"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


बुधवार, मई 14, 2025

राम-राम के बेरा "RAM-RAM ke BERA" : टाइटिल कविता


राम-राम के बेरा
"RAM-RAM ke BERA"

राम-राम के बेरा म दाई,
काँव-काँव नरियावत हें।
सत् धरम बर मिटे के
हमर परमपरा ल बिगारत हें।
लबारी अउ लोभ देखा के
देख जो दाई, ‘‘सत् ल’’
कईसे लुकावत हें।
राम-राम के बेरा म दाई,
काँव-काँव नरियावत हें।

सोसल मीडिया के दुरूपयोग करके
‘कईसे’ लोगन ल भरमावत हें।
सगरी दुनिया ल बेचे खातिर
नकली देस-भगति सिखावत हें।
गरिब दुबर के अहित करथे
‘फेर’ हतियार हमन ल बनावत हें।
राम-राम के बेरा म दाई,
काँव-काँव नरियावत हें।

धरमि बेटा मन बउरा बईठे,
उपदरवी मन धरम सिखावत हें।
भाई-ल-भाई के
खून के पियासा बनावत हें।
का जानहि हुलेश्वर जोशी
फेर अपन निता बतावत हे।
राम-राम के बेरा म दाई,
काँव-काँव नरियावत हें।


दिनांक 14.05.2025
गरांजी, नारायणपुर

यह कविता श्री हुलेश्वर प्रसाद जोशी द्वारा लिखित एवं शीघ्र प्रकाशनाधीन काव्य संग्रह राम-राम के बेरा "RAM-RAM ke BERA" की टाइटिल कविता है। कवि की पहली प्रकाशित काव्य संग्रह "लिख दूँ क्या ?" है। 

1 टिप्पणी:

महत्वपूर्ण एवं भाग्यशाली फ़ॉलोअर की फोटो


Recent Information and Article

Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

Durgmaya Educational Foundation


Must read this information and article in Last 30 Day's

पुलिस एवं सशस्त्र बल की पाठशाला

World Electro Homeopathy Farmacy


WWW.THEBHARAT.CO.IN

Important Notice :

यह वेबसाइट /ब्लॉग भारतीय संविधान की अनुच्छेद १९ (१) क - अभिव्यक्ति की आजादी के तहत सोशल मीडिया के रूप में तैयार की गयी है।
यह वेबसाईड एक ब्लाॅग है, इसे समाचार आधारित वेबपोर्टल न समझें।
इस ब्लाॅग में कोई भी लेखक/कवि/व्यक्ति अपनी मौलिक रचना और किताब निःशुल्क प्रकाशित करवा सकता है। इस ब्लाॅग के माध्यम से हम शैक्षणिक, समाजिक और धार्मिक जागरूकता लाने तथा वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रयासरत् हैं। लेखनीय और संपादकीय त्रूटियों के लिए मै क्षमाप्रार्थी हूं। - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी

Blog Archive

मार्च २०१७ से अब तक की सर्वाधिक वायरल सूचनाएँ और आलेख