार्टी सदस्य
घोषित ईनाम की राशि- 1 लाख

9. सकलू उसेण्डी पिता श्री मासा उसेण्डी उम्र 21 वर्ष जाति माड़िया निवासी गुजनवेड़ पंचायत ईकुल थाना ओरछा जिला नारायणपुर।
पद- इन्द्रावती एरिया कमेटी पार्टी सदस्य
घोषित ईनाम की राशि- 1 लाख

10. बुदरी उईका उर्फ तुलसी पिता लखमू उम्र 22 वर्ष जाति गोण्ड निवासी मालीपाड़ पंचायत डल्ला थाना बासागुडा जिला बीजापुर
पद- जीआरबी डिवीजन मालाजखण्ड एरिया कमेटी पार्टी सदस्य
घोषित ईनाम की राशि- 01 लाख

11. तुलसी पोटाम उर्फ विमला पिता वधु जाति गोण्ड निवासी पंचायत थाना गंगालुर जिला बीजापुर
पद-जीआरबी डिवीजन मालाजखण्ड एरिया कमेटी पार्टी सदस्य
घोषित ईनाम की राशि- 01 लाख

🔰 पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री रॉबिनसन गुड़िया ने जानकारी दी कि आज की कार्रवाई के बाद वर्ष 2025 में जिले में कुल 298 माओवादी कैडर हिंसा त्यागकर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। यह आँकड़ा बताता है कि क्षेत्र में विश्वास, शांति और विकास की प्रक्रिया लगातार गति पकड़ रही है।

🔰 बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पत्तिलिंगम ने कहा: “जिला नारायणपुर में 28 माओवादी कैडरों का पुनर्वास यह दर्शाता है कि हिंसक और जनविरोधी माओवादी विचारधारा का अंत अब निकट है। लोग ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल पर भरोसा जताते हुए शांति, गरिमा और स्थायी प्रगति का मार्ग चुन रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन, भारत सरकार, बस्तर पुलिस, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल—क्षेत्र में शांति स्थापित करने, पुनर्वास सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

🔰 नक्सलियों के पुनर्वास के दौरान
भापुसे श्री अजय कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स.),
श्री सुशील कुमार नायक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
श्री अशोक तिग्गा (टू -आईसी 135वीं वाहिनी बीएसएफ)
श्री राकेश भूषण झा (टू -आईसी, 45वीं वाहिनी आईटीबीपी)
श्री बी. लालरीन मावियॉं (उप सेनानी 41वीं वाहिनी आईटीबीपी)
श्री जय किशोर (सहायक सेनानी 53वीं वाहिनी आईईटीपी)
श्री उदित कुमार (सहायक सेनानी 38वीं वाहिनी आईटीबीपी)
श्री निर्मल कुमार (सहायक सेनानी 29वीं वाहिंनी आईटीबीपी)
श्री सुभाष, मूलवार, (सहायक सेनानी, 135वीं वाहिनी बीएसएफ)
अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) श्री लौकेश बंसल, उपुअ सुश्री अमृता पैकरा, उपुअ श्री अजय कुमार सिंह और उपुअ श्री मनोज मण्डावी सहित पुलिस अधिकारी और मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।









 


बुधवार, दिसंबर 10, 2025

विश्व के सबसे महान किताब और श्री एच पी जोशी के नवीन दर्शन पर आधारित ग्रंथ "मानव अधिकार के अनछुए पहलू' का आज 10 दिसंबर 2025 को हुआ विमोचन; ऑनलाईन माध्यम से मुफ़्त पढ़ सकेंगे किताब



विश्व के सबसे महान किताब और श्री एच पी जोशी के नवीन दर्शन पर आधारित ग्रंथ "मानव अधिकार के अनछुए पहलू' का आज 10 दिसंबर 2025 को हुआ विमोचन; ऑनलाईन माध्यम से मुफ़्त पढ़ सकेंगे किताब 

विश्व के सबसे महान किताब और हुलेश्वर प्रसाद जोशी के नवीन दर्शन पर आधारित ग्रंथ "मानव अधिकार के अनछुए पहलू' (Untouched Aspects of Human Rights) का आज दिनांक 10 दिसंबर 2025 को मास्टर तत्वम हुलेश्वर जोशी द्वारा विमोचन किया गया। इस किताब को ऑनलाइन माध्यम से मुफ़्त में पढ़ने और डाउनलोड करने के लिए https://www.thebharat.co.in/2024/11/untouched-aspects-of-human-rights-hp.html पर जाएं, आवश्यकतानुसार स्टूडेंट्स और शोधार्थी इसे प्रिंट करके भी रख सकेंगे तथा मुद्रक इसके मौलिकता में बदलाव किए बिना इसे मुद्रित करके विक्रय भी कर सकेंगे। 

विदित हो कि इस ग्रंथ में वैश्विक सोसाइटी के द्वारा मानव अधिकारों को सुदृढ़ करने के लिए जारी की गई लगभग सभी कानून, प्रसंविदाओं और घोषणाओं के अलावा भारत का संविधान और नवीन आपराधिक कानूनों तथा नवीन और पुराने आपराधिक कानून तुलनात्मक चार्ट संकलित की गई है। 

यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि यह ग्रंथ लेखक श्री हुलेश्वर प्रसाद जोशी की द्वितीय कृति है। उनकी पहली कृति काव्य संग्रह "लिख दूँ क्या ?" 01 जनवरी 2024 को www thebharat.co.in में ऑनलाईन पब्लिश है। 


---

शनिवार, नवंबर 29, 2025

जिला नारायणपुर में स्थानीय समुदाय के वरिष्ठजनों की उपस्थिति में पुनर्वासित माओवादी कैडरों और शहीद परिवार द्वारा एक साथ किए गए पौधारोपण



🛡️ “वायान वाटिका”
🛡️ 29 नवंबर 2025
🛡️ जिला नारायणपुर
🛡️ बस्तर रेंज

🌿 जिला नारायणपुर में स्थानीय समुदाय के वरिष्ठजनों की उपस्थिति में पुनर्वासित  माओवादी कैडरों और शहीद परिवार द्वारा एक साथ किए गए पौधारोपण ने आशा और शांतिपूर्ण भविष्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का एक सशक्त प्रतीक प्रस्तुत किया।

🌿 नारायणपुर जिला मुख्यालय स्थित पुनर्वास केंद्र के पौधरोपण स्थल का नाम “वायान वाटिका” रखा गया है, जिसका अर्थ स्थानीय आदिवासी गोंडी भाषा में “आशा और भविष्य की बगिया” होता है।



🌿 वायान वाटिका में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम नारायणपुर और अबुझमाड़ जैसे क्षेत्रों में—जो लंबे समय तक अनिश्चितता से प्रभावित रहे—विश्वास-निर्माण प्रक्रियाओं के गहराते स्वरूप को प्रतिबिंबित करता है।

🤝 स्थानीय समुदाय के वरिष्ठजनों की क्षेत्र की सुरक्षा, न्याय और सेवा हेतु बढ़ती सक्रिय भागीदारी बस्तर में सामाजिक पुनर्समावेशन और समावेशी विकास के लिए एक परिवर्तनकारी मार्ग को दर्शाती है।

⚫ “पूना मारगम: पुनर्वास से सामाजिक पुनर्समावेशन” पहल के तहत आज वायान वाटिका, नारायणपुर में एक महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 25 नवंबर को मुख्यधारा में शामिल हुए 28 माओवादी कैडरों ने वे पौधे रोपे, जिन्हें समुदाय के वरिष्ठजनों ने पुनर्समावेशन के प्रतीक के रूप में उन्हें प्रदान किया था।

⚫ बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, श्री सुन्दरराज पट्टलिंगम ने बताया कि आज का पौधारोपण कार्यक्रम केवल एक प्रतीकात्मक गतिविधि नहीं है बल्कि आशा और स्थायी शांति के रोपण की प्रक्रिया को दर्शाता है—उन लोगों के लिए जिन्होंने हिंसा का मार्ग छोड़ा है और उन समुदायों के लिए जो विश्वास और अपनत्व के साथ उन्हें स्वीकार कर रहे हैं।

⚫ बस्तर रेंज IGP ने आगे कहा कि समुदाय के वरिष्ठजनों की सक्रिय भागीदारी—25 नवंबर को हिंसा का मार्ग छोड़ चुके 28 माओवादी कैडरों के स्वागत से लेकर आज के पौधारोपण तक—सामाजिक सौहार्द की मजबूती और आपसी विश्वास के पुनर्निर्माण का संकेत है। आज रोपा गया प्रत्येक पौधा एक ऐसे जीवन का प्रतीक है जो अतिवाद से लौटकर शांति, सम्मान और रचनात्मक प्रगति की ओर अग्रसर हुआ है।

⚫ नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक, श्री रॉबिनसन गुरिया ने कहा कि यह पौधारोपण कार्यक्रम नारायणपुर जिले, विशेषकर अबुझमाड़ जैसे भीतरी इलाकों में—जो कभी अनिश्चितता और कठिनाइयों से प्रभावित थे—विश्वास-निर्माण प्रक्रियाओं की मजबूत होती गति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सतत् शांति विश्वसनीय सुरक्षा उपायों और साझा जिम्मेदारी पर आधारित सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से ही संभव हो पा रही है।

⚫ आज का कार्यक्रम “पूना मारगम: पुनर्वास से सामाजिक पुनर्समावेशन” पहल के बढ़ते प्रभाव को और सुदृढ़ करता है तथा दर्शाता है कि बस्तर स्थायी शांति और समावेशी विकास की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है।






नारायणपुर पुलिस ने ओरछा-आदेर के रास्ते बेदरे (जिला बीजापुर) के बार्डर “लंका” तक बनाई सड़क कनेक्टिविटी; शीघ्र ही मोबाईल टावर और सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होंगे 30 से अधिक गाँव के हजारों लोग


नारायणपुर पुलिस ने ओरछा-आदेर के रास्ते बेदरे (जिला बीजापुर) के बार्डर “लंका” तक बनाई सड़क कनेक्टिविटी; शीघ्र ही मोबाईल टावर और सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होंगे 30 से अधिक गाँव के हजारों लोग

🔹माड़ बचाव अभियान के अन्तर्गत थाना ओरछा क्षेत्रांतर्गत ग्राम लंका में नवीन सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप।
🔹बेदरे (जिला बीजापुर) की सीमा और इंद्रावती नदी के किनारे स्थित है लंका।
🔹नारायणपुर पुलिस, डीआरजी और आईटीबीपी 44वीं बटालियन ने खोला लंका में जन सुविधा एवं सुरक्षा कैम्प।

🟪 वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में नारायणपुर पुलिस द्वारा नक्सल मुक्त सशक्त बस्तर की कल्पना को साकार रूप देने हेतु क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाओ’’ अभियान संचालित किया जा रहा है। साथ ही अबूझमाड़ में लगातार नवीन कैम्प स्थापित करते हुए सड़क पुल-पुलिया निर्माण सहित अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं को अंदरूनी गांव तक पहुंचाये जाने में सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

🟪 इसी कड़ी में थाना ओरछा के ग्राम लंका क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों एवं ओरछा-आदेर-लंका एक्सिस तक सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा प्रदान करने एवं विकास कार्यो में सहयोग पहुंचाने के उद्देश्य से आज दिनांक 28-11-2025 को नारायणपुर पुलिस ने घोर नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र माओवादियों के आश्रय स्थल ग्राम लंका में नवीन कैम्प स्थापित किया गया है। ग्राम लंका में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। नवीन कैम्प लंका थाना ओरछा क्षेत्रान्तर्गत स्थित है तथा जिला मुख्यालय नारायणपुर से 120 किलोमीटर थाना ओरछा से 47किलोमीटर, आदेर से 36किलोमीटर, कुड़मेल से 21किलोमीटर, जाटलूर से 20किलोमीटेर, डोडीमरका से 12किलोमीटर और पदमेटा से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

🟪 लंका में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास क्षेत्र अंगमेटा कुमरमेटा, कवंडे, पुसलंका, बुरी, जपमरका और लंका में सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार होगा। अब क्षेत्र में सुरक्षा के निगरानी में सड़क निर्माण सहित अन्य सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाये जाने में सहयोग प्रदान किया जायेगा।

🟪 नारायणपुर पुलिस ने वर्ष 2025 में नक्सलियों के अघोषित राजधानी कुतुल सहित नक्सलियों के आश्रयस्थल कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका, पदमेटा और लंका में कैम्प खोली है।

🟪 श्री पी. सुन्दराज पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, श्री अमित कांबले (भा.पु.से.) पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज कांकेर, श्री रोबिनसन गुरिया पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, आईटीबीपी 44वी वाहिनी कमांडेंट श्री मुकेश कुमार दसमाना, आईटीबीपी 44वी वाहिनी टू-आईसी श्री पीपी सिद्दकी, सेनानी श्री संदीप पटेल (16वी बटालियन सी.ए.एफ), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अक्षय सबद्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अजय कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुशील कुमार नायक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संजय महादेवा, उप पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक केसरी, उप पुलिस अधीक्षक श्री मनोज मंडावी, उप पुलिस अधीक्षक श्री अविनाश कंवर, उप पुलिस अधीक्षक श्री कुलदीप बंजारे और उप पुलिस अधीक्षक श्री अजय कुमार सिंह के नेतृत्व एवं निर्देशन में नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं आईटीबीपी 27वी वाहिनी, 38वी वाहिनी, 40वी वाहिनी और 44वी वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

शुक्रवार, नवंबर 28, 2025

प्रधान आरक्षक श्री हुलेश्वर प्रसाद जोशी के नवीन दर्शन पर आधारित ग्रंथ "मानव अधिकार के अनछुए पहलू' का 10 दिसंबर 2025 को होगा विमोचन; ऑनलाईन माध्यम से मुफ़्त पढ़ सकेंगे किताब


प्रधान आरक्षक श्री हुलेश्वर प्रसाद जोशी के नवीन दर्शन पर आधारित ग्रंथ "मानव अधिकार के अनछुए पहलू' का 10 दिसंबर 2025 को होगा विमोचन; ऑनलाईन माध्यम से मुफ़्त पढ़ सकेंगे किताब

हुलेश्वर प्रसाद जोशी के नवीन दर्शन पर आधारित ग्रंथ "मानव अधिकार के अनछुए पहलू' (Untouched Aspects of Human Rights) का 10 दिसंबर 2025 को विमोचन होगा। इस किताब की सबसे खास बात ये है कि इसे कोई भी व्यक्ति https://www.thebharat.co.in/ को लॉगऑन करके ऑनलाईन माध्यम से मुफ़्त पढ़ सकेंगे और डाउनलोड करके शेयर भी कर सकेंगे, आवश्यकतानुसार स्टूडेंट्स और शोधार्थी इसे प्रिंट करके भी रख सकेंगे तथा मुद्रक इसके मौलिकता में बदलाव किए बिना इसे मुद्रित करके विक्रय भी कर सकेंगे। विदित हो कि इस ग्रंथ में वैश्विक सोसाइटी के द्वारा मानव अधिकारों को सुदृढ़ करने के लिए जारी की गई लगभग सभी कानून, प्रसंविदाओं और घोषणाओं के अलावा भारत का संविधान और नवीन आपराधिक कानूनों तथा नवीन और पुराने आपराधिक कानून तुलनात्मक चार्ट संकलित की गई है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि यह ग्रंथ लेखक श्री हुलेश्वर प्रसाद जोशी की द्वितीय कृति है। उनकी पहली कृति काव्य संग्रह "लिख दूँ क्या ?" 01 जनवरी 2024 को thebharat.co.in में ऑनलाईन पब्लिश है।

क्या है नवीन दर्शन >>> “मानव अधिकार के नाम से बनाए गए कानून, प्रसंविदाओं और घोषणाओं के अलावा देश के संविधान सहित हिंसा और अपराध पर नियंत्रण के लिए बनाए गए समस्त ‘आपराधिक कानून’ और नक्सलवाद तथा आतंकवाद विरोधी कानून/नियम भी आम नागरिक के लिए मानव अधिकार ही है।”

ग्रंथ "मानव अधिकार के अनछुए पहलू' के बारे में >>>
“मानव अधिकार के अनछुए पहलू” मूलतः मानव अधिकार और संवैधानिक अधिकारों की एक संकलित ग्रंथ है। जो कि पाठकों में मानव अधिकार एवं संवैधानिक अधिकारों की समझ और सम्मान की भावना को विकसित करते हुए विश्व में आपसी प्रेम, भाईचारा, शांति, सौहार्द और न्याय की स्थापना करना लेखक का एकलौता और सर्वोच्चतम उद्देश्य है।

ऐसे लोग जो मानव अधिकारों की समुचित और भरपूर उपयोग के बिना गरिमामय जीवन जीना तो दूर स्वच्छ हवा, पानी, भोजन, चिकित्सा, शिक्षा और आवास के अधिकार से वंचित होकर मरने के लिए विवश हो जाएंगे वो भी मानव अधिकारों को सर्वथा गलत प्रमाणित करने की मूर्खता करते हैं; ऐसे लोगों में भी मानव अधिकारों की सही समझ विकसित करना लेखक का मूल उद्देश्य है।

मानव अधिकार, ये शब्द हम अक्सर सुनते हैं। लेकिन क्या हम इनके बारे में सब कुछ जानते हैं? शायद नहीं। मानव अधिकारों के कई पहलू ऐसे हैं जिनके बारे में हम कम ही बात करते हैं। ये अनछुए पहलू हमारे समाज और व्यक्तिगत जीवन दोनों को प्रभावित करते हैं। आज हम सब डिजिटल दुनिया में जी रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिजिटल दुनिया में भी हमारे मानव अधिकारों का हनन हो सकता है? जैसे कि गोपनीयता के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और ऑनलाइन उत्पीड़न। स्वच्छ हवा, पानी और भोजन पाने का अधिकार हमारा मूल अधिकार है। समाज में दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक लोगों के मानव अधिकारों का हनन अक्सर होता है उन्हें भेदभाव, उत्पीड़न और असमानता का सामना करना पड़ता है; जिसे रोकना हमारी साझेदारी का कर्तव्य है।

इस ग्रंथ के माध्यम से राष्ट्र में जनसंख्या के आनुपातिक आधार पर सामाजिक प्रतिनिधित्व के अधिकार की वकालत करते हुए मनुष्य के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक अधिकारों तथा बालकों के अधिकारों सहित मनुष्य के समस्त प्रकार के मानव अधिकारों का उल्लेख करने का प्रयास किया गया है।

----

गुरुवार, नवंबर 27, 2025

आंतरिक पेज की प्रमुख जानकारियाँ - मानव अधिकार के अनछुए पहलू



आंतरिक पेज की प्रमुख जानकारियाँ -
मानव अधिकार के अनछुए पहलू


प्रकाशक एवं मुद्रक :
श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी
WWW.THEBHARAT.CO.IN
हाउज़िंग बोर्ड कॉलोनी, बोरियाकला-रायपुर
Email : E.VHJOSHI@GMAIL.COM

संस्करण
प्रथम, नवंबर 2024

@ सर्वाधिकार सुरक्षित
कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था/प्रकाशक इस किताब के किसी भी अंश को किताब के नाम, लेखक एवं पेज क्रमांक इत्यादि का उल्लेख करके प्रकाशित अथवा मुद्रित कर सकता है। किताब में किसी भी प्रकार की छेड़खानी अथवा सुधार किये बिना अर्थात मूल रूप में प्रिन्ट करने के लिए प्रकाशक/लेखक की लिखित अनुमति की आवश्यकता नहीं है, चाहे क्यों न वह विक्रय हेतु प्रिन्ट किया गया हो।

@ किताब के बारे में विशेष
ग्रंथ (मानव अधिकार के अनछुए पहलू) में दी गई तथ्य लेखक के मौलिक विचार और दर्शन पर आधारित है। इसके साथ ही इस ग्रंथ में भारत का संविधान, भारतीय नियम और कानून, सरकारी वेबसाईट और अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाओं के मूल दस्तावेजों तथा ए.आई. ओपन सोर्स के प्रयोग से संकलित की गई महत्वपूर्ण दस्तावेज है।

मूल्य
सॉफट कॉपी – निःशुल्क
हार्ड कॉपी – 500 /- पाँच सौ रुपये मात्र

ISBN : 978-93-341-0033-4
₹500.00


प्रकाशक की कलम से “मानव अधिकार के अनछुए पहलू”


प्रकाशक की कलम से 
“मानव अधिकार के अनछुए पहलू”

“मानव अधिकार के अनछुए पहलू” मूलतः मानव अधिकार और संवैधानिक अधिकारों की एक संकलित ग्रंथ है। जो कि पाठकों में मानव अधिकार एवं संवैधानिक अधिकारों की समझ और सम्मान की भावना को विकसित करते हुए विश्व में आपसी प्रेम, भाईचारा, शांति, सौहार्द और न्याय की स्थापना करना लेखक का एकलौता और सर्वोच्चतम उद्देश्य है।

ऐसे लोग जो मानव अधिकारों की समुचित और भरपूर उपयोग के बिना गरिमामय जीवन जीना तो दूर स्वच्छ हवा, पानी, भोजन, चिकित्सा, शिक्षा और आवास के अधिकार से वंचित होकर मरने के लिए विवश हो जाएंगे वो भी मानव अधिकारों को सर्वथा गलत प्रमाणित करने की मूर्खता करते हैं; ऐसे लोगों में भी मानव अधिकारों की सही समझ विकसित करना लेखक का मूल उद्देश्य है।

मानव अधिकार, ये शब्द हम अक्सर सुनते हैं। लेकिन क्या हम इनके बारे में सब कुछ जानते हैं? शायद नहीं। मानव अधिकारों के कई पहलू ऐसे हैं जिनके बारे में हम कम ही बात करते हैं। ये अनछुए पहलू हमारे समाज और व्यक्तिगत जीवन दोनों को प्रभावित करते हैं। आज हम सब डिजिटल दुनिया में जी रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिजिटल दुनिया में भी हमारे मानव अधिकारों का हनन हो सकता है? जैसे कि गोपनीयता के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और ऑनलाइन उत्पीड़न। स्वच्छ हवा, पानी और भोजन पाने का अधिकार हमारा मूल अधिकार है। समाज में दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक लोगों के मानव अधिकारों का हनन अक्सर होता है उन्हें भेदभाव, उत्पीड़न और असमानता का सामना करना पड़ता है; जिसे रोकना हमारी साझेदारी का कर्तव्य है।

इस ग्रंथ के माध्यम से राष्ट्र में जनसंख्या के आनुपातिक आधार पर सामाजिक प्रतिनिधित्व के अधिकार की वकालत करते हुए मनुष्य के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक अधिकारों तथा बालकों के अधिकारों सहित मनुष्य के समस्त प्रकार के मानव अधिकारों का उल्लेख करने का प्रयास किया गया है।

(श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी)

महत्वपूर्ण एवं भाग्यशाली फ़ॉलोअर की फोटो

Important Notice :

यह वेबसाइट /ब्लॉग भारतीय संविधान की अनुच्छेद १९ (१) क - अभिव्यक्ति की आजादी के तहत सोशल मीडिया के रूप में तैयार की गयी है।
यह वेबसाईड एक ब्लाॅग है, इसे समाचार आधारित वेबपोर्टल न समझें।
इस ब्लाॅग में कोई भी लेखक/कवि/व्यक्ति अपनी मौलिक रचना और किताब निःशुल्क प्रकाशित करवा सकता है। इस ब्लाॅग के माध्यम से हम शैक्षणिक, समाजिक और धार्मिक जागरूकता लाने तथा वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रयासरत् हैं। लेखनीय और संपादकीय त्रूटियों के लिए मै क्षमाप्रार्थी हूं। - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी

Recent Information and Article

Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

Durgmaya Educational Foundation


Must read this information and article in Last 30 Day's

पुलिस एवं सशस्त्र बल की पाठशाला

World Electro Homeopathy Farmacy


WWW.THEBHARAT.CO.IN

Blog Archive

मार्च २०१७ से अब तक की सर्वाधिक वायरल सूचनाएँ और आलेख