"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।

शनिवार, मई 16, 2020

कहीं उपेक्षित तो नही "मेरा गाँव और मेरे हीरो" - एच.पी. जोशी

कहीं उपेक्षित तो नही "मेरा गाँव और मेरे हीरो" - एच.पी. जोशी

मेरे गांव में अनेकों बहादुर और हीरोज हैं जिन्हें लोग जानते नही। इन्हें भले ही कोई पदक न मिला हो, भले ही आप जानकारी और साक्ष्य के अभाव में इन्हें नहीं जानते हों मगर ये आपके फिल्मी दुनिया वाले हीरो से कम नही हैं। आज अपने गाँव के तीन हीरो के बारे में बताता हूँः-

1- स्विमिंग पूल में घंटों सैकड़ों किलोमीटर तैरकर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले भी 10-11 साल के दिनेश के साथ प्रतियोगिता में फैल हो सकता है, क्योंकि दिनेश राहेन नदी के बाढ़ में घंटों आरपार कर लेता है।

2- ग्लेशियर में हजारों मील ऊपर चढ़ना निःसंदेह कठिन काम है मगर 10-11 साल का उम्मेंद अपने शिर से ऊपर खाप वाले गेड़ी में चढ़कर 1-2 किलोमीटर तक कच्चे और कीचड भरे रास्ते में चल सकता है और कम बहाव वाले नाला को भी पार कर लेता है क्या यह बहादुरी से कम है?

3- सागर, सागर तो 3री कक्षा का स्टूडेंट है शशी रंगीला का सगा भाई है मगर यह भी किसी हिरो से कम नही, वह अपना पेट फुला ले तो कोई कितना भी ढिशुम ढिशुम कर ले, आपके हाथ थक जाएंगे मगर उनके पेट मे दर्द नही होगा।

ख्याल रखना, उम्मेद मेरे पथरहापरा का ही लड़का है जो भले ही मुझसे 5 साल बडा है मगर रिस्ते में मेरे दादा जी हैं जबकि दिनेश मुझसे 3साल छोटा मेरा मौसेरा भाई है, छोटे भाई शशि रंगीला एक छत्तीसगढ़ी कलाकार हैं जो सतनामी बघवा वाला गाना गाते हैं।

आपको बता दूं मेरे गाँव मे केवल ये तीन हीरो ही नहीं, बल्कि सैकड़ो हीरो हैं जिनके अपने विशेष योग्यता हैं आपको बतादूं ऐसे हीरो हर गाँव में मिल जाएंगे। आइये संकल्प लें अपने गाँव के ऐसे ही हीरोज का सम्मान करें, उनके बारे में लोगों को भी जानने का अवसर प्रदान करें ताकि हमारी योग्यता और विशेषता आने वाली पीढ़ी को ज्ञात रहे। क्योंकि बिते दिनों को जानन के लिए हम इतिहास, समकालिन ग्रथ और साहित्य पढ़ते हैं मगर जो लिखा ही नही जाएगा वह आगे पढ़ने को कैसे मिलेगा? पूर्व में लिखे गये पुस्तकों में उल्लेख नही होने के कारण हम अपना गौरवशाली परम्परा और इतिहास भूल जाएंगे इसलिए इनके बारे में भी लिखना आवश्यक है। 

माता श्यामा देवी कहती थी "जिनके दरबारी साहित्यकार अथवा इतिहासकार नही रहेे इतिहास में उनके बहादूरी और महानता के कारनामे नही मिलेंगे, उपेक्षा से बच गये तो भी उनके योग्यता और चरित्र के विपरित उन्हें जलील और बदनाम भी किया जा सकता है। इतिहास अथवा साहित्य में जो लिखा है वह पूरी निष्ठा से लिखी गई है इसकी कोई गारंटी नही है वह बनावटी और झूठा भी हो सकता है।" इसलिए छोटे-मोटे साहित्यकारों को निश्पक्ष होकर अपने आसपास के लोगों के बारे में भी लिखना चाहिए वह भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ, बिना किसी स्वार्थ अथवा व्यक्तिगत हित के। 

यदि आप लेखन में रूचि रखते हैं तो जरूर लिखिए, अपने आसपास के महान लोगों को उपेक्षा के शिकार होने के लिए बेरहम बनकर चूप मत बैठिए, लिखिए। अधिक नहीं तो कम ही सहीं परन्तु लिखिए, आपका लेखन चाहे साहित्य के कसौटियों से परे हों लिखिए उन्हें अमर कर दिजीए जो अमरता के असली हकदार हैं, लिखिए।

--0--

लेखक श्री हुलेश्वर जोशी वर्तमान में "अंगुठाछाप लेखक" - (अभिज्ञान लेखक के बईसुरहा दर्शन) नामक ग्रंथ लिख रहा है, उल्लेखनीय है कि लेखक द्वारा लिखे जा रहे ग्रंथ जो कुछ-कुछ आत्मकथा, सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संवाद, काल्पनिक आलेख और पिछले जन्म के स्वप्नों और स्मृतियों पर आधारित है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अभी खरीदें 23% की छूट पर VIVO 5G मोबाइल

महत्वपूर्ण एवं भाग्यशाली फ़ॉलोअर की फोटो


Recent Information and Article

Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

Durgmaya Educational Foundation


Must read this information and article in Last 30 Day's

पुलिस एवं सशस्त्र बल की पाठशाला

World Electro Homeopathy Farmacy


"लिख दूँ क्या ?" काव्य संग्रह

"लिख दूँ क्या ?" काव्य संग्रह
Scan or Click on QR Code for Online Reading Book

WWW.THEBHARAT.CO.IN

Important Notice :

यह वेबसाइट /ब्लॉग भारतीय संविधान की अनुच्छेद १९ (१) क - अभिव्यक्ति की आजादी के तहत सोशल मीडिया के रूप में तैयार की गयी है।
यह वेबसाईड एक ब्लाॅग है, इसे समाचार आधारित वेबपोर्टल न समझें।
इस ब्लाॅग में कोई भी लेखक/कवि/व्यक्ति अपनी मौलिक रचना और किताब निःशुल्क प्रकाशित करवा सकता है। इस ब्लाॅग के माध्यम से हम शैक्षणिक, समाजिक और धार्मिक जागरूकता लाने तथा वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रयासरत् हैं। लेखनीय और संपादकीय त्रूटियों के लिए मै क्षमाप्रार्थी हूं। - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें?

Blog Archive

मार्च २०१७ से अब तक की सर्वाधिक वायरल सूचनाएँ और आलेख