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सोमवार, अप्रैल 30, 2018

लाईफ का कोई ‘रि-सेट’ बटन नहीं होता है, प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अमूल्य है : आईजी जीपी सिंह

लाईफ का कोई ‘रि-सेट’ बटन नहीं होता है, प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अमूल्य है : आईजी जीपी सिंह


श्री जी.पी. सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज के आतिथ्य में सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत दिनांक 23 अपै्रल से 30 अप्रैल 2018 तक यातायात पुलिस भिलाई-दुर्ग द्वारा आयोजित 29वां सड़क सुरक्षा सप्ताह समारोह का समापन सेक्टर-4 स्थिति एस.एन.जी. स्कूल, भिलाई के इंडोर आडिटोरियम में किया गया। 

श्री सिंह द्वारा इस अवसर पर यातायात निर्देशिका का विमोचन किया गया एवं इस समारोह के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं एवं यातायात के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वांलेटियरों को पुरूस्कृत किया गया।

श्री सिंह द्वारा अपने उद्बोधन में सबसे पहले पुलिस अधीक्षक एवं उनकी टीम को यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुये सड़क दुर्घटनाओं के राष्ट्रीय आंकड़ों की तुलना में इस वर्ष जिला दुर्ग में 8 प्रतिशत की कमी आने पर सराहना की गई एवं यातायात के प्रबंधन में लगे प्रत्येक स्टाॅफ की प्रशंसा की गई जो कड़ी धूप, बारिश व विपरीत परिस्थितियों में डटकर अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रहे हैं। 

श्री सिंह द्वारा बताया गया कि वर्ष 2016-17 में राष्ट्रीय स्तर पर हुये सड़क दुर्घटनाओं के कुल 4,80,652 प्रकरणो में से 1,50,785 सड़क दुर्घटना से मृत्यु के प्रकरण थे। इस तरह प्रतिदिन 413 आमजन की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं में होती है, जिसकी संख्या प्रतिघंटे के हिसाब से 17 है। इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण तेज रफ्तार वाहन चालन, ओव्हर टेकिंग, शराब का सेवन कर वाहन चालन, तथा वाहन चालन के समय मोबाईल पर बात करना आदि हैं। श्री सिंह द्वारा इस प्रकार की मृत्यु पर ध्यान आकृष्ट किया गया कि यदि जम्बो जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाये तो उस घटना पर होने वाली मौतों पर एवियेशन विभाग स्तर पर जांच के प्रावधान व राष्ट्रीय स्तर पर जांच समितियां गठित होती है किन्तु प्रतिदिन सड़क दुर्घटना से होने वाली करीब 413 मृत्यु के आंकड़े पर समाजिक रूप से गंभीरता नहीं दिखती है। यही नहीं देश भर में क्राईम/मर्डर से होने वाली मृत्यु की तुलना में भी सड़क दुघटनाओं के आंकड़े करीब 4 गुना अधिक है जो अत्यंत गंभीर विषय है।

यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में काफी एजेंसियां कार्य कर रही है, जिनके मध्य आपस में सामंजस्य की आवश्यकता है, जिस हेतु श्री सिंह द्वारा 5-E's का सिद्धांत बताया, जिनमें Enforcement, Education, Engineering, Enviornment & Emergency Care शामिल है, को लागू कर यातायात के क्षेत्र में उत्कृष्ट व कुशल प्रबंधन लाया जा सकता है। Enviornment के अंतर्गत हमें सड़क सुरक्षा विषय पर सामाजिक रूप से एक अनुकूल वातावरण बनाना होगा, वहीं म्उमतहमदबल ब्ंतम के तहत सड़क दुर्घटना में व्यक्ति की समय रहते हुये चिकित्सकीय सुविधा देकर जान बचाना है। पुलिस के संकल्प अनुसार इस महत्वपूर्ण कार्य में मदद करने वाले व्यक्ति से पुलिस की पूछताछ नहीं होगी। 

श्री सिंह द्वारा बताया गया कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के लिये दुर्घटना के तत्काल बाद का कुछ समय Golden Hour होता है, जिसमें सही चिकित्सकीय सुविधा देकर जान बचाई जा सकती है। अतः दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को बेहतर फस्र्ट एड सुविधा देने हेतु यातायात के पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिये जाने हेतु सुझाव दिया गया जिसके लिये कुछ नामी अस्पताल प्रशिक्षण देने हेतु सहमत हैं। इस हेतु पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्यवाही करते हुये कार्यशाला का आयोजन करने हेतु निर्देशित भी किया गया।

श्री सिंह द्वारा यातायात सुरक्षा समारोह सप्ताह में उपस्थित सभी गणमान्य नागरिक, विभिन्न स्कूल के शिक्षकों एवं बच्चों व अन्य विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों तथा समाजसेवी संस्थाओं के स्वयं-सेवकों को ‘ब्रांड एम्बेसडर’ के रूप में कार्य करने एवं विभिन्न स्थलों, मोहल्लों व संस्थाओं में जाकर आमजन को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक कर इस मिशन से जोड़ने व  सहयोग करने हेतु आह्वान किया गया।

अंत में श्री सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि लाईफ का कोई ‘रि-सेट’ बटन नहीं होता है, प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अमूल्य है। सड़क दुर्घटना से होने वाली मौत से एक पूरा परिवार प्रभावित होता है। अतः इस विषय पर आमजन को सावधानी बरतने एवं गंभीर होने की आवश्यकता बताई है।

सड़क सुरक्षा सप्ताह समापन के अवसर पर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारी तथा स्कूल के छात्र-छात्रायें व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

सड़क सुरक्षा सप्ताह समारोह के समापन उपरांत श्री सिंह द्वारा सिविक सेंटर, भिलाई में स्थित ट्रैफिक पार्क का निरीक्षण किया गया एवं ट्रैफिक पार्क को व्यवस्थित कर पुनः प्रारंभ करने की कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक, दुर्ग को निर्देशित किया गया।

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