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बुधवार, अप्रैल 04, 2018

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में दिए गए सभी वर्तमान प्रावधान प्रबल होंगे और सबके लिए बाध्यकारी होंगे

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में दिए गए सभी वर्तमान प्रावधान प्रबल होंगे और सबके लिए बाध्यकारी होंगे


मीडिया प्लेटफार्मों के विस्तार और विविधता को देखते हुए और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुच्छेद 126 में उल्लिखित पिछले 48 घंटों की अवधि के दौरान निर्वाचन सामग्री के प्रदर्शन के नियमन और नियंत्रण में आने वाली चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए आयोग ने जनवरी, 2018 में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के अतिरिक्त सूचना और प्रसारण मंत्रालय, विधि और न्याय मंत्रालय, इलेक्ट्रोनिक्स तथा आईटी मंत्रालय, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया तथा न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन के एक-एक प्रतिनिधि भी इस समिति के सदस्य हैं।

समिति अनुच्छेद 126 के वर्तमान प्रावधानों का अध्ययन और समीक्षा करेगी। समिति जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के संबंधित अनुच्छेदों का अध्ययन करेगी और अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन, विशेषकर 48 घंटें की निषेधाज्ञा अवधि के दौरान उल्लंघन, को नियमों के दायरे में लाने के लिए कठिनाइयों/महत्वपूर्ण अंतरों की पहचान करेगी और आवश्यक संशोधन सुझाएगी।

समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट पेश किए जाने के साथ ही आयोग इस पर विचार करेगा और अनुच्छेद 126 के वर्तमान प्रावधानों तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के संबंधित अनुच्छेदों में आवश्यक संशोधन के लिए विधि और न्याय मंत्रालय को अग्रसारित करेगा।

इस अवधि के दौरान जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में दिए गए सभी वर्तमान प्रावधान प्रबल होंगे और सभी के लिए बाध्याकारी होंगे। इसलिए 3 अप्रैल, 2018 के आयोग की प्रेस नोट संख्या ईसीआई/पीएन/27/2018 के माध्यम से जारी दिशा निर्देशों का अक्षरशः पालन कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान सभी मीडिया कवरेज में किया जाना चाहिए।



विवरणः

कर्नाटक विधानसभा के साधारण चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा 27-03-2018 को की गई है। मतदान एक चरण में 12.05.2018 को होगा। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुच्छेद 126 के अनुसार एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव संपन्न होने के 48 घंटे पहले की अवधि में टेलीविजन तथा समान माध्यमों से चुनाव सामग्री प्रदर्शित करने की मनाही है। अनुच्छेद 126 के प्रासंगिक भाग इस प्रकार हैं-

(126. चुनाव संपन्न होने के 48 घंटे पहले की अवधि में सार्वजनिक सभा की मनाही)

(1)    कोई व्यक्ति

      (अ)...................

      (ब) सिनेमाटोग्राफ, टेलीविजन तथा अन्य समान उपकरणों से निर्वाचन सामग्री सार्वजनिक रूप से दिखाना।

      (स) .............

      मतदान क्षेत्र में किसी चुनाव के लिए चुनाव संपन्न होने के समय से समाप्त 48 घंटे की अवधि के दौरान।

(2)    उप-अनुच्छेद (1) का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को जेल की मियादी सज़ा दी जा सकती है, जो बढ़कर 2 वर्ष हो सकती है या दंड हो सकता है या दोनों।

(3)    इस अनुच्छेद में निर्वाचन सामग्री का अर्थ वैसी किसी भी सामग्री से है, जिसकी मंशा चुनाव परिणामों को प्रभावित करना या उन पर असर डालना है।

चुनाव के दौरान टीवी चैनलों द्वारा अपने पैनल, चर्चा/बहस के प्रसारण तथा अन्य खबरों और सामयिक कार्यक्रमों के प्रसारण में अनुच्छेद 126 के उल्लंघन के आरोप लगाए जाते रहे हैं। जैसा कि कहा गया है अनुच्छेद 126 एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव संपन्न होने के समय से 48 घंटे पहले टेलीविजन या अन्य माध्यमों से निर्वाचन सामग्री का प्रदर्शन की मनाही करता है।

आयोग एक बार फिर दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनल और केबल नेटवर्क अनुच्छेद 126 में उल्लिखित 48 घंटे की अवधि के दौरान टेलीकास्ट/प्रसारण के विषयवस्तु में ऐसी सामग्री शामिल नहीं करेंगे, जो किसी पार्टी या उम्मीदवार की संभावना को प्रोत्साहित करने वाले लगे या चुनाव परिणामों को प्रभावित करने वाले लगे।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुच्छेद 126ए की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है, जो अनुच्छेद मतदान शुरू होने के समय से मतदान समाप्ति के आधे घंटे बाद की अवधि के दौरान एक्जिट पोल करने और उनके परिणामों के प्रसार का निषेध करता है।

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