"जीवन बचाओ मुहिम"

हत्यारा और मांसाहार नहीं बल्कि जीवों की रक्षा करने वाला बनो।


गुरुवार, मार्च 30, 2017

सतनाम धर्म

सतनाम धर्म समस्त धर्मों का मूल है इसी से समस्त धर्मों की उत्पत्ति हुई है। धीरे-धीरे जब मनुष्य का विकास होता गया तब मनुष्यों के विचारों में व्यापकता आई, विविधता आई और अपने अपने स्वार्थ पनपते गये जिससे लोग सत्य के मार्ग से भटकते गये और लोग धर्मभ्रष्ट होने लगे तो विभिन्न विद्वानों द्वारा अपने अपने प्रभुत्वसम्पन्न गुणों के माध्यम से भांति भांति के धर्म का सृजन किया गया, इसप्रकार से समग्र विश्व में अनेकोनेक धर्म की स्थापना होती गई।

Written by
Shri Huleshwar Joshi

महत्वपूर्ण एवं भाग्यशाली फ़ॉलोअर की फोटो

Important Notice :

यह वेबसाइट /ब्लॉग भारतीय संविधान की अनुच्छेद १९ (१) क - अभिव्यक्ति की आजादी के तहत सोशल मीडिया के रूप में तैयार की गयी है।
यह वेबसाईड एक ब्लाॅग है, इसे समाचार आधारित वेबपोर्टल न समझें।
इस ब्लाॅग में कोई भी लेखक/कवि/व्यक्ति अपनी मौलिक रचना और किताब निःशुल्क प्रकाशित करवा सकता है। इस ब्लाॅग के माध्यम से हम शैक्षणिक, समाजिक और धार्मिक जागरूकता लाने तथा वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रयासरत् हैं। लेखनीय और संपादकीय त्रूटियों के लिए मै क्षमाप्रार्थी हूं। - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी

Recent Information and Article

Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

Durgmaya Educational Foundation


Must read this information and article in Last 30 Day's

पुलिस एवं सशस्त्र बल की पाठशाला

World Electro Homeopathy Farmacy


WWW.THEBHARAT.CO.IN

Blog Archive

मार्च २०१७ से अब तक की सर्वाधिक वायरल सूचनाएँ और आलेख