तइहा के गोठ ह पहाए लागिस.....
तइहा के गोठ ह पहाए लागिस
दूधारू गाय के लात ह मिठाए लागिस
शिक्षाकर्मी बहु ह गारी देथे बेटा ल
महतारी ह दरूहा बेटा बर काल पिरोए लागिस
नवा नेवरनिन घरघुसरी के राज हे
सांची के समुंदर मे नाश होही
बिहाए डउकी के बेटा ह रोटी जोहे
अउ सास ससुर देवी देवता के तिरस्कार होही
आगी लगय दुश्चरित्तर बेटा के जवानी म
एक बात आथे शिक्षाकर्मी बहुरानी म
हांथ जोर नवा नेवरनिन घरघुसरी के
महतारी रोवत हे घर दूवारी म
HP Joshi
तइहा के गोठ ह पहाए लागिस
दूधारू गाय के लात ह मिठाए लागिस
शिक्षाकर्मी बहु ह गारी देथे बेटा ल
महतारी ह दरूहा बेटा बर काल पिरोए लागिस
नवा नेवरनिन घरघुसरी के राज हे
सांची के समुंदर मे नाश होही
बिहाए डउकी के बेटा ह रोटी जोहे
अउ सास ससुर देवी देवता के तिरस्कार होही
आगी लगय दुश्चरित्तर बेटा के जवानी म
एक बात आथे शिक्षाकर्मी बहुरानी म
हांथ जोर नवा नेवरनिन घरघुसरी के
महतारी रोवत हे घर दूवारी म
यह कविता सत्य घटना पर आधारित है। वास्तविक कहानी किस जिले की है, किस गांव की है यह सदैव ही छिपे रहेंगे। परन्तु यहां यह उल्लेखनीय है कि इस कविता की रचना वर्ष 2008 में की गई थी, जिसके प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए पुनः प्रकाशन किया जा रहा है।
HP Joshi
2008 - Bastar







जवाब देंहटाएंVery Nice lorry booking