"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


बुधवार, फ़रवरी 22, 2023

बाहों में भर लूँ - BAAHON MEN BHAR LUN

                 

बाहों में भर लूँ  - BAAHON MEN BHAR LUN
कवि : हुलेश्वर प्रसाद जोशी 
 

बाहों में भर लूँ ‘तुम्हें’

आओ न एक बार।

अरसों खुशी से बीत जाये

आया है श्रीवार।

फूल पत्ते कुछ भी चलेगा

नहीं चाहिए ‘स्वर्ण हार’

बाहों में भर लूँ तुम्हें

आओ न एक बार।।

 

चाँदनी रात रे सजन

लटकर है तलवार।

आँखों में खुशियाँ  

तू नाविक रे मैं पतवार।

न दे गुँजन

सखियों की आयी रे बहार।

बाहों में भर लूँ तुम्हें

आओ न एक बार।। 



----------------------------


# काव्य संग्रह "लिख दूँ क्या ?
Poetry Collection "LIKH DUN KYA ?

--------------------------------------------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण एवं भाग्यशाली फ़ॉलोअर की फोटो

Important Notice :

यह वेबसाइट /ब्लॉग भारतीय संविधान की अनुच्छेद १९ (१) क - अभिव्यक्ति की आजादी के तहत सोशल मीडिया के रूप में तैयार की गयी है।
यह वेबसाईड एक ब्लाॅग है, इसे समाचार आधारित वेबपोर्टल न समझें।
इस ब्लाॅग में कोई भी लेखक/कवि/व्यक्ति अपनी मौलिक रचना और किताब निःशुल्क प्रकाशित करवा सकता है। इस ब्लाॅग के माध्यम से हम शैक्षणिक, समाजिक और धार्मिक जागरूकता लाने तथा वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रयासरत् हैं। लेखनीय और संपादकीय त्रूटियों के लिए मै क्षमाप्रार्थी हूं। - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी

Recent Information and Article

Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

Durgmaya Educational Foundation


Must read this information and article in Last 30 Day's

पुलिस एवं सशस्त्र बल की पाठशाला

World Electro Homeopathy Farmacy


WWW.THEBHARAT.CO.IN

Blog Archive

मार्च २०१७ से अब तक की सर्वाधिक वायरल सूचनाएँ और आलेख